सेना युद्धाभ्यास भारत और विश्व के विभिन्न देशों के बीच

भारत और विश्व के देशों के बीच सेना युद्धाभ्यास

सेना युद्धाभ्यास भारत और विश्व के देशों के बीच भारत समय समय पर विभिन्न देशों के साथ सैन्य अभ्यास करता रहता है। इन सैन्य अभ्यासों का उद्देश्य सेनाओं के बीच अंतर संचालन क्षमता और सहयोग को मजबूत करने एवं बढ़ावा देना होता है। तो चलिए देखते हैं, भारत और विश्व के देशों के बीच सेना युद्धाभ्यास कौन कौन से और किस प्रकार है?

भारत और विश्व के देशों के बीच सेना युद्धाभ्यास

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

सेना युद्धाभ्यास भारत और विश्व के विभिन्न देशों के साथ

गरुड़ : भारत-फ्रांस

फ्रांस और भारत दोनों देश के सेना एक साथ युद्धाभ्यास करेंगे। युद्ध – नीति साझेदारी पर भारत और फ्रांस के बीच जनवरी 1998 में हस्ताक्षर किए गए थे। सन् 2003 से गरुड़ युद्ध अभ्यास कभी भारत में तो कभी फ्रांस में आयोजित हो रहा है। इस युद्धाभ्यास में फ्रांस का राफेल और भारत का सुखोई फाइटर जेट शामिल किया जाएगा।

पहला गरुड़ 2003 में मध् प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित किया। इस अभ्यास के आकर्षण का केंद्र फ्रांस का राफेल और भारत का सुखोई फाइटर रहा है। ये अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होने वाला है तब से लेकर अब तक विभिन्न गरुड़ युद्ध अभ्यास फ्रांस और भारत में आयोजित किए गए हैं।

हैण्ड इन हैण्ड : भारत-चीन

हैंड इन हैंड भारत-चीन सेना के बीच युद्धाभ्यास हैं। हैंड इन हैंड अभ्यास का उद्देश्य क्हाथ में हाथ अभ्यास का लक्ष्य आतंकवाद विरोधी अभियानों में दो बलों के बीच अंतर संचालनीयता में सुधार करना है। हैंड इन हैंड अभ्यास भारत और चीन के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है। अभ्यास दोनों देशों के सैनिकों द्वारा किया जाता है। या सेना युद्धाभ्यास कभी भारत में तो कभी चीन में आयोजित होता है।

इंद्र : भारत-रूस

भारत और रूस राजनीतिक के साथ – साथ दोनों देशों के बीच एक सेना युद्धाभ्यास होता हैं। भारत और रूस दोनों देशों की सेना के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ इंद्र – का 12 वां संस्करण अब तक हो चुका है। ये कभी रूस यो कभी भारत के क्षेत्रों के अभ्यास रेंज में आयोजित की जाती है। एक मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन वाली भारतीय सेना की टुकड़ी, इस संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए भारत के अलग – अलग हिस्सों में कठोर ट्रेनिंग लेते है। ‘इंद्र’ में दोनों देशों के 250 कर्मी से जायदा एक्सरसाइज का हिस्सा होते है।

जिमेक्स : भारत-जापान

अभ्यास जिमेक्स भारत और जापान देशों के सेना के बीच एक युद्धाभ्यास हैं। जिमेक्स अभ्यास का उद्देश्य समुद्री संचालन के पूरे स्पेक्ट्रम में कई उन्नत अभ्यासों के संचालन के माध्यम से परिचालन प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करना और अंतर – संचालन क्षमता को बढ़ाना है। यह दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग और आपसी विश्वास को और बढ़ाएगा।

मालाबार : अमेरिका-भारत

इस सेना युद्धाभ्यास में क्वाड संगठन के सदस्य चारों देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं शामिल होते हैं। भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच कई युद्धाभ्यास हो चुका है। इसमें अमेरिका का परमाणु हथियारों से लैस युद्धपोत यूएसएस कार्ल विंसन भी हिस्सा लेगा। नौसेनाएं युद्ध के समय की गतिविधियों को अंजाम देंती है और आक्रमण और बचाव के कई तरीके आजमाती हैं। इस दौरान अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता।

शेड : भारत, जापान और चीन के नौसैनिक बलों

भारत और चीन के बीच और कई अन्य देशों के साथ मिलकर जापान सागर में शेड नाम से नौसैनिक बलों युद्धाभ्यास किये हैं। ये सेना युद्धाभ्यास भारत, चीन और जापान तीनो के बीच एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास हैं।

सूर्य किरण : भारत और नेपाल

भारत – नेपाल का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ एक महत्वपूर्ण सेना युद्धाभ्यास हैं। इस अभ्यास में दोनों देशों की इन्फैंट्री बटालियन दोनों सेनाओं की तरफ से इस्तेमाल किए जाते है। हथियारों से परिचित होने के साथ – साथ दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के साथ पर्वत युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, पहाड़ी इलाकों में बचाव और राहत कार्य दक्षता को साझा करती हैं।

वरुण : फ्रांस और भारत

दोनों नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास 1993 से आयोजित किया जा रहा है, और इस अभ्यास को 2001 में ‘वरुण’ नाम दिया गया था। भारतीय नौसेना और फ्रांसीसी नौसेना के बीच वरुण नामक द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास का 20 वां संस्करण अरब सागर में आयोजित किया गया है। ये सेना युद्धाभ्यास फ्रांस और भारत दोनों के लिए अति महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास हैं।

सिम्बेक्स : गणतंत्र सिंगापुर नौसेना के साथ भारतीय नौसेना

सिंगापुर और भारत की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास सिम्बेक्स का 28 वां संस्करण आयोजित किया गया है। अभ्यास को सिम्बेक्स नाम दिया गया है। इस युद्धाभ्यास में हथियारों से परिचित होने के साथ – साथ दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के साथ पर्वत युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, पहाड़ी इलाकों में बचाव और राहत कार्य दक्षता को साझा करती हैं।

कोंकण : भारतीय नौसेना और ब्रिटेन की रॉयल नेवी

भारत और ब्रिटेन के बीच नौसैनिक अभ्यास को कोंकण नाम दिया गया है। संपर्क पुरातन काल से रहे हैं और एक समय के साथ इनकी जटिलता और तालमेल में काफी वृद्धि हुई है। भारत के कोंकण तट से दूर नौसैनिकों, इंफैंट्री इकाइयों, नौसैनिक युद्धपोतों और विमानों तथा भारतीय वायु सेना तत्वों की भागीदारी दोनों राष्ट्रों के बीच संयुक्तता में इस अभ्यास को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनाएगी। दोनों नौसेनाओं ने दशकों से द्विपक्षीय अभ्यास, आदान – प्रदान किए हैं, और अपने तकनीकी सहयोग को बढ़ाया है।

औसीइंडेक्स : भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने द्विवार्षिणिक समुद्री श्रृंखला ऑसइंडेक्स के चौथे संस्करण आयोजित किया जाता है। हाल ही में उत्तरी ऑस्ट्रेलिया अभ्यास क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया है। अभ्यास ऑस्ट्रेलियाई नौसेना और भारतीय नौसेना समुद्री अभ्यास ऑस्ट्रेलिया और भारत में आयोजित किया जाता है।

इंद्रधनुष : भारत-ब्रिटेन के वायु अभ्यास

यह भारतीय वायु सेना ( IAF ) और ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स ( RAF ) के बीच होने वाला संयुक्त वायुसेना अभ्यास है। इस विशेष मिशन में दोनों सेनाएँ तैयार किए गए अर्बन बिल्ट – अप ( शहरी ) ज़ोन में एयरफ़ील्ड आक्रमण, बेस डिफेंस और आतंक – रोधी अभियानों सहित विभिन्न मिशनों को पूरा करेंगी। इंद्र धनुष अभ्यास का पांचवा संस्करण उत्तर प्रदेश में आरंभ हो गया है। अभ्यास के दौरान वायु सेना के दोनों पक्ष संयुक्त रूप से रणनीति और युद्ध – न -नीति को साझा करेंगे और अपने प्रतिष्ठानों पर आतंकी खतरों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करेंगे।

नोमेडिक एलीफैंट : मंगोलिया के साथ भारतीय सेना का अभ्यास

इस अभ्यास के कई संस्करण हो चुके हैं। भारत मंगोलियाई संयुक्त सैन्य अभ्यास को ‘घुमंतू हाथी’ कहा जाता है। घुमंतू हाथी अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के सैनिक भाग लेते हैं। यह दो देशों – भारत और मंगोलिया के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है। इस अभ्यास की श्रृंखलाएं हैं, नवीनतम घुमंतू हाथी का 14वां संस्करण है। नोमेडिक एलिफेंट दोनों देशों की सेनाओं के सैनिकों को एक साथ लाता है, और इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की दोनों सेनाओं की तरफ से युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, इस्तेमाल किए जा रहे है।

एकुवेरिन : मालदीव और भारत

भारत और मालदीव वर्ष 2009 से अभ्यास एकुवेरिन का आयोजन कर रहे हैं, मालदीव की भाषा में इसका अर्थ मित्र है। यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत एक अर्द्ध – नगरीय क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिये दोनों देशों के बीच अंतर – संचालन को बढ़ाने पर केंद्रित है। सैन्य अभ्यास एकुवेरिन भारत और मालदीव के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास एकुवेरिन के 11 वें संस्करण का आयोजन मालदीव के कढधू द्वीप में शुरू किया गया है। इस वर्ष के अभ्यास में रक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिये सांस्कृतिक और खेल गतिविधियाँ भी इसमें शामिल होंगी।

गरुड़ शक्ति : भारत और इंडोनेशिया

अभ्यास गरुड़ शक्ति अन्य देशों के साथ भारत का एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास मैं से एक अभ्यास है।
यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और इंडोनेशिया रक्षा सहयोग का एक हिस्सा है, और यह भारत और इंडोनेशिया की बढ़ती रक्षा साझेदारी का एक प्रमुख हिस्सा भी है। गरुड़ शक्ति भारत और इंडोनेशिया की सेनाओं के विशेष बलों के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है।

मित्र शक्ति : भारत-श्रीलंक

यह श्रीलंकाई सेना द्वारा किया जा गया सबसे बड़ा द्विपक्षीय अभ्यास है। और यह भारत और श्रीलंका की बढ़ती रक्षा साझेदारी का एक प्रमुख हिस्सा भी है।
और इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की दोनों सेनाओं की तरफ से युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, इस्तेमाल किए जा रहे है। मित्र शक्ति अभ्यास चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने पर आधारित अभ्यास है।

नसीम अल बह्र : भारत-ओमान

भारत और ओमान का युद्ध अभ्यास जिसका नाम नसीम अल बह्र है। दोनों देशों का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर्संचालनीयता बढ़ाना और समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए सामान्य समझ और प्रक्रियाओं का विकास करना है। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस त्रिकंद और आईएनएस त्रिशूल द्वारा किया जाएगा। ओमानी नौसेना का प्रतिनिधित्व आरएनओवी अल – शमीख, एक कार्वेट और आरएनओवी अल – सीब एक फास्ट अटैक क्राफ्ट द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, फास्ट अटैक क्राफ्ट, मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और इंटीग्रल हेलीकॉप्टर द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेने के लिए निर्धारित हैं।

स्लिनेक्स : भारत और श्रीलंका के बीच नौसेना में संयुक्त अभ्या

इसका उद्देश्य इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने और एपीपी में प्रीमियम रीड को बेहतर बनाना है। और भारत और जापान की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर – संचालन को बढ़ाना है। यह दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। यह भारत का नौवां संस्करण – श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास विशाखापत्तनम में चल रहा है।

कैजिन संधि अभ्यास : भारत और जापान के तटरक्षकों का सहयोग

इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाना है। और भारत और जापान की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर – संचालन को बढ़ाना है। भारत और जापान की तटरक्षक बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास सहयोग – काजिन चेन्नई तट पर आयोजित हुआ, और इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की दोनों सेनाओं की तरफ से युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, इस्तेमाल किए जा रहे है।

युद्ध अभ्यास : भारत और अमेरिका

भारत और अमेरिका का युद्ध अभ्यास हो रहा है।
अभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर – संचालन को बढ़ाना है। पिछले कुछ वर्षों से भारत – अमेरिका रक्षा संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं। जून, 2016 में अमेरिका ने भारत को एक बड़े रक्षा साझेदार घोषित किया था। पिछला अभ्यास पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के अलास्का में हुआ था।

रेड फ्लैग : भारत और अमेरिका

भारत और अमेरिका के लड़ाकू विमानों के बीच रेड फ्लैग युद्धाभ्यास का अंतिम दौर शुरू हो चुका है। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए , जिससे इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक सूचना – साझाकरण और आगे रक्षा सहयोग को सक्षम बनाया गया। अमेरिका के चार आधारभूत समझौते हैं जिन पर वह अपने रक्षा भागीदारों के साथ हस्ताक्षर कर। पेंटागन समझौतों का वर्णन नियमित उपकरणों के रूप में करता है जो यू.एस. साझेदार – राष्ट्रों के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उपयोग करता है।

कोप : भारत और अमेरिका

भारत और अमेरिका के लड़ाकू विमानों के बीच रेड फ्लैग युद्धाभ्यास का दौर शुरू हो चुका है। युद्ध अभ्यास कभी भारत में तो कभी अमेरिका में आयोजित हो रहा है।अमेरिका ने भारत को एक बड़े रक्षा साझेदार घोषित किया था। पिछला अभ्यास पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के अलास्का में हुआ था।

सम्प्रिती : भारत एवं बांग्लादेश

भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं, हालांकि कभी – कभी सीमा विवाद होते हैं। दोनों नौसेनाओं के बीच युद्धाभ्यास किया जा रहा है। इस अभ्यास में दोनों देशों की दोनों सेनाओं की तरफ से युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, इस्तेमाल किए जा रहे है।

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