भारत में रेल दुर्घटना की पूरी सूची | भारत मे अबतक हुए रेल हादसे

भारत में रेल दुर्घटनाओं की सूची | रेल दुर्घटना का इतिहास | रेल हादसे से जुड़े पूरी जानकारी,

भारतीय रेल, भारत सरकार द्वारा नियंत्रित सार्वजनिक रेलवे सेवा है। भारत में रेलवे की कुल लंबाई 67,415 किलोमीटर है। भारतीय रेलवे रोजाना 231 लाख यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोती है। भारतीय रेलवे के 8,702 यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल 13,523 ट्रेनें चलती हैं। यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है। लेकिन यहां हादसे भी भयानक होता है। आज हम आपको बताएंगे कि भारत में अबतक कितना रेल दुर्घटना हो चुका है। तो चलिए देखते है भारत में अबतक रेल हादसे कब कब और कितना हुआ है।

भारत का रेल तन्त्र दुनिया के सबसे बड़े तन्त्रों में से एक हैं। भारतीय रेलगाड़ियों में हर दिन सवा करोड़ से अधिक लोग यात्रा करते हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में प्रति वर्ष औसतन 300 छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएँ होती हैं।

भारत में हर साल कई लोग रेल दुर्घटना में अपनी जान गंवाते हैं। हालाकिं, पिछले कुछ वर्षों में रेल दुर्घटनाओं में थोड़ी कमी आई है और दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी गिरावट देखने को मिला है। रेल हादसों के कई कारण होते हैं। इनमें तकनीकी खराबी, मानवीय भूल, लापरवाही, खराब मौसम आदि शामिल हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय रेलवे के इतिहास में 166 साल बाद 2019 ऐसा साल रहा, जब ट्रेन दुर्घटना में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई।

भारत में रेल दुर्घटना के मुख्य कारण क्या हैं?

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

आग, टक्कर, पटरी से उतरना, और अनुपयुक्त रेलवे क्रॉसिंग सहित विभिन्न कारक रेल दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। ट्रेन दुर्घटना के रिकॉर्ड के अनुसार, पटरी से उतरना और रेलवे क्रॉसिंग महत्वपूर्ण दुर्घटनाएँ उत्पन्न करते हैं। कुछ समय पहले तक, क्रॉसिंग खुले थे, और अधिकांश घटनाएं मानवीय त्रुटि के कारण होती थीं।

भारत में अबतक रेल दुर्घटना की पूरी सूची

भारत में रेल दुर्घटना सूची | भारत के रेल हादसे

5 नवम्बर 1890 – महाराष्ट्र

भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली रेल दुर्घटना तब हुआ जब 5 नवंबर 1890 में नागपुर के पास एक मेल एक्सप्रेस पटरी से उतरी गई। इस दर्दनाक रेल दुर्घटना में 10 लोग मर गए और 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

24 अक्टूबर 1907 – पंजाब

आजादी के पहले पंजाब प्रांत (अब पाकिस्तान) में कोट लखपत के पास पैसेंजर ट्रेन 24 अक्टूबर 1907 को एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस रेल हादसे में 11 यात्री मर गए और 27 से ज्यादा यात्री घायल हो गए।

2 दिसम्बर 1908 – राजस्थान

2 दिसम्बर 1908 को राजस्थान में बराना स्टेशन के पास दो  ट्रैन टकरा गई जिसमे करीब 20 लोगो की जान चली गई और करीब 18 लोग घायल हो गए थे। राजस्थान में ये घटना अपनी तरह का पहला घटना है। जिसमे दो ट्रेनें टकराई।

27 अप्रैल 1920 – उत्तरप्रदेश

27 अप्रैल 1920 को भारत के उत्तरप्रदेश में मुरादाबाद के पास एक भीषण रेल दुर्घटना हुआ जब एक एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 120 लोगों की मौत हो गई और 50 घायल हो गए।

7 अक्टूबर 1920 – तमिलनाडु

भारत के तमिलनाडु राज्य में 7 अक्टूबर 920 को एक भयंकर रेल दुर्घटना हुआ। इस खतरनाक रेल हादसे में मद्रास-बैंगलोर मेल ट्रेन अराक्कोनम से लगभग 3 किमी (1.9 मील) दूर पटरी से उतर गई, जिसमें करीब 40 लोग मारे गए और कई लोग जख्मी हो गए।

17 जुलाई 1937 – बिहार

भारत के बिहार राज्य में 17 जुलाई 1937 वो पहली रेलवे दुर्घटना है जब कोलकाता से पटना जा रही ट्रेन बिहटा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दर्दनाक हादसा में करीब 119 लोगो की जान गई एयर लगभग 180 लोग जख्मी हो गए। ये बिहार का पहली बड़ा रेलवे हादसा है। जहां इतने लोगो की जान चली गई।

4 अक्टूबर 1942 – बाम्बे

4 अक्टूबर 1942 को भारत में बाम्बे के पास एक बड़ा रेल दुर्घटना हुआ जिसमें करीब 12 लोगो की जान चली गई और 40 लोग घायल हो गए। बाम्बे में ये पहला रेल दुर्घटना था। इसके साथ ही भारत में ये रेल हादसा ब्रिटिश भारत की आखिरी रेल हादसा था।

12 अप्रैल 1950 – कुमाऊं एक्सप्रेस

12 अप्रैल 1950 को कुमाऊं एक्सप्रेस पटरी से उतरकर नदी में जा गिरी, भारत में हुई इस दिल दहला देने वाली रेल दुर्घटना में 50 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। आजादी के बाद आजाद भारत में ये पहली रेल हादसा है।

7 मई 1950 – बिहार

भारत के आजाद होने के कुछ सालों बाद बिहार में एक बड़ा रेल दुर्घटना हो गया। 7 मई 1950 को हुई इस भीषण रेल दुर्घटना में करीब 81 लोगो की जान चली गई, और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भारत में ये बिहार का पहला बड़ा रेल दुर्घटना था।

3 सितम्बर 1951 – दिल्ली

3 सितंबर 1951 भारत की राजधानी के पास एक बड़ा रेल हादसा होता है। इस रेल दुर्घटना में शरणपुर एक्सप्रेस दिल्ली से लगभग 18 किमी (11 मील) पटरी से उतर गई, जिसमें करीब 10 लोगो की मौत हो गई और लगभग 30 लोग घायल हो गए। भारत के राजधानी दिल्ली में ये पहला रेल दुर्घटना था।

जून 1953 – उत्तरप्रदेश

सेमपुर और कलिहार के बीच एक पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में 5 लोगो की मौत और 50 घायल हो गए। 1953 में हुई भारत में ये रेल दुर्घटना उत्तरप्रदेश के पहला ऐसा रेल हादसा है जिसमे दो ट्रेनें आपस मे टकरा गई।

4 जनवरी 1954 – पंजाब

भारत में पंजाब राज्य के भठिंडा के पास एक यात्री ट्रेन पटरी से उतर गई। 4 जनवरी 1954 में इस भयंकर रेल दुर्घटना में करीब 15 लोगो की जान चली गई और करीब 40 लोग जख्मी हो गए। भारत में आजादी के बाद पंजाब प्रांत के ये पहला बड़ा रेलवे दुर्घटना है।

31 मार्च 1954 – उत्तरप्रदेश

31 मार्च 1954 को उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के पास एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ जिसमें करीब 31 लोगो की जान चली गई और 32 लोग घायल हो गए। भारत में गोरखपुर के पास हुई इस रेल दुर्घटना में पैसेंजर ट्रेन में ले जाए जा रहे विस्फोटकों में विस्फोट हो गया था जिसके कारण ये भीषण हादसा हुआ।

15 सितंबर 1954 – दिल्ली

15 सितंबर 1954 को रेलवे क्रासिंग पर एक बड़ा हादसा हुआ जब नई दिल्ली से 130 किमी (80 मील) उत्तर में एक क्रॉसिंग पर छात्रों को ले जा रहे एक ट्रक से ट्रेन टकरा गई, जिसमें 10 की मौत हो गई और 18 घायल हो गए।

27 सितंबर 1954 – तेलंगाना

27 सितंबर 1954 को तेलंगाना के जनगांव और रघुनाथपल्ली स्टेशनों के बीच एक गर्डर पुल पर 319 डाउन एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, इस भीषण रेल हादसे के परिणामस्वरूप 136 लोगों की मौत हो गई और कई सौ लोग घायल हो गए।

28 सितंबर 1954 – तेलंगाना

हैदराबाद से लगभग 75 किमी (47 मील) दक्षिण में एक पुल के गिरने से एक ट्रेन यशंती नदी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 139 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए। 28 सितंबर 1954 को हुए ये हादसा भरतीय रेलवे में पुल गिरने का ये पहला मामला था।

2 सितंबर 1956 – तेलंगाना

2 सितंबर 1956 को तेलंगाना में हैदराबाद से लगभग 100 किमी (62 मील) जादचेरला और महबूबनगर के बीच यात्रा कर रही एक ट्रेन के नीचे एक पुल गिर गया। भारत में हुई इस रेल दुर्घटना में कम से कम 125 लोग मारे गए और 22 घायल हो गए।

23 नवंबर 1956 – तमिलनाडु

मद्रास-तूतीकोरिन एक्सप्रेस 23 नवंबर 1956 को  मद्रास के दक्षिण में 282 किमी (175 मील) बाढ़ से कमजोर हुए तटबंध से नदी में गिर गई। नदी में गिरी ट्रेन के इस भीषण हादसे में करीब 104 लोग मारे गए और 100 घायल हुए।

2 जून 1957 – महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के बंबई में 2 जून 1957 को एक यात्री ट्रेन एक खड़ी ट्रेन से टकरा गई, इस रेल हादसे में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 53 लोग घायल हो गए। बाम्बे के ये रेल हादसे खड़ी ट्रेन में टकराने के पहला बड़ा हादसा है।

23 जुलाई 1957 – झारखंड

टाटानगर ट्रेन की टक्कर टाटानगर के डाउन आउटर सिग्नल के बाहर गुआ-टाटा पैसेंजर और आदित्यपुर-टाटानगर सेक्शन पर चलने वाली 304 डाउन हजारीबाग-रांची-हावड़ा एक्सप्रेस के बीच हुई। भारत में हुई इस रेल दुर्घटना से जालमाल का भारी नुकसान हुआ।

19 अगस्त 1957 – आंध्रप्रदेश

हावड़ाबाउंड जनता एक्सप्रेस दक्षिण पूर्व रेलवे पर पलासा और पुंडी स्टेशनों के बीच 19 अगस्त 1957 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसा में पलासा रेलवे डिस्पेंसरी में 4 लोगों की मौत हो गई, 3 की मौके पर और 1 की मौत हो गई। 9 गंभीर रूप से घायल हो गए।

21 अगस्त 1957 – तमिलनाडु

21 अगस्त 1957 को तमिलनाडु में शाम को 17:30 बजे काटपाडी जंक्शन पर पटाखों से लदे वैगन में विस्फोट हो गया इस विस्फोटक हादसे में 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए।

23 नवंबर 1957 – उत्तरप्रदेश

भारत के राज्य उत्तरप्रदेश में 23 नवंबर 1957 को बॉम्बे-कलकत्ता मेल के चार डिब्बे पडली के पास पटरी से उतर गए और एक बड़ा रेल दुर्घटना हो गया। इस रेल हादसे के  कारण 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 54 घायल हो गए।

21 मई 1958 – कर्नाटक

21 मई 1958 को कर्नाटक राज्य के चामराज के पास एक एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई, इस रेल हादसे में करीब 31 लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए। ये रेल हादसा  भारत के कर्नाटक राज्य में पहली बड़ा रेल दुर्घटना है।

4 जनवरी 1961 – बिहार

4 जनवरी 1961 को भारत के बिहार में फिर एक रेल दुर्घटना हुआ। इस रेल हादसे में उमेशनगर के पास दो पैसेंजर ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर हो गई, इस दर्दनाक हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई और वही 61 लोग घायल हो गए।

8 मार्च 1961 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश के कलिहार और बिहार के बीच 8 मार्च 1961 को एक पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी की टक्कर हुई। भारत में हुई इस रेल दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और करीब 37 लोग घायल हो गए।

20 अक्टूबर 1961 – पश्चिम बंगाल

रांची एक्सप्रेस कोलकाता से 200 किमी (120 मील) पटरी से उतर गई, जिसमें 47 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। 20 अक्टूबर 1961 में हुए ये रेल हादसे पश्चिम बंगाल का अबतक का सबसे बड़ा रेल हादसा है।

22 जुलाई 1962 – बिहार

22 जुलाई 1962 को बिहार में हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल डुमरांव रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी से टकरा गई, इस भीषण टक्कर में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए।

12 नवंबर 1962

12 नवम्बर 1962 को ट्रेन की छत पर सफर कर रहे यात्री एक ब्रिज के ग्रिड से टकरा गए जिसके कारण ट्रैन की छत पर सवार 25 यात्री पुल के गर्डर की चपेट में आने से मारे गए। और कई घायल भी हो गए।

22 जुलाई 1963 – टुंडला जंक्शन

उत्तरप्रदेश में 22 जुलाई 1963 को टुंडला जंक्शन के पास एत्मादपुर में उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस के पटरी से उतर गई, भारत में हुई इस रेल दुर्घटना में 100 से अधिक यात्री मारे गए और कई यात्री घायल हो गये।

23 दिसम्बर 1964 – तमिलनाडु

तमिलनाडु के रामेश्वरम में 23 दिसंबर 1964 को पंबन-धनुस्कोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात से बह गई, जिसमें सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई और कई यात्री जख्मी हो गए। ये तमिलनाडु के एक बड़ा रेल हादसा था।

19 जून 1965 – महाराष्ट्र

19 जून 1965 मुंबई से लगभग 800 किमी (500 मील) दूर एक मालगाड़ी रेलकर्मियों को ले जा रही ट्रेन से टकरा गई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और कई रेलकर्मी घायल हो गए। इस दुर्घटना ने भारतीय रेलवे को एक बार फिर सोचने पर मजबूर किया।

16 फरवरी 1966 – असम

असम में एक मेल एक्सप्रेस ट्रेन पर नागा अलगाववादियों ने 16 फरवरी 1966 को भीषण बमबारी की, इस बमबारी से ट्रेन में सवार करीब 27 लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए। असम में ये पहला बड़ा रेल हादसा था।

20 अप्रैल 1966 – असम

असम में लुमडिंग रेलवे स्टेशन पर 20 अप्रैल 1966 को फिर दूसरी बार एक ट्रेन पर नगा अलगाववादियों ने बमबारी की, इस बमबारी में करीब 55 लोग मारे गए और 127 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए। नागा अलगाववादीयों का रेलवे पर ये दूसरा बड़ा हमला था।

23 अप्रैल 1966 – असम

23 अप्रैल 1966 में असम में एक बार फिर नागा अलगाववादियों ने दिफू रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन पर बमबारी की, जिसमें चलते इस बमबारी में 40 लोग मारे गए और 60 लोग घायल हो गए। असम में ये नागा अलगाववादियों का ये दूसरा बड़ा अटैक था।

13 जून 1966 – महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के माटुंगा रेलवे स्टेशन के पास दो पैसेंजर ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई। इस जोरदार टक्कर में करीब 57 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल। 13 जून 1966 को हुए ये हादसा दादर क्षेत्र में पहला बड़ा रेल हादसा था।

19 मार्च 1968 – कर्नाटक

पूना से बैंगलोर जाने वाली डेक्कन एक्सप्रेस और बिरूर-हुबली पैसेंजर ट्रेन दक्षिण रेलवे के हरिहर-हुबली खंड पर याल्विगी स्टेशन पर टकरा गई, 19 मार्च 1968 को हुई इस दुर्घटनाग्रस्त ट्रैन हादसे में 53 लोगो की मौत हो गई और 42 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

4 फरवरी 1969 – तमिलनाडु

तमिलनाडु में 4 फरवरी 1969 में एक बड़ा रेल हादसा हुआ। इस रेल दुर्घटना में मद्रास के पास एक पुल के गर्डरों में एक ट्रेन के ऊपर सवार यात्री बह गए। जिसके कारण 32 लोग मारे गए और 50 लोग घायल हो गए।

21 जून 1969 – उत्तरप्रदेश

21 जून 1969 को एक एक्सप्रेस की छह यात्री कारें उत्तरप्रदेश के मुहम्मदाबाद में पटरी छोड़ कर मगरी नदी में गिर गईं, इस भीषण रेल हादसे में 70 लोगों की मौत हो गई और 130 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

14 जुलाई 1969 – राजस्थान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में 14 जुलाई 1969 को एक मालगाड़ी खड़ी यात्री ट्रेन से टकरा गई, इस रेल हादसे में 85 लोगों की मौत हो गई और 130 से ज्यादा लोग घायल हो गए।राजस्थान में ये बड़ा रेल हादसा था जिसमे इतने लोगो की जान चली गई।

26 अप्रैल 1972 – कर्नाटक

दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के मैसूर में एक ट्रेन पटरी से उतर गई, 26 अप्रैल 1972 को इस भीषण रेल हादसे में करीब 21 लोगों की मौत हो गई और 37 से ज्यादा लोग  घायल हो गए।

21 फरवरी 1974 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में 21 फरवरी 1974 को एक पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई, दो गाड़ियों की टक्कर वाली इस रेल दुर्घटना में 41 लोगों की मौत हो गई और करीब 63 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

30 मई 1977 – असम

30 मई 1977 में असम के गुवाहाटी के पास बेकी नदी पर बना पुल 13 अप तेजपुर एक्सप्रेस के नीचे गिर गया, इस दर्दनाक हादसा में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई और 100 लोग घायल हो गए।

23 नवंबर 1977 – हरियाणा

हरियाणा के रेवाड़ी के पास 23 नवंबर 1977 को एक पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई, कहा जाता है कि ये हादसा रेल पटरियों की तोड़फोड़ के कारण हुई हैं। इस रेल दुर्घटना में करीब 20 लोगों की मौत हो गई और 21 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हरियाणा में ये पहली बड़ा रेल दुर्घटना है।

18 अप्रैल 1978 – महाराष्ट्र

7 डाउन बॉम्बे अहमदाबाद जनता एक्सप्रेस बॉम्बे के बासैन रोड स्टेशन पर 537 डाउन चर्चगेट विरार उपनगरीय ट्रेन के पिछले हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, इस रेल हादसा में 30 लोगो की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए।

14 नवंबर 1979 – महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में माटुंगा के पास दो ट्रेनों की टक्कर हो गई, इस टक्कर में 5 लोगो की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए। 14 नवम्बर 1979 में हुई ये रेल हादसे दादर क्षेत्र में दूसरा बड़ा रेल हादसे था।

23 दिसंबर 1979 – असम

पूर्वोत्तर भारत मे 1 डाउन अवध-त्रिहुत मेल सारूपेटा के पास खड़ी 26 डाउन गुवाहाटी धुबरी पैसेंजर ट्रेन के पिछले हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, इस रेल हादसे में 18 लोगो की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए।

6 जून,1981 – बिहार

देश में एक ऐसा रेल हादसा हो गया, जिसने देश ही नहीं पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। मॉनसून का मौसम चल रहा था, शाम का समय था और तारीख था 6 जून 1981, ट्रेन संख्या 416DN पैसेंजर ट्रेन 9 बोगियों में यात्रियों को लेकर मानसी से सहरसा जा रही थी। हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन बदला घाट और धमारा घाट स्टेशनों के बीच बागमती नदी पर पुल संख्या-51 से गुजर रही थी। आखिरी के 7 डिब्बे ट्रेन से अलग होकर नदी में जा गिरे। बारिश का मौसम था और बागमती का जलस्तर भी बढ़ा था, पलक झपकते ही ट्रेन नदी में बह गई। ट्रेन के उन 7 डिब्बों में यात्रियों को बचाने वाला कोई नहीं था। जब तक आसपास के लोग नदी के पास पहुंचे तब तक सैकड़ों लोगों की नदी में डूबकर मौत हो चुकी थी।

इस हादसे को भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा बताया जाता है। हादसे के बाद कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाए गए। गोताखोरों की 5 दिन की मशक्कत के बाद 200 से ज्यादा लाशें नदी से निकाली जा सकीं। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि इस हादसे में करीब 300 यात्रियों की मौत हुई, वहीं आसपास के लोगों का कहना था कि इस ट्रेन हादसे में करीब 800 लोगों की जान चली गई।

16 जुलाई 1981 – मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में खोदरी और भंवर टोंक स्टेशन के बीच 16 जुलाई 1981 को एक मालगाड़ी नर्मदा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकरा गई, इस रेल हादसे में 50 लोगों की मौत हो गई और 49 घायल हो गए।

19 जुलाई 1981 – गुजरात

नई दिल्ली से अहमदाबाद जाने वाली एक ट्रेन गुजरात में पटरी से उतर गई, इस रेल दुर्घटना में 30 लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए। 19 जुलाई 1981 को हुए इस हादसे को तोड़फोड़ का आरोप लगाया गया।

27 जनवरी 1982 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश में आगरा के पास घने कोहरे में एक मालगाड़ी और एक एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन आमने-सामने से टकरा गई, जिसमें 50 की मौत हो गई और 50 घायल हो गए। 27 जनवरी को हुए ये रेल हादसा ऐसा पहला हादसा था जो कोहरे के कारण आपस मे टकराई।

20 मार्च 1982 – आंध्रप्रदेश

20 मार्च 1982 को एक मैंगलोर-नई दिल्ली ट्रेन आंध्र प्रदेश में एक लेवल क्रॉसिंग पर एक पर्यटक बस से टकरा गई, इस हादसे से बस में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य लोग घायल हो गए।

10 फरवरी 1984 – हरियाणा

2 DR (रोहतक-दिल्ली) ट्रेन हरियाणा के बहादुरगढ़ स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर स्थिर 38 डाउन पंजाब मेल के पिछले डिब्बों में टकरा गई, 10 फरवरी 1984 को हुई इस रेल हादसे में 43 की मौत हो गई और 58 घायल हो गए।

15 सितंबर 1984 – मध्यप्रदेश

जबलपुर गोंदिया यात्री दुर्घटना तब हुई जब 15 सितंबर 1984 को एक पैसेंजर ट्रेन मध्य प्रदेश के बालाघाट, चारेगाँव के पास नदी में डूब गई, इस रेल दुर्घटना में करीब 150 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य यात्री घायल हो गए।

23 फरवरी 1985 – राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़

23 फरवरी, 1985 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में अचानक आग लग गई थी जिसमे 50 की मौत हो गई और उस समय छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का हिस्सा था। भारत मे चलती ट्रेन में आग लगनी की ये पहली बड़ा घटना थी। इस घटना ने पूरे देश को झकोर के रख दिया था।

13 जून 1985 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश के आगरा रेल दुर्घटना में आगरा में एक एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर हुई, 13 जून 1985 को हुई इस रेल दुर्घटना में 38 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए।

10 मार्च 1986 – बिहार

10 मार्च 1986 को बिहार में एक बड़ा रेल हादसा हुआ। बिहार के खगड़िया रेल दुर्घटना में दो ट्रेन टक्कर हुई, इस रेल हादसा में करीब 50 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य यात्री घायल हो गए।

8 जुलाई 1987 – आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश के माचेरियल में दिल्ली-दक्षिण एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के कारण 8 जुलाई 1987 में एक बड़ा हादसा हो गया। इस दर्दनाक रेल हादसे में करीब 53 लोग मारे गए और कई अन्य यात्री जख्मी हो गए।

15 मार्च 1987 – तमिलनाडु

रॉकफोर्ट एक्सप्रेस (चेन्नई-तिरुची) अरियालुर के पास मरुदैयार के ऊपर एक पुल पर बम विस्फोट होने पर सूखी नदी में गिर गई। 15 मार्च 1987 को इस विस्फोटक रेल हादसे में 25 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए।

18 अप्रैल 1988 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश के ललितपुर रेल दुर्घटना में ललितपुर के पास कर्नाटक एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, 18 अप्रैल 1988 को हुए इस दर्दनाक हादसा में 75 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए।

8 जुलाई 1988 – केरल

पेरुमन रेलवे दुर्घटना तब हुई जब 8 जुलाई 1988 में आइलैंड एक्सप्रेस (बैंगलोर सिटी-कन्याकुमारी) पेरुमन पुल पर पटरी से उतर गई और अष्टमुडी झील में गिर गई, जिसमें 105 लोग मारे गए और लगभग 200 घायल हो गए।

1 नवंबर 1989 – उत्तरप्रदेश

उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के सकलडीहा में 1 नवंबर 1989 को पटरी से उतर गई, जिससे ये ट्रेन पूरी तरह डैमेज हो गया। इस रेल हादसे में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

16 अप्रैल 1990 – पटना, बिहार

1981 रेल हादसे के बाद 16 अप्रैल 1990 रेल हादसे से एक बार फिर बिहार सहम गया। विभिन्न तकनीकी कारणों और खामियों से हुई रेल दुर्घटना में बिहार के लोगों के हताहत होने की घटनाएं रोंगटे खड़ी कर दी। भारत में हुई ये रेल हादसे पटना के पास चलती रेल में आग लगने हुई। जिसमें करीब 70 लोगो की मौत हुई और कई घायल हो गये।

6 जून 1990 – आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश के गोलागुडा में एक ट्रेन में आग लगने से 6 जून 1990 को एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ। इस रेल हादसे में  36 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। इससे पहले भी आग लगने की कई घटना हो चुकी थी।

25 जून 1990 – बिहार

बिहार के मंगरा में एक मालगाड़ी यात्री ट्रेन से टकरा गई, और फिर एक बड़ा रेल हादसा हो गया। 25 जून 1999 को बिहार में हुई इस रेल दुर्घटना में करीब 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि बहुत से यात्री घायल हो गये।

10 अक्टूबर 1990 – आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश में चेरलापल्ली के पास एक ट्रेन में आग लगने से फिर एक रेल आगजनी दुर्घटना हो गई। 10 अक्टूबर 1989 को हुई इस भीषण रेल दुर्घटना में करीब 40 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य यात्री घायल हो गए।

6 मार्च 1991 – कर्नाटक

बैंगलोर से लगभग 60 किमी (37 मील) दूर मकालीदुर्ग घाट के पास बारिश में कर्नाटक एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, 6 मार्च 1991 को कर्नाटक में हुई इस रेल दुर्घटना में 30 लोगों की मौत हो गई और कई लोग जख्मी हो गए।

12 दिसंबर 1991 – हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश के जवाली के पास 12 दिसंबर 1991 को कांगड़ा घाटी ट्रेन की दुर्घटना हुई, इस खतरनाक रेल दुर्घटना में करीब 27 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य यात्री जख्मी हो गए। हिमाचल में ये पहला बड़ा रेल दुर्घटना था।

5 सितंबर 1992 – छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ ( तब मध्यप्रदेश ) में रायगढ़ के पास एक ट्रेन दुर्घटना हो गया। 5 सितंबर 1992 को हुई इस रेल हादसे में 41 लोगों की मौत हुई और कई अन्य यात्री घायल हो गये। ये छत्तीसगढ़ में दूसरा बड़ा रेल हादसा था। जिसमे इतने लोगो की जान चली गई।

16 जुलाई 1993 – बिहार

बिहार के दरभंगा जिले में एक ट्रेन दुर्घटना हुआ। 16 जुलाई 1993 में हुई इस भीषण रेल हादसे में सरकार के द्वारा दिये जानकारी के अनुसार करीब 60 लोग मारे गए। इसके साथ ही कई यात्री घायल हो गए।

21 दिसंबर 1993 – राजस्थान

राजस्थान में बड़ा रेल हादसा 21 दिसंबर 1993 में हुआ जब कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई। दो गाड़ियों के टकराने का ये पहला बड़ा हादसा था। इस भयंकर हादसे में करीब 71 लोगो की मौत हो गई, जबकि अनेक लोग घायल हो गये थे।

3 मई 1994 – आंध्रप्रदेश

3 मई 1994 को आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में नारायणाद्री एक्सप्रेस एक ट्रैक्टर से टकरा गई, और फिर बड़ा रेल हादसा हो गया। इस रेल दुर्घटना में करीब 35 लोगों की मौत हो गई और कई लोग जख्मी हो गए।

26 अक्टूबर 1994

26 अक्टूबर 1994 को अचानक 8001 DN मुंबई-हावड़ा मेल के स्लीपर कोच में तड़के आग लग गई, इस भीषण आगजनी रेल हादसे में करीब 27 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य यात्री घायल हो गए।

14 मई 1995 – तमिलनाडु

तमिलनाडु में 14 मई 1995 को मद्रास- कन्याकुमारी एक्सप्रेस सेलम के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे एक बड़ा रेल हादसा हो गया। इस रेल दुर्घटना में सवार यात्रियों में 52 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

1 जून 1995 – पश्चिम बंगाल

कोलकाता से जम्मू तवी एक्सप्रेस एक खड़ी कोयले से लदी मालगाड़ी से टकरा गई, इस जोरदार टक्कर में भारी नुकसान हुआ। 1 जून 1995 को हुई इस रेल दुर्घटना में करीब 45 लोगों की मौत हो गई और 335 घायल हो गए।

1 जून 1995 – ओडिशा

1 जून 1995 को ही एक और हादसा हो गया जिसमें ओडिशा के बारपाली में हीराकुंड एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतर गए और एक तटबंध पर गिर गए, इस रेल दुर्घटना में करीब 15 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। ये पहली बार हुआ जब एक दिन दो बड़े रेल हादसे हो गए।

20 अगस्त 1995 – उत्तरप्रदेश

20 अगस्त 1995 में नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से उत्तरप्रदेश के फ़िरोजाबाद में जा टकराई। इस दर्दनाक हादसे में करीब 250 लोगो की मौत हो गई और 250 से ज्यादा लोग घायल हो गये। ये उत्तरप्रदेश के पहला बड़ा रेल हादसा था और आपस मे टकराने के दूसरा बड़ा रेल हादसा था।

18 अप्रैल 1996 – उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के पास डोमिनगढ़ स्टेशन पर 18 अप्रैल 1996 को और रेल हादसा हुआ जिसमें एक गोरखपुर-गोंडा पैसेंजर ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, इस रेल दुर्घटना में करीब 60 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गये।

14 मई 1996 – केरल

14 मई 1996 को एर्नाकुलम-कायमकुलम ट्रेन अलाप्पुझा, केरल के पास एक मानव रहित क्रॉसिंग पर एक बाराती बस से टकरा गई, इस रेल हादसा में एक बारात में 35 लोगों की मौत हो गई और कुुछ घायल हो गए।

25 मई 1996 – उत्तरप्रदेश

एक ही महीने में फाटक पर रेल से टकराने का ये दूसरा मामला था जब 25 मई 1996 को उत्तरप्रदेश में वाराणसी के पास एक मानवरहित समपार पर इलाहाबाद जाने वाली पैसेंजर ट्रेन ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई और कुछ घायल भी हुए।

30 दिसंबर 1996 – असम

ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन में बम विस्फोट तब हुआ जब निचले असम में कोकराझार और फकीराग्राम स्टेशनों के बीच ब्रह्मपुत्र मेल में विस्फोट हुआ, जिसमें 33 लोग मारे गए। असम में ये कोई पहली घटना नही जिसमे रेल को बम से नुकसान पहुचाया हो, ऐसे और भी घटनाएं हो चुका हैं।

18 अप्रैल 1997 – उत्तरप्रदेश

18 अप्रैल 1997 को उत्तरप्रदेश में एक और रेल दुर्घटना होती है जिसमे गोरखपुर में ट्रेन आपस मे टक्कर हो जाता है। इस रेल हादसा में करीब 60 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य लोग घायल हुए।

8 जुलाई 1997 – पंजाब

पंजाब के बठिंडा जिले के लेहरा खन्ना रेलवे स्टेशन पर एक यात्री ट्रेन में बम विस्फोट किया गया, 8 जुलाई 1997 को हुई इस विस्फोटक रेल दुर्घटना में करीब 33 लोग मारे गए और कई अन्य यात्री घायल हो गए।

28 जुलाई 1997 – दिल्ली

28 जुलाई 1997 को कर्नाटक एक्सप्रेस और हिमसागर एक्सप्रेस की टक्कर दिल्ली के बाहरी इलाके में हुई, इस दर्दनाक रेल हादसे में 12 लोगों की मौत हुई वही कुछ लोग घायल भी हो गए।

15 अगस्त 1997 – ओडिशा

42 डाउन कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा में विशाखापत्तनम और ब्रह्मपुर के बीच 41 अप कोरोमंडल एक्सप्रेस से आमने-सामने टकराई, जिसमें 75 लोगों की मौत हो गई। 15 अगस्त 1997 को हुई ये रेल दुर्घटना एक ऐसी हादसा है जिसमे एक नाम के दो उप डाउन ट्रेन आपस मे भीड़ गए।

14 सितंबर 1997 – छत्तीसगढ़

14 सितंबर 1997 को जांजगीर-चांपा में हसदेव पुल पर एक बड़ा हादसा हुआ। इस भीषण हादसे में अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें 88 लोगों की मौत हो गई और 350 से अधिक घायल हो गए थे।

6 दिसंबर 1997 – तमिलनाडु

6 दिसंबर 1997 को इरोड में चेरन एक्सप्रेस, तिरुचिरापल्ली में पांडियन एक्सप्रेस और त्रिशूर में चेन्नई-एलेप्पी एक्सप्रेस में सीरियल बम विस्फोटों हुआ। इस विस्फोटक रेल हादसे में 10 लोग मारे गए और 70 घायल हुए।

6 जनवरी 1998 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश में एक और बड़ा रेल दुर्घटना हुआ जब 6 जनवरी 1998 को बरेली-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन हरदोई से लगभग 12 किमी (7.5 मील) दूर खड़ी काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस से टकरा गई, इस रेल हादसे में 70 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।

4 अप्रैल 1998 – बिहार

हावड़ा- दिल्ली मुख्य लाइन पर फतुहा स्टेशन के पास हावड़ा-दानापुर एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने पर फतुहा ट्रेन दुर्घटना हुई, 4 अप्रैल 1998 को बिहार में हुई इस रेल दुर्घटना में 11 की मौत हो गई और 50 घायल हो गए।

24 अप्रैल 1998 – महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के परली वैजनाथ रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी की 15 कारें मनमाड-कचीगुडा एक्सप्रेस से टकरा गईं, और फिर एक रेल हादसा हो गया। 24 अप्रैल 1998 को हुई इस रेल दुर्घटना में 24 की मौत हो गई और 32 घायल हो गए।

13 अगस्त 1998 – तमिलनाडु

चेन्नई-मदुरै एक्सप्रेस ट्रेन 13 अगस्त 1998 को करूर शहर के बाहरी इलाके में नए करूर-सलेम बाईपास रोड पर एक मानव रहित लेवल-क्रॉसिंग पर एक बस से टकरा गई, इस रेल दुर्घटना में 19 की मौत हो गई और 27 घायल हो गए।

24 सितंबर 1998 – आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश में बोट्टालापलेम गांव के पास 24 सितंबर 1998 में एक मानव रहित लेवल-क्रॉसिंग पर एक लोकोमोटिव बस से टकरा गया, इस रेल दुर्घटना में 20 (14 स्कूली बच्चों सहित) की मौत हो गई और 33 घायल हो गए।

26 नवंबर 1998 – पंजाब

खन्ना रेल दुर्घटना तब हुई जब 26 नवंबर 1998 में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना रेलवे स्टेशन में फ्रंटियर गोल्डन टेम्पल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, इस दर्दनाक रेल दुर्घटना में 212 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य लोग घायल हो गए।

16 जुलाई 1999 – उत्तरप्रदेश

16 जुलाई 1999 में 2616 यूपी चेन्नई-नई दिल्ली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस मध्य रेलवे के आगरा-मथुरा सेक्शन पर डीएन मालगाड़ी के पटरी से उतरी कारों से टकरा गई, जिसमें 17 की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए।

2 अगस्त 1999 – बिहार

गैसल ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर स्थिर अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई, जिसमें कम से कम 285 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए।

15 अगस्त 1999 – आंध्रप्रदेश

नागवल्ली नदी को पार करते हुए दुसी में कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, इस रेल दुर्घटना में 50 यात्रियों की मौत हो गई और 500 लोग घायल हो गए। इससे पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

2 दिसंबर 2000 – पंजाब

पंजाब में 2 दिसंबर 2000 को अंबाला लुधियाना के बीच हावड़ा अमृतसर मेल एक्सप्रेस मालगाड़ी के पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई। इस रेल हादसे में 45 से अधिक मारे गए और 150 लोग घायल हो गए।

22 जून 2001 – केरल

कदलुंडी ट्रेन दुर्घटना 22 जून 2001 को हुई, जब मैंगलोर-चेन्नई मेल पैसेंजर ट्रेन कदलुंडी नदी को पार कर रही थी। तीन डिब्बे पानी में गिर गए, जिसमें 59 लोगों के मारे जाने या लापता होने की सूचना है, और 300 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। आधिकारिक जांच ने निष्कर्ष निकाला कि दुर्घटना 140 साल पुराने पुल के एक खंभे के नदी के तल में डूबने के कारण हुई थी।

27 फरवरी 2002 – गुजरात

27 फरवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस पर गुजरात के गोधरा स्टेशन पर भीड़ द्वारा हमला किया गया और चार डिब्बों में आग लगा दी गई, इस भीषण आगजनी में 58 लोग मारे गए और 43 घायल हो गए। इसके बाद यहां दंगे भी हुई।

28 फरवरी 2002 – गुजरात

27 फरवरी 2002 को दूसरे दिन साबरमती एक्सप्रेस मामले के प्रतिशोध में अहमदाबाद-दिल्ली आला हजरत एक्सप्रेस पर भीड़ ने हमला किया, जिसमें 100-200 यात्री घायल हो गए।

13 मई 2002 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश में एक और रेल हादसा हुआ जौनपुर ट्रेन हादसा के रूप में। 13 मई 2002 में जौनपुर ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब उत्तर प्रदेश के जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से 12 लोगों की मौत हो गई और 80 घायल हो गए।

4 जून 2002 – उत्तप्रदेश

कासगंज लेवल क्रॉसिंग आपदा तब हुई जब कानपुर-कासगंज एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर के पास एक यात्री बस से टकरा गई, 4 जून 2002 में हुई इस दर्दनाक रेल हादसे में 30 लोगो की मौत हो गई और 29 घायल हो गए।

9 सितंबर 2002 – बिहार

रफीगंज ट्रेन का हादसा तब हुआ जब हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस गया और डेहरी-ऑन-सोन स्टेशनों के बीच एक पुल पर पटरी से उतर गई, जिसमें दो डिब्बे नदी में गिर गए, जिसमें 140 से अधिक लोग मारे गए। 9 सितंबर 2002 को हुई इस रेल दुर्घटना को आतंकवादी तोड़फोड़ को दोषी ठहराया गया।

15 मई 2003 – पंजाब

15 मई 2003 को पंजाब में स्वर्ण मंदिर मेल में लुधियाना और लाधोवाल स्टेशनों के बीच तड़के सुबह आग लग गई, इस रेल दुर्घटना में करीब 36 लोगों की मौत हो गई और 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

22 जून 2003 – महाराष्ट्र

22 जून 2003 को कारवार-मुंबई सेंट्रल हॉलिडे स्पेशल का इंजन और पहले चार डिब्बे पटरी से उतर गए और एक भीषण रेल हादसा हो गया, इस रेल हादसे में 52 लोगो की मौत हो गई और 26 घायल हो गए।

2 जुलाई 2003 – तेलंगाना

तेलंगाना में 2 जुलाई 2003 को गोलकोंडा एक्सप्रेस वारंगल स्टेशन पर पटरी से उतर गई, और एक नया रेल हादसा हो गया। इस रेल दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गई और 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

16 जून 2004 – महाराष्ट्र

एक साल से भी कम समय में इस तरह की दूसरी दुर्घटना में आज कम से कम 14 यात्रियों की मौत हो गई और 85 अन्य घायल हो गए, जब मैंगलोर से मुंबई जाने वाली मत्स्यगंधा एक्सप्रेस का इंजन और आठ डिब्बे कोंकण रेलवे खंड पर एक पुल के ऊपर से पटरी से उतर गए। भारी बारिश के कारण ट्रैक पर गिरे कुछ बोल्डर टकरा गए।

14 दिसंबर 2004 – पंजाब

जम्मू तवी एक्सप्रेस डीएमयू जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन से मुकेरियां शहर, होशियारपुर, पंजाब से लगभग 10 किमी (6.2 मील) की दूरी पर टकरा गई, जिसमें 37 यात्रियों की मौत हो गई और 50 घायल हो गए। दुर्घटना कथित तौर पर एक दुर्घटना के कारण हुई थी। जैसे टेलीफोन लाइन में खराबी, उचित सिग्नल चेतावनियों को रोकना।

28 जुलाई 2005 – उत्तरप्रदेश

28 जुलाई 2005 में जौनपुर ट्रेन में बम विस्फोट हुआ जब एक बम ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस की एक गाड़ी को नष्ट कर दिया, जिसमें 13 की मौत हो गई और 50 घायल हो गए।

3 अक्टूबर 2005 – मध्यप्रदेश

दतिया रेल दुर्घटना तब हुई जब 3 अक्टूबर 2005 में अत्यधिक गति से यात्रा कर रही बुंदेलखंड एक्सप्रेस, एक खतरनाक मोड़ से आगे निकल गई और दतिया के पास पटरी से उतर गई, जिसमें 16 की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए।

29 अक्टूबर 2005 – आंध्रप्रदेश

वालिगोंडा ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब डेल्टा फास्ट पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई, जहां आंध्र प्रदेश के वालिगोंडा शहर के पास एक छोटा रेल पुल बाढ़ से बह गया था, 29 अक्टूबर 2005 में हुए इस रेल दुर्घटना में कम से कम 114 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हो गए।

11 जुलाई 2006 – महाराष्ट्र

11 जुलाई 2006 में मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मुंबई में कम्यूटर ट्रेनों पर समन्वित बम हमलों की एक श्रृंखला थी, इस विस्फोटक रेल दुर्घटना में कम से कम 200 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हुए।

20 नवंबर 2006 – पश्चिम बंगाल

20 नवम्बर 2006 में पश्चिम बंगाल ट्रेन विस्फोट हुआ, जहां एक विस्फोट हुआ, पश्चिम बंगाल में बेलाकोबा स्टेशन के पास एक ट्रेन में आतंकवादी बमबारी होने का संदेह था, इस विस्फोटक रेल हादसे में 7 लोगो की मौत हो गई और 53 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

1 दिसंबर 2006 – बिहार

बिहार में 150 साल पुराने ‘उल्टा पुल’ पुल को तोड़ा जा रहा था, जब एक हिस्सा पूर्वी रेलवे ट्रेन, हावड़ा-जमालपुर सुपर फास्ट एक्सप्रेस (13071 अप) पर गिर गया, इस रेल दुर्घटना में 35 की मौत हो गई और 17 घायल हो गए।

18 फरवरी 2007 – हरियाणा

18 फ़रवरी 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच हफ़्ते में दो दिन चलनेवाली ट्रेन संख्या 4001 अप अटारी (समझौता) एक्सप्रेस में दो आईईडी धमाके हुए जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा रात 11.53 बजे दिल्ली से क़रीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास हुआ। धमाकों की वजह से ट्रेन में आग लग गई और इसमें महिलाओं और बच्चों समेत कुल 68 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हुए।

7 अगस्त 2007 – उत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के कानपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर जाने से 32 लोग घायल हो गए, सात की हालत गंभीर है। रेल मंत्रालय के मुताबिक, हावड़ा जाने वाली 2308 डाउन ट्रेन के दो इंजन और चार डिब्बे कानपुर स्टेशन से आठ किलोमीटर दूर जूही यार्ड में दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर पटरी से उतर गए।

1 अगस्त 2008 – आंध्रप्रदेश

1 अगस्त 2008 में आंध्र प्रदेश के केसमुद्रम स्टेशन को पार करते समय गौतमी एक्सप्रेस में आग लग गई, इस रेल हादसे में 40 लोगों की मौत हो गई। माना जाता है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।

13 फरवरी 2009 – ओडिशा

13 फरवरी 2009 में उड़ीसा के जाजपुर रोड स्टेशन से निकलने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस में कई डिब्बों में आग लग गई। इस हादसे में करीब 15 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हादसे की वजहें अब तक पता नहीं चल पाई हैं।

29 अप्रैल 2009 – तमिलनाडु

29 अप्रैल 2009 को, चेन्नई सेंट्रल के मूर मार्केट उपनगरीय टर्मिनल से एक उपनगरीय ईएमयू ट्रेन , एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपहृत, व्यासरपदी जीवा रेलवे स्टेशन पर एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें चार यात्रियों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। टक्कर के कारण स्टेशन पर प्लेटफॉर्म का एक बड़ा हिस्सा, फुट ओवर ब्रिज और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रेन जो 5:15 बजे चलने वाली थी, 4:50 बजे चली। टक्कर के समय ईएमयू ट्रेन की गति 92 किमी प्रति घंटा थी। हादसे के वक्त ट्रेन में करीब 35 यात्री सवार थे।

20 अक्टूबर 2009 – उत्तरप्रदेश

मथुरा ट्रेन की टक्कर तब हुई जब गोवा एक्सप्रेस मथुरा, उत्तर प्रदेश के बाहर स्थिर मेवाड़ एक्सप्रेस के पिछले डिब्बे से टकरा गई, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। एक जांच से पता चला कि एक दोषपूर्ण सिग्नल था।

2 जनवरी 2010 – उत्तरप्रदेश

2010 की उत्तर प्रदेश ट्रेन दुर्घटनाएँ घने कोहरे की स्थिति के कारण उत्तर प्रदेश में हुई तीन दुर्घटनाओं की एक श्रृंखला थी। जिसमे लखनऊ से लगभग 270 किमी (170 मील) दक्षिण-पश्चिम में इटावा के पास एक स्टेशन पर लिच्छवी एक्सप्रेस स्थिर मगध एक्सप्रेस से टकरा गई। फिर गोरखधाम एक्सप्रेस और प्रयागराज एक्सप्रेस, लखनऊ से लगभग 97 किमी (60 मील) दक्षिण-पश्चिम में, कानपुर में पनकी स्टेशन के पास टकरा गई, जिसमें 10 की मौत हो गई और 51 घायल हो गए।
प्रतापगढ़ में मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर सरयू एक्सप्रेस ने ट्रैक्टर ट्रॉली को टक्कर मार दी इसमें कोई चोट नहीं थी।

28 मई 2010 – पश्चिम बंगाल

ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई जब हावड़ा- लोकमान्य तिलक टर्मिनस ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस एक विस्फोट से पटरी से उतर गई और फिर खेमाशुली और सरडीहा स्टेशनों के बीच एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें कम से कम 140 लोग मारे गए और लगभग 200 घायल हो गए। माओवादी मारे गए हमले में संदिग्ध।

4 जून 2010 – तमिलनाडु

4 जून 2010 को कोयम्बटूर-मेट्टुपलायम विशेष ट्रेन कोयम्बटूर के पास इदिगराई में एक मानव रहित क्रॉसिंग पर एक मिनी-बस से टकरा गई, इस रेल हादसे में 5 लोगो की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हो गए

18 जून 2010 – कर्नाटक

18 जून 2010 को 8084 (वास्को-डा गामा-हावड़ा) अमरावती एक्सप्रेस कोप्पल, कर्नाटक के पास एक मानवरहित समपार पर एक रोड-रोलर से टकराने के बाद पटरी से उतर गई, इस ट्रेन दुर्घटना में 27 लोग घायल हो गए।

19 जुलाई 2010 – पश्चिम बंगाल

सैंथिया ट्रेन की टक्कर तब हुई जब 19 जुलाई 2010 को सैंथिया रेलवे स्टेशन पर उत्तर बंग एक्सप्रेस की वनांचल एक्सप्रेस से टक्कर हो गई, इस रेल हादसे में 66 लोगों की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए।

8 अगस्त 2010 – केरल

एर्नाकुलम – अलप्पुझा तटीय रेखा पर मरारीकुलम के पास एक मानव रहित रेलवे फाटक में 8 अगस्त 2010 को चेन्नई – अलाप्पुझा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के एक कार से टकरा जाने से दो विदेशियों सहित चार लोगों की मौत हो गई।

17 अगस्त 2010 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिले के गोरयामऊ रेलवे स्टेशन पर 17 अगस्त 2010 में एक ट्रेन दुर्घटना हुई, इस रेल हादसे में 4 लोगो की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल भी हो गए।

7 जुलाई 2011 – उत्तरप्रदेश

7 जुलाई 2011 को उत्तर प्रदेश के कांशीराम नगर जिले के थानागांव में एक मानवरहित समपार पर एक मथुरा – छपरा एक्सप्रेस ने एक बस को टक्कर मार दी, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई और 30 घायल हो गए।

10 जुलाई 2011 – उत्तरप्रदेश

फतेहपुर का पटरी से उतरना तब हुआ जब उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के पास 10 जुलाई 2011 को कालका मेल पटरी से उतर गई, जिसमें 70 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए।

10 जुलाई 2011 – असम

गुवाहाटी – पुरी एक्सप्रेस असम के नलबाड़ी जिले में पटरी से उतर गई, इंजन और चार डिब्बे एक नाले में लुढ़क गए, जिससे 100 से अधिक लोग घायल हो गए। पटरी से उतरना स्थानीय उग्रवादियों द्वारा किए गए बम हमले का परिणाम था।

31 जुलाई 2011 – पश्चिम बंगाल

31 जुलाई 2011 को गुवाहाटी-बैंगलोर काजीरंगा एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में पटरी से उतर गई और एक अन्य ट्रेन से टकरा गई, इस रेल हादसे में कम से कम 3 की मौत हो गई और 200 घायल हो गए।

13 सितंबर 2011 – तमिलनाडु

वेल्लोर जिले में मेलपक्कम और चिथेरी स्टेशनों के बीच एक चेन्नई उपनगरीय मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) कम्यूटर ट्रेन एक स्थिर अरकोनम-कटपाडी पैसेंजर ट्रेन से टकरा गई, जिसमें 10 की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

22 नवंबर 2011 – झारखंड

हावाड़ा-देहरादून एक्‍सप्रेस के दो ऐसी कोच में आग लगने एक और रेल दुर्घटना हो गया। झारखंड में प्रतापपुर के पास पारसनाथ-निमियाघाट स्‍टेशन के बीच ट्रेन के बी-1 और बी-2 कोच में ये आग लगी। हादसे में 2 बच्‍चों समेत 7 लोगों की मौत हो गई है।

11 जनवरी 2012 – झारखंड

डिब्रूगढ़ से दिल्ली आ रही ब्रह्मपुत्र मेल और एक मालगाड़ी की झारखंड में टक्कर हो गई। इस रेल दुर्घटना में 5 लोगों की मौत हो गई और 5 से ज्‍यादा लोग जख्‍मी हो गए। ईस्टर्न रेलवे के मुताबिक हादसे में ब्रह्मपुत्र मेल की एक स्लीपर बोगी एस-9 पटरी से उतरी गई थी।

26 फरवरी 2012 – केरल

26 फरवरी 2012 को त्रिवेंद्रम-कोझिकोड जन शताब्दी एक्सप्रेस ने आतिशबाजी देखने के लिए ट्रैक पर खड़े लोगों को टक्कर मार दी, इस रेल दुर्घटना में 3 की मौत हो गई और 1 घायल हो गया।

20 मार्च 2012 – उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश में लखनऊ से 296 किमी (184 मील), उत्तरी उत्तर प्रदेश में 20 मार्च 2012 को एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक भीड़ भरी टैक्सी मिनीवैन से एक ट्रेन टकरा गई, जिसमें 15 लोगो की मौत हो गई।

26 मार्च 2012 – कर्नाटक

26 मार्च 2012 को बैंगलोर के बाहरी इलाके में कन्नमंगला गेट पर एक मेमू कम्यूटर ट्रेन बोल्डर से लदे ट्रक से टकरा गई, इस रेल हादसा में पायलट और ड्राइवर की मौत हो गई।

22 मई 2012 – आंध्रप्रदेश

हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश में पेनुकोंडा के पास एक मालगाड़ी से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, 22 मई 2012 को हुए इस रेल हादसे में 14 लोगो की मौत हो गई और 35 लोग घायल हो गए।

31 मई 2012 – उत्तरप्रदेश

हावड़ा-देहरादून दून एक्सप्रेस जौनपुर के पास पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। 31 मई 2012 को हुई ये इस ट्रेन का दूसरा रेल हादसा था।

19 जुलाई 2012 – महाराष्ट्र

19 जुलाई 2012 को महाराष्ट्र में विदर्भ एक्सप्रेस मुंबई-कसरा रूट पर खरदी स्टेशन के पास एक रेल हादसा हुआ। इस हादसे में एक लोकल ट्रेन से टकरा गई, इस रेल दुर्घटना में 1 यात्री की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए।

30 जुलाई 2012 – आंध्रप्रदेश

30 जुलाई 2012 को आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के पास तमिलनाडु एक्सप्रेस में अचानक आग लग गई, इस आगजनी रेल हादसे में 47 लोगों की मौत हो गई और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

26 दिसंबर 2012 – असम

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तिनसुकिया डिवीजन के न्यू तिनसुकिया-डिब्रूगढ़ टाउन सेक्शन पर 55908 डाउन लेडो-डिब्रूगढ़ टाउन पैसेंजर और लाइट इंजन के बीच चबुआ और पनीटोला के बीच टक्कर हो गया। इस रेल दुर्घटना में 71 लोग घायल हुए।

10 अप्रैल 2013 – तमिलनाडु

10 अप्रैल 2013 को 15228 मुजफ्फरपुर – यशवंतपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस चेन्नई से 40 किमी (25 मील) दूर अराक्कोनम के पास कई डिब्बे पटरी से उतर गए, इस रेल हादसे में 1 की मौत हो गई और 1 घायल हो गया।

19 अगस्त 2013 – बिहार

धमारा घाट ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब 19 अगस्त 2013 को गाड़ी न. 12567 सहरसा – पटना राज्य रानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस बिहार के धमारा स्टेशन पर दूसरी ट्रेन से उतर रहे यात्रियों पर चढ़ गई, इस रेल दुर्घटना में 35 की मौत हो गई।

2 नवंबर 2013 – आंध्रप्रदेश

13352 अलप्पुझा-धनबाद एक्सप्रेस 57271 विजयवाड़ा-रायगडा पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों पर चढ़ गई, जो एक अफवाह के कारण बगल के ट्रैक पर कूद गए थे कि उनकी ट्रेन में आग लग गई थी। 10 लोग मारे गए और कम से कम 20 घायल हो गए।

13 नवंबर 2013 – पश्चिम बंगाल

2013 छपरामारी फ़ॉरेस्ट ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब एक यात्री ट्रेन ने पश्चिम बंगाल के छपरामारी वन्यजीव अभयारण्य में 40 हाथियों के झुंड को टक्कर मार दी, जिससे 7 भारतीय हाथियों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। ट्रेन गति सीमा से दोगुनी गति से चल रही थी।

15 नवंबर 2013 – महाराष्ट्र

12618 डाउन निजामुद्दीन एर्नाकुलम मंगला लक्षद्वीप सुपरफास्ट एक्सप्रेस के 13 डिब्बे नासिक जिले से लगभग 30 किमी (19 मील) दूर घोटी गांव के पास पटरी से उतर गए, जिसमें 3 या 4 की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।

28 दिसंबर 2013 – आंध्रप्रदेश

16594 बैंगलोर सिटी – हजूर साहिब नांदेड़ एक्सप्रेस में आंध्र प्रदेश के कोथाचेरुवु के पास आग लग गई, 28 दिसंबर 2013 को हुई इस रेल दुर्घटना में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए।

20 मार्च 2014 – महाराष्ट्र

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से 61 किमी (38 मील) दूर टिटवाला में 20 मार्च 2014 को एक लोकल ट्रेन के छह डिब्बे अलग हो गए और पटरी से उतर गए, इस ट्रेन हादसे में 1 की मौत हो गई और 9 घायल हो गए।

1 मई 2014 – तमिलनाडु

चेन्नई ट्रेन बमबारी तब हुई जब 1 मई 2014 को चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गुवाहाटी-बैंगलोर काजीरंगा एक्सप्रेस में दो कम तीव्रता वाले बम विस्फोट हुए, जिसमें 1 की मौत हो गई और 14 घायल हो गए।

4 मई 2014 – महाराष्ट्र

4 मई 2014 को 50105 दिवा जंक्शन – सावंतवाड़ी पैसेंजर ट्रेन नागोठाणे और रोहा स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई, इस रेल हादसे में लगभग 20 लोगो की मौत हो गई और 100 लोग घायल हो गए।

26 मई 2014 – उत्तरप्रदेश

12556 गोरखधाम एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद स्टेशन के पास एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई, 26 मई 2014 को हुई इस रेल हादसे में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।

25 जून 2014 – बिहार

12236 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस बिहार के छपरा शहर के पास पटरी से उतर गई, 25 जून 2014 को हुई इस रेल दुर्घटना में 4 लोगो की मौत हो गई और 8 लोग घायल हो गए।

23 जुलाई 2014 – तेलंगाना

23 जुलाई 2014 को मेडक जिले की बस-ट्रेन टक्कर हुआ। मेडक जिले के मसाईपेट गांव में एक मानव रहित क्रॉसिंग पर एक नांदेड़-सिकंदराबाद पैसेंजर ट्रेन एक स्कूल बस से टकरा गई, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई।

13 फरवरी 2015 – कर्नाटक

अनेकल का पटरी से उतरना तब हुआ जब 12677 बैंगलोर सिटी-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस बैंगलोर शहरी जिले में अनेकल के पास नौ डिब्बों के पटरी से उतर गई, जिसमें 12 की मौत हो गई और 100 घायल हो गए।

20 मार्च 2015 – उत्तरप्रदेश

20 मार्च 2015 को उत्तर प्रदेश ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब देहरादून-वाराणसी जनता एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पटरी से उतरने से हुई, इस रेल दुर्घटना में करीब 58 लोगो की मौत हो गई और 150 घायल हो गए।

25 मई 2015 – उत्तरप्रदेश

25 मई 2015 को मुरी एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में पटरी से उतर गई, इस रेल दुर्घटना में 5 लोगो की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गई।

4 अगस्त 2015 – मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में कुरावन और भिरंगी स्टेशनों के बीच कामायनी एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने पर हरदा जुड़वां ट्रेन पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई और 100 घायल हो गए। इस एक्सप्रेस के कई डिब्बे माचक नदी में जा गिरे।

12 सितंबर 2015 – कर्नाटक

12 सितंबर 2015 को 12220 सिकंदराबाद जंक्शन-लोकमान्य तिलक टर्मिनस दुरंतो एक्सप्रेस के 9 कोच कर्नाटक के कलाबुरगी शहर से लगभग 20 किमी (12 मील) दूर मार्तुर स्टेशन पर, 2 की मौत और 7 को घायल कर दिया।

12 सितंबर 2015 – हिमाचल प्रदेश

एक चार्टर्ड कालका-शिमला शिवालिक क्वीन नैरो-गेज रेलवे टकसाल के पास 3 कोच पटरी से उतर गई, जिसमें 2 की मौत हो गई और 13 घायल हो गए। ट्रेन में 36 ग्राहक और एक टूर ऑपरेटर सवार थे, जो सभी ब्रिटेन से थे। कालका -शिमला रेलवे भारत के पर्वतीय रेलवे का एक हिस्सा है जिसे 2008 से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

29 सितंबर 2016 – ओडिशा

29 सितंबर 2016 को ओडिशा के कटक में भुवनेश्वर-भद्रक पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर से एक बड़ा रेल हादसा हुआ। इस रेल हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 22 यात्री घायल हो गए।

20 नवंबर 2016 – उत्तरप्रदेश

पुखरायां ट्रेन पटरी से उतर गई जब 19321 इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस कानपुर से लगभग 60 किमी (37 मील) दूर पुखरायां में 14 डिब्बे पटरी से उतर गई, जिसमें 152 की मौत हो गई और 260 घायल हो गए।

6 दिसंबर 2016 – पश्चिम बंगाल

राजेंद्र नगर-गुवाहाटी कैपिटल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के समुक्तला रोड स्टेशन पर पटरी से उतर गई, 6 दिसंबर 2016 की इस रेल दुर्घटना में 2 लोगों की मौत हो गई और 6 घायल हो गए।

21 जनवरी 2017 – आंध्रप्रदेश

कुनेरू ट्रेन पटरी से उतर गई जब 18448 जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस कुनेरू, विजयनगरम के पास पटरी से उतर गई, आंध्रप्रदेश में हुई इस रेल हादसा में 41 लोगों की मौत हो गई और 69 घायल हो गए।

7 मार्च 2017 – मध्यप्रदेश

7 मार्च 2017 को, जिन आतंकवादियों को आईएसआईएस द्वारा कट्टरपंथी माना जाता था, उन आतंकवादियों ने जबरी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में कम तीव्रता वाले विस्फोटक लगाए , जिससे दस यात्री घायल हो गए। यह तथाकथित इस्लामिक स्टेट द्वारा भारत में किया गया पहला हमला था

19 अगस्त 2017 – उत्तरप्रदेश

18478 पुरी-हरिद्वार कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के पास खतौली में पटरी से उतर गई। इस रेल हादसे में कम से कम 23 लोगो की मौत हो गई और लगभग 97 घायल हो गए।

23 अगस्त 2017 –  गुजरात

औरैया ट्रेन पटरी से उतर गई जब कैफियत एक्सप्रेस (12225) पाटा और अचल्दा रेलवे स्टेशनों के बीच लगभग 02:40 बजे ( IST ) पटरी से उतर गई। इस रेल हादसे में करीब 100 लोग घायल हो गए।

24 नवंबर 2017 – उत्तरप्रदेश

24 नवंबर 2017 को उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में वास्को डी गामा-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, इस रेल दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और लगभग नौ घायल हो गए।

10 अक्टूबर 2018 – उत्तरप्रदेश

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में रायबरेली के पास 10 अक्तूबर 2018 को सुबह न्यू फरक्का एक्सप्रेस के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस रेल दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी और 34 लोग घायल हो गए थे।

19 अक्टूबर 2018 – पंजाब

19 अक्तूबर 2018 को एक ट्रेन अमृतसर में लोगों की भीड़ को कुचलते हुए आगे बढ़ गई। यह लोग जौड़ा फाटक पर रेल की पटरी पर खड़े होकर दशहरा देख रहे थे। रावण दहन के दौरान पटाखों की आवाज में कब ट्रेन का हार्न और लोगों की चीखें दब गई, किसी को पता ही नहीं चला। जब तक पता चला तब तक ट्रेन काफी दूर निकल चुकी थी और पटरी पर बिछी थी सिर्फ लाशें। इस हादसे से लगभग 59 लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 घायल हो गए।

11 नवंबर 2019 – तेलंगाना

काचीगुडा स्टेशन पर आने वाली हंड्री एक्सप्रेस में लिंगमपल्ली जाने वाली एमएमटीएस की टक्कर में 16 यात्री घायल हो गए और मोटरमैन की मौत हो गई। हंड्री एक्सप्रेस को स्टेशन में प्रवेश करने के लिए सिग्नल दिया गया था जब आउटबाउंड एमएमटीएस ने पॉइंट्स पर ट्रेन में टक्कर मार दी थी।

8 मई 2020 – महाराष्ट्र

8 मई 2020 की सुबह, एक खाली मालगाड़ी ने औरंगाबाद, महाराष्ट्र, भारत के पास पटरियों पर या पटरियों पर सो रहे सोलह प्रवासी कामगारों को कुचल दिया और उनकी मौत हो गई। पास में सो रहा एक और कर्मचारी घायल हो गया।

22 जुलाई 2020 – तेलंगाना

दराबाद के 3 रेलवे कर्मचारियों की डबल इंजन की ट्रेन से कुचलकर मौत हो गई। घटना विकाराबाद और चिट्टीगड्डा रेलवे स्टेशन के बीच हुई। इस घटना ने रेल कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है और ऐसा लगता है कि यह उच्च अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है।

13 जनवरी 2022 – पश्चिम बंगाल

बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के डिब्बे 13 जनवरी 2022 को शाम करीब 4:50 बजे न्यू डोमोहानी रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए, इस रेल हादसे में करीब 9 लोगों की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल भी हुए।

2 जून 2023 – ओडिशा

2023 ओडिशा ट्रेन टक्कर : ओडिशा के बालासोर जिले में 130 किमी/घंटा (81 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से चल रही ट्रेन संख्या 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस एक मालगाड़ी (मालगाड़ी) से टकरा गई। ये हादसा बहनागा बाजार स्टेशन के पास 19:30 IST के आसपास हुआ जब ट्रेन कोलकाता के पास शालीमार रेलवे स्टेशन से चेन्नई सेंट्रल जा रही थी। 20 से ज्यादा डिब्बे पटरी से उतरे। 1,100 से अधिक घायल हुए और 295 से अधिक लोग मारे गए। ट्रेन संख्या 12864 SMVT बेंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेसहावड़ा की ओर 130 किमी/घंटा (81 मील प्रति घंटे) की गति से यात्रा करते हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों से टकराया और अपने स्वयं के आठ डिब्बों को पटरी से उतार दिया। इसमें कुल तीन ट्रेनें शामिल थीं।

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