छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधन
जिस प्रकार छत्तीसगढ़ वन-सम्पदा की भाँति खनिज सम्पदा की दृष्टि से भी सम्पन्न क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ के धरती खनिज संसाधन से परिपूर्ण है इन खनिजों की गुणवत्ता तथा इनके भण्डार उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु आकर्षित करते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में देश का महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है। इसी तरह यह राज्य विद्युत गहन खनिज प्रसंस्करण एवं पुनः अग्र एकीकृत उद्योग जैसे लौह एवं इस्पात, एल्यूमिनियम एवं सीमेंट उद्योग इत्यादि का केंद्र भी बन रहा है। आइए देखते हैं छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधन, छत्तीसगढ़ के खनिज उत्पादक स्थल कौन कौन से हैं।
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छत्तीसगढ़ में प्रमुख खनिज संसाधन और उनके प्राप्ति स्थल
- लौह अयस्क – बस्तर, दुर्ग, राजनांदगाँ, रायपुर, बिलासपुर
- बॉक्साइट – बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़, बस्तर, राजनांदगाँव, कोरबा, कवर्धा
- चूना पत्थर – रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चाम्पा, दुर्ग, रायगढ़
- डोलोमाइट – बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़, रायपुर
- क्वार्ट्जाइट – राजनांदगांव, दंतेवाड़ा, दुर्ग, रायगढ़
- मैंगनीज – बिलासपुर, बस्तर
- टिन अयस्क – बस्तर, दंतेवाड़ा
- सीसा अयस्क – दुर्ग, रायपुर, दंतेवाड़ा
- फ्लुओराइट – राजनांदगांव, रायपुर, रायगढ़
- क्वार्ट्ज – बस्तर, बिलासपुर, राजनांदगांव
- फेल्सपार – बिलासपुर, रायगढ़
- कोरण्डम – रायपुर, दंतेवाड़ा
- हीरा – रायपुर, बस्तर
- सोना – बस्तर, सरगुजा, राजनांदगांव
- अभ्रक- बस्ता, जशपुर
- एस्बेस्टॉस – बस्तर, दुर्ग
- बेरिल – बस्ता, रायगढ़, सरगुजा, रायपुर
- गेरू – बस्तर, रायगढ़, राजनांदगांव, सरगुजा
- टाल्क – बस्तर, दुर्ग, राजनांदगांव, सरगुजा
- संगमरमर – बस्तर
- स्फटिक – राजनांदगांव
- चीनी मिट्टी – राजनांदगांव
- क्ले – बस्तर, राजनांदगाँव, रायगढ़
- यूरेनियम – सरगुजा, बिलासपुर
- खनिज तेल – सरगुजा
- सिलिमैनाइट – बस्तर, दन्तेवाड़ा
- कोयला – सरगुजा, कोरिया, कोरबा, रायगढ़, सूरजपुर आदि।
छत्तीसगढ़ के खनिज उत्पादकों की जीलावार सूची
- रायपुर – चूनापत्थर
- बलौदाबाजार – चूनापत्थर, डोलोमाइट, स्वर्ण धातु
- गरियाबंद – गार्नेट, हीरा अलेक्जेन्ड्राइट (लौह अयस्क एवं मैगनीज़ सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- दुर्ग – चूनापत्थर
- बालोद – लौह अयस्क
- बेमेतरा – चूनापत्थर डोलोमाइट, क्वार्टजाइट (रड ओकर सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- राजनांदगांव – चूनापत्थर, लौह अयस्क, फ्लोराइट, क्ले क्वार्टज/सिलिका सेन्ड (स्वर्ण एवं सीसा सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- कबीरधाम – बाक्साइट, चूनापत्थर, लौह अयस्क, सोपस्टोन (ओकर सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- धमतरी – क्ले एवं अगेट सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध
- महासमुंद – स्वर्ण धातु क्वार्टजाइट, लौह अयस्क, चूनापत्थर (सीसा एवं फ्लोराइट सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- बस्तर – चूनापत्थर, डोलोमाइट बाक्साइट, क्वार्टजाइट
- नारायणपुर – लौह अयस्क
- कांकेर – लौह अयस्क, बाक्साइट (स्वर्ण एवं क्वार्टज सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- कोंडागांव – बाक्साइट
- दंतेवाड़ा – लौह अयस्क, टिन अयस्क (लेपिडोलाइट, गेलेना एवं क्वार्टज सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- बीजनपुर – कोरण्डम, बाक्साइट (गार्नेट एवं ताम्र अयस्क सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- सुकमा – क्वार्टज, लाइमस्टोन, टिन, कोरण्डम (गेलेना सिलिमेनाइट, बैरिल आदि सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- बिलासपुर – चूनापत्थर, डोलोमाइट
- मुंगेली – चूनापत्थर, क्वार्टजाइट
- जांजगीर-चाम्पा – चूनापत्थर, डोलोमाइट
- कोरबा – बाक्साइट, कोयला (माइका एवं फायर क्ले सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- सरगुजा – बाक्साइट (लेड माइका एवं चूनापत्थर सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- सूरजपुर – कोयला (माइका एवं फायर क्ले सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- बलरामपुर – कोयला, बाक्साइट (ग्रेफाइट एवं एसबेस्टस सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध)
- कोरिया – कोयला
- जशपुर – स्वर्ण धातु, बाक्साइट ( बेरिल एवं गार्नेट सूक्ष्म मात्रा में उपलब्ध )
- रायगढ़ – कोयला, डोलोमाइट, चूनापत्थर एवं क्वार्टजाइट
छत्तीसगढ़ की खनिज संसाधनों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
- छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक खनिज राजस्व बिलासपुर जिले से प्राप्त होता हैं।
- सर्वाधिक कच्चा लोहा बस्तर में पाया जाता है।
- लौह खनन का पहला संयन्त्र किरन्दुल (दुर्ग) में सन् 1968 में स्थापित किया गया।
- दुर्ग तथा बस्तर से प्राप्त लौह अयस्क हेमेटाइट प्रकार का है।
- छत्तीसगढ़ अंचल की प्रथम इस्पात फैक्ट्री के संस्थापक कांजी भाई मोरारजी राठौर हैं।
- कोरबा क्षेत्र का कोयला-भिलाई संयन्त्र एवं कोरबा विद्युत गृह में प्रयुक्त होता है।
- छत्तीसगढ़ में कोयला टरशियरी चट्टानों में मिलता है।
- छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे बड़ी भूमिगत व यान्त्रिक कोयला खदान मुकुटघाट कोरबा में है।
- जिस प्रकार छत्तीसगढ़ वन-सम्पदा की भाँति खनिज सम्पदा की दृष्टि से भी सम्पन्न क्षेत्र है।
- खनिज पदार्थों की अधिकता के कारण छत्तीसगढ़ बाहुल्यता क्षेत्र माना जाता है।
- राज्य में उच्च कोटि के खनिजों का कारण ही भिलाई, कोरबा और बैलाडिला क्षेत्र विकसित हुए हैं।
- भारत में उत्पादित खनिज के मूल्य में छत्तीसगढ़ राज्य का योगदान 16 प्रतिशत है।
- छत्तीसगढ़ राज्य का लगभग 27% राजस्व, खनिजों के दोहन से खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त होता है।
- राज्य में विश्व स्तरीय लौह अयस्क भण्डार दंतेवाड़ा बस्तर, कांकर, दुर्ग, राजनांदगांव और कवर्धा जिलों में है।
- छत्तीसगढ़ मिनरल डेव्हलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा खनिजों की रियायतें प्राप्त कर खनिजों का विकास दोहन एवं लाभार्जन किया जाता है।