पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रहो पर जीवन
क्या ग्रहों पर जीवन संभव है ? क्या दूसरे ग्रहों पर जीवन बसाया जा सकता है इन सभी सवालों का जवाब आज के इस पोस्ट में जानेंगे। तो आइए देखते हैं की पृथ्वी के अलावा और कौनसे ग्रह पर जीवन का संभव हैं…
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पृथ्वी की आबादी लगभग 9 अरब हो गयी है । और यह तेजी से बढ़ रही है । जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है उससे तो यही लगता है कि आगामी कुछ वर्षों में इंसानों के लिए धरती पर एक इंच भी जगह नहीं बचेगी इसके अलावा पृथ्वी की बदलती पर्यावरणीय समस्या भी तबाही का मंजर ला सकती है।
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जीवन पृथ्वी पर कितने वर्षों में खत्म हो जाएगा इसके भी कयास लगाए जा रहे हैं । कुल मिलाकर यह कि पृथ्वी संकट में है और यहाँ के निवासी भी संकट में है । इन चिंताओं के चलते वैज्ञानिक इसी कोशिश में हैं कि पृथ्वी से परे कोई ऐसी जगह मिल जाय जहाँ आबादी का कुछ प्रतिशत शिफ्ट कर दिया जाये ताकि पृथ्वी पर आबादी का बोझ कम हो सके ।
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वैज्ञानिक दूसरे ग्रहो पर जीवन की बसावट को हालांकि अभी सुरक्षित नहीं मानते हैं लेकिन उनका यह मानना है कि कुछ खास उपकरणों और तकनीकी मदद से दूसरे ग्रहों पर जीवन की शुरूआत की जा सकती है । भविष्य का घर तलाश रहे वैज्ञानिकों की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए दो तरह की सूची तैयार की हैं ।
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पहली सूची में उन ग्रहों या चन्द्रमाओं को रखा गया है जो पृथ्वी जैसे हैं । इसे अर्थ सिमिलैरिटी इंडेक्स का नाम दिया गया है । पृथ्वी से समानता वाले ग्रह में सबसे ज्यादा अंक ग्लीज 581 जी ( 0.89 अंक ) को मिला है । इसे सुपर अर्थ भी कहा जा रहा है । यहाँ पर जीवन बसने की संभावना सर्वाधिक है । इसके बाद ग्लीज 581 डी ( 0.74 अंक ) को स्थान मिला है।
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दूसरी सूची में उन ग्रहों को शामिल किया गया है , जहाँ जीवन पनपने की संभावना दिखती है । इसे प्लैनेटरी हैविटेबिलिटी इंडेक्स का नाम दिया है । इस सूची में मंगल को सर्वाधिक अंक ( 0.70 ) और बुध को 0.60 अंक मिला है । उन ग्रहों या चन्द्रमाओं में जो पथ्वी की तरह तो नहीं हैं , फिर भी वहाँ जीवन की संभावना है , उनमें शनि के चन्द्रमा टाइटन को सर्वाधिक 0.64 अंक तथा मंगल को 0.59 अंक तथा बृहस्पति को 0.47 अंक मिले हैं।
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वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे सौर मंडल के शनि ग्रह के विशाल चंद्रमाओं में से एक टाइटन और । उसके बाहर के एक अन्य ग्रह ग्लीज 581 जी पर जीवन की संभावनाएं सबसे अधिक हो सकती हैं । ये दोनों पृथ्वी से करीब 20.5 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है । भविष्य में घर विभिन्न ग्रहों पर तलाश रहे वैज्ञानिक कहाँ तक पहुँच चुके हैं , उनके बारे में नए शोधों में जो जानकारी आयी है , उनका संक्षिप्त वितण या हम दे रह।
मंगल ग्रह, क्या मंगल ग्रह में जीवन संभव हैं, क्या मंगल ग्रह में जीवन बसाया जा सकता हैं,
पृथ्वी के अलावा कहां बस सकती हैं इंसानों की बस्ती ? इस बारे में जब भी चर्चा होती है , सबसे पहला नाम आता है मंगल ग्रह का । पृथ्वी से करोड़ों मील दूर मंगल ग्रह पर जाना अब असंभव नहीं है । कुछ महीनों के सफर के बाद यात्री वहाँ पहुंच सकते हैं ।
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मंगल पर पृथ्वी से मिलता – जुलता वातावरण और सबसे बड़ी बात गुरूत्वाकर्षण शक्ति भी दूसरे ग्रहों की अपेक्षा पृथ्वी से मिलती – जुलती है । यहाँ एक बड़ी घाटी भी है । यहाँ पहाड़ भी है , जिसकी ऊंचाई माउंट एवरेस्ट जितनी है । ये तथ्य वहां जीवन की संभावना को पुख्ता करते हैं । हां वहाँ के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मौजूदगी है । बस ऑक्सीजन नहीं है , जिससे सांस लिया जा सके । फिर जीवन कैसे संभव है ?
वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल पर गुफाओं की लंबी श्रृंखला मौजूद है , जो कि हजारों टन कूड़े के आवरण से ढकी है । उनके मुताबिक , ये न केवल सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणों से बचा सकती हैं , बल्कि इन गुफाओं में कुछ मात्रा में हवा की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता । यदि ये सच निकलता है , तो मुमकिन है कि आने वाले वर्षों में मंगल ग्रह पर इंसानों की बस्ती नजर आए ।
बृहस्पति का कैलिस्टो, क्या बृहस्पति ग्रह में जीवन संभव हैं, बृहस्पति में जीवन कैसे संभव है,
बृहस्पति का सतह ठोस नहीं है । यह गैसों से बना है । लेकिन इसके चांद पत्थर की तरह ठोस हैं । कुछ चांद पृथ्वी से भी बड़े हैं । कैलिस्टो इनमें से एक है । यह गहरे रंग का है , लेकिन इस पर पाई जाने वाली बर्फ की वजह से यह काफी चमकीला नजर आता है । वैज्ञानिकों की मानें , तो बर्फ का वजह से ही यह इंसानों के बसने लायक जगह बन सकता है। जल को जीवन माना जाता है और जीवन वहां की बर्फ को पिघलाकर पैदा किया जा सकता है ।
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बहस्पति का यह चांद लाखो मील दूर है , जहां पहुंचने के लिए कई वर्ष लग सकते है । वैज्ञानिक एक ऐसा एडवांस रॉकेट बनाने की जुगत में हैं, जिसकी मदद से बृहस्पति की यात्रा महीनों में की जा सके। यह रॉकेट हाइड्रोजन गैस से संचालित होगा और इसके इंजन का नाम होगा ‘वासिमर’।
शुक्र ग्रह, क्या शुक्र ग्रह में जीवन संभव है, शुक्र ग्रह में जीवन कैसे संभव है, क्या शुक्र ग्रह में जीवन बसाया जा सकता हैं,
आकार में पृथ्वी से थोड़ा ही छोटा है शुक्र ग्रह । इसीलिए इसे हमारा ‘ सिस्टर प्लेनेट ‘ कहा जाता है । हालांकि तेज वर्षा , अत्यधिक दाब और जानलेवा ताप रहता है यहाँ शुक्र की सतह पर खड़ा होने का मतलब है समुद्र के गहरे पानी में तकरीबन 3000 फीट अंदर रहना। हवा का दबाव इतना है, जैसे ठसाठस भरे छह स्कूल बसों के भार से दबे हों । इस खतरनाक परिस्थिति में वहाँ जीवन की कल्पना कैसे की जा सकती है ?
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वैंकूवर कनाड़ा के वैज्ञानिक एक ऐसा सूट तैयार कर रहे हैं , जिसे पहनने के बाद इस भारी – भरकम दबाव को बर्दाश्त किया जा सके । नासा के वैज्ञानिकों ने तपते शुक्र के फर्श का विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है । वे एक कृत्रिम मैदान तैयार कर रहे हैं , जो शुक्र पर नहीं , शुक्र के आकाश पर होगा । यह शुक्र से 30 मील ऊपर होगा । नासा की इंजीनियरिंग ब्रांच ने एक रोबोट बैलून भी बनाना शुरू कर दिया है , जिसमें बैठकर शुक्र के मिशन पर जाया जा सकता है।
बुध ग्रह, क्या बुध ग्रह में जीवन हो सकता हैं, क्या बुध ग्रह में जिंदगी बसायी जा सकती हैं,
सूर्य से 3 करोड़ दूर और पृथ्वी से तकरीबन नौ करोड़ मील से भी ज्यादा दूरी पर है बुध ग्रह । वहाँ सूर्य की तपिश पृथ्वी से 10 गुना ज्यादा होती है । आसान शब्दों में यह स्थिति ठीक वैसी ही होती है जैसे कि आकाश में एक नहीं दस सूर्य हों । यहाँ मानव के बसने की बात सोचना आसान नहीं है । पर वैज्ञानिक असंभव को संभव करने के प्रयास में हमेशा लगे रहते हैं ।
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उनके मुताबिक , चंकि बुध पर अंटार्कटिका जैसा ही वातावरण है , ऐसे में वहाँ बसना मुमकिन हो सकता है । पृथ्वी की तरह तो नहीं , लेकिन गुरुत्व वहां भी है । गुरूत्वाकर्षण की वजह से बुध के फर्श पर पांव जमाना मुश्किल नहीं होगा । सूरज की गर्मी की वजह से बर्फ पिघलता रहेगा और इससे मिलने वाले पानी की वजह से जीवन की संभावना बन सकती है । स्पष्ट है कि वैज्ञानिक पृथ्वी से परे जीवन की तलाश के लिए कटिबद्ध हैं , निरन्तर शोध कर रहे है वह दिन दूर नहीं जब मानव का दूसरे ग्रहों पर आशियाना बनाने का सपना साकार सिद्ध हो सकेगा ।
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