वैज्ञानिक उपकरण और उनके उपयोग, वैज्ञानिक उपकरण कौन कौन से है ?
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वैज्ञानिक उपकरण क्या है ?

वैज्ञानिक उपकरण किसी विज्ञान के कार्य को करने में सुविधा या सरलता या आसानी प्रदान करते हैं । यह उन वैज्ञानिक कार्यों को भी सहज से कर सकते हैं जो उनके बिना सम्भव ही नहीं होता । वैज्ञानिक उपकरण कहलाते हैं।

कुछ प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण के बारे में हम आपको बताने जा रहे जिससे आपको ये जानकारी हो जाये कि वैज्ञानिक उपकरण और उनके उपयोग क्या क्या है ? वैज्ञानिक उपकरण कौन कौन से है ?

वैज्ञानिक उपकरण और उनके उपयोग

वैज्ञानिक उपकरण और उनके उपयोग

 

  • सूक्ष्मदर्शी – बहुत ही सूक्ष्म वस्तुओं या रचनाओं को इस उपकरण द्वारा आवर्धित करके देखा जाता है ।
  • मन्दक – नाभिकीय रिएक्टरों में न्यूट्रॉन की गति को मन्द करने वाला माध्यम , जैसे- भारी जल ।
  • मैकमीटर – यह यन्त्र वायु की गति को ध्वनि की गति के पदों में मापता है ।
  • चुम्बकत्वमापी ( Magnetometer ) – यह विभिन्न चुम्बकीय आघूर्णों (moments) तथा चुम्बकीय क्षेत्रों की तीव्रता की तुलना करने के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला यन्त्र है ।
  • माइक्रोमीटर – बहुत छोटे ( 10 मीटर की कोटि के ) व्यासों तथा मोटाइयों को मापने वाला यन्त्र ।
  • माइक्रोफोन – यह यन्त्र ध्वनि तरंगों को विद्युत् स्पन्दनों में परिवर्तित करता है ।
  • नेफेटोमीटर – द्रव में लटके हुए कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन को मापता है ।
  • ओममीटर — यह विद्युत् प्रतिरोध को मापने वाला यन्त्र है ।
  • ओण्डोमीटर – यह यन्त्र विद्युत् – चुम्बकीय तरंगों की आवृत्ति को मापता है , विशेषतः रेडियो आवृत्ति बैण्ड में ।
  • पैराशूट – यह छाते के समान उपकरण है जिससे युद्ध या आपातस्थिति के समय वायुयान से नीचे छलांग लगाई जा सकती है ।
  • पिपेट – इसकी सहायता से द्रव की मापी गई एक निश्चित मात्रा दूसरे बर्तन में डाली जा सकती है ।
  • पोटेन्शियोमीटर ( Potentiometer ) – इससे किसी सेल के विद्युत् वाहक बल तथा आन्तरिक प्रतिरोध की माप की जाती है ।
  • पायरोमीटर ( Pyrometer ) -यह उच्च तापों ( High temperatures ) को मापने का यन्त्र है , जैसे- सूर्य का ताप ।
  • पायक्नोमीटर ( Pyknometer ) – यह यन्त्र द्रवों के घनत्व तथा प्रसार गुणांक का मापन करता है ।
  • राडार ( Radar ) रेडियो तरंगों द्वारा पास आते हुए वायुयान की दिशा और दूरी को ज्ञात करने के लिए इस यन्त्र का प्रयोग किया जाता है । राडार ( RADAR ) वास्तव में संक्षिप्त रूप है Radio Detection and Ranging का ।
  • रेडियो माइक्रोमीटर (Radio Micrometer) – इसके द्वारा ऊष्मीय विकिरण को मापा जाता है ।

  • रिफ्रेक्टोमीटर ( Refractometer ) – इस यन्त्र से अपवर्तनांक ( Refractive index ) मापा जाता है ।
  • रेडिएटर ( Radiator ) – यह कारों तथा गाड़ियों के इंजनों को ठण्डा करने वाला उपकरण है ।
  • बोलोमीटर ( Bolometer ) -यह ऊष्मीय विकिरण को मापने का यन्त्र है ।
  • कैलिपर्स ( Callipen ) – इससे बेलनाकार तथा गोल वस्तुओं के भीतरी तथा बाहरी व्यास को मापा जा सकता है । इससे मोटाई भी मापी जा सकती है ।
  • कैलोरीमीटर ( Calorimeter ) – इससे ऊपमा की मात्रा मापी जाती है ।
  • कार्डियोग्राम ( Cardiogram ) – इससे हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति की हृदय गति की जाँच की जाती है । हृदय गति के ग्राफ को कार्डियोग्राफ या ECG ( इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ ) कहते हैं ।
  • कम्पास नीडिल ( Compass Needle ) – इसके द्वारा किसी स्थान पर उत्तर , दक्षिण आदि दिशाओं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है ।
  • कारबुरेटर ( Carburetter ) – इससे अन्तर्दहन पेट्रोल इन्जनों में पेट्रोल तथा हवा का मिश्रण बनाया जाता है ।
  • क्रोनोमीटर ( Chronometer ) यह यन्त्र जलयानों पर लगा होता है जिससे सही माप का पता लगता है ।
  • क्रेस्कोग्राफ ( Crescograph ) – पौधों की वृद्धि मापने का यन्त्र ।
  • साइक्लोट्रॉन ( Cyclotron ) – इस यन्त्र की सहायता से आवेशित कणों ( जैसे – प्रोट्रॉन ) को त्वरित किया जाता है ।
  • कम्प्यूटर ( Computer ) -यह एक गणितीय इलेक्ट्रॉनिक यान्त्रिक व्यवस्था है । इसका उपयोग गणितीय समस्याओं को हल करने में किया जाता है ।
  • सिनेमैटोग्राफ ( Cinematograph ) – छोटी – छोटी फिल्मों को बड़ा करके पर्दे पर लगातार क्रम में प्रक्षेपण ( Projection ) करने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
  • रंगमापक यंत्र ( Colourimeter ) – रंगों की गहनता की माप करने वाला यन्त्र ।
  • स्फेरोमीटर – इससे गोलीय सतह की वक्रता मापी जाती है ।
  • स्फिग्मोफोन – इससे नाड़ी धड़कन की तेज ध्वनि को सुना जा सकता है ।
  • स्टीरियोस्कोप – यह एक प्रकार का उत्तम वाइनोकुलर है । इससे किसी द्विविमीय चित्र को भली – भांति देखा जा सकता है

  • सैलिनोमीटर – यह यन्त्र घोल की लवणता का मापन करता है ।
  • स्पेक्ट्रोस्कोप – स्पेक्ट्रम को देखने के लिए इस यन्त्र का उपयोग किया जाता है ।
  • स्टेथोस्कोप – इस यन्त्र का प्रयोग डॉक्टरों द्वारा फेफड़ों तथा हृदय की धड़कनों तथा ध्वनियों को सुनने तथा उनकी व्याख्या करने के लिए किया जाता है । अस्पतालों में डॉक्टर इसी यन्त्र को गले में लटकाए रहते हैं ।
  • स्ट्रोबोस्कोप – तीव्र गति करने वाली वस्तुओं को देखने में ।
  • स्टॉप – वाच -इससे किसी कार्य या क्रिया की समय अवधि शुद्धता से मापी जा सकती है ।
  • टैकोमीटर – इस यन्त्र द्वारा शाफ्ट की गति ( विशेषत : वायुयान और मोटरबोट में लगे हुए शाफ्ट ), विशेषतः घूर्णन गति , मापी जाती है।
  • रेन गेज ( Rain – gauge ) – इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा मापी जाती है ।
  • रेडियोमीटर ( Radiometer ) – इस यन्त्र द्वारा विकिरण ऊर्जा की तीव्रता को मापा जाता है ।
  • शर्करामापी ( Potentiometer ) – यह यन्त्र किसी घोल में शक्कर की मात्रा मापने के काम आता है ।
  • सिस्मोग्राफ ( Seismograph ) – इस यन्त्र से पृथ्वी की सतह पर आने वाले भूकम्प के झटकों की तीव्रता का ग्राफ स्वतः ही चित्रित हो जाता है
  • स्पेक्ट्रोमीटर ( Spectrometer ) -इस यन्त्र के माध्यम से विभिन्न प्रकार के स्पेक्ट्रमों का अध्ययन किया जाता है तथा विभिन्न रंगों के तरंग – दैर्ध्य ( Wave – length ) को मापा जाता है ।
  • स्पीडोमीटर ( Speedometer ) – इससे मोटर – गाड़ी की गति मापी जाती है ।
  • अल्टीमीटर – इसका उपयोग उड़ते हुए विमानों की ऊँचाई नापने में किया जाता है ।
  • अमीटर – इससे विद्युत् धारा को मापा जाता है।
  • ऐनीमोमीटर – इससे वायु के बल तथा गति को मापा जाता है । यह वायु की दिशा भी बताता है ।
  • ऑडियोमीटर – यह ध्वनि की तीव्रता को मापता है ।
  • एयरोमीटर – यह वायु और गैसों के घनत्व को मापने वाला यन्त्र है ।

  • ऐक्टिनोमीटर – विद्युत् – चुम्बकीय विकिरण की तीव्रता मापने का यन्त्र।
  • ऐक्युमुलेटर -विद्युत् – ऊर्जा उत्पन्न करने का द्वितीयक सेल / एक बैटरी ।
  • ऐस्ट्रोमीटर –तारों के प्रकाश की तीव्रताओं की तुलना ( या माप ) करने वाला यंत्र ।
  • ऑडियोफोन – इसे लोग सुनने में सहायता के लिए कान में लगाते हैं । इसे सुनने की मशीन भी कहते हैं ।
  • बैरोग्राफ ( Barograph ) — यह वायुमण्डल के दाब में होने वाले परिवर्तन को लगातार मापता रहता है और स्वत : ही इसका ग्राफ भी बना देता है ।
  • बाइनोक्यूलर्स ( Binoculars ) — इससे दूर स्थित वस्तुएँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं ।
  • बैरोमीटर ( Barometer ) — यह वायु मण्डलीय दाब को मापने का यन्त्र है ।
  • बैलिस्टिक गैल्वेनोमीटर ( Ballistic Galvanometer ) इस यन्त्र का उपयोग विद्युत् आवेश को मापन के लिए किया जाता है ।
  • दूरदर्शी – इसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुएँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं।
  • थर्मोस्टैट -इस यन्त्र के द्वारा ऊष्मा आपूर्ति पर नियन्त्रण करके किसी वस्तु या पदार्थ का तापमान किसी बिन्दु पर नियत कर दिया जाता है । इस यंत्र को गीजर में ताप – नियंत्रण हेतु लगाया जाता है ।
  • ट्रांसफॉर्मर -इसके द्वारा कम या अधिक वोल्टेज की A.C Alternate current ) को अधिक या कम वोल्टेज की A.C. में बदला जाता है । यह अपचायी व उपचायी प्रकार का होता है ।
  • टेलीप्रिन्टर —यह यन्त्र एक स्थान से दूसरे स्थान पर टाइप किए हुए समाचार भेजता है और उनका अभिग्रहण ( Reception ) भी करता है
  • टोनोमीटर -किसी ध्वनि की पिच ( तारत्व ) या आवृत्ति को मापने वाला यन्त्र ।

  • ट्रान्सपोण्डर – इस यन्त्र का काम है , किसी संकेत ( Signal ) को ग्रहण करना और उसके उत्तर को तुरन्त प्रेषित करना ।
  • यूडोमीटर -वर्षा मापक यन्त्र ( रेनगेज ) ।
  • वेन्चुरीमीटर -द्रव के प्रवाह की दर ज्ञात करने का यन्त्र ।
  • वर्नियर —यह एक पैमाना है जो किसी दिए गए बड़े पैमाने के साथ लगाया जाता है । इससे बड़े पैमाने के एक छोटे भाग ( Division ) के भी अति सूक्ष्म अंश को मापा जा सकता है
  • विस्कोमीटर – यह यन्त्र द्रव की श्यानता ( Viscosity ) मापता है।
  • वोल्टमीटर —यह किन्हीं दो बिन्दुओं के मध्य विद्युत् विभवान्तर ज्ञात करने का यन्त्र है ।
  • वाटमीटर -विद्युत् स्रोत की शक्ति ( Power ) को मापने वाला यन्त्र ।
  • वेवमीटर – रेडियो तरंग की तरंगदैर्घ्य मापने वाला यन्त्र ।
  • कम्यूटेटर – इससे किसी परिपथ में विद्युत् धारा की दिशा बदली जाती है ।
  • साइटोट्रॉन – कृत्रिम मौसम उत्पन्न करने में काम आने वाला यन्त्र ।
  • साइटोस्कोप – मूत्राशय के आन्तरिक भागों को सीधे ही देखने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाला यन्त्र ।
  • डायनेमो -यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदलने वाला यन्त्र ।
  • डायनेमोमीटर – विद्युत् शक्ति को मापने का यन्त्र ।
  • घनत्वमापी -इस उपकरण से घनत्व मापा जाता है ।
  • नमनमापी -किसी स्थान पर चुम्बकीय नमन कोण ( Dip angle ) मापने के लिए इस यन्त्र का प्रयोग किया जाता है ।
  • इलेक्ट्रिक मोटर – विद्युत् ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में बदलने वाला यन्त्र
  • इलेक्ट्रोस्कोप – विद्युत् आवेश की उपस्थिति का पता लगाने वाला यन्त्र ।
  • यूडियोमीटर -इसके द्वारा गैसों में रासायनिक क्रिया के कारण होने वाले आयतन के परिवर्तनों को मापा जाता है।

  • एण्डोस्कोप –यह वह यन्त्र है जिसे शरीर के अन्दर प्रवेश कराके अंदर की रचना व विकारों को जाता है ।
  • फैदोमीटर – समुद्र की गहराई मापने का यन्त्र।
  • अग्निशामक –यह आग बुझाने के काम आता है ।
  • धारामापी -विद्युत् परिपथों में विद्युत् धारा की दिशा बताने वाला एवं उसकी तीव्रता मापने वाला यन्त्र ।
  • ग्रामोफोन -इसके द्वारा रिकॉर्ड पर अंकित ध्वनि तरंगों को पुन : उत्पन्न किया जा सकता है और सुना जा सकता है ।
  • गाइरोस्कोप – घूमती हुई वस्तुओं की गति मापने का यन्त्र ।
  • हाइड्रोमीटर – द्रवों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने का यन्त्र ।
  • हाइग्रोमीटर – वायुमण्डल की आर्द्रता को मापने वाला यन्त्र ।
  • हाइड्रोफोन – पानी के अन्दर ध्वनि तरंगों को संसूचित ( Detect ) करने वाला यन्त्र ।
  • हार्ट-लंग्स मशीन -हदय और फेफड़ों का ऑपरेशन करते समय यह मशीन काम आती है।
  • हिप्सोमीटर — यह द्रवों के क्वथनांक ज्ञात करने वाला यन्त्र है ।
  • कायमोग्राफ — यह यन्त्र रक्त चाप ( Blood pressure ) , हृदय स्पन्दन ( Heart beats ) , आदि शारीरिक गतियों या कारकों के परिवर्तन का ग्राफ बनाता है ।
  • लैक्टोमीटर – दूध की शुद्धता जाँच करने का यन्त्र दूध का आपेक्षिक घनत्व मापता है जिससे उसमें पानी की मात्रा का पता चलता है।
  • तड़ित चालक – यह ऊँची इमारतों के ऊपर सबसे ऊँचे भागों पर लगाया जाता है जिससे तड़ित विद्युत् ( बादलों की बिजली ) का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और इमारतें सुरक्षित रहती हैं ।
  • दाबमापी – इससे गैसों का दाब ज्ञात किया जाता है ।
  • मैग्नेट्रॉन -विशेष प्रकार की इलेक्ट्रॉन ट्यूब जो सूक्ष्म तरंगें ( माइक्रोवेब ) उत्पन्न करती हैं ।

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Amit Yadav

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