सरकार की कमाई कैसे होती है ? सरकार के पास पैसा कंहा से आता है ?

सरकार कैसे कमाई करती है ? भारत सरकार की इनकम के सोर्स कौन कौन सी है ?

सरकार के पास पैसा आता कहां से है आपके मन में यह सवाल तो उठते ही होंगे कि सरकार को आखिर किन किन माध्यमों से आमदनी होती हैं। तो आइए इसे हम समझने का प्रयास करते हैं। कि सरकार कैसे कमाई करती है ? भारत की इनकम सोर्स कौन कौन सी है ? सरकार की कमाई कैसे होती है ? सरकार के पास पैसा कंहा से आता है ?

भारत सरकार की आमदनी सबसे अधिक कॉर्पोरेट टैक्स और जीएसटी से होती है। सरकारी पुलिस और रक्षा, सामाजिक और सामुदायिक सेवाओं जैसे चिकित्सा सेवाओं और बिजली और रेलवे जैसी आर्थिक सेवाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाएं – सरकार को राजस्व भी देती हैं। तो चलिये समझने का प्रयास करते है कि सरकार को किन किन माध्यमो से कितना कितना कमाई होती हैं…

भारत सरकार की आमदनी का स्रोत
  • सरकारी बांड और कर्ज से – सरकारी सिक्योरिटी एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है , जिसकी खरीद फरोख्त होती है . केंद्र और राज्य सरकार इन्हें जारी करती हैं . इन्हें G – Sec भी कहा जाता है . भारत सरकार उधारी जुटाने के लिए इसे जारी करती है और लोन लेती हैं। भारत सरकार के पास जो पैसे आती ही उसमें लगभग 20% हिस्सा इसी से है। टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू जब सरकार के खर्च के हिसाब से कम पड़ने लगते हैं तब सरकार इस तरह रकम उधार लेती है। सरकार इस तरह रकम उधार लेकर उससे जन कल्याण के खर्च करती है।
  • सरकार जी – सेक जारी कर लोन लेती है . बजट दस्तावेजों में इसे कैपिटल रिसीट में शामिल किया जाता है . छोटी अवधि की सिक्योरिटी को ट्रेजरी बिल कहते हैं . ट्रेजरी बिल एक साल से कम अवधि के लिए जारी की जाती हैं . अगर इस तरह की सिक्योरिटी एक साल से अधिक की अवधि के लिए जारी की जाय तो उन्हें सरकारी बांड या डेट सिक्योरिटीज कहते हैं।
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  • जीएसटी से – गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी ) को भारत का सबसे अधिक बहुप्रतीक्षित कर सुधार माना जाता है । यह एक अप्रत्यक्ष कर सुधार है जो राज्यों के बीच से करों की सीमा को दूर करता है और एक एकल बाजार का निर्माण करता है । जीएसटी वस्तुओ और सेवाओ पर लागु लिया गया कर (टैक्स) है। GST से भारत सरकार का लगभग 18% तक कमाई होती हैं। अर्थात भारत सरकार की कुल इनकम का 18% हिस्सा जीएसटी से होता है।
  • कॉरपोरेट टैक्स से – कॉर्पोरेट टैक्स जिसे कॉर्पोरेशन टैक्स या कंपनी टैक्स भी कहा जाता है , एक प्रत्यक्ष कर है जो निगमों की आय या पूंजी या अनुरूप कानूनी संस्थाओं पर एक अधिकार क्षेत्र द्वारा लगाया जाता है । भारत सरकार की कमाई की बात करे तो इससे लगभग 18% तक होता है। कॉरपोरेट टैक्स किसी प्राइवेट , लिमिटेड , लिस्टेड व अनलिस्टैिड सभी तरह की कंपनियों पर लगाया जाता है। कई देश राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के कर लगाते हैं। जिसे देश के विकास कार्यो में लगाया जाता हैं।
  • इनकम टैक्स से – आयकर (income tax) दरअसल वह राशि होती है जो आपकी सालाना कमाई के आधार पर सरकार को दी जाती है। भारत सरकार की बात करे तो इनकम टैक्स के जरिए लगभग 17% तक कमाई होती हैं। सरकार को टैक्स के रूप में मिली इस रकम का इस्तेमाल देश व हमारे विकास के लिए करती है। एक आम भारतीय वरिष्ठ नागरिक ( सुपर सीनियर सिटीजन ) के लिए 5 लाख रुपये तक की करयोग्य आमदनी टैक्स फ्री है . करयोग्य आमदनी अगर पांच से दस लाख रुपये है तो आपको इनकम टैक्स 20 % चुकाना पड़ता है . सालाना 10 लाख रुपये से अधिक की करयोग्य आमदनी पर 30 % के हिसाब से इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है।
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  • कस्टम ड्यूटी से – Custom Duty या सीमा कर वह कर है जिसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने पर लगाया जाता है । यह वह कर है जो सरकारें वस्तुओं के निर्यात और आयात पर लगाती हैं । भारत सरकार लगभग 4% इनकम इसी से होता है।
  • एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty ) से – एक्साइज ड्यूटी टैक्स का ही एक प्रकार है। एक्साइज ड्यूटी आमतौर पर बिक्री या फिर बिक्री के लिए तैयार किए गए उत्पादों पर ही लगाई जाती है । भारत सरकार एक्साइज ड्यूटी के जरिए बड़े पैमाने पर रेवेन्यू जनरेट करती है । इकॉनामिक ग्रोथ पर इसका पॉजिटव इंपैक्ट पड़ता है । भारत सरकार का लगभग 7% कमाई इसी से होता हैं।
  • नॉन टैक्स रेवेन्यू से – गैर-कर राजस्व से सरकार पूरे इनकम का 10% तक होती हैं। नॉन टैक्स रेवेन्यू सरकार द्वारा करों के अलावा अन्य स्रोतों से अर्जित आवर्ती आय है। इस के तहत सबसे महत्वपूर्ण प्राप्तियां ब्याज प्राप्तियां हैं (सरकार द्वारा राज्यों, रेलवे और अन्य को दिए गए ऋण पर प्राप्त) और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से प्राप्त लाभांश और लाभ हैं।
  • गैर ऋण पूंजी प्राप्तियों (नॉन डेट केपिटल रिसिप्ट ) से – राजस्व प्राप्तियों में कर और गैर-कर राजस्व दोनों शामिल हैं जबकि पूंजी प्राप्तियों में पूंजी प्राप्तियां और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं। गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां, जिसे एनडीसीआर के रूप में भी जाना जाता है, केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियों का लगभग 6% है।

सरकार अपनी कमाई को कंहा कंहा खर्च करती है? सरकार का पैसा किन मदों में होता है खर्च?

आमदनी के बाद सरकार का खर्च भी कई मदों में होता है.यह भी अलग – अलग मदों में किया जाता है . पीआईबी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक , केंद्र सरकार का सबसे अधिक खर्च राज्यों को टैक्स और अन्य ड्यूटी का हिस्सा देने में जाता है। इसके अलावा विभिन्न योजनाओं में खर्च किया जाता हैं।

सरकार की कमाई का खर्च कंहा कंहा और कितना होता है ?आइये इसे इस तरह समझते हैं…

भारत सरकार की खर्चा का व्यौरा
  • सरकार की कमाई का सबसे ज्यादा खर्च राज्यों की टैक्स और ड्यूटी का हिस्सा देने में होता है। इसमें सरकार की कुल कमाई का 24% हिस्सा खर्च हो जाता है।
  • ब्याज के भुगतान में भी सरकार की कमाई का काफी हिस्सा खर्च हो जाता है इसमें कुल कमाई का लगभग 18% हिस्सा खर्च हो जाता है।
  • भारत सरकार केंद्रीय योजनाओं में अपनी कमाई का लगभग 11% हिस्सा खर्च करती है।
  • अलग अलग योजनाओं में राज्यो की मदद में सरकार अपनी आमदनी का लगभग 10% तक हिस्सा खर्च कर देती हैं।
  • सब्सिडी देने भी सरकार काफी खर्च करती है इसमें अपनी कमाई का 10% तक हिस्सा खर्च कर देती है।
  • भारत सरकार रक्षा के क्षेत्रों में अपनी आमदनी का लगभग 9% हिस्सा ख़र्च करती है।
  • वित्त आयोग और अन्य में भी लगभग 5% अपनी आमदनी का खर्च करती है।
  • इसके अलावा अन्य खर्चो में सरकार का अपनी कुल कमाई का लगभग 13% हिस्सा तक खर्च होती हैं।

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