भारत की जनसंख्या कितनी है? जनसंख्या वृद्धि के कारण और समाधान

भारत की जनसंख्या

भारत की अनेक समस्याओं में जनसंख्या की समस्या सबसे अधिक विकराल है जो स्वयं एक बड़ी समस्या तो है ही साथ ही अनेक अन्य समस्याओं को जन्म भी देती है। सन् 2000 तक यह एक अरब का आंकड़ा पार कर चुकी थी। और 2022 के आते तक भारत की जनसंख्या लगभग 1,401,865,325 (140 करोड़) हो गया है।

भारत की जनसंख्या कितनी है? जनसंख्या वृद्धि के कारण और समाधान

जनसंख्या की समस्या

आज चीन को छोड़कर भारत की आबादी सबसे ज्यादा है। पहले गाँव के बड़े-बूढ़े कहा करते थे की जिस घर में पाँच-सात पुत्र हैं, वे उसकी शक्ति के प्रतीक हैं, पर आज तो अधिक संतान का होना परिवार पर अभिशाप बन जाता है। स्वतंत्रता के बाद भारत ने हर क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है परंतु जनसंख्या की अनियंत्रित बढ़ोत्तरी के कारण यह प्रगति नगण्य दिखाई देती है। जनसंख्या की अधिकता के कारण राष्ट्रीय आय का एक बड़ा भाग जनसंख्या पर खर्च हो जाता है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण

जनसंख्या वृद्धि के कारणों में कम आयु में लड़के-लड़कियों का विवाह किया जाना है। कम आयु में विवाह हो जाने पर कम आयु में ही संतान का जन्म हो जाता है। भारतीयों के धार्मिक विश्वास भी जनसंख्या को बढ़ाते हैं। लोगों का मानना है कि वंश वृद्धि तथा माता-पिता की मृत्यु के बाद उसे पिंड दान के लिए पुत्र का होना आवश्यक है। अतः परिवार में लड़की का जन्म होता है तो लड़कों की इच्छा में संतानोत्पत्ति जारी रहती है। मृत्यु दर में कमी तथा अशिक्षित लोगों द्वारा परिवार नियोजन को धर्म विरुद्ध समझने के कारण भी जनसंख्या अनियंत्रित गति से बढ़ रही है।

बढ़ते जनसंख्या के दुष्परिणाम

आज जनसंख्या की अधिकता के कारण बेकारी, गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार जैसी भयंकर समस्याओं का जन्म होता है। आज समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार, अपराध, हिंसा, चोरी, डकैती, लूटपाट आदि का जो बोलबाला है, वह बढ़ती जनसंख्या के कारण ही है। जनसंख्या की अधिकता के कारण अनेक योजनाएँ विफल हो जाती हैं। गाँवों में जनसंख्या की वृद्धि के कारण, कृषि योग्य भूमि की कमी हो जाती है तथा गाँवों की जनसंख्या शहरों की ओर पलायन करने लगती है, जिससे भी अनेक समस्याओं तथा बुराइयों का जन्म होता है। बेकारी तथा गरीबी की समस्याओं का मूल कारण भी जनसंख्या की बढ़ोतरी ही है।

जनसंख्या रोकने का समाधान

जनसंख्या की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए गाँव-गाँव में परिवार नियोजन का प्रचार करना होगा तथा परिवार नियोजन अपनाने वाले दंपत्तियों को पुरस्कृत करने तथा विशेष सुविधाएँ प्रदान करने की योजनाएँ चलानी होंगी। कानून द्वारा जनसंख्या पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। जनसाधारण में इस समस्या की गंभीरता के प्रति चेतना लाकर इसे कुछ हद तक रोका सकता है।

वैसे तो शासन-प्रसाशन द्वारा बहुत से ऐसी योजनायें और कानून चलाये जा रहे ताकि जनसंख्या को कंट्रोल किया जा सके। लेकिन सिर्फ कानून बना देने से कुछ नही होता उसे कड़े रूप से जब तक पालन नही करवाया जाता तब तक ऐसे हजारों कानून बनाने से भी कोई फायदा नही है।

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