महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी, महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां कौन कौनसा है?

महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी | महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां कौन कौनसा है?

दुनियाभर में बहुत से बड़े बड़े और ऊंचे पहाड़ है, और इन सभी की अपनी एक अलग पहचान है। इसी कड़ी में आइये देखते है दुनिया के सभी महाद्वीपों की कौन कौन से सर्वोच्च चोटी है? महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां कौन कौनसा है?

चोटी क्या क्या ?

पूरी दुनिया ऊंचे पहाड़ों, और जंगलों से भरा हुआ। चोटियां पहाड़ो या पहाडिय़ों की शृंखला होती है। जो दूर ढलानो मे लगातर विस्तृत होते रहते है, और सर्वोच्च चोटी का निर्माण करती है।

विश्व के 7 महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी

  1. एशिया – माउंट एवरेस्ट
  2. दक्षिणी अमेरिका – एकांकागुआ
  3. उत्तरी अमेरिका – मैककिनले
  4. अफ्रीका – किलिमंजारो
  5. यूरोप – एलब्रुश पर्वत
  6. अंटार्कटिका – विंसनमैसिफ
  7. आस्ट्रेलिया – कोसिउस्को

सभी महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी की विस्तृत जानकारी

महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी, महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां कौन कौनसा है?

एशिया- माउंट एवरेस्ट

माउंट एवरेस्ट एशियाई महाद्वीपों के साथ साथ विश्व भर में सबसे ऊंची, विशाल और सर्वोच्च चोटी है। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मी. ( 29,031.7 फिट ) है। माउंट एवरेस्ट की अविस्थीती नेपाल है। माउंट एवरेस्ट की चोटी विशालकाय है। उसमे चड़ने में काफी पैसे लगते है। वहा की हवाओ का रफ्तार 32/ किलोमीटर/ घंटा तक पहुँच जाती है। वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में कहा जाता है कि इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 से॰मी॰ के हिसाब से बढ़ रही है।

माउंट एवरेस्ट को नाम 1865 में भारत के ब्रिटिश सर्वेयर जनरल एंड्रयू वॉ की सिफारिश के आधार पर आधिकारिक नाम “माउंट एवरेस्ट” का उच्चारण किया। पहले इस पर्वत को पीक-15 के नाम से जाना जाता था। माउंट एवरेस्ट को तिब्बती लोग चोमोलंगमा और नेपाली लोग सागरमाथा कहते थे

तेन्जिंग नॉरगे एक नेपाली पर्वतारोही थे जिन्होंने एवरेस्ट और केदारनाथ के प्रथम मानव चढ़ाई के लिए जाना जाता है। न्यूजीलैंड एडमंड हिलेरी के साथ वे पहले व्यक्ति हैं जिसने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा। बछेंद्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला है। सन 1984 में इन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया था।

दक्षिणी अमेरिका – एकान्क्गुआ

एकान्क्गुआ विश्व के 7 महाद्वीपों में दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के ट्रांस हिमालय का सबसे ऊंचा और सर्वोच्च पर्वत चोटी हैं। इसके नाम एक्वेस्वा शब्द से आया है। इसका अर्थ होता है पत्थर का पहरी। इसकी अवस्थिति मेन्दोसा प्रांत अर्जेंटीना है, इसकी ऊंचाई 6,960.8 मी.(22,837 फीट) है।

यह एशिया से बाहर विश्व का सबसे ऊँचा और सर्वोच्च पर्वत चोटी भी है, हालांकि एशिया के हिमालय इतने ऊँचे हैं कि एकान्क्गुआ का स्थान केवल विश्व के 110वें सबसे ऊँचे पर्वत पर आता है। एकान्क्गुआ चिली और अर्जेंटीना देशों की सरहद पर स्थित है, हालांकि इसका शिखर अर्जेंटीना की भूमि पर पड़ता है।

एकान्क्गुआ को कभी आखीरी सीमा मानी जाती थी।एकनक्गुआ मे चढ़ने का दो मुख्य मार्ग है
एक समान्य मर्ग और एक पोलिश ट्रैवस।
समान्य मार्ग प्लाज्मा डी से शुरुआत होती है, और शिखर तक पहुचने मे लगभग 10 दिन लग जाते है। एकान्क्गुआ मे चढने के लिये लेयरिन्ग बहुत जरुरी है ,
पर्वतरोहि को सुट भी पहनना चाहिये ताकी शरीर को किसी भी प्रकार की हानि न पहुचे। महाद्वीपों की इस सर्वोच्च चोटी पर लगभग 100 लोग चढ़ने में अपनी जाने गवाँ चुके हैं

उत्तरी अमेरिका – डेनाली (मैककिनले)

मैककिनले उत्तरी अमरीका का सबसे ऊंचा और सर्वोच्च पर्वत चोटी है। यह अमेरिका के अलस्का नामक स्थान पर स्थित है, इसकी ऊंचाई 6190 मी. है। डेनाली जो अपने पुराने सरकारी नाम माउंट मैकिनली से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उत्तरी अमेरिका में स्थित इस सबसे ऊंचे और सर्वोच्च पर्वत का नाम ‘माउंट मैकिनले’ से बदलकर ‘डेनाली’ रखा है और यह यह के मुल निवासियो की मांग थी।

वर्ष 1896 में अलास्का के पर्वतों में खनिजों की खोज करने वाले एक व्यक्ति को खबर मिली कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विलियम मैकिनले को उम्मीदवार नामित किया गया है। उनके समर्थन में उस व्यक्ति ने अलास्का पर्वतीय श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी का नाम ‘माउंट मैकिनले’ रख दिया इस प्रकार से इसका नाम यह हो गया।

महाद्वीपों की इस सर्वोच्च चोटी पर पहली बार 7 जून 1913 को हड्सन स्टक, हेन्री पीटर कारस्टेन्ज़, वॉल्टर हार्पर और रॉबर्ट टेटम द्वारा चढ़ाई किया गया था। इस सर्वोच्च चोटी पर पहुचने के लिए सबसे सरलतम मार्ग पश्चिम बटरेस मार्ग (हिमानी/हिम पर चढ़ाई) है।

अफ्रीका – किलिमन्जार्रो

किलिमन्जार्रो पर्वत विश्व का सबसे ऊंचा खड़ा पर्वत और 7 महाद्वीपों में अफ्रीका महाद्वीप की सर्वोच्च पर्वत चोटी है, और तो और उभरा पर्वतो मे सभी महाद्वीपों मे चौथे स्थान पर है। इसकी ऊंचाई 5882 मी.(19,298 फीट) है। किलिमन्जार्रो अपने तीन शंकु किबो मवेंजी और शिरा साथ मे पुर्व उत्तर तंजरिया मे स्ट्रैटो ज्वालामुखी है।

जोहानस रेबमेन नामक एक जर्मन मिशनरी ने 1848 में किलिमंजारो पर्वत को खोजा था। उन्होंने रॉयल जियॉग्राफिकल सोसायटी को बर्फ से ढंके पहाड़ की अपनी खोज के बारे में बताया। लेकिन उस समय के विशेषज्ञों को भूमध्यरेखा के पास स्थित किसी बर्फ से ढंके पहाड़ की संभावना पर संदेह था।

किलिमंजारो पर्वत पर 1889 मे पहली बार सफलतापूर्वक चढ़ाई की गई थी। हेंस मेयर (जर्मनी), योआनास किन्याला लौवो (तंज़ानिया) और लुडविग पुर्तस्चेलर (ऑस्ट्रिया) नाम के तीन पर्वतारोहियों ने यह इतिहास बना दिया उन्हे करीब छः हफ्तों का समय लगा था, जबकि आज के कोई साधारण पर्वतारोही भी किलिमंजारो पर 5-6 दिनों में चढ़ाई कर सकता है। किलिमंजारो पर सबसे तेज राउंड ट्रिप का रिकॉर्ड यहां के स्थानीय गाइड साइमन म्टय के नाम है, जो दिसंबर 2004 में केवल 8 घंटे और 27 मिनट में इस पर्वत पर चढ़कर वापस आ गए।

यह पर्वत मिश्रित प्रकार का पर्वत है। किलिमंजारो पर्वत 756 वर्ग किमी में फैले किलिमंजारो राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। यह उद्यान यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है। किलिमंजारो पर्वत के चोटियो पर बर्फ काफी तेजी से पिघलती जा रही है। 1912 से तुलना मे यहां की 80%बर्फ पिघल चुकी है और अब केवल 20% ही रह गई है। इस तरह की स्थिति ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बनी है। यदि स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो शायद 2025 तक यहां की सारी बर्फ गायब हो चुकी होगी।

युरोप – एल्ब्रुश

एल्ब्रुश पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है। इसके दो शिखर है यह पर्वत विश्व के उंचे पर्वतो मे गीना जता है। एक शिखर पश्चिमि 5642 मी. और दुसरा शिखर पूर्व पश्चिमि 5629 मी. हैं। एल्ब्रुश रूस के काराचाय-चरकस्सीया नामक स्थान पर है। एल्ब्रुश युरोप और एशिया की सीमा पर है।

इसके ऊपर एक बर्फ़ की चादर हमेशा जमी रहती है, जिस से 22 हिमानियाँ नीचे की ओर बर्फ़ का मुसलसल बहाव चालू रखती हैं। इन हिमानियों से इस क्षेत्र की कुछ मुख्य नदियाँ – बक्सान नदी, कुबान नदी और मलका नदी का उदगम होती है। हालांकि एल्ब्रुस को एक मृत ज्वालामुखी माना जाता है, वैज्ञानिकों का कहना है के इसके नीचे एक बहुत ही बड़ा और गहरा मैग्मा (पिघले पत्थर और अन्य पदार्थ) का भण्डार है।

अंटार्कटिका – विन्समैसिफ

विन्सन मैसिफ़ अंटार्कटिका के एल्स्वर्थ पहाड़ियों की सेंटिनल पर्वतमाला नामक शाखा में स्थित एक बड़ा पर्वतीय मैसिफ़ है जो 21 किमी लम्बा और 13 किमी. चौड़ा है। यह रोन हिमचट्टान के ऊपर खड़ा है और अंटार्कटिक प्रायद्वीप के मुख्यभूमि से जुड़ने के स्थान के पास है।

दो अलग भौगोलिक इकाईयाँ मानी जाती हैं। विन्सन पर्वत अंटार्कटिका महाद्वीप का सबसे ऊँचा बिन्दु है। इसका आरोहण सर्वप्रथम सन 1966 मे निकोलास्स क्लिंच और उनके साथियो द्वारा किया गया था। इस पर्वत को सबसे पहले अमरीकी नोसेना द्वारा देखी गई थी और इस पर पहले चढ़ाई पूर्व मार्ग से सन 2001 मे हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया – कोसियुस्को

कोज़िअस्को पर्वत ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य में स्नोई पहाड़ियों की मुख्य शृंखला में स्थित एक पर्वत है। समुद्रतल से 2228 मीटर ऊँचा यह पर्वत ऑस्ट्रेलिया की मुख्यभूमि का सबसे ऊँचा बिन्दु है। न्गारिगो नामक एक स्थानीय ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी भाषा में इसका मूल नाम जगुंगल (Jagungal) है। कोसियुस्को पर्वत पर सबसे पहले सर पावेल स्ट्रेज़ेलेकी ने पार किया था यह एक खोजकर्ता, भूविज्ञानी, थे।

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