बुद्धिमान बनने के लिए क्या करे | बुद्धिमान बनना है तो क्या करे?
आज के इस कॉम्पिटिशन वाली दौर में तेज होना बहुत जरूरी है, हर कोई तेज होना चाहता है, हर कोई अपने बुद्धि का विकास करना चाहता है, लेकिन ये हर कोई नही कर पाता। अगर आप भी बुद्धिमान बनने के लिए क्या करे सोंच रहे है तो, ये आर्टिकल आपके काम आ सकता है। तो चलिए देखते है इस पोस्ट को विस्तार से।
जीवन को सफल बनाने के लिए बुद्धि का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। रोजमर्रा कि जिन्दगी में प्रगति करने और सफलता प्राप्त करने के लिए हमारे पास बुद्धि का होना बहुत आवश्यक होता है। वही दूसरी तरफ कोई अन्य व्यक्ति बुरी आदतों के साथ चाहे वो कितना भी प्रभावी हो, एक दिन अपनी सफलताओं को खो देता है। तो चलिए कुछ ऐसे आदतों के बारे में जानते है, जिन्हे छोड़ देने से हम जीवन में खुशी और कामबिया हाशिल करने में सफलाता प्राप्त कर सकते हैं।
बुद्धिमान बनने के लिए इन 10 आदतों को छोड़ दो
आगर आप भी बुद्धिमान बनना चाहते हो तो, अपने दिमाग को विकसित करना चाहते हो तो, दिमाग को तेज करना चाहते हो, आपके मन ये सवाल है कि बुद्धिमान बनने के लिए क्या करे तो, सबसे पहले इन आदतों को छोड़ना पड़ेगा। तभी आप बुद्धिमान बन सकते है। तो चलिए उन आदतों को जानते है जिसे त्याग कर आप बुद्धिमान बनने के लिए तैयार हो जाते है।
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1. किसी के बातों या चीजों को दिल पर लेना
अक्सर कुछ लोग किसी के बातों या चीजों के टूटने पर अपने दिल और दिमाग में उसी चीज को लेकर परेशान होते रहते हैं। उसी को बार – बार सोचते रहते हैं। जिससे की उन्हे आगे बढ़ने में दिक्कते होती हैं।
ऐसे लोग आगे बढ़े नहीं पाते हैं। अपने सपने पुरे नहीं कर पाते हैं। बुद्धिमान बनने के लिए ऐसे हीं किसी के बातों या चीजों को दिल पर नहीं लेना चाहिये, तभी हम आगे बढ़ने में या अपने सपने पुरे करने में सक्षम होंगे। बुद्धिमान व्यक्ति किसी की बातो को ज्यादा अपने दिलो- दिमाग में नहीं रखते और अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ते हैं। इसलिए आप भी बुद्धिमान बनना चाहते हो तो ऐसे बेवजह बातों से दूर रहे।
2. अपने पास के बारे में बहुत ज्यादा सोचना
जो लोग अपने पास के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं, यही लोग अपने चाहत को पूरा करने में पीछे हो जाते हैं। ऐसे लोग सिर्फ सोचने में ही अपना टाइम वेस्ट कर देते हैं, ये लोग हमेंशा ही किसी न किसी टॉपिक को लेकर बहुत सोचते हैं। ऐसे लोगो के मन में बहुत कुछ बाते चलती रहती है, और यही वजह है कि ऐसे लोग अपना सारा बुद्धि ऐसी सोंचने में लगा देते है। आप भी अपने बुद्धि को और तेज करना चाहते है तो इससे बचना चाहिए।
3. जरूरत से ज्यादा टेंशन लेना
जो लोग जरूरत से ज्यादा टेंशन लेते हैं, ऐसे लोग हमेंशा ही किसी न किसी बातो को लेकर बेवजह टेंशन लेते हैं। ये लोग अपनी बुद्धि के प्रयोग कुछ जरूरत से ज्यादा करते हैं। अगर आप जरूरत से ज्यादा टेंशन लेंगे तो आपका दिमाग ठीक से काम नही करेगा। आप बेवजह परेशान होते रहेंगे, आपको जो करना है उसमें भी ठीक से ध्यान नही दे पाएंगे, और ऐसे ही स्थिति रहा तो आप धीरे धीरे आपका बुद्धि का विकास डायवर्ट होने लगेगा।
4. सोने और उठने का टाइम फिक्स ना होना
बहुत से ऐसे लोग भी होते हैं, जिनका उठने और सोने का कोई समय ही फिक्स नहीं होता है। जिसके कारण वो अपना जीवन का कोई गोल, लक्ष्य ही नहीं रख पाता, और रखता भी है तो उसे पूरा नही कर पाता।
समान्य व्यक्तित्व वाले या बुद्धिमान लोग जबकी ऐसा नहीं करते है। समान्य व्यक्तित्व वाले लोग का सब काम समय के हिसाब से होता है। अगर आप भी अपने बुद्धि को तेज करना चाहते है तो सुबह जल्दी उठे, और अपने सोने का समय भी फिक्स करे।
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5. अपने दिमाग में फालतू का ओवरथिकिंग करना
हम सभी जानते हैं, कि जरूरत से ज्यादा सोचना हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए नुकसान करता है। इसके बावजूद हम इसे कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। यह ओवरथिंकिंग एक प्रकार की नकारात्मक आदत है। जो कई तरह के स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकती है। आपने कभी न कभी खुद को ओवरथिंकिंग करते हुए महसूस जरूर किया होगा। यही आदत धीरे – धीरे व्यक्ति को गंभीर रूप से अपना शिकार बना लेती हैं, और आप दिन प्रतिदिन नकारात्मक विचारों की ओर आकर्षित होती चली जाती हैं। इसलिए ऐसे आदतों से दूर रहे।
6. अपने वर्तमान से ज्यादा भविष्य से मतलब रखन
हम अक्सर आज को जिने के बजाय अपने भविष्य की चिंता करते रहते हैं। जिसे हमने देखा ही नहीं होता है। ज्यादातर लोग यह बात जानते हुए भी इससे अनजान बने रहते हैं। हमारी खुशी का सीधा संबंध संतोष संतुष्टि से है और हमारा आंतरिक दृष्टिकोण ही हमारे अंदर सच्चे मायने में खुशी की भावना का अहसास कराता है। असल में ऐसे व्यक्ति कभी खुश हो ही नहीं सकते, जो अपने वर्तमान से संतुष्ट न हों और हमेशा भविष्य में अपनी खुशियों की तलाश करते हैं। वर्तमान में वे एक की कामना करते हैं, तो भविष्य में दो – चार की। इसलिए वे कभी खुशी महसूस ही नहीं कर पाते हैं।
7. मोबाइल फोन का गलत लत लग जाना
हम देख सकते हैं, की हमारे आस- पास ऐसे बहुत से लोग मिलते हैं। जिनको मोबाइल की गलत लत होती है। जिनसे वो खुद को दूर नहीं कर पाते है। इन दिनों स्मार्टफोन व मोबाइल फोन लोगों पर हावी होते जा रहे हैं। युवा ही नहीं, बल्कि बच्चों से लेकर बड़ों तक को इसकी लत लग चुकी है। जब आप फोन से थोड़ी दूरी बनाकर चलेंगे तो स्वत: ही आपका मन दूसरे पसंदीदा कामों में लगने लगेगा, साथ ही आप कई अन्य तरह की परेशानियों से भी बच जाएंगे।
हमारे स्वास्थ्य पर मोबाइल फ़ोन के लत का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। मोबाइल के लगातार इस्तेमाल से उससे निकलने वाली हानिकारक रेडिएशन से हमें हृदय संबंधी रोग हो सकते है। इसके अलावां आँखों के रौशनी पर भी गहरा असर पड़ता है। इसके अधिक उपयोग से व्यक्ति चिड़चीड़ापन का होना, हमेशा सिर दर्द की समस्या, अनिंद्रा व मोबाइल के हानिकार रेडिएशन से हृदय संबंधित रोग भी हो सकते हैं।
8. अपने गुस्से को खुद के कंट्रोल में ना होना
हमारे आस – पास हम बहुत से ऐसे लोगो को देख पाते है। जो खुद ही अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाते है। ऐसे लोग ही अपने गुस्से से ही अपने अच्छे अवतार या मिलने वाली सफलता को भी खो देते हैं। अक्सर हम सभी को हर रोज किसी – न- किसी बात पर गुस्सा आ ही जाता है, और हम इसे कंट्रोल नही कर पाते है। इसके अनेको कारण होते है। तनाव भी गुस्से का एक कारण है। तनाव में रहने वालों को आसानी से गुस्सा आ जाता है। इसलिए समय रहते इन आदतों को बदल लें, तभी अपने बुद्धि का विकास कर पाएंगे।
9. जरूरत से ज्यादा बोलने की आदत
पहले सोचें और बाद में बात करें किसी समूह में हमेशा अपना मत व्यक्त करना या कोई योगदान देना सिर्फ इसलिए आवश्यक नहीं है कि आप ऐसा कर सकते हैं। बुद्धिमान लोगों को अपनी बुद्धिमता हमेशा साबित करने की जरूरत नहीं होती। यदि आपका मत आवश्यक है, तो दें।
10. सोचने के तरीके में बदलाव करने का प्रयास न करना
कुछ विचार वक्त के साथ-साथ स्वयं बदलने लगते हैं, जैसा हमारा नजरिया होता है हमारे विचार वैसे ही उत्पन्न होने लगते हैं। लेकिन कुछ विचारों को हमें स्वयं बदलना पड़ता है। जब हम खुद अपने विचारों को तय करते हैं, तो हम अपने दिमाग को यह संदेश देते हैं।
इंटेलीजेंट बनने की टिप्स
- कार्य करने से पहले सोचे
- हर कठिन काम को करने का प्रयास करें
- कुछ नया और अलग करें
- बोलने से पहले सोच लें
- नए लोगों से जान पहचान बनाये
- अच्छी किताबो का अध्यन करें
- मन को शांत रखे
- हर काम को बेस्ट अंजाम देने की सोच को अपनाएं
- दिमाग को सही तरीके से कंट्रोल करना सीखें
- हर कार्य को पूरे लगन के साथ करना है ज़रूरी
- दिमाग को ज़्यादा से ज़्यादा रचनात्मक कार्यों में रखें व्यस्त रखे।
- अपनी काम करने की क्षमता को हर दिन पुश करें।
सबसे ज्यादा होशियार कैसे बने?
- किसी भी परिस्थिति में डरे नहीं
- नए नए लोगो से पहचान बनाये
- लोगो का विश्वास जीते
- स्पष्ट आवाज में बात करें
- बिना मतलब न बोले
- हाँ में हाँ मिलाना छोड़ दे
- हर प्रोग्राम में हिस्सा ले
- अपनी कमजोरी किसी को न बताये
कौन व्यक्ति तरक्की या कामयाबी नहीं चाहता, लेकिन अपने जीवन में खुश वही व्यक्ति रहता है, जो अपनी छोटी – छोटी सफलताओं पर गर्व करता है। सफलता और असफलता हमारे जीवन का हिस्सा हैं। इसलिए सफलता मिलने पर व्यक्ति को न तो ज्यादा अभिमान करना चाहिए और न ही असफलता मिलने पर व्यक्ति को निराश होना चाहिए। दोनों ही स्थिति में मनुष्य को सामान्य बने रहना चाहिए।
खुश रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमें नकारात्मक सोच को दूर करके सकारात्मक विचारों को अपने पास रखना चाहिए। सकारात्मक विचारों से हमें ऊर्जा मिलती है और इससे हम अपनी समस्याओं से निपट सकते हैं। सिर्फ हमारी सोच से ही हम खुशी को महसूस कर सकते हैं।