नहाना क्यों जरूरी है ?
आमतौर पर ज्यादातर लोग रोज नहाते है। आप भी रोज नहाते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि लोग रोज क्यों नहाते है? आपके रोज रोज का नहाने की वजह क्या हैं? आप क्यों नहाते है ? अगर आपको भी नही पता नहाने का कारण तो आइए देखते है कि नहाना क्यों जरूरी है? लोग क्यों नहाते हैं? क्या कारण है कि लोग रोज नहाते हैं?
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वैसे दुनियाभर में भारत के लोग सबसे ज्यादा नहाने वालों में शुमार किये जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के चलते औसत भारतीय लोग तकरीबन रोज नहाते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करके उनका तन और मन ना केवल तरोताजगी से भर उठता है बल्कि ऐसा करके वो अपने शरीर को पवित्र कर लेते हैं।
बहुत से भारतीय इसलिए रोज नहाते हैं , क्योंकि उनका मानना है कि रोज पूजा-पाठ के लिए नहाना हर हाल में जरूरी है। लेकिन साइंस कुछ और ही कहती है। साइंस मानता है कि अगर आप रोज नहाते हैं तो अपना नुकसान कर रहे हैं साथ ही प्रतिरोधक क्षमता भी कम कर रहे हैं . दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि अगर ठंड में रोज नहीं नहा रहे हैं तो अच्छा ही कर रहे हैं . जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है .
लोग रोज क्यों नहाते है?
व्यक्ति अपने काम पर जाता है । फिर जो कपड़ा पहनकर जाता है , उसे दिनभर पहने रहता है । परिश्रम करने से शरीर का पसीना निकलता है । मौसम में यदि गरमी होती है तो पसीना अपने आप निकलने लगता है । इस तरह हमारा शरीर पूरी तरह से चिपचिपा हो जाता है । ऐसे में , यदि धूल-धक्कड़ से सामना हुआ तो और भी बुरी गति बन जाती है । इसलिए घर लौटने पर नहाने की जरूरत पड़ती है । यह तो शाम के समय का नहाना हुआ । यह स्नान बहुत कम लोग करते हैं । इस तरह पूरी रात शरीर की सारी गन्दगी लिये बीत जाती है । फिर तो हर हालत में सुबह के समय नहाना जरूरी हो जाता है । नहाने के बाद व्यक्ति कपड़ा बदलता है ।
रोज नहाने से क्या होता है? नहाने से क्या क्या फायदा होता है ?
नहाने से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में भी होता है। नहाने से दर्द और सूजन में कमी आती है और तंत्रिका तंत्र को शांति मिलती है । जिससे शरीर में तनाव और चिंता का स्तर कम होता है और आपके मूड में सुधार होता है । हाइड्रोथेरेपी उन लोगों को मदद कर सकती है जो स्केलेरोसिस से पीड़ित हैं , क्योंकि पानी का तापमान और दबाव धीरे – धीरे रीढ़ के दर्द को कम करता है। नहाने से मांसपेशियों , जोड़ों और हड्डियों को फायदा हो सकता है ये ऑस्टियोआर्थराइटिस के जोखिम को कम करता है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स को कम करता है।
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नहाने से शरीर में रक्त का प्रवाह अच्छा रहता है, जिससे जोड़ों और मांसपेशियों की कसरत भी हो जाती है। स्नान करने से इम्युनिटी बढ़ती है और ये सर्दी या फ्लू से रहत दे सकता है। नहाने से हॉर्मोन संतुलित रहते हैं हर रोज़ स्नान करने से पिट्यूटरी ग्रंथि जैसे एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन या एसीटीएच और अन्य हार्मोन जैसे बीटा एंडोर्फिन और कोर्टिसोल द्वारा जारी हार्मोन अधिक संतुलित हो सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, गर्म पानी से स्नान सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ा सकता है , जो मस्तिष्क में हैप्पी हॉर्मोन रिलीज़ करता है।
सुबह उठकर नहाना क्यों जरूरी है ?
सुबह जल्दी नहाने के लिए जल्दी उठना होता है, अधिकांश परिस्थितियों में सुबह-सुबह के समय में विचारों की पवित्रता भंग होती है। जल्दी नहाएंगे तो रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी और इस कारण हमें श्रेष्ठ स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होंगे। सुबह जल्दी नहाने से मन प्रसन्न रहता है। और साथ ही साथ शरीर मे स्फूर्ति रहता है। शरीर का आलसीपन दूर हो जाता है। और दिमाग भी तरोताजा रहता है। इसलिए सुबह नहाना जरूरी होता है।
ब्रह्म मुहूर्त में नहाने से क्या होता है ?
शास्त्रों के अनुसार तो ब्रम्हमुहूर्त में ही नहा लेना चाहिए। क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से रोगों का नाश होता है। शरीर के साथ साथ मन भी शुद्ध और पवित्र रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्यादातर इसी समय नहा लेते है और इसीलिए गांव के लोग ज्यादा फिट रहते है।
रात में नहाने के क्या फायदे हैं ?
दिनभर शरीर से पसीना निकलता है जिससे चिपचिपाहट होती है। अगर आप साम को नहाते है तो आप नहाने के बाद एकदम फ्रेस हो जाएंगे। शरीर एकदम हल्का लगेगा।नींद भी अच्छे से आएगा और साथ ही साथ आपका दिनभर का थकान दूर हो जाता हैं। रात में गुनगुने पानी से नहाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है । साथ ही अगर बुखार हो तो गर्म पानी से रात में नहाना फायदेमंद होता है। बुखार होने पर गर्म पानी से नहाने से शरीर से पसीना निकलता है और उसके साथ बुखार उतर जाता है।
कैसे नहाना चाहिए ? नहाने का सही तरीका क्या है ? स्नान करने का सही तरीका क्या है ?
नहाते समय कुछ लोग सिर पर बाद में पानी डालते हैं उससे पहले पूरे शरीर को गिला कर लेते हैं , जो शास्त्रों के अनुसार उचित नही है। इसलिए हमे इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की नहाते समय हम सर्वप्रथम अपने सिर पर पानी डाले और उसके बाद कंधो पर पानी डालिए, अंजुली में पानी लेकर मुंह पर मलिए । फिर हाथों से पानी लेकर सिर पर मलिए, उसके बाद ही पुरे शरीर को गिला करे। इसके लिए आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सर पर उड़ेलकर नहा सकते हैं । इस प्रक्रिया में केवल 1 से 2 मिनट लगता है। इसके बाद आप साबुन लगाकर भी नहा सकते है।
कितनी देर तक नहाना चाहिए ?
नहाना सेहत के लिए फायदेमंद तो है लेकिन आपको बता दें कि देर तक नहाने से स्किन में नैचुरल रूप से मौजूद तैलीय परत को अधिक नुकसान पहुंचता है । जिसके कारण आपकी स्किन रूखी और बेजान हो जाती है । इसलिए हमें नहाने में 10 मिनट से अधिक का समय नहीं देना चाहिए । वही कई लोगों का मानना हैं कि नहाने के लिए 15 मिनट का समय काफी है।
साबुन से क्यों नहाना चाहिए ?साबुन से नहाने के क्या – क्या फायदे हैं?
बॉडी टेंपरेचर जब बढ़ता है तब शरीर से पसीना निकलता है शरीर से पसीना निकलना एक तरह से अच्छा भी है क्योंकि इससे टॉक्सिन शरीर से बाहर निकलता है लेकिन स्नान ना करने के कारण पसीना ज्यादा आता है इससे बैक्टीरिया बनने लगते हैं इसे शरीर से दूर करने के लिए रोजाना साबुन से स्नान जरूरी हो जाता है। शरीर में ज्यादा पसीने से बैक्टीरिया बनते हैं जब बैक्टीरिया और पसीना एक साथ मिलता है तो शरीर से बदबू आने लगते हैं और धीरे-धीरे बैक्टीरिया की वजह से खुजली भी शुरू हो जाती है ऐसी समस्या ना हो इसके लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से साबुन से नहाये। ताकि आप स्वस्थ रहे।
दोस्तों अब तो आप जान ही गए होंगे कि नहाना क्यों जरूरी है? लोग क्यों नहाते हैं? क्या कारण है कि लोग रोज नहाते हैं? तो अपने दोस्तों को भी सोशल मीडिया पर शेयर करे।