Allahabad High Court : न्याय की गंगा

Allahabad High Court : न्याय की गंगा

Allahabad High Court भारत के प्रमुख न्यायिक संस्थानों में से एक है और उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। इस न्यायालय में सिविल, क्राइम, व्यापारिक, और विभिन्न अन्य मामलों पर न्यायिक निर्णय दिए जाते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट का उच्चतम न्यायिक अधिकारी मुख्य न्यायाधीश होता है, जो भारतीय न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका मिशन न्यायिक संरचना के माध्यम से न्याय की सुविधा और न्याय प्रणाली के विकास को सुनिश्चित करना है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court)

Allahabad High Court, भारत के प्रमुख न्यायालयों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक और न्यायिक प्रक्रियाओं के निर्वाह के लिए जिम्मेदार है। 1866 में Allahabad High Court को ब्रिटिश राज के समय में बनाया गया था और इसका मुख्यालय प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) में स्थित है।

Allahabad High Court: History, List of Judges, Decisions, Importance, and all information related to it

Allahabad High Court को भारतीय अनुच्छेद 214 के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के निचले न्यायालय के रूप में स्थापित किया गया था। इसका क्षेत्र प्रधिकरण उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण क्षेत्र को सम्मिलित करता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के पास बहुत अधिक अधिकार हैं, और यह प्रमुख न्यायिक प्रधिकरण के रूप में कार्य करने का महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

इस न्यायालय में मुख्य रूप से सिविल, क्रिमिनल, भूमि अधिकार, और संविधान के मामले सुनाए जाते हैं। Allahabad High Court एक लोक न्यायालय भी है, जिसका मकसद सामान्य नागरिकों की न्यायिक मदद करना होता है।

Allahabad High Court ने अनेक प्रसिद्ध फैसले दिए हैं, जिनसे भारतीय न्याय व्यवस्था में प्रभावित परिवर्तन किया गया है। इसके प्रमुख न्यायाधीश परंपरा, समर्थन कार्यकर्ता, और वकीलों की उच्च कोटि के कारण यह न्यायालय देश भर में प्रसिद्ध है।

ऐतिहासिक महत्व

Allahabad High Court के अतिरिक्त, यह भारत में एक ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्थान भी है। यहां कई प्रसिद्ध न्यायिकों, वकीलों, और विधिज्ञों का उत्पादन हुआ है, जो देश की न्यायिक व्यवस्था को समृद्ध और सम्मानित बनाने में योगदान देते हैं।

इस न्यायालय में न्यायिक प्रक्रियाओं को तेजी से चलाने के लिए नवीनतम तकनीकी उपकरण और सुविधाएं हैं। इसके द्वारा लोगों को अधिक उचित समय में न्याय प्राप्त करने में मदद मिलती है।

Allahabad High Court भारतीय न्याय प्रणाली के संरचनात्मक अभिवृद्धि और विकास का भी प्रतीक रहा है। इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख न्यायिक संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है।

Allahabad High Court का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भी महत्वपूर्ण रहा है। यहां पर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले दिए गए, जो नेताओं और जनता को संबोधित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके अतिरिक्त, Allahabad High Court प्रत्येक नागरिक के अधिकारों को संरक्षित करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए संबंधित कानूनों के पालन का संदेहवादी काम करता है। इसे न्यायिक स्वतंत्रता और न्याय के प्रति लोगों के विश्वास के संरक्षण के लिए भी सराहा जाता है।

इतिहास

Allahabad High Court का इतिहास बहुत विशाल और महत्वपूर्ण है। यह भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन से भी गहरे रिश्ते रखता है। Allahabad High Court का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान 1866 में किया गया था। यह उस समय इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के स्थान पर स्थापित हुआ था। इसे भारतीय अनुच्छेद 214 के तहत सुप्रीम कोर्ट के निचले न्यायालय के रूप में स्थापित किया गया था।

इसके इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हैं जो भारतीय न्याय व्यवस्था के विकास में योगदान की हैं। स्वतंत्रता संग्राम के समय, Allahabad High Court ने बहुत साहसी और प्रभावशाली फैसले दिए। इस समय यहां प्रमुख वकीलों, न्यायिकों, और नेताओं के बीच बहुत गर्म विचारविमर्श होता था।

Allahabad High Court ने भारतीय समाज के विभिन्न मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जो न्यायिक इतिहास में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। इसके द्वारा लिये गए कई निर्णय भारतीय समाज में समाजिक परिवर्तन का माध्यम बने।

Allahabad High Court एक अधिकारिक और विश्वसनीय स्तंभ के रूप में भारतीय न्याय प्रणाली के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके इतिहास ने न्यायिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया और न्याय के प्रति लोगों के विश्वास को संरक्षित किया है।

न्याय प्रणाली

Allahabad High Court न्याय प्रणाली एक महत्वपूर्ण न्यायिक संस्थान है जो भारत में व्यावस्थित न्याय प्रक्रियाएं और न्यायिक विधि के अनुसार काम करता है। इसके न्यायिक कार्यक्रम और विधि निष्पत्ति को ध्यान में रखते हुए यह विभिन्न न्यायिक प्रक्रियाओं को संचालित करता है।

इसके प्रमुख कार्यक्रम में न्यायिक प्रक्रिया और याचिका दाखिल करने के लिए सबंधित कानूनी दस्तावेज़ जमा करने का प्रक्रिया है। इसके द्वारा सुनवाई और सुनिश्चित किया जाता है कि मामले की विचारधारा और कानूनी तत्वों के अनुसार निर्णय लिया जा सकता है।

Allahabad High Court भूमि अधिकार, क्राइम, सिविल, और व्यापारिक मुद्दों के निर्णय देता है। यहां के न्यायिक अधिकारी न्यायिक प्रक्रिया के लिए संबंधित विधि का पालन करते हैं और न्यायिक निर्णय देने में संलग्न तत्वों का ध्यान रखते हैं।

Allahabad High Court के न्यायिक कार्यक्रम में याचिका सुनवाई, न्यायिक निर्णय, और अपील दाखिल करने की प्रक्रिया शामिल है। इसके द्वारा न्यायिक संस्थान न्याय के प्रति लोगों के विश्वास को संरक्षित रखने में मदद करता है और न्यायिक विधि के निर्माण में भागीदारी करता है।

न्याय व्यवस्था

Allahabad High Court न्याय व्यवस्था भारतीय न्याय प्रणाली के एक महत्वपूर्ण अंग है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और राज्य के न्यायिक कार्यक्रम को संचालित करता है। इसके तहत यह न्यायिक कार्यक्रम के निम्नलिखित क्षेत्रों में काम करता है:

1. सिविल मामले: Allahabad High Court न्यायिक व्यवस्था में सिविल मामलों के निर्णय देता है, जिसमें संपत्ति विवाद, संबंधित अधिकारों की सुरक्षा, और विवादों के समाधान पर निर्णय लिया जाता है।

2. क्राइम और दंड संबंधी मामले: इसमें अपराध संबंधी मामलों, जैसे कि हत्या, चोरी, बलात्कार, आदि के निर्णय दिए जाते हैं और दंड संबंधी कानून का पालन किया जाता है।

3. व्यापारिक मामले: इलाहाबाद हाई कोर्ट न्याय व्यवस्था में व्यापारिक मामलों के निर्णय देता है, जिसमें व्यापार और व्यापारिक संबंधों की सुरक्षा के लिए कानूनी निष्पत्ति का पालन किया जाता है।

4. भूमि अधिग्रहण और संपत्ति विवाद: इसके द्वारा भूमि अधिग्रहण और संपत्ति से संबंधित विवादों पर निर्णय दिया जाता है और संपत्ति के अधिकारों की सुरक्षा के लिए संबंधित कानून का पालन किया जाता है।

इसके अलावा, Allahabad High Court न्याय व्यवस्था न्यायिक प्रक्रिया, अधिकारियों की नियुक्ति, विधि संबंधी मुद्दे, और संबंधित कानूनी दस्तावेज़ के पालन के लिए जिम्मेदार है। इसका उद्देश्य समाज में न्याय के प्रति विश्वास बनाए रखना और न्यायिक संस्थान के माध्यम से विवादों के न्यायिक तरीके से समाधान करना होता है।

महत्वपूर्ण निर्णय

Allahabad High Court के प्रमुख निर्णय कुछ इस प्रकार हैं:

1. मुल्कीब बेनामी भूमि विवाद: Allahabad High Court ने एक प्रसिद्ध फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि मुल्कीब बेनामी भूमि विवाद में भूमि का दायित्व उस व्यक्ति को होता है जिसका नाम भूमि के दस्तावेज़ में दर्ज होता है।

2. आयोग चयन नियमों का संविधान प्रिय: Allahabad High Court ने एक फैसला दिया था, जिसमें राज्य सरकारों द्वारा नियुक्ति आयोगों के चयन नियमों को संविधान के प्रियवर्ती के साथ सुनिश्चित किया गया था।

3. भूमि अधिग्रहण मामला: Allahabad High Court ने एक महत्वपूर्ण भूमि अधिग्रहण मामले में फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि भूमि अधिग्रहण शक्ति के उपयोग में उच्चतम सावधानी बरतनी चाहिए और इसमें गलतियाँ नहीं होनी चाहिए।

4. वैध शिक्षकों की भर्ती: Allahabad High Court ने एक मुद्दे में वैध शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संबंधित नियमों के अनुसार संचालित करने का आदेश दिया था।

5. समलैंगिक संबंधों का पहचान पत्र: Allahabad High Court ने समलैंगिक संबंधों के लिए एक पहचान पत्र (आधार कार्ड) को वैधता देने का फैसला किया था, जिससे समलैंगिक जोड़ों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिल सके।

6. राष्ट्रीय चक्रवर्ती शिवाजी महाराज की स्वर्ण बृहदी: Allahabad High Court ने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों की स्वर्ण बृहदी को राष्ट्रीय चक्रवर्ती शिवाजी महाराज के श्रेयस्तल में स्थान देने का फैसला किया था।

7. संविधान संशोधन मामला: Allahabad High Court ने भारतीय संविधान संशोधन मामले में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जो देश के न्यायिक व्यवस्था को संबलते हैं।

8. भू-माफिया और भू-अधिग्रहण से संबंधित मामले: Allahabad High Court ने भू-माफिया और भू-अधिग्रहण से संबंधित कई निर्णय दिए हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण की अनुमति और गैर-क़ानूनी भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई।

9. नागरिकता मुद्दा: Allahabad High Court ने नागरिकता से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय दिए हैं, जो नागरिकता के अधिकारों और विधि के पालन में मदद करते हैं।

10. धार्मिक स्थलों के मामले: Allahabad High Court ने भारत में धार्मिक स्थलों के मामलों पर भी कई फैसले दिए हैं, जिससे धार्मिक सम्पदा की सुरक्षा और प्रवेश का प्रबंधन किया गया।

11. नागरिकों के अधिकार: Allahabad High Court ने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। इनमें मानवाधिकारों, महिला सुरक्षा, और मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दे शामिल हैं।

12. विदेशी नागरिकों के मामले: Allahabad High Court ने विदेशी नागरिकों के मामले में भी विभिन्न विवादों को सुलझाने और उनके अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए निर्णय दिए हैं।

13. व्यापारिक विवाद: Allahabad High Court ने व्यापारिक विवादों में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को समर्थन किया गया और उनके न्यायिक समाधान में मदद मिली।

ये थे कुछ और महत्वपूर्ण निर्णय जो Allahabad High Court ने लिए हैं। इसके साथ ही, यह न्यायिक संस्थान भारत के न्याय प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और न्याय के शास्त्रीय न्यायिक संस्थानों में से एक माना जाता है।

महत्वपूर्ण बातें

Allahabad High Court भारत के न्यायिक संस्थानों में से एक है और इसके इतिहास में कई रोचक बातें हैं। नीचे कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं:

1. विश्व का चौथा सबसे बड़ा हाई कोर्ट: Allahabad High Court विश्व का चौथा सबसे बड़ा हाई कोर्ट है। इसका उच्चतम न्यायालय का भवन भारत के सबसे बड़े भवनों में से एक माना जाता है।

2. द्वितीय विश्व महायुद्ध के समय बंद: द्वितीय विश्व महायुद्ध के दौरान (1942-1946) इलाहाबाद हाई कोर्ट का यात्रा कार्यक्रम समयांतराल में बंद रहा था।

3. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम: Allahabad High Court ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण नेताओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारियों के मामले में फैसले दिए।

4. प्रसिद्ध मामले: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रसिद्ध मामलों में से कुछ के निर्णय दिए हैं, जैसे कि मुल्कीब बेनामी भूमि विवाद और राष्ट्रीय चक्रवर्ती शिवाजी महाराज की स्वर्ण बृहदी जैसे मामले।

5. नागरिकता पहचान पत्र: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों के लिए नागरिकता पहचान पत्र (आधार कार्ड) को वैधता देने का फैसला किया था।

6. इलाहाबाद के नाम पर बदला: 2018 में यूतर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखने का फैसला किया था, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट का नाम और स्थान वहीं रहा।

इन रोचक बातों से सिद्ध होता है कि Allahabad High Court एक महत्वपूर्ण न्यायिक संस्थान है, जिसका इतिहास भारतीय न्याय प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

पूर्व मुख्य न्यायाधिशो की सूची

क्र. नाम पदग्रहण पदमुक्त
1 वाल्टेर मॉर्गन 1866 1871
2 रॉबर्ट स्टुअर्ट 1871 1884
3 विलियम कॉमर पैथराम 1884 1886
4 जॉन एज 1886 1898
5 लुइस एडिन केर्शौ 1898
6 आर्थर स्ट्राचे 1898 1901
7 जॉन स्टानले 1901 1911
8 हेनरी जॉर्ज रिचर्ड्स 1911 1919
9 एडवर्ड ग्रिमवुड मेयर्स 1919 1932
10 शाह मुहम्मद सुलेमान 1932 1937
11 जॉन गिब थॉम 1937 1941
12 इक़बाल अहमद 1941 1946
13 कमल कांत वर्मा 1946 1947
आजादी के बाद
14 बिधु भूषण मलिक 1947 1955
15 ओ. एच. मूथाम 1955 1961
16 मनुलाल चुन्नीलाल देसाई 1961 1966
17 वशिष्ठ भार्गव 1966 1966
18 नसरुल्लाह बेग 1966 1967
19 विद्याधर गोविन्द ओक 1967 1971
20 शशि कांत वर्मा 1971 1973
21 धातृ शरण माथुर 1973 1974
22 कुंवर बहादुर अस्थाना 1974 1977
23 डी. एम्. चंद्रशेखर 1977 1978
24 सतीश चंद्र 1978 1983
25 महेश नारायण शुक्ल 1983 1985
26 ह्रदय नाथ सेठ 1986
27 कलमञ्जे जगन्नाथ शेट्टी 1986 1987
28 द्वारका नाथ झा 1987
29 अमिताव बनर्जी 1987 1988
30 ब्रह्म नाथ काटजू 1988 1989
31 बी. पी. जीवन रेड्डी 1990 1991
32 मनोज कुमार मुख़र्जी 1991 1993
33 एस. एस. लोधी 1994 1995
34 ए. लक्ष्मण राव 1995 1996
35 डी. पी. महापात्र 1996 1998
36 एन. के. मित्रा 1999 2000
37 श्यामल कुमार सेन 8 May 2000 24 November 2002
38 तरुण चटर्जी 31 January 2003 26 August 2004
39 अजय नाथ रे 11 January 2005 26 January 2007
40 हेमंत लक्ष्मण गोखले 7 March 2007 8 March 2009
41 चंद्रमौली कुमार प्रसाद 20 March 2009 7 February 2010
42 फ़र्डिनो रेबेल्लो 26 June 2010 30 July 2011
43 सय्यद रफात आलम 4 August 2011 8 August 2012
44 शिवा कीर्ति सिंह 17 October 2012 18 September 2013
45 धनञ्जय यशवंत चंद्रचूड़ 31 October 2013 12 May 2016
46 दिलीप बाबासाहेब भोसले 30 July 2016 23 October 2018
47 गोविन्द माथुर 14 November 2018 13 April 2021
48 संजय यादव 14 April 2021 26 June 2021
49 राजेश बिंदल 11 October 2021 12 February 2023
50 प्रीतिंकर दिवाकर 26 March 2023 Present

महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

इलाहाबाद के नए मुख्य न्यायाधीश कौन है?

जस्टिस राजेश बिंदल Allahabad High Court के नए चीफ जस्टिस बने हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की संस्तुति पर जस्टिस राजेश बिंदल को इलाहाबाद हाईकोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया है।

उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय क्या है?

उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थित है, लेकिन इसकी एक खंडपीठ लखनऊ में भी स्थित है।

उत्तरप्रदेश के उच्च न्यायालय को इलाहाबाद क्यों कहा जाता है?

सर वाल्टर मॉर्गन, बैरिस्टर-एट-लॉ को उत्तर पश्चिमी प्रांतों के उच्च न्यायालय का पहला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वर्ष 1869 में इसे इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया। 11 मार्च 1919 को एक पूरक पत्र पेटेंट द्वारा, इसका नामकरण बदलकर “इलाहाबाद में न्यायिक उच्च न्यायालय” कर दिया गया।

Allahabad High Court में कितने केस पेंडिंग है?

एबीपी न्यूज के अनुसार Allahabad High Court के दोनों बेंचों में 10 लाख 31 हजार 590 मुकदमे पेंडिंग हैं। इन मुकदमों में से इलाहाबाद कोर्ट के अधीन 8 लाख 3 हजार 516 मुकदमें जबकि लखनऊ बेंच के सामने 2 लाख 28 हजार 74 मुकदमें पेंडिंग हैं। यह आंकड़े 1 जनवरी 2022 तक के हैं।

भारत का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय कौन सा है?

भारत का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय है।

UP में कितने हाईकोर्ट है?

उत्तरप्रदेश में एक उच्च न्यायालय इलाहाबाद और लखनऊ खण्डपीठ है।

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