डॉ. मनमोहन सिंह: एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री और सादगीपूर्ण नेता की कहानी
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  • Post last modified:December 28, 2024

डॉ. मनमोहन सिंह : एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री और सादगीपूर्ण नेता की कहानी

डॉ. मनमोहन सिंह एक अत्यंत सम्मानित भारतीय अर्थशास्त्री, राजनेता और भारत के 13वें प्रधानमंत्री (2004-2014) रहे हैं। उनका जीवन, काम और योगदान भारत के आर्थिक और राजनीतिक इतिहास में गहराई से जुड़ा हुआ है। यहां उनके जीवन और उपलब्धियों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

डॉ. मनमोहन सिंह जीवन परिचय

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • जन्म: 26 सितंबर 1932, गाह, पंजाब (अब पाकिस्तान)
  • उनका परिवार विभाजन के समय भारत आ गया और अमृतसर में बस गया।
  • शिक्षा के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से पूरी की।
  • उन्होंने अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक किया और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) प्राप्त की। उनकी थीसिस इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेड आज भी एक महत्वपूर्ण अध्ययन मानी जाती है।

शिक्षण और प्रारंभिक करियर

  • मनमोहन सिंह ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षण से की। वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे।
  • उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UNCTAD) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी काम किया।

सरकारी सेवाओं में योगदान

  1. वित्त सचिव (1976-1980):
    उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (1982-1985):
    इस दौरान उन्होंने देश की मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की।
  • योजना आयोग के उपाध्यक्ष (1985-1987):
    उन्होंने भारत की विकास योजनाओं को मजबूत करने में योगदान दिया।
  • वित्त मंत्री (1991-1996):
    1991 में, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट में था, प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की ओर ले जाने वाले सुधारों की शुरुआत की। उनके प्रयासों से भारत में विदेशी निवेश आया, लाइसेंस राज समाप्त हुआ और अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण के लिए खोला गया।

प्रधानमंत्री के रूप में योगदान

2004-2009 (पहला कार्यकाल):

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने गठबंधन सरकार (यूपीए) का नेतृत्व किया।
  • उनकी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGA) और शिक्षा का अधिकार (RTE) जैसे प्रमुख सामाजिक सुधारों को लागू किया।
  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता डॉ. मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी कूटनीतिक सफलता थी।

2009-2014 (दूसरा कार्यकाल):

  • डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत की आर्थिक विकास दर बढ़कर 8% तक पहुंची।हा
  • लांकि, भ्रष्टाचार के कई मामलों (जैसे 2जी घोटाला, कोयला घोटाला) के कारण उनकी सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा।
  • फिर भी, उनके कार्यकाल में सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे में बड़ी प्रगति हुई।

डॉ. मनमोहन सिंह के व्यक्तिगत जीवन

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरशरण कौर से विवाह किया, जो एक सरल और सुलझी हुई महिला हैं। उनकी तीन बेटियां हैं।
  • वे हमेशा एक साधारण जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री के रूप में भी उनकी सादगी और ईमानदारी उनकी पहचान बनी रही।

सम्मान और पुरस्कार

डॉ. मनमोहन सिंह को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

विनम्रता और नेतृत्व शैली

  • डॉ. मनमोहन सिंह को एक चुपचाप काम करने वाले नेता के रूप में जाना जाता है।
  • वे विवादों से बचते थे और अक्सर अपने काम से जवाब देते थे।
  • उनकी आलोचना यह भी हुई कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर अधिक निर्भर थे, लेकिन उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने पार्टी और देश के हितों को प्राथमिकता दी।

डॉ. मनमोहन सिंह के महत्वपूर्ण उपलब्धियां

  1. भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर स्थान दिलाना।
  2. 1991 के आर्थिक सुधार, जिसने भारत की दिशा बदल दी।
  3. परमाणु ऊर्जा में भारत को मजबूत बनाना।
  4. ग्रामीण और सामाजिक योजनाओं को मजबूत करना।

डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में कुछ अनसुने बातें

मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, के बारे में कई रोचक तथ्य हैं जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  1. पहले सिख प्रधानमंत्री
    मनमोहन सिंह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 2004 से 2014 तक लगातार दो कार्यकाल पूरे किए।
  2. शांतिप्रिय नेता
    उनकी प्रसिद्धि केवल उनके आर्थिक सुधारों के लिए नहीं, बल्कि उनकी विनम्रता और शांतिप्रिय व्यक्तित्व के लिए भी है। वह शायद ही कभी गुस्सा जाहिर करते थे या बहस में उलझते थे।
  3. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डबल डिग्री
    उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। उनकी थीसिस “इंडिया’ज़ एक्सपोर्ट ट्रेड” आज भी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में चर्चित है।
  4. पाकिस्तान में जन्म
    मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के गांव गाह (अब पाकिस्तान में) में हुआ था।
  5. चुपचाप इतिहास रचने वाले नेता
    उन्होंने 1991 में भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला। अपने उदारीकरण के कदमों के जरिए भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा करने के काबिल बनाया।
  6. रिजर्व बैंक के गवर्नर
    प्रधानमंत्री बनने से पहले वे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (1982-1985) रह चुके हैं, जो उनकी अर्थशास्त्रीय विशेषज्ञता का प्रमाण है।
  7. राजनीति में अनिच्छा से आए
    मनमोहन सिंह ने खुद कभी सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा नहीं जताई थी। उन्हें पी.वी. नरसिम्हा राव ने वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया, जिसके बाद उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ।
  8. साहित्य प्रेमी
    उन्हें साहित्य में गहरी रुचि थी और वे अक्सर कविता और दर्शनशास्त्र पर किताबें पढ़ते थे।
  9. कभी चुनाव नहीं जीते
    यह जानकर आश्चर्य होगा कि मनमोहन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी लोकसभा चुनाव नहीं जीता। वे राज्यसभा से सांसद बने।
  10. सादा जीवन
    प्रधानमंत्री रहते हुए भी उनका जीवन बहुत साधारण था। वे दिखावे से दूर रहे और अपने मूल्यों पर अडिग रहे।

विरासत

मनमोहन सिंह का नाम भारतीय राजनीति में हमेशा एक विद्वान और कुशल प्रशासक के रूप में याद किया जाएगा। वे न केवल भारत के आर्थिक कायाकल्प के सूत्रधार थे, बल्कि उन्होंने अपने नेतृत्व में भारत को एक नई दिशा दी।

इन्हें भी देखे:

इन तथ्यों से पता चलता है कि मनमोहन सिंह न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक बेहद विनम्र और दूरदर्शी नेता भी थे। उनकी जीवनशैली, सादगी, और काम के प्रति समर्पण आज भी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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Amit Yadav

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