लू से कैसे बचें? लू लगने पर क्या करे? गर्म हवाओं से कैसे बचें
गर्मी के दिनों में हवाएं गर्म हो जाती है जिससे लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपको कंही लू लग जाये तो खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए ये जानना जरूरी है कि कैसे गर्म हवाओं से बचा जा सके। तो आइए देखते है विस्तार से लू से कैसे बचें? लू लगने पर क्या करे?
लू से कैसे बचें? क्या करे जब लू लग जाये? गर्म हवाओं से कैसे बचें? देखे पूरी विस्तृत जानकारी
गर्म हवा क्यों चलती है?
सूर्य पृथ्वी की सतह को गर्म करता है तो इससे वायुमंडल भी गर्म होता है। चूंकि गर्मी के दिनों में सूर्य की किरणें भी तेज होती है इसलिए जिन हिस्सों पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं वह गर्म हो जाते हैं और जिन हिस्सों पर तिरछी किरणें पड़ती हैं वह ठंडे रहते हैं। पृथ्वी की सतह गर्म होने से हवा भी गर्म हो जाती है। गर्म हवा ठंडी हवा की अपेक्षा हल्की होती है इसलिए ऊपर उठती है और फैलती है। इसलिए गर्म हवा चलती है।
लू लगना क्या है?
लू लगना एक स्थिति है जिसकी वजह शरीर का ज्यादा गर्म हो जाना है। ये आम तौर पर ऊंचे तापमान में शारीरिक परिश्रम या दीर्घकालिक संपर्क के नतीजे से होता है। गर्मी की चोट की सबसे गंभीर किस्म लू लगना उस वक्त हो सकता है जब आपके शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस यानी 104 -105 डिग्री फॉरेनहाइट या उससे ज्यादा हो जाए तो इस स्थिति में आप लू से ग्रसित हो जाते है।
लू लगने का कारण क्या है? क्यों लगता है लू?
गर्मी के मौसम में लू लगना एक प्रकार का बीमारी है। लू लगने का प्रमुख कारण शरीर में नमक और पानी की कमी होना है। पसीने की शक्ल में नमक और पानी का बड़ा हिस्सा शरीर से निकलकर खून की गर्मी को बढ़ा देता है। जिससे सिर में भारीपन होने लगता है, नाड़ी की गति बढ़ने लगती है, खून की गति भी तेज हो जाती है।
लू के लक्षण क्या है?
लू लगने पर शरीर कई तरह के लक्षण दिखाने लगता है, जैसे बुखार, त्वचा का लाल पड़ना, रूखा होना, गर्म होना, नम होना, नाड़ी का तेज चलना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, जी मिचलाना, घबराहट होना, अधिक पसीना आना और बेहोश होना आदि ऐसी लक्षण लू लगने की संकेत है।
गर्म हवाएं से कैसे बचें? लू से कैसे बचें?
- जहाँ तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें।
- जितनी बार हो सके पानी पीयें, बार – बार पानी पीयें।
- सफर में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें।
- जब भी बाहर धूप में जाये यथा संभव हल्के रंग के ढीले ढाले एवं सूती कपड़े पहने।
- धूप के चश्मा का इस्तेमाल करे।
- तौलिया/गमछा भिगोकर सिर पर रखें और चेहरा पोछकर चलें व हमेशा जूता या चप्पल पहने जब भी घर से बाहर निकलते हो भरपेट भोजन करके निकले।
- अधिक तापमान में बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें।
- हल्का भोजन करें, अधिक पानी की मात्रा वाले मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, संतरा आदि का अधिकाधिक सेवन करें।
- ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन जैसे- मांस, अंडा व सूखे मेवे जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं, इसलिए इसका सेवन न करें।
- घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नमक – चीनी का घोल, छाछ नींबू – पानी, आम का पन्ना इत्यादि का नियमित सेवन करें।
- अपने दैनिक भोजन में कच्चा प्याज, सत्तू, पुदीना, साफ तथा खस को भी शामिल करें।
- चाय, काफी जैसे गर्म पेय तथा जर्दा तम्बाकू आदि मादक पदार्थों का सेवन न करें।
- बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़ें।
- जानवरों को छाँव में रखें एवं उन्हें भी खूब पानी पीने को दें।
- रात में घर में ताजी और ठंढी हावा आने की व्यवस्था रखें।
- स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगामी तापमान में परिवर्तन के बारे में विभिन्न विश्वसनीय सूत्रों से लगातार जानकारियां लेते रहें।
- अगर तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आये तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लू लग जाने पर क्या करे | लू लगने पर बचाव के उपाये
- सबसे पहले तो लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा दे अथवा बैठा दें।
- अगर शरीर पर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढीला कर दे
- ठण्डे गीले कपड़े से शरीर को पोंछे या ठण्डे पानी से नहलायें।
- शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखे आदि का प्रयोग करें गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गीला तथा ठण्डा कपड़ा रखें।
- व्यक्ति को ओ. आर. एस.या नींबू पानी, नमक चीनी का घोल, छाछ या शर्बत पीने को दें, जो शरीर में जल की माता को बढ़ा सके।
- यदि व्यक्ति पानी की उल्टियां करे या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने-पीने न दें।
- लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार होतो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाये।