पंखे का आविष्कार कैसे हुआ? देखिए पंखे का पूरा इतिहास

पंखे का आविष्कार कैसे हुआ? देखिए पंखे का पूरा इतिहास

पंखा इंसानों की उन महत्वपूर्ण चीजों का हिस्सा है जिसके बगैर लोगो का घरो में रहना मुश्किल हो जाता है। आज के समय में हर घरो में अलग अलग समय के लिए अलग – अलग पंखो का उपयोग किया जाता है। आज के इस लेख में हम बात करेंगे इन्ही पंखो के बारे में कि आखिर कैसे पंखे का आविष्कार कैसे हुआ? तो चलिए देखते है विस्तार से।

पंखे का आविष्कार कैसे हुआ?

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

पंखा वर्तमान में चल रहा है जो वर्ष 1882 में प्रचलित हुआ। पंखे के साथ- साथ आजकल लोग कूलर और AC का भी प्रयोग खूब करते है। जिसका कारण हर साल बढ़ती गर्मी है। जहाँ पहले के समय में लोग केवल पंखा चलाकर ही गर्मियाँ निकाल लेते थे। लेकिन अब पंखे से भी राहत नहीं मिलती। जिसके कारण गर्मियों में तापमान का 45 डिग्री सेल्सियस और उससे भी ऊपर जाना है।

पंखे का आविष्कार कैसे हुआ? देखिए पंखे का पूरा इतिहास

लेकिन आजकल फैशन के हिसाब से पंखो में बदलाव हो रहे है, आज बजार में पंखो की भरमार है और आज समय में पंखो की जरूरत सभी को रहती है। हलाकि आज के समय में अलग- अलग तरह के फैन देखने को मिलता है सीलिंग फैन, टेबल फैन, स्टैंड फैन इत्यादि। लेकिन जब पंखा का आविष्कार हुआ था तब इतने सरे फैन देखने को नहीं मिलता था, उस समय गिने चुने एक दो तरह के ही पंखा देखने को मिलता था।

पंखे का महत्व

आज तक जो भी आविष्कार हुआ है उन सबमे फैन एक अनोखी खोज है, यह हम सबको मानना ही पड़ेगा। आज के समय में आपको ऐसा एक भी घर नहीं मिलेगा जिस घर में पंखा न हो। पंखा आजकल हर घर के एक जरुरी इलेक्ट्रिकल सामान में आता है। जब बात गर्मियों की हो तो पंखे की जरुरत और भी बढ़ जाती है। जहाँ पहले के समय में लोग केवल पंखा चलाकर ही गर्मियाँ निकाल लेते थे। लेकिन अब पंखे से भी राहत नहीं मिलती। जिसका कारण गर्मियों में तापमान का 45 डिग्री सेल्सियस और उससे भी ऊपर जाना है।

पंखे का डिजाइन

पंखा एक मैकेनिकल इलेक्ट्रिक युक्ति है। इसका उपयोग ठंडी हवा देने के लिए किया जाता है। पंखे या फेन तरह – तरह के आते है। मुख्यतः घरों में दो प्रकार के पंखे उपयोग में लिए जाते है। एक सीलिंग फैन होता है तो दूसरा टेबल फैन होता है। गर्मियों में ठंड का अहसास करने के लिए पंखे का उपयोग होता है। भीषण गर्मी में घर पर आते ही पंखा चलाकर राहत मिलती है। सीलिंग फैन में एक कॉपर वाइंडिंग की मोटर और 3 से 4 ब्लैड होती है। ब्लेड्स की डिज़ाइन इस तरह से होती है कि घूमने पर उनके निचे हवा का दबाव बनता है। ब्लेड्स हवा को पूरे कमरे में फेंखती है।

पंखे किससे बना होता है?

पंखा कई धातुओं से बनता है। इसको पीतल, अलुमिनियम, लोहा, इत्यादि से बनाया जाता है। शुरुआती पंखा पीतल का बनाया गया था। टेबल फैन की ब्लेड्स ज्यादातर प्लास्टिक की बनी होती है। आजकल कई प्रकार की डिज़ाइन और रंगों में पंखा आता है।

पंखे का उपयोग

पंखा सस्ता और बिजली खर्च भी कम होता है। पंखे का उपयोग घरों में, ऑफिस में, सरकारी भवनों में, कंपनियों में इत्यादि सभी जगहों पर होता है। आज तो पंखे की जगह AC और कूलर ने ले ली है। वैसे लोग घरों में पंखा भी रखते है लेकिन कूलर का उपयोग ज्यादा होता है। सामान्य लोग AC खरीद नही पाते है क्योंकि यह महंगा पड़ता है और बिजली का खर्च भी ज्यादा आता है।

पंखे का आविष्कार

इलेक्ट्रिक या बिजली वाले पंखे के आविष्कार से पूर्व लोग हाथ वाले पंखे का इस्तेमाल करते थे। इस हाथ से चलने वाले पंखे में मेहनत बहुत थी। ज्यादा समय तक पंखा नही चला सकते थे। प्राचीन मिस्र, जापान और चीन में हाथ चलित पंखे का विवरण इतिहास में मिलता है। इस हाथ से चलने वाले शूलर एस व्हीलर ने बिजली से पंखा चलाने की सोची। फिलिप डैहल ने सीलिंग फैन का आविष्कार किया था। उन्होंने ब्लेड्स को मोटर पर ही लगा दिया और छत के पंखे का आविष्कार किया। गर्मियों में हवा देकर राहत पहुचाने वाला फैन यानी कि पंखा बिजली से चलने वाला उपकरण है।

बिजली चलित पंखे का आविष्कार कब हुआ?

बिजली चलित पंखे का आविष्कार वर्ष 1882 में “शूलर एस व्हीलर” ने किया था। वो एक अमेरिकी इंजीनियर और वैज्ञानिक थे। उनके पिता का नाम जेम्स एडविन था जो कि न्यूयॉर्क शहर के जाने माने वकील थे। शूलर ने महान आविष्कारक थॉमस अल्वा एडिसन की वर्कशॉप में भी बतौर सहायक इंजीनियर कार्य किया था। शूलर का जन्म 17 मई, 1860 को न्यूयॉर्क में हुआ था।

पंखे के बारे मे कुछ रोचक बातें

  • पहला पंखे बनाया गया था साल 1860 को तब पंखा पानी से चलता था।
  • बिजली के पंखे होने के बाद भी अमेरिका के दक्षिणी भाग में अभी भी पानी से चलने वाला फैन का उपयोग ही ज्यादा होता है।
  • ज्यादतर हम जो पंखा इस्तेमाल करते उसमे तिन से चर ब्लेड होता है, और और वो छत से झूले रहेते है जिसको हम सीलिंग फैन कहते है।
  • सीलिंग पंखे का आविष्कार हुआ था अमिरिका में साल 1860 को, लेकिन उस समय फैन बिजली से नहीं चलता था, उस समय पानी के प्रवाह के मधम से पंखा चलता था।
  • अमेरिका के 75% घर में फैन का ही इस्तेमाल होता है।
  • बिजली से चलने वाला पंखे बनाया गया था 1882 को इसको बनाया था फिलिप डाइहल ने।
  • दुनिया का सबसे पहला पंखे का आविष्कार शूलर एस व्हीलर ने सन 1882 में किया था। लेकिन यह छत पंखा नहीं था यह एक टेबल पंखा था।
  • इसके बाद Philip Diehl ने सिलाई मशीन की मोटर पर पंखे की ताडिया लगाकर छत पंखे का आविष्कार में किया था। वैसे 1860 से ही पंखे का उपयोग किया जाता है।

कब आया था पंखा भारत मे?

भारत में पहला प्रसिद्ध सीलिंग फैन 17 वीं शताब्दी में पाया गया था। यह पंखे जैसा उपकरण ताड़ के पत्तों या कपड़े से बनाया जाता था और छत से लटका दिया जाता था। वर्ष 1889 में पहली बार सीलिंग फ़ैन अस्तित्व में आया था।

भारत में सबसे पहला पंखा किसने बनाया था?

इंडियन इलेक्ट्रिक वर्क्स ने 1930 तक भारत में पहले सीलिंग पंखे का निर्माण किया। क्रॉम्पटन ग्रीव्स, भारत के ग्रीव्स कॉटन और इंग्लैंड के क्रॉम्पटन पार्किंसन के बीच एक संयुक्त उद्यम, 1937 से सीलिंग पंखे का निर्माण कर रहा था।

भारत की सबसे पुरानी फैन कंपनी कौन सी है?

क्रॉम्पटन ग्रीव्स, भारत में एक प्रमुख सीलिंग फैन कंपनी की स्थापना 1878 में कर्नल बीईएम क्रॉम्पटन द्वारा की गई थी और इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है। वे सजावटी छत पंखे बनाने वाले भारत में सबसे पुराने और शीर्ष सीलिंग फैन ब्रांडों में से एक के रूप में प्रसिद्ध हैं और उनका कारोबार $ 2 बिलियन से अधिक का है।

सबसे बड़ी फैन कंपनी कौन सी है?

बजाज इलेक्ट्रिकल्स भारत में सबसे बड़े पंखे निर्माता कंपनी हैं। कमल नयन बजाज ने 1938 में भारत में इस प्रमुख सीलिंग फैन निर्माता का निर्माण किया, और यह मुंबई, भारत में स्थित है। 5000 से अधिक वितरकों और डीलरों के एक सुस्थापित नेटवर्क के साथ भव्य सीलिंग पंखे की पेशकश के साथ, यह $ 5 बिलियन बजाज समूह की कंपनी भारत की सबसे बड़ी सीलिंग फैन निर्माता है।

क्या पंखे कभी गिरते हैं?

एक सीलिंग फैन में गिरने की संभावना होती है । यह अनुचित स्थापना, आयु, रखरखाव की कमी या अन्य दोषों के कारण हो सकता है। इसलिए आपके लिए सीलिंग फैन के रखरखाव और सुरक्षा पर नजर रखना बेहद जरूरी है।

पंखे में 3 पंक्तियां क्यों होती है?

कम ब्लेड होने की वजह से यह तेजी से चलता है।
छत का रीप्लेसमेंट गर्मियों में सीलिंग फैन यहां कमरे में ठंडक पहुंचाता है, इसलिए यहां तीन ब्लेड वाले पंखे का इस्तेमाल ज्यादा होता है।

फैन कितने वाट का होता है?

इसे ऑन करने के लिए 230 volt ac की जरुरत पड़ती है और यह एक घंटे में 60 watt बिजली खपता करता है। और एक घंटे में 60 वाट बिजली इस्तेमाल करता है तो एक दिन का बिजली खपत 60 x 15 = 900 वाट एक दिन में खपत करता है।

सबसे तेज हवा देने वाला पंखा कौन सा है?

सबसे तेज हवा देने वाला पंखा कौन सा है? Usha ex9 1200mm ceiling fan सबसे अधिक तेज हवा प्रदान करता है।

सबसे तेज चलने वाला फैन कौन सा है?

Orient Electric Apex-FX 1200mm Ceiling Fan. इसका शक्तिशाली मोटर लंबे जीवन और बेहतर प्रदर्शन को सुनिश्चित करता है। यह मोटर अधिकतम एयरफ्लो (Air Flow) सुनिश्चित करते हुए पंखे को सभी गति से आसानी चलता है।

दुनिया का सबसे महंगा पंखा कौन सा है?

Usha Striker Galaxy 1200mm छत पंखा (सुनहरा गोल्ड) (ब्राईट गोल्ड)

पंखे की गति कौन सी है?

वर्तुल गति

पंखा घूमता क्यों है?

पंखे के अंदर तांबे की कुंडली होती है जिस पर बिजली प्रवाहित होने पर वह घूमने लगती है और इसी के परिणाम स्वरूप पंखा भी घूमने लगता है।

पंखे की स्पीड स्लो क्यों हो जाता है?

पंखें अक्सर एक समय के बाद धीरे चलने लगते हैं और इनमें से हवा कम आने लगती है। इसमें लगा कैपेसिटर पुराना हो जाने पर ऐसा होता है। इसका कैपेसिटर बदल लेगें तो ये फिर से नए पंखें की तरह तेज चलने लगेगा। आप इसे खुद भी बदल सकते हैं।

पंखे से हवा कैसे चलती है?

जब एक सीलिंग फैन वामावर्त घुमाता है, तो कताई ब्लेड का बल पंखे की ओर छत के चारों ओर और ऊपर की गर्म हवा को खींचता है। गर्म हवा को ब्लेड में खिंचे जाने के बाद, यह एक साथ “कट” हो जाती है, तेज हो जाती है, और हवा के रूप में कमरे में नीचे की ओर धकेल दी जाती है। इस पूरा प्रोसेस को हॉट एयर कैचिंग कहते है।

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