आयकर विभाग के कार्य | Income Tax Department |

आयकर विभाग के कार्य | Income Tax Department

किसी भी सरकार के लिए टैक्स, आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत होता है। इसलिए इस पर निगरानी करना, टैक्स से जुड़े कार्यो का आसन बनाना इत्यादि के लिए जरूरी हो जाता है कि, इनके लिए एक ऐसे संस्था का निर्माण करे जो इन सब की देखरेख कर सके। आयकर विभाग भी भारत की एक ऐसी ही सर्विस है जो इन सब को कंट्रोल और व्यवस्थित करने में सहयोग करता है। तो आइए देखते है इसके बारे में पूरे विस्तार से।

आयकर

आयकर यह कर का ही रूप होता है। आयकर (Income Tax) आयकर सरकार द्वारा व्यक्ति की आय ( आमदनी ) पर लगाया जाता है। आयकर (Income Tax) व्यक्ति की निजी आय पर लगाया आय के कई स्रोत हो सकते हैं, जैसे वेतन, भत्ते और पेंशन इसके अलावा कोई व्यक्ति बैंक में रखी जमा राशि पर भी ब्याज अर्जित कर सकता है।

अपनी किसी संपत्ति को किराए पर देकर भी वह आय प्राप्त कर सकता है। इन सभी आय पर आयकर देना होता है। आयकर एक निश्चित आय से अधिक आय की राशि पर देना होता है। जिनकी आय जितनी अधिक होती है उन्हें उतना ही अधिक आयकर का भुगतान करन होता है।

आयकर विभाग

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

इनकम टैक्स या आयकर विभाग केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधीन काम करती है, हर राज्य में अलग – अलग आयकर विभाग के ऑफिस होते है। आयकर भारत की जनसंख्या के इनकम पर टैक्स लगाती है। और उसे हर साल वसूल भी करती है और कुछ लोग टैक्स की चोरी भी कर लेते है, तो उन पर आयकर विभाग को अधिकार है,कि क़ानूनी कार्यवाही भी कर सकती है।

आयकर विभाग भारत सरकार के राजस्व कार्य वित्त मंत्रालय द्वारा प्रबंधित होते हैं। वित्त मंत्रालय ने आयकर, संपत्ति कर आदि जैसे प्रत्यक्ष करों के प्रशासन का कार्य केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंपा है। सीबीडीटी, वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक अंग है।

आयकर लगाने के उद्देश्य

इन सभी कार्यों के लिए सरकार को निरन्तर धन की आवश्यकता पड़ती है जिसका एक बहुत बड़ा हिस्सा आयकर के द्वारा सरकार को प्राप्त होता है । आय के स्थायी व निरन्तर साधन बनाये रखने के उद्देश्य से सरकार आयकर लगाती है और वसूल करती है !

आयकर क्यों जरूरी है?

सरकार देश के विकास के लिए खर्च कर सके, इसके लिए कर जरूरी है। सरकार आम लोगों को सुविधाएँ उपलब्ध करवाने लोगों को उनकी आजीविका दिलवाने, देश में आर्थिक देने आदि कार्य करती है। सरकार प्रत्येक वर्ष बजट पेश करती है जिसमें गतिविधियों को वर्ष भर में होने वाले खर्च सार्वजनिक बढ़ावा और उस खर्च के लिए राजस्व की व्यवस्था का लेखा – जोखा होता है। राजस्व कई प्रकार के करों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। जिनमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर शामिल होते हैं।

कर (Tax) क्या है?

सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा कर (Tax) सरकार कई तरह के कर से आय संग्रहित जैसे मूल्य सर्वर्द्धित कर (VAT), सेवा कर, उत्पाद शुल्क, आयकर, संपत्ति कर, सीमा शुल्क आदि। इन करों को दो श्रेणियों में बांटा जाता है –

  1. प्रत्यक्ष कर
  2. अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर।

प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर वह कर है जो जिस व्यक्ति पर लगाया जाता है वही व्यक्ति इसका भुगतान करता है। जैसे आयकर, सम्पत्ति कर आदि।

  • आयकर ( Income Tax ) – आयकर सरकार द्वारा व्यक्ति की आय ( आमदनी ) पर लगाया जाता है। सरकार देश में लोगों के जीवन-यापन के लिए एक निश्चित आर्थिक सीमा तय करती है। इस सीमा से अधिक आय प्राप्त करने वाले लोगों को आयकर देना पड़ता है। इनके अलावा कारखानों या उद्योग धंधे चलानेवाली कंपनियों को कर देना होता है।
  • संपत्ति कर – शहरी क्षेत्रों में जमीन एवं मकान पे नगर निगम कर वसुल कर्ता है।

अप्रत्यक्ष कर

जब हम किसी वस्तु एवं सेवा को खरीदते है तो सरकार उस अप्रत्यक्ष कर लगाती है। कर विक्रेता पर लगाया जाता हैं, परन्तु इस कर की राशि को वस्तु एवं सेवा के मूल्यों में जोड़कर वह उपभोक्ता से वसूली कर लेता है। इस प्रकार हम देखते हैं, कि यह कर किसी एक व्यक्ति पर लगाया जाता है परन्तु उसका भुगतान कोई दूसरा व्यक्ति करता है। इसलिए इसे हम अप्रत्यक्ष कर कहते हैं, जैसे केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, बिक्री कर, सेवा कर मनोरंजन कर आदि।

इस तरह लगभग हर व्यक्ति सरकार को कर देता है! अगर कर चोरी की समस्या को कम किया जा सके तो सरकार आम लोगों के हित में और भी बेहतर तरीके से काम कर सकती है।

आयकर विभाग से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब

आयकर विभाग | Income Tax Department |

आयकर विभाग का क्या काम है?

इनकम टैक्स या आयकर विभाग की मुख्य जिम्मेदारी भारत सरकार के लिए राजस्व एकत्र करने के लिए विभिन्न प्रत्यक्ष कर कानूनों को लागू करना है, इनमें से सबसे महत्वपूर्ण आयकर अधिनियम, 1961 है। यह बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 और काला धन अधिनियम, 2015 जैसे अन्य आर्थिक कानूनों को भी लागू करता है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का वेबसाइट – https://www.incometaxindia.gov.in/

आयकर का जनक कौन है?

19वीं शताब्दी के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना हुई। 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार को एक तीव्र वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। खजाना भरने के लिए, पहला आयकर अधिनियम फरवरी 1860 में सर जेम्स विल्सन (ब्रिटिश भारत के पहले वित्त मंत्री) द्वारा पेश किया गया था।

आयकर अधिकारी किसे कहा जाता है?

इनकम टैक्स अधिकारी या “आयकर प्राधिकरण” का अर्थ है एक आयुक्त, एक संयुक्त आयुक्त, एक निदेशक, एक संयुक्त निदेशक, एक सहायक निदेशक या एक उप निदेशक या एक मूल्यांकन अधिकारी, या एक कर वसूली अधिकारी , और उपधारा के खंड (i) के प्रयोजनों के लिए (1), उप-धारा (3) और उप-धारा (5) के खंड (i) में एक निरीक्षक शामिल है।

आयकर अधिकारी की भूमिका क्या है?

एक आयकर अधिकारी लोक कल्याण के लिए राजस्व एकत्र करने और विभिन्न विभागों से कर खातों को बनाए रखने वाले सरकारी संस्थानों को चलाने में योगदान देता है। वह यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है कि सरकार व्यवसायों और नागरिकों से कर प्राप्त करती है।

सीबीडीटी में कितने सदस्य हैं?

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की संगठनात्मक संरचना: अध्यक्ष, जो भारत सरकार के पदेन विशेष सचिव भी हैं, सीबीडीटी के प्रमुख हैं। इसके अलावा, सीबीडीटी में छह सदस्य हैं, जो भारत सरकार के पदेन अतिरिक्त सचिव हैं।

आय कितने प्रकार के होते हैं? टैक्स कितने प्रकार के होते है?

  • प्रत्यक्ष कर Direct Tax.
  • अप्रत्यक्ष कर Indirect tax.
  • अन्य कर Other Tax.

कितने पैसे पर टैक्स लगता है?

नया टैक्स सिस्टम: इनमें 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स, 5 लाख से 7.5 लाख की आय पर 10 फीसदी टैक्स, 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की इनकम पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए की आय पर 20 फीसदी, 12.5 लाख से 15 लाख रुपए की आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपए से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाता है।

कैसे 12 वीं के बाद एक आयकर अधिकारी बनने के लिए?

बस आप ग्रेजुएशन किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से पास हों, चाहें आपके 40% मार्क्स हों या 90% इससे कोई फर्क नही पड़ता है। इस तरह Income Tax Officer बनने के लिए उम्मीदवार को SSC CGL या यूपीएससी परीक्षा में आवेदन करना होगा। परीक्षा को पास करने के बाद में इंटरव्यू क्वालीफाई करके इनकम टैक्स ऑफिसर बन सकते हैं।

CBDT का पूरा नाम क्या है?

CBDT की फुल फॉर्म Central Board of Direct Taxes होती है। CBDT को हिंदी में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड कहते है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों के प्रशासन की जिम्मेदारी के साथ निहित प्राधिकरण है।

सीबीडीटी के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?

भारत सरकार ने आईआरएस (IRS) नितिन गुप्ता (Nitin Gupta) को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) का नया अध्यक्ष यानी चेयरमैन नियुक्त कर दिया है।

भारत में कितने प्रतिशत लोग टैक्स देते हैं?

वित्त मंत्री के अनुसार देश की कुल 136,30,06,000 की आबादी में एसेसमेंट ईयर 2020-21 के मुताबिक देश में कुल 8,22,83,407 टैक्सपेयर्स हैं।

भारत में सबसे ज्यादा टैक्स कौन करता है?

देश के अबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अम्बानी है। जिनकी सालाना आय एक लाख करोड़ रुपये है। जो भारत मे सबसे ज्यादा टैक्स देता है।

भारत में आयकर कब लागू हुआ?

आयकर अधिनियम 1961 – यह अधिनियम 1 अप्रैल, 1962 से सम्पूर्ण भारत में लागू हुआ, जिसमें कर योग्य आय व उस पर कर के निर्धारण से सम्बन्धित प्रावधान, कर निर्धारण प्रक्रिया, अपील, शासित अपराध एवं अभियोजन के सम्बन्ध में प्रावधान दिये हुये हैं।

आयकर अधिकारी के लिए कौन सा विषय सबसे अच्छा है?

अगर आपकी कक्षा 11वीं और 12वीं में विज्ञान विषय हैं। फिर भी, आप स्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं और आईटीओ के लिए एसएससी सीजीएल परीक्षा दे सकते हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की स्थापना कब हुई थी?

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, केन्द्रीय राजस्व अधिनियम बोर्ड 1924 के परिणामस्वरूप करों के प्रशासन से भारित विभाग के शीर्ष निकाय के रूप में अस्तित्व में आया। आरंभ में बोर्ड के पास प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों करों का प्रभार था।

सीबीडीटी की भूमिका क्या है?

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड या सीबीडीटी वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है। एक तरफ, सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष करों की नीति और नियोजन के लिए आवश्यक इनपुट प्रदान करता है, साथ ही यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिए भी जिम्मेदार है।

भारत में कितने मुख्य आयकर आयुक्त हैं

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 144सी डीआरपी से संबंधित प्रावधानों को नियंत्रित करती है और डीआरपी को एक कॉलेजियम के रूप में परिभाषित करती है जिसमें इस उद्देश्य के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा गठित तीन आयकर आयुक्त शामिल हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के क्या कार्य हैं?

आयकर विभाग की स्थापना और संरचना, सीबीडीटी के कार्य के तरीके और प्रक्रियाएं, आकलन के निपटान के उपाय, करों का संग्रह, कर चोरी की रोकथाम और पता लगाना और कर से बचाव इत्यादि।

आयकर अधिकारी कौन होते हैं?

एक आयकर अधिकारी (ITO) एक आधिकारिक अधिकारी या आयकर विभाग का इंस्पेक्टर होता है, जो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के कर से जुड़े मामलों को देखता है। आयकर अधिकारी को कर विशेषज्ञ भी कहा जाता है।

मुख्य आयकर आयुक्त की महत्वपूर्ण शक्तियां क्या हैं?

एक आयुक्त एक निर्धारण अधिकारी की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। यह किसी भी मामले को एक या अधिक निर्धारण अधिकारियों से किसी अन्य निर्धारण अधिकारी को स्थानांतरित करने की शक्ति रखता है। यह निर्धारण अधिकारी द्वारा जारी आदेश के लिए अनुमोदन प्रदान कर सकता है।

भारत में आयकर अधिनियम कब लागू हुआ?

आयकर अधिनियम, 1961 भारत में आयकर निर्धारण का प्रमुख कानून है। यह अधिनियम 1 अप्रैल, 1962 से प्रभाव में आया। इस अधिनियम में कुल 298 धाराएं तथा XIV अनुसूचियां शामिल हैं। संसद द्वारा पारित वित्त अधिनियम द्वारा इसमें सम्वर्धन और विलोपन के साथ प्रतिवर्ष परिवर्तित होता है।

अपनी प्रतिक्रिया दें !

Scroll to Top