प्रमुख सहायक नदी | भारत के प्रमुख नदियों की सहायक नदियां

प्रमुख सहायक नदी | भारत के प्रमुख नदियों की सहायक नदियां

भारत मे गंगा सहित बहुत से बड़े बड़े और महत्वपूर्ण नदियां है। जो भारत के भूगौलिक स्थिति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन ये नदियां इतना बड़े और महत्वपूर्ण अपने सहायक नदियों के वजह से ही बनती है। आज हम चर्चा करेंगे इन्ही नदियों के बारे में, तो चलिए देखते है  प्रमुख सहायक नदी, भारत के प्रमुख नदियों की सहायक नदियां कौन कौन सी है पूरे विस्तार से।

भारत के प्रमुख नदियों की सहायक नदियां

प्रमुख सहायक नदी | भारत के प्रमुख नदियों की सहायक नदियां

गंगा की सहायक नदी

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

गंगा भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती हुई उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। इस बीच गंगा में बहुत से नदियां आकर मिल जाती है। गंगा में बायें ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ राम गंगा, करनाली (सरयू), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी हैं तथा दाहिनी नदियाँ यमुना, चम्बल, सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस पुु हैं यमुना, गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है।

1. गोमती नदी

गोमती नदी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है, जो गंगा नदी की एक प्रमुख उपनदी है। गोमती राज्य के पीलीभीत ज़िले के माधोटांडा ग्राम के समीप स्थित गोमत ताल में आरम्भ होती है। 960 कि॰मी॰ का सफर तय करने के बाद यह गाज़ीपुर ज़िला में सैदपुर के समीप गंगा जी में विलय हो जाती है। गोमती और गंगा के संगम में प्रसिद्ध मार्कण्डेय महादेव मंदिर स्थित है। गोमती को हिन्दू एक पवित्र नदी मानते हैं और भागवत पुराण के अनुसार यह पाँच दिव्य नदियों में से एक है।

2. घाघरा नदी

घाघरा नदी या कर्णाली नदी तिब्बत, नेपाल और भारत में बहने वाली एक नदी है। यह गंगा नदी की एक प्रमुख उपनदी है। घाघरा नदी ये नदी बाई और से मिलने वाली सहायक नदियों में से एक नदी है। यह दक्षिणी तिब्बत के ऊंचे पर्वत शिखरों हिमाल से मानसरोवर झील के समीप से निकलती है। यहाँ से यह नेपाल में प्रवेश करती है, जहाँ इसका नाम कर्णाली है। इसके बाद यह भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है। यह लगभग 970 किमी की यात्रा के बाद बलिया और छपरा के बीच यह गंगा में मिल जाती है।

3. गंडक नदी

गण्डकी नदी, नेपाल और बिहार में बहने वाली एक नदी है जिसे बड़ी गंडक या केवल गंडक भी कहा जाता है। गण्डक नदी, गंगा की सहायक नदी है। यह पटना के पास गंगा में मिल जाती है। यह नदी काफी दूर तक उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्यों के बीच सीमा निर्धारित करती है । इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 1310 किलोमीटर है ।
यह नदी मार्ग – परिवर्तन के लिए भी प्रसिद्ध है ।

इस नदी को नेपाल में सालिग्रामि या सालग्रामी और मैदानों मे नारायणी और सप्तगण्डकी कहते हैं । चितवन में गण्डकी नदी और उस पर बना सेतु गण्डकी हिमालय से निकलकर दक्षिण – पश्चिम बहती हुई भारत में प्रवेश करती है।

4. कोसी नदी

बिहार का शोक के नाम से कोशी नदी को जाना जाता है। कोसी नदी के कुल लंबाई 720 किमी यह नदी काफी दूर तक उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्यों के बीच सीमा निर्धारित करती है। कोसी नदी भी सहायक नदियों में से एक नदी है। गंगा में बहुत से नदियां आकर मिल जाती है। गंगा में बायें ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ में से एक नदी कोसी भी है।

5. यमुना नदी

यमुना, गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री नामक जगह से निकलती है और प्रयाग ( प्रयागराज ) में गंगा से मिल जाती है। यमुना का उद्गम स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ ऊँचाई 6200 मीटर से 7 से 8 मील उत्तर – पश्चिम में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी कहा जाता है। यमुना नदी की औसत गहराई 10 फीट और अधिकतम गहराई 35 फीट तक है। प्रयाग में यमुना एक विशाल नदी के रूप में प्रस्तुत होती है और वहाँ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के नीचे गंगा में मिल जाती है। ब्रज की संस्कृति में यमुना का महत्वपूर्ण स्थान है।

6. सोन नदी

यह मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का नाम सोन पड़ा क्योंकि इस नदी के बालू ( रेत ) पीले रंग के हैं जो सोने कि तरह चमकते हैं। इस नदी के रेत भवन निर्माण आदी के लिए बहुत उपयोगी हैं यह रेत पूरे बिहार शहडोल, रीवा में भवन निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है। गंगा नदी की सहायक नदियों में सोन का प्रमुख स्थान है। सोन नदी भारत में नर्मदा नदी के स्रोतस्थल से पूर्व से निकलती है। यह उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्यों से गुज़रकर बिहार के पटना ज़िले में गंगा नदी में विलय हो जाती है।

7. रामगंगा नदी

रामगंगा नदी भारत की प्रमुख तथा पवित्र नदियों में से एक हैं। चन्द कदमों की दूरी के उपरान्त स्वच्छ स्वेत धवल सी भूगर्भ से निकलती है और इसी अस्तित्व में प्रकट होकर रामगंगा नाम से पुकारी जाती है। यहीं से रामगंगा का उद्गम होता है। राम गंगा के धार्मिक आस्था के महत्व बहुत है। इसके साथ ही भारत का 1 % सोना रामगंगा नदी घाटी मे पाया जाता है।

यमुना की सहायक नदी

यमुना नदी, यमुनोत्री नामक जगह से निकलती है और प्रयाग ( प्रयागराज ) में गंगा से मिल जाती है। यमुना का उद्गम स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ ऊँचाई 6200 मीटर से 7 से 8 मील उत्तर – पश्चिम में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी कहा जाता है। यमुना नदी की औसत गहराई 10 फीट और अधिकतम गहराई 35 फीट तक है। प्रयाग में यमुना एक विशाल नदी के रूप में प्रस्तुत होती है और वहाँ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के नीचे गंगा में मिल जाती है। ब्रज की संस्कृति में यमुना का महत्वपूर्ण स्थान है।

1. चंबल नदी

चंबल नदी मध्य और उत्तरी भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी है, बारहमासी चंबल मध्य प्रदेश में विंध्य रेंज के दक्षिणी ढलान पर, मानपुर, इंदौर के पास, महू शहर के दक्षिण में जानापाव से निकलती है। चंबल नदी को प्रदूषण मुक्त माना जाता है, यह एक पौराणिक नदी है, और प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। महाकाव्य महाभारत में वर्णित एक नदी है। ऐसा माना जाता है कि चंबल नदी का प्राचीन नाम चर्मणवती था, जिसका अर्थ है वह नदी जिसके किनारे का चमड़ा सुखाया जाता है। कालान्तर में यह नदी ‘चारमन’ (त्वचा) की नदी के रूप में प्रसिद्ध हुई और इसका नाम चारमनवती रखा गया।

2. सिंध नदी

सिंध नदी मध्य और उत्तरी भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी में से एक है। सिंध के परिदृश्य में ज्यादातर सिंधु नदी के किनारे जलोढ़ मैदान, भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ प्रांत के पूर्वी हिस्से में थार रेगिस्तान है। यह क्रमशः उत्तर में बलूचिस्तान और पंजाब के पाकिस्तानी प्रांतों और भारतीय राज्यों के साथ भूमि सीमा साझा करता है। गुजरात और राजस्थान के पूर्व में यह दक्षिण में अरब सागर से भी घिरा है।

3. बेतवा नदी

बेतवा नदी मध्य और उत्तरी भारत में एक नदी है, और एक सहायक नदी में से एक है। और यह मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम के उत्तर में विंध्य रेंज (रायसेन) में उगता है और मध्य प्रदेश और ओरछा से उत्तर प्रदेश तक उत्तर पूर्व में बहती है, और यह मालवा के पठार के ऊपर से भी गुजरता है।

4. केन नदी

केन नदी भारत में यमुना नदी की एक उपनदी या सहायक नदी है। केन नदी कटनी, मध्यप्रदेश से प्रारंभ होती है, पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर बाँदा, उत्तरप्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है । सका उद्गम विंध्याचल पर्वत से होता है। तथा यह बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरते हुए यमुना नदी में मिल जाती है।

5. टोंस नदी

टोंस यमुना की एक सहायक नदी में से एक है।
यह सबसे प्रमुख बारहमासी भारतीय हिमालयी नदियों में से एक है। टोंस उप-हिमालय अनुक्रम में पार करने के बाद यमुना नदी में बहती है। वास्तव में, यह यमुना से भी अधिक पानी वहन करती है, जो यह उत्तराखंड के देहरादून के पास कलसी के नीचे मिलती है। और उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र से होकर बहती है, हिमाचल प्रदेश को छूती है।

6. हिन्डन नदी

हिंडन नदी, यमुना नदी की एक सहायक नदी, भारत में बहने वाली नादियो में से एक है।नदी पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर है और इसका अनुमानित जलग्रहण क्षेत्र 7,083 वर्ग किलोमीटर (2,735 वर्ग मील) है। जो उत्तर में शाकुंभरी देवी रेंज ऊपरी शिवालिक से सहारनपुर जिले में निकलती है।

गोदावरी की सहायक नदी

गोदावरी की उपनदियों में प्रमुख हैं प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा। यह नदी दूसरी प्रायद्वीपीय नदियों में से सबसे बड़ी नदी है। इसे दक्षिण गंगा भी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट में त्र्यंबक पहाड़ी से हुई है। इसकी लम्बाई प्रायः 1465 किलोमीटर है। इस नदी का पाट बहुत बड़ा है। यह महाराष्ट, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राजहमुन्द्री शहर के समीप बंगाल की खाड़ी मे जाकर मिलती है। इस गोदावरी नदी के एक काफी गहरी, एक सबसे बड़ी गहराई है, इसकी औसत गहराई 17 फीट और अधिकतम गहराई 62 फीट है।

1. इंद्रावती नदी

इंद्रावती नदी गोदावरी नदी की एक धारा है। इंद्रावती को कभी-कभी कालाहांडी, नबरंगापुर, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की “जीवन रेखा” के रूप में जाना जाता है, जो भारत के सबसे हरे जिलों में से एक है। इंद्रावती नदी को छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले की ऑक्सीजन के रूप में भी जाना जाताहै। तीन धाराओं के समामेलन के कारण, नदी एक पश्चिमी मार्ग का अनुसरण करती है. और छत्तीसगढ़ राज्य में जगदलपुर में प्रवेश करती है। वे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य हैं।

2. मंजिरा नदी

मांजरा नदी गोदावरी नदी की एक सहायक नदी है ।जिसे मंजारा या मंजीरा भी कहा जाता है ,इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 30,844 वर्ग किलोमीटर है। यह अहमदनगर जिले के पास बालाघाट पर्वत माला में 823 मीटर की ऊँचाई पर और गोदावरी नदी में खाली हो जाती है। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों से होकर गुजरता है।

3. बिन्दुसार नदी

यह सिंधफाना की एक सहायक नदी और गोदावरी नदी की एक उप-सहायक नदी है। विभिन्न छोटी धाराएँ नदी में योगदान करती हैं। बीड शहर बिंदुसार नदी के तट पर स्थित है। बेंडसुरा एक तेज और मौसमी नदी है। वनस्पति की कमी और चट्टानी और लहरदार इलाके भारी बारिश में हिंसक बाढ़ में योगदान करते हैं। बिन्दुसार जिसे बेंडसुरा भी कहा जाता है, भारत के महाराष्ट्र राज्य में बीड जिले में स्थित एक छोटी नदी है।

4. सरबरी नदी

यह गोदावरी नदी की सहायक नदी, भारत में बहने वाली नादियो में से एक है। यह गोदावरी नदी की एक प्रमुख उपनदी है। साबरी नदी या शाबरी नदी भारत के छत्तीसगढ़, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है।

5. पेनगंगा

यह गोदावरी नदी की एक प्रमुख उपनदी है। पैनगंगा नदी (जिसे पेंगंगा नदी भी कहा जाता है) बुलढाणा जिले, हिंगोली जिले, नांदेड़ जिले की प्रमुख नदी है। यह गहराई से घुसा हुआ है और नेविगेट करने में मुश्किल है। यह अजंता रेंज में उगता है और वर्धा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो जिले की अन्य प्रमुख नदी है। भारत में महाराष्ट्र राज्य में यह जिले की दक्षिण-पूर्वी सीमाओं के साथ एक घुमावदार, घुमावदार मार्ग में बहती है।

6.प्राणहिता

प्राणहिता नदी गोदावरी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी में से एक है। प्राणहिता उप बेसिन भारत में सातवां सबसे बड़ा है।यह महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले और तेलंगाना में कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले की सीमा के साथ बहती है। सहायक नदियों के अपने व्यापक नेटवर्क के कारण, नदी महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के एक बड़े हिस्से के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश में सतपुड़ा रेंज के दक्षिणी ढलानों को भी बहा देती है।

कृष्णा की सहायक नदी

कृष्णा भारत में बहने वाली एक नदी है । यह पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है यह दक्षिण – पूर्व राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है । कृष्णा नदी का संगम बंगाल की खाड़ी है। इसके मुहाने पर बहुत बड़ा डेल्टा है। इसका डेल्टा भारत के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है। इसकी लम्बाई लगभग 1400 किलोमीटर है।

1. तुंगभद्रा

जो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के बीच की सीमा के साथ बहने से पहले और अंततः तेलंगाना के जोगुलम्बा गडवाल जिले के गुंडीमल्ला गांव के पास कृष्णा नदी में शामिल होने से पहले, अपने अधिकांश पाठ्यक्रम के दौरान कर्नाटक राज्य से शुरू होती है और बहती है। तुंगभद्रा नदी भारत में एक नदी में से एक है।

2. घटप्रभा

घटप्रभा नदी भारत के महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में बहने वाली एक नदी है । महाराष्ट्र में ईस नदी का नाम हिरन्यकेशी नदी है। घटप्रभा नदी का ऊगम सिंधूदुर्ग जिले के आंबोली में हुवा। जो की कर्नाटक के हेडकल ड्याम के बाद घटप्रभा नाम से जानने लगी। कृष्णा नदी की एक उपनदी है और कर्नाटक के चिक्कसंगम ग्राम में उसमें दाई दिशा से विलय होती है। कर्नाटक के बेलगाम जिले के गोकाक शहर से लगभग छह किमी दूर घटप्रभा पर गोकाक जलप्रपात स्थित है।

3. मालाप्रभा

कृष्णा नदी की एक सहायक नदी है और भारत में कर्नाटक राज्य से होकर बहती है। यह पश्चिमी घाट से निकलती है। मलयप्रभा नदी भारत की नदी में से एक प्रमुख नदी हैं। यह नदी बागलकोट जिले के कुडलसंगम में कृष्णा नदी में मिलती है।

4. भीम नदी

भारत के पश्चिमी व दक्षिणी भाग में एक प्रमुख नदी है। इसका उद्गम पश्चिमी घाट की भीमशंकर पर्वतश्रेणी से होता है। भीमा अपवाह क्षेत्र पश्चिमी घाट ( पश्चिम ), बालाघाट पर्वतश्रेणी ( उत्तर ) और महादेव पर्वतश्रेणी ( दक्षिण ) से सीमांकित है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ सीना और नीरा हैं। यह दक्षिणपूर्वी दिशा में 861 किमी बहती है, और महाराष्ट्र , कर्नाटक व तेलंगाना राज्यों से गुज़रती है। भीम नदी, जिसे चंद्रभागा नदी भी कहा जाता है।

5. वेदावती

दो नदियाँ, वेद और अवथी, बाबाबुदनगिरी पर्वत श्रृंखलाओं में सह्याद्रि पहाड़ी श्रृंखला के पूर्वी भाग में उत्पन्न होती हैं, पूर्व की ओर बहती हैं, और पुरा के पास मिलकर वेदवती नदी बनाती हैं। वेदावती भारत की नदी में से एक है, कुछ हिस्सों में वेदवती को हागरी भी कहा जाता है। यह पश्चिमी घाट के बाबाबुदनागिरी पर्वत से निकलती है और कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर बहती है। फिर यह क्रमशः चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्ग तालुक, हिरियुर तालुक और चल्लकेरे तालुक में प्रवेश करती है।

6. कोयना

कोयना नदी कृष्णा नदी की एक सहायक नदी है।
कोयना नदी कोयना बांध और कोयना जलविद्युत परियोजना के लिए प्रसिद्ध है। कोयना जलविद्युत परियोजना भारत में दूसरी सबसे बड़ी पूर्ण पनबिजली परियोजना है। जो महाबलेश्वर, सतारा जिल , पश्चिमी महाराष्ट्र, भारत से निकलती है, महाराष्ट्र की अधिकांश अन्य नदियों के विपरीत, जो पूर्व-पश्चिम दिशा में बहती हैं, कोयना नदी उत्तर-दक्षिण दिशा में बहती है।

कावेरी की सहायक नदी

भारत की महत्त्वपूर्ण नदी में से एक है। कावेरी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरी से निकली है। इसकी लम्बाई प्रायः 760 किलोमीटर है। सिमसा, हेमावती, भवानी इसकी उपनदियाँ है। दक्षिण पूर्व में प्रवाहित होकर कावेरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिली है। कावेरी नदी के डेल्टा पर अच्छी खेती होती है। इसे दक्षिण भारत की गंगा भी कहते है । कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ शहर, तिरुचिरापल्ली हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।

1. काबिनी

यह केरल राज्य के कोझीकोड जिले में कविलम्पारा के पास पनामारम नदी और मनंतवाडी नदी के संगम से निकलती है। यह कर्नाटक के मैसूर जिले में प्रवेश करते हुए वायनाड जिले के माध्यम से पूर्व की ओर बहती है।

2. हेमावती

हेमावती कर्नाटक के निकट दक्षिण भारत में एक नदी है , और कावेरी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है। कर्नाटक राज्य में चिकमगलूर जिले के मुदिगेरे तालुक में स्थित, यह हसन जिले से होकर बहती है जहां यह अपनी प्रमुख सहायक नदी यागाची नदी से जुड़ती है और फिर कृष्णराजसागर के पास कावेरी में शामिल होने से पहले मांड्या जिले में मिलती है। बनकल के दक्षिणी किनारे पर हेमावती नदी गोरूर में लू क्राइस्ट हेमावती बांधहेमावती नदी का स्रोत लगभग 1,219 मीटर की ऊंचाई पर पश्चिमी घाट में स्थित है। यह लगभग 245 किमी लंबा है।

3.सिम्शा

यह कावेरी नदी की सहायक नदियों में से एक है,
शिम्शा एक नदी है जो भारत के कर्नाटक राज्य में बहती है। नदी कर्नाटक के तुमकुर जिले में देवरायनदुर्गा पहाड़ी के दक्षिणी भाग में निकलती है और लगभग 221 किमी (137 मील) तक बहती है। जो दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों में से एक है।

4. अर्कावती

यह कावेरी नदी की एक उपनदी है। अर्कावती का आरम्भ चिक्कबल्लापुर जिले की नन्दी पहाड़ियों में होता है। कुमुदवती और वृषभावती नदियाँ इसकी उपनदियाँ हैं। अर्कावती नदी भारत के कर्नाटक राज्य में बहने वाली एक नदी है।

5. भवानी

यह केरल के पश्चिमी घाट से निकलती है और केरल की 3 नदियों में से एक है जो पूर्व दिशा में बहती है। भवानी एक भारतीय नदी है, जो भारत के केरल और तमिलनाडु, भारत के राज्यों से होकर बहती है।

नर्मदा की सहायक नदी

भारत की महत्त्वपूर्ण नदी में से एक है। नर्मदा नदी भारत में एक नदी, जिसे रेवा के नाम से भी जाना जाता है। यह गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद भारत के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है। मध्य प्रदेश राज्य में इसके विशाल योगदान के कारण इसे ” मध्य प्रदेश की जीवन रेखा ” भी कहा जाता है। मध्य भारत की एक नदी और भारतीय उपमहाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी है। यह अपने उद्गम से पश्चिम की ओर 1,312 किमी चल कर खंभात की खाड़ी, अरब सागर में जा मिलती है।

1. अमरावती

अमरावती नदी और उसके बेसिन, औद्योगिक प्रसंस्करण पानी और अपशिष्ट निपटान के लिए अत्यधिक उपयोग किया जाता है, और परिणाम स्वरूप बड़ी मात्रा में कपड़ा रंगाई और ब्लीचिंग इकाइयों के कारण गंभीर रूप से उपयोग किया जाता है। यह दक्षिण भारत के उपजाऊ जिलों में कावेरी नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। अमरावती बांध में 4 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित है। अमरावती नाम दक्षिण भारत के हिंदू अतीत और वर्तमान को प्रतिध्वनित करता है। हिंदू धर्म के अनुसार, नदी देवी अंबाल की कृपा से स्वर्ग का निर्माण करती है।

2. भुखी

इसका उद्गम अंगिया गांव के पास है। भुखी नदी गुजरात में पश्चिमी भारत में एक नदी है। इसके बेसिन की अधिकतम लंबाई 28 किमी है। बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र 56 किमी 2 है।

3. तवा

तवा नदी मध्य भारत की नर्मदा नदी की एक सहायक नदी है। यह बैतूल के सतपुड़ा रेंज में उगता है और उत्तर और पश्चिम में बहती है, होशंगाबाद जिले के बांद्रा भान गांव में नर्मदा में मिलती है। तवा 172 किमी पर नर्मदा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह भारत का सबसे पुराना वन संरक्षित क्षेत्र, बोरी रिजर्व फॉरेस्ट, 1865 में तवा के किनारे स्थापित किया गया था।

सिंधु की सहायक नदी

सिन्धु नदी का उद्गम स्थल , तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन – का – बाब नामक जलधारा माना जाता है । इस नदी की लंबाई प्राय: 3610 किलोमीटर है। यह नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। सिन्धु नदी एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत ( लद्दाख ) और चीन ( पश्चिमी तिब्बत ) के माध्यम से बहती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है।

1.सतलुज

यह सिंधु नदी की सबसे पूर्वी सहायक नदी है। सतलुज नदी को सतद्रू के नाम से भी जाना जाता है। नदी सतलुज पंजाब, राजस्थान और हरियाणा राज्यों को सिंचाई और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए होती है। सतलुज नदी उन पांच नदियों में सबसे लंबी है जो उत्तरी भारत और पाकिस्तान में पंजाब के ऐतिहासिक चौराहे क्षेत्र से होकर बहती हैं।

2. द्रास

लद्दाख के भारतीय केंद्र शासित प्रदेश में कारगिल जिले में एक नदी है। विभिन्न स्थानीय समूहों द्वारा संयुक्त नदी को वैकल्पिक रूप से सुरू, द्रास और शिंगो कहा जाता है। पाकिस्तान प्रशासित बाल्टिस्तान में समानांतर दिशा में बहने वाली शिंगो नदी भी द्रास नदी में मिल जाती है। द्रास नदी, जिसे द्रास नदी भी कहा जाता है, यह ग्रेट हिमालयन रेंज में जोजी ला पास के नीचे से निकलती है और उत्तर पूर्व में कारगिल की ओर बहती है, जहां यह सुरू नदी में मिलती है।

3. जांस्कर

ज़ंस्कार नदी के ऊपरी भाग में इसकी दो शाखाएँ हैं।  पहली शाखा, डोडा नदी , 4,400 मीटर ऊँचे दर्रे से आरम्भ होती है और दक्षिणपूर्व दिशा में मुख्य जंस्कार घाटी के साथ – साथ बहती हुई ज़ंस्कार की राजधानी पदुम की ओर जाती है। दूसरी शाखा स्वयं दो उपनदियों से मिलकर बनती है – शिंगो ला के पास उत्पन्न होने वाली करग्याग नदी और बारालाचा ला के पास उत्पन्न होने वाली त्सराप नदी – जिनका संगम पुरने नदी के पास होता है। ज़ंस्कार नदी भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के ज़ंस्कार क्षेत्र में बहने वाली सिन्धु नदी की एक उपनदी है।

4. श्योक

यह दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है और पैंगोंग श्रेणी में शामिल होकर, यह एक उत्तर-पश्चिमी मोड़ लेता है, नदी स्कर्दू शहर के पूर्व में केरिस में सिंधु से मिलती है। श्योक नदी का उद्गम रिमो ग्लेशियर से होता है, जो सियाचिन ग्लेशियर की एक भाषा है। श्योक नदी (शाब्दिक “मृत्यु की नदी”) सिंधु नदी की एक सहायक नदी जो उत्तरी लद्दाख से होकर बहती है और लगभग 550 किमी में फैले गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रवेश करती है। (340 मील)।

5.गिल्गिट

यह सिन्धु नदी की एक उपनदी है। गिलगित शहर इसी नदी के किनारे बसा हुआ है। गिलगित नदी 3,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शन्दूर झील से शुरु होती है और आगे चलकर इसमें पहले दाई तरफ़ से ग़िज़र नदी और फिर बाई तरफ़ से हुन्ज़ा नदी मिलती है। लद्दाख के गिलगित – बलतिस्तान क्षेत्र में बहने वाली एक नदी, गिलगित नदी जो ग़िज़र नदी भी कहलाती है।

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी

भारत की महत्त्वपूर्ण नदी में से एक है। ब्रह्मपुत्र का नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र के नाम से भी जाना जाता है। सुवनश्री, तोर्सा, लोहित, आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। ब्रह्मपुत्र नदी एक बहुत लम्ब (2900 किलो मीटर ) नदी है। ब्रह्मपुत्र की औसत गहराई 38 मीटर है। प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है।

1. दिबांग

दिबांग नदी ब्रह्मपुत्र नदी की एक उपनदी है जो भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में बहती है।

2. लोहित

लोहित नदी ब्रह्मपुत्र नदी की एक उपनदी है जो भारत के असम राज्यों में बहती है। लोहित नदी ब्रह्मपुत्र नदी की बहने वाली नदी में से एक है।

3. जिया भोरेली (कामेंग)

कामेंग नदी ब्रह्मपुत्र नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है। कामेंग नदी लगभग 264 किलोमीटर ( 164 मील ) लंबी है। कामेंग नदी ( पहले भारली नदी का नाम , जिसे अब कामेंग कहा जाता है अरुणाचल प्रदेश और जीभाराली ( जिया भराली ) में असम ) पूर्वी में हिमालय के पहाड़ में उत्पन्न होता है।

4. सुबानसिरी मानस

सुबनसिरी नदी भारत के असम व अरुणाचल प्रदेश राज्यों तथा तिब्बत में बहने वाली सहायक नदियों में से एक है, जो ब्रह्मपुत्र नदी की सबसे बड़ी उपनदी है, और पूर्व व दक्षिण पूर्व दिशाओं में बहती हुई भारत में प्रवेश करती है, अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी और निचले सुबनसिरी ज़िलों का नाम इसी नदी पर रखा गया है।

दामोदर की सहायक नदी

भारत की महत्त्वपूर्ण नदी में से एक है। दामोदर नदी की द्रोणी ( बेसिन ) दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है। दामोदर पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है।
इसकी कुल लंबाई 592 km है। इस नदी पर बाँध बनाकर जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है। कोनार तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं। भारत के प्रमुख कोयला एवं अभ्रक क्षेत्र भी इसी घाटी में स्थित हैं। पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे इसको ‘बंगाल का अभिशाप’ कहा जाता था।

1. बराकर

बराकर नदी पूर्वी भारत में दामोदर नदी की मुख्य सहायक नदी है। उद्गम पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के आसनसोल में दशरगढ़ के निकट दामोदर में शामिल होने से पहले छोटा नागपुर पठार के उत्तरी भाग में 225 किलोमीटर तक बहती है।

2. कोनार

कोनार नदी भारत के झारखंड में बहने वाली दामोदर नदी की सहायक नदी है। रवि की सहायक नदी भारत की महत्त्वपूर्ण नदी में से एक है। यह सिंधु के सहायक पंचनद में सबसे छोटी नदी हैं। रावी उत्तरी भारत में बहने वाली एक नदी में से एक है। तथा इसे “लहौर नदी” भी कहा जाता है। इसका ऋग्वैदिक कालीन नाम “परुष्णी ” है। यह अमृतसर और गुरदासपुर की सीमा बनाती है।

1. नई या धोना

नई या धोना नदी रावी नदी की एक सहायक नदी है ,जो भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से होकर बहती है।

2. सिउल

सिउल नदी रावी नदी की एक सहायक नदी है जो
भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से होकर बहती है।

3. ऊझ

उज्ह नदी रावी नदी की एक सहायक नदी है जो भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में कठुआ जिले से होकर बहती है।

महानदी की सहायक नदी

महानदी का प्राचीन काल में नाम चित्रोत्पला, महानन्दा एवं नीलोत्पला था। यह छत्तीसगढ़ तथा ओड़िशा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। सिहावा से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरने तक महानदी लगभग 855 कि.मी. की दूरी तय करती है। महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। महानदी का डेल्टा कटक नगर से लगभग सात मील पहले से शुरू होता है। यहाँ से यह कई धाराओं में विभक्त हो जाती है तथा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इस पर बने प्रमुख बाँध हैं- रुद्री, गंगरेल तथा हीराकुंड। यह नदी पूर्वी मध्यप्रदेश और उड़ीसा की सीमाओं को भी निर्धारित करती है।

1. शिवनाथ

शिवनाथ नदी या सिवनाथ नदी महानदी की सबसे लंबी सहायक नदी है, जो भारत के छत्तीसगढ़ में जांजगीर-चांपा जिले के चंगोरी में मिलती है। यह नाम हिंदू धर्म में भगवान शिव के लिए आता है।

2. हसदेव

इस नदी पर हसदेव बांगो बांध बनाया गया है। नदी की कुल लंबाई 333.0 किमी हसदेव नदी की प्रमुख सहायक नदी गेज नदी है। हसदेव नदी महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह नदी छत्तीसगढ़ राज्य में बहती है। यह शिलादेही (बिर्रा) के पास महानदी नदी में मिल जाती है।

3. जोंक

यह शिवरीनारायण में महानदी से मिलती है। जोंक नदी महानदी की एक सहायक नदी है जो नुआपाड़ा जिले और बरगढ़ जिले के माध्यम से लगभग 210 किलोमीटर तक बहती है।

4. मांड

यह रायगढ़ ज़िले से गुज़रकर जांजगीर – चाम्पा जिले में प्रवेश करती है, जहाँ यह चंद्रपुर के समीप महानदी में विलय हो जाती है। माँड नदी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बहने वाली एक नदी है। यह 241 कि॰मी॰ लम्बी नदी महानदी की एक उपनदी है। कोइराज नदी और कुटकुट नदी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।

5. ओंग

ओंग नदी महानदी की एक सहायक नदी है। नदी 457 मीटर की ऊंचाई पर उगती है और महानदी से मिलने से पहले 204 किमी चलती है।

चम्बल की सहायक नदी

चम्बल नदी, भारत की महत्त्वपूर्ण नदी में से एक है। इसका प्राचीन नाम ” चर्मण्वती ” है। चम्बल ( चंबल ) नदी मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है। यह राजस्थान का सबसे ऊंचा जलप्रपात है। राजस्थान की औधोगिक नगरी कोटा इस नदी के किनारे स्थित है। इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना -गांधी सागर , राणा सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज ( कोटा ) – चल रही है । यह नदी दक्षिण की ओर मुड़ कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है।

1. बानस

यह चंबल नदी की एक सहायक नदी है, जो स्वयं यमुना की एक सहायक नदी है, जो बदले में गंगा में मिल जाती है। बनास की लंबाई लगभग 512 किलोमीटर है। बनास एक नदी है जो पूरी तरह से पश्चिमी भारत में राजस्थान राज्य के भीतर स्थित है।

2. कालि सिंध

यह चम्बल की एक सहायक नदी है । नदी की कुल लम्बाई 150 किलोमीटर है। काली सिन्ध नदी भारत के मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों में बहने वाली एक नदी है।

3. शीप्रा

नदी धार जिले के उत्तर में निकलती है, और मंदसौर जिले में एमपी-राजस्थान सीमा पर चंबल नदी में शामिल होने के लिए मालवा पठार के उत्तर में बहती है। यह हिंदू धर्म की पवित्र नदियों में से एक है। शिप्रा नदी के किनारे सैकड़ों हिंदू मंदिर हैं। शिप्रा, जिसे क्षिप्रा के नाम से भी जाना जाता है, मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक नदी है।

4. पार्बती

यह चम्बल की एक सहायक नदी है। पार्वती – चंबल प्राचीन काल की प्रसिद्ध संगम पर त्रिवेणी संगम पर स्थित है जहां पर नेशनल चंबल सेंचुरी बना हुआ है। पार्वती नदी मध्य प्रदेश की नदी है, जिसे ‘ पारा ‘ नाम से भी जाना जाता है ।

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