भौतिक विज्ञान की पूरी जानकारी, परीक्षा उपयोगी जानकारी, भौतिक सामान्य ज्ञान,

दोस्तो आज इस पोस्ट में हम जानेंगे की इंट्रेस् एग्जाम या सामान्य एग्जाम या सामान्य जानकारी के लिए भौतिक विज्ञान की कौन कौन से महत्वपूर्ण जानकारी है। तो चलिए देखते हैं भौतिक विज्ञान की पूरी जानकारी, परीक्षा उपयोगी जानकारी, भौतिक सामान्य ज्ञान…

भौतिक विज्ञान की पूरी जानकारी, परीक्षा उपयोगी जानकारी, भौतिक सामान्य ज्ञान,

 
  • भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती है – सदिश ( Vector ) एवं अदिश ( Scalar ) .
  • सदिश राशि में परिमाण के साथ दिशा भी होती है , जैसे – संवेग , विस्थापन , त्वरण , भार , बल , दिशा आदि .
  • अदिश राशि मे परिणाम तो होता है परन्त दिशा नहीं जैसे – लम्बाई , घनत्व , गति , आयतन , क्षेत्रफल, द्रव्यमान आदि .
  • सामान्य नियम के अनुसार कोई भी द्रव या गैस अधिक दाब से कम दाब की ओर प्रवाहित होता है ।
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  • हाइड्रोजन से भरा हुआ गुब्बारा जैसे – जैसे वायमण्डल में ऊँचाई की ओर जाता है वैसे – वसे उसके ।
  • आमाप में वृद्धि होती जाती है क्योंकि ऊँचाई बढ़ने के साथ वायुमण्डल के घनत्व में कमी आती है ।
  • ऊंचाई बढ़ने के साथ वायुमण्डलीय दाब कम होते जाने के कारण जल का क्वथनांक भी घटता जाता हैं।
  • वायुदाब में कमी के कारण हवाई जहाज से यात्रा करते समय पेन में स्याही निकलने लगती है ।
  • शीशे की छड़ जब भाप में रखी जाती है , इसकी लम्बाई बढ जाती है , परन्तु इसकी चौड़ाई अव्यवस्थित होती है ,
  • पानी जमने पर उसके आयतन में वृद्धि होती है । इस कारण पानी से भरी बोतल के पानी के जमने पर उसका आयतन बढ़ेगा और डॉट लगी हुई बोतल टूट जायेगी ।
  • यदि एक जहाज नदी से समुद्र में प्रवेश करता है तो वह ऊपर उठ जायेगा . ।
  • लोहे की कील पारे पर तैरती है , जबकि पानी में डूब जाती है क्योंकि लोहे का घनत्व पानी से अधिक है पर पारे से कम .
  • बादलों के वायुमण्डल में तैरने का कारण उनका कम घनत्व है . ।
  • वस्तु की मात्रा बदलने पर घनत्व अपरिवर्तित रहेगा जबकि आयतन , भार , द्रव्यमान परिवर्तित हो जाएगा .

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  • जल का वाष्प में परिवर्तन भौतिक परिवर्तन है .
  • भाप से हाथ अधिक जलता है , अपेक्षाकृत उबलते जल से क्योंकि भाप में गुप्त उष्मा होती है ।
  • वायुदाब मापी की रीडिंग में अचानक गिरावट इस बात का संकेत है कि मौसम तूफानी होगा .
  • ऊंचाई की जगहों पर पानी 100° सेन्टीग्रेड के नीचे के तापमान पर उबलता है क्योंकि वायुमण्डलीय दबाव कम हो जाता है , अतः उबलने का बिन्दु नीचे आ जाता है .
  • पदार्थ के संवेग एवं वेग के अनुपात से द्रव्यमान प्राप्त होता है .
  • गेंद जितनी अधिक ऊंचाई पर जायेगी प्रक्षेप उतना ही छोटा होगा . अधिकत्तम प्रक्षेप के लिए प्रक्षेप कोण 45° होना चाहिए .
  • वाशिंग मशीन में कपड़ों को वृत्ताकार पथ में तेज गति से धुमाने पर पथ के केन्द्र से बाहर का आर अपकेन्द्रण बल कार्य करता है , जिससे कपड़ों से मैल निकलती है तथा कपड़ा जल्दी सूख जाता है ,
  • लकड़ी , लोहे व मोम के समान आकार के टुकड़ों को समान ऊंचाई से पृथ्वी पर गिराया जाता हता सभी टुकड़े साथ – साथ पृथ्वी की सतह पर पहुंचेंगे ,
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  • पलायन वेग ऐसी गति होती है , जिसमें कोई पिण्ड किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण सामा स पर जा सकता है . पृथ्वी का पलायन वेग 11 . 2किमी / सेकण्ड है .
  • लोलक घड़ियाँ गर्मियों में सस्त हो जाती हैं क्योंकि लोलक की लम्बाई बढ़ जाती है जिससे इकाई दोलन में लगा हुआ समय बढ़ जाता है .
  • एक अश्व शक्ति बराबर होता है – 746 वाट
  • जब लिफ्ट त्वरित गति से ऊपर जा रही हो तब लिफ्ट में बैठे हुए व्यक्ति को अपना भार अधिक मालूम पड़ेगा.
 
  • बर्फ में सड़क की अपेक्षा घर्षण कम होता है इसलिए सड़क पर चलने की अपेक्षा बर्फ पर चलना कठिन हैं।
  • जब एक पत्थर को चांद की सतह से पृथ्वी पर लाया जाता है तो इसका भार बदल जाएगा परन्तु द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता।
  • किसी वस्तु का भार विषुवत रेखा की अपेक्षा ध्रुवों पर अधिक होता है । इसलिए 0 डिग्री अक्षांश से बढ़ते । हुए अक्षांश की तरफ जाने पर किसी वस्तु का वजन बढ़ता जाता है ।
  • गुरूत्वाकर्षण के सार्वभौम नियम के प्रतिपादक न्यूटन हैं .
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  • ऊर्जा संरक्षण का मूलभूत सिद्धांत है – ऊर्जा का न तो सृजन होता है और न ही विनाश ,
  • सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होती है . सौर ऊर्जा वैकल्पिक ऊर्जा का सबसे बड़ा संग्रहगार है .
  • सूर्य की ऊर्जा हाइड्रोजन के नाभिकीय संलयन द्वारा उत्पन्न होती है .
  • तारे अपनी ऊर्जा नाभिकीय संलयन व गुरूत्वीय संकुचन से प्राप्त करते हैं .
  • सौर सेल कृत्रिम उपग्रह को विद्युत ऊर्जा प्रदान करते हैं.
  • ऊनी वस्त्र गर्म रखते हैं गर्म रखते हैं क्योंकि ऊनी वस्त्रों के रेशों के मध्य भरी हुई वायु उष्मा की कुचालक होती
  • प्रेशर कुकर में खाना कम समय में पकता है , क्योंकि अधिक दाब के ताप ( क्वथनांक ) बढ़ जाता है .
  • सेंटीग्रेट और फैरनहाइट तापक्रम – 40 अंश पर एक ही रहते है .
 
  • थर्मोस्टैट (तापस्थापी) टेम्परेचर (ताप) स्थिर रखने का एक साधन है
  • 100 डिग्री से . पर जल की तुलना में 100 डिग्री से . पर वाष्प में ऊष्मा अधिक होता है .
  • 4 अंश से . के ताप पर पानी का घनत्व सर्वाधिक होता है .
  • हवा के ताप , नमी , आर्द्रता , संचार नियंत्रण की विधि को वातानुकूलन कहते हैं।
  •  ठंड के दिनों में लोहे के गुटके और लकड़ी के गुटके को प्रातःकाल में छूने पर लोहे का गुटका ठंडा लगता है , क्योंकि लकड़ी की तुलना में लोहा उष्मा का अच्छा चालक होता हैं ।
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  • किसी भी द्रव की खुली सतह में कम से कम क्षेत्रफल घेरने की प्रवृत्ति रहती है , जिसे पृष्ठ तनाव कहते हैं।
  • पृष्ठ तनाव के कारण वर्षा की बूंदें गोलाकार होती है .
  • तेल जल के तल पर फैल जाता है , क्योंकि तेल का पृष्ठ तनाव , पानी से कम है .
  • पृष्ठ तनाव के कारण बत्ती वाले स्टोव में कैरोसिन बत्ती के ऊपर चढता है .
  • दीर्घ तरंग दैर्ध्य वाले प्रकाश का प्रकीर्णन लघु तरंग दैर्ध्य वाले प्रकाश से कम होता है .
  • तरंगों में रेडियो तरंगों की तरंग लम्बाई सबसे अधिक होती है .
  • दुरदर्शन के संकेत एक निश्चित दूरी के बाद नहीं मिल सकते क्योंकि पृथ्वी की सतह वक्राकार है .
 
  • अन्तरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है .
  • एक छड़ी को जल में तिरछी स्थिति में डुबोया गया है . यदि बगल से देखा जाए , तो छडी छोटी और । जल की सतह पर झुकी हुई प्रतीत होती है , ऐसा प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है .
  • रेगिस्तान में वाय गर्म होकर ऊपर उठती है जिससे नीचे की वायु विरल एवं ऊपर सघन माध्यम का निर्माण करती है । किरणें जब सघन से विरल वायु में प्रवेश करती है तो उनका पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होता है और थल के स्थान पर जल का भ्रम होता है । इसे ही मृग मरीचिका ( Mirage ) कहा जाता है . पूर्ण आंतरिक परावर्तन वस्तुतः अपवर्तन की ही विशिष्ट घटना है .
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  • विकिरण के कारण साफ रात मेघीय रातों की अपेक्षा अधिक ठंडी होती है ।
  • साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का बनना बहुलित परावर्तन और व्यतिकरण का परिणाम है .
  • पानी में हवा का बुलबुला वैसे ही काम करेगा जैसे अवतल लेंस करता है
  • खतरे के संकेतों के लिए लाल प्रकाश का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है .
  • प्रकाश तन्तु ( Optical Fibre ) पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर आधारित है , प्रकाश तन्तु संचार तंत्र में ऊर्जा उपयोग बहुत कम होता है . यह रेडियो आवृत्ति अवरोध से मुक्त होता है .
 
  • कार चलाते समय अपने पीछे के यातायात को देखने के लिए उत्तल दर्पण ( Convex Mirror ) का उपयोग करते हैं .
  • आकाश नीला प्रतीत होता है , क्योंकि वातावरण में वायु के कण सूर्य की किरणों को प्रकीर्णित करते है।
  • हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक 2 . 42 होने के कारण इसका क्रान्तिक कोण कम होता है . इसलिए हीरे । के अंदर प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है और हीरा हमें चमकदार दिखाई पड़ता है।
  • माध्यम में धूल व अन्य सूक्ष्म कणों से प्रकाश के गुजरने पर विभिन्न दिशाओं में प्रसारित होने की क्रिया को प्रकीर्णन ( Scattring ) कहते हैं .
  • किसी अपारदर्शी वस्तु का रंग उस रंग के कारण होता है जिसे वह परावर्तित करती है .
  • सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश आने में लगभग 8 मिनट लगता है . ‘
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  • सबसे कम तरंगदैर्ध्य बैगनी एवं सर्वाधिक लाल रंग का है . स्पेक्ट्रम ( VIBGYOR ) बढ़ते तरंगदैर्ध्य पर आधारित है ,
  • नीला , हरा और लाल तीन रंग मूल रंग हैं .
  • एक रंगीन टेलीविजन में रंग तीन आधारभूत रंगों लाल , हरा तथा नीला के मिश्रण से बनता है .
  • लघु तरंग दीर्घ तरंगों की अपेक्षा वायुमण्डल द्वारा अधिक प्रकीर्ण होती है अतः आकाश नीला दिखता है।
  • दाढ़ी बनाने के लिए अवतल दर्पण ( Concave Mirror ) प्रयुक्त होता है
  • पढ़ने में काम आने वाले ग्लासेस उत्तल लेन्स से बनते हैं.
 
  • मेघाच्छादितं रातों में , पृथ्वी से परावर्तित की गयी ऊष्मा को मेघों द्वारा पृथ्वी की ओर पुनः परावर्तित कर दी जाती है जिससे मेघाच्छन्न रातें गरम रहती हैं
  • वायुमण्डल में प्रकाश के विसरण या प्रकीर्णन का मुख्य कारण धूलि – कण एवं जल – वाष्प है .
  • रमन प्रभाव का प्रकाश की उन किरणों से संबंध है जो सभी पारदर्शी माध्यम के आरपार जाती है .
  • जब लाल , नीले तथा हरे , प्रकाश का पुंज एक स्थान पर पड़ता है तब प्रकाश का रंग सफेद हो जाता हैं।
  • जब दो समानान्तर दर्पणों के बीच कोई वस्तु रख दी जाती है ताबा होती है , चकाई वस्तु रख दी जाती है तो बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या अनन्त होती है।
  • टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल में अवरक्त प्रकाश तरंगों का उपयोग होता है .
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  • निर्वात से ध्वनि पार नहीं जा सकती है, ध्वनि याँत्रिक तरंगें हैं इसके गमन के लिए माध्यम आवश्यक है।
  • अलग – अलग ध्वनि प्रबलता सामान्यतः निम्नानुसार होती है ।
    1. सुनाई भर देने वाली आवाज 15 – 20 डेसीबल,
    2. सामान्य वार्तालाप 40 – 60 डेसिबल ,
    3. शोर शराबे वाली गली 90 से 95 डेसीबल
    4. यंत्र कारखाना 100 – 105 डेसीबल .
  • मनुष्यों के लिए ध्वनि की सह सीमा करीब – करीब 85 – 90 डेसीबल्स होती है .
  • तापमान एवं आर्द्रता के बढ़ने पर वायु में ध्वनि का वेग बढ़ता है .
 
  • ट्रांसफार्मर से विद्युत वोल्टेज को बढ़ाया या घटाया जाता है ।
  • टरबाइन व डाइनेमो से बिजली प्राप्त करने में मेकेनिकल ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं.
  • 100 वाट का बिजली का बल्ब यदि 10 घण्टे जले तो 1 इकाई बिजली खर्च होगी . ( 100X10 = 1000 )
  • मेन्ज विद्युत प्रदाय में फ्यूज का प्रयोग एक सुरक्षा युक्ति के रूप में होता है . इसमें लगे तार का प्रतिरोध उच्च एवं गलनांक निम्न होना आवश्यक है ताकि यदि अधिक धारा प्रवाहित होती हो तो यह पिघल कर धारा अवरूद्ध कर दे और उपकरण सुरक्षित रहे .
  • अर्ध चालक की चालकता शून्य डिग्री केल्विन ताप पर शून्य होती है,
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  • तड़ित चालक आवेश को पृथ्वी तक भेज देते हैं जिससे इमारतों का बिजली से बचाव होता है .
  • फेरोमैग्नेटिक पावडर से टेप रिकार्डर की टेप लेपित रहती है ,
  • परमाणु बम का कार्यकारी सिद्धान्त यूरेनियम का नाभिकीय विखण्डन है और हाइड्रोजन बम का कार्यकारी सिद्धान्त नाभिकीय संलयन है . भारा अणुआ का ताड़ कर हल्के परमाणु भार के परमाणुओं के निर्माण की प्रक्रिया विखण्डन है ।
  • दो न्यक्लियस मिलकर बड़े नाभिक निर्माण की प्रक्रिया संलयन ( Fusion ) कहलाती है , सूर्य की उर्जा का स्त्रोत यही प्रक्रिया है .
  • नाभिकीय रियेक्टर और परमाणु बम में प्रमुख अंतर यह है कि नाभिकीय रियेक्टर में श्रृंखला का अभिक्रियान्वयन नियंत्रित होता है , जबकि परमाणु बम में श्रृंखला अभिक्रिया नियंत्रित नहीं होती । ।
 
  • ड्यूटेरियम ऑक्साइड को गुरूजल ( Heavy Water ) कहते हैं
  • रेडियोधर्मी पदार्थ अल्फा, बीटा, एवं गामा किरण उत्सर्जित करता है .
  • किसी परमाणु नाभिक का आइसोटोप वह नाभिक है , जिसमें प्रोटॉनों की संख्या वही होती है , परन्तु न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न होती है
  • न्यूक्लीयर रिएक्टर में शीतलक ( Coolant ) के रूप में द्रव – सोडियम एवं भारी पानी का प्रयोग किया जाता है .
  • थोरियम , प्लूटोनियम तथा यूरेनियम परमाणु ईधन है .
  • परमाणु रिएक्टर आणविक भट्टी है .
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  • पहले जनरल परपस इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर के निर्माण का श्रेय जे . पी . एकर्ट एवं मोसले को जाता है । जिन्होंने ENIAC का निर्माण किया ।
  • कम्यूटरों की स्मृति को सामान्यतः किलोबाइट , मेगाबाइट या गीगाबाइट के रूप में व्यक्त किया जाता है . बाइट आठ बिट ( द्वि – आधारी अंक 0 एवं 1 ) से बनता है .
  • लेसर बीम के द्वारा ‘ सीडी में ध्वनि का पुनरूत्पाद , चित्र , डाटा संग्रह आदि किया जाता है .
  • जब एक सीडी ( आडियो एवं वीडियो प्रणालियों में प्रयुक्त होने वाली कॉम्पैक्ट डिस्क ) को सूर्य के प्रकाश में देखा जाता है तो परावर्तन , विवर्तन के कारण इन्द्रधनुष के समान रंगीन दिखाई पड़ती हैं .
  • एक चलचित्र में एक सिरे से दूसरे सिरे तक सामान्यतः 24 फ्रेम प्रति सेकंड प्रक्षेपित किये जाते हैं .
 
  • परम भारत द्वारा विकसित सुपर कम्प्यूटर का नाम है . पुणे के ‘ सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग ‘ नामक संस्था ने भारत के पहले सुपर कम्प्यूटर परम ‘ का निर्माण किया .
  • कम्प्यूटर वायरस विद्वेषपूर्ण कार्यक्रम होते हैं .
  • आई . सी . चिप सिलिका से बना उपकरण होता है , जिसका उपयोग कम्प्यूटर हार्डवेयर में किया जाता ।
  • संगणकों ( कम्प्यूटरों ) के आई . सी , चिप प्रायः सिलिकॉन से बनाये जाते हैं .
  • ब्रिटिश भौतिकशास्त्री एवं कम्प्यूटर विशेषज्ञ टिम बर्नर्स ली ने विश्व व्यापी संजाल ( डब्ल्यू . डब्ल्यू . डब्ल्यू . ) का आविष्कार एवं प्रवर्तन किया .
  • कम्प्यूटर के संदर्भ में RAM का पूरा नाम रेन्डम एक्सेस मेमोरी से है,
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  • वह युक्ति जिसके द्वारा आंकड़ों को टेलीफोन के माध्यम से बाइनरी सिग्नलों की सहायता से भेजा जाता । है , मोडेम कहलाता है .
  • पश्चिम देशों में कॉपरनिकस ने पहली बार कहा था कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। और पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केन्द्र बिन्दु नहीं है .
  • तारे का रंग उसके ताप का सूचक है .
  • ब्लैक होल ‘ अंतरिक्ष का ऐसा पिंड है जिसका घनत्व बहुत उच्च होता ह , इस प्रकार के विकिरण को बाहर नहीं आने देता ।
  • वह सीमा , जिसके बाहर तारे आन्तरिक मृत्यु से ग्रसित हात ह , चन्द्रश घनत्व बहुत उच्च होता है , इस गुण के कारण वह किसी आन्तरिक मृत्यु से ग्रसित होते हैं , चन्द्रशेखर सीमा कहलाती है ।
 
  • आकाश गंगा का स्वरूप सर्पाकार है .
  • पृथ्वी के निकटतम दूरी पर स्थित ग्रह शुक्र है .
  • एक जीवधारी के रूप में पृथ्वी का वैज्ञानिक नाम ग्रीन प्लेनेट है .
  • कृत्रिम उपग्रह हमेशा पृथ्वी से पूर्वी दिशा में छोड़े जाते हैं क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर । लगाती है इसलिए उपग्रह को निकास वेग मिल जाता है .
  • सी ऑफ ट्रांक्विलिटी चन्द्रमा पर वह स्थान है जहां मानव ने सर्वप्रथम पदार्पण किया था .
  • ‘ हेल – बॉप ‘ एक पुच्छल तारा या धूमकेतु है .
  • अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग अपोलो यान द्वारा 16 जुलाई , 1969 को चंद्रमा पर पहुंचने वाले प्रथम मानव थे . इनके साथ एडविन एलड्रिन भी थे ,
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  • तुल्यकाली या भू – स्थिर उपग्रह लगभग 36000 कि . मी . की ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है ।
  • मंगल पर वर्ष 2004 में जो पहला अमेरीकी यान पहुंचा , वह स्पिरिट था .
  • सितंबर 2002 में भारत ने मैटसेट प्रक्षेपित किया .
  • 20 सितंबर 2004 को एडुसैट का प्रक्षेपण किया गया , शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित यह विश्व में अपनी तरह का अनूठा उपग्रह है
  • उच्चवेग की इकाई मैक , तरगदध्य का इकाइएस्ट्रामा पाप का इकाइ पास्कल तथा ऊजा की इकाई । जूल है ,
  • कार्य का मात्रक जूल है . पास्कल दाब की इकाई है .
  • एक माइक्रॉन 1 / 1000 मिलीमीटर के बराबर है .

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भौतिक शास्त्र में मापन और इकाई

 
  1. एम्पीयर विद्युत करन्ट नापने की इकाई है , ‘
  2. चालक की वैद्युत प्रतिरोधकता की इकाई ओम है । प्रकाश वर्ष दूरी की इकाई है ।
  3. प्रकाश एक वर्ष में जितनी दूरी तय करता ह पर होती है .
  4. पारसेक दूरा का इकाई है जो 3.26 प्रकाश वर्ष के बराबर होता है , यह दूरी का सबसे बड़ा मात्रक ह ।
  5. डेसीबल वातावरण में ध्वनि नापने के लिये प्रयोग में लाया जाता है .
  6. बैरोमीटर से वायुमण्डलीय दाब की माप की जाती है .
  7. हाइड्रोमीटर से द्रवों के आपेक्षिक घनत्व की माप की जाती है .
  8. हाइग्रोमीटर से वायु की आर्द्रता मापी जाती है .
  9. मैनोमीटर से गैसों के दाब की माप की जाती है ,
  10. एनीमोमीटर – वायु की चाल मापने का यंत्र है .
  11. अमीटर – विद्युत धारा मापने का यंत्र है .
  12. टैकियोमीटर – गति मापने का यंत्र है .
  13. पायरोमीटर – उच्च ताप मापने का यंत्र है
  14. होलोग्राफी – त्रि – आयाम में लेसर किरण की सहायता से छायाचित्र बनाने की तकनीक है .
  15. गेल्वेनोमीटर कम मात्रा की विद्युत धाराओं को मापने का यंत्र है , ।
  16. रेडार का प्रयोग रेडियो तरंगों द्वारा वस्तुओं की उपस्थिति तथा अवस्थिति ज्ञात करने के लिए किया ।
  17. सोनार से महासागर में डूबी हुई वस्तुओं की स्थिति जाना जा सकता है .

अन्य तथ्य

 
  1.  गलनांक ( Melting Point ) – जिस ताप पर कोई पदार्थ ठोस ( Solid ) अवस्था से द्रव ( Liquid ) अवस्था में परिवर्तित होती है उस तापमान को पदार्थ का गलनांक कहलाता है .
  2. क्वथनाक ( Boiling Point ) – वह तापमान जिस पर कोई द्रव उबलती और गैस अवस्था में परिवर्तित होती है . उस पदार्थ का क्वथनांक कहलाती है . जल का क्वथनांक 100° सेल्सियस है . पहाड़ों पर प्रेशर । कुकर में वायुदाब कम हो जाने के कारण क्वथनांक कम हो जाता है ।
  3. वाष्पन ( Vapourisation ) – द्रव अवस्था से वाष्प अवस्था में परिवर्तन की क्रिया .
  • द्रव ताप मिलने पर गैस में परिवर्तित होती रहती है , इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक उष्मा द्रव स । हा प्राप्त करती है , और द्रव कुछ ठंडा हो जाता है . उदाहरण – घड़े में पानी का ठण्डा होना.
  • वायुमंडलीय आद्रता अधिक होने पर वाष्पन दर कम हो जाता है और आर्द्रता कम होने पर वाष्पन अधिक . उदा – घड़े का पानी बरसात में अधिक ठंडा नहीं हो पाता , बरसात में कपड़े जल्दी नहीं सूखते .

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  1. अतिशीतन ( Super Cooling ) – अधिकांश द्रव यदि पूर्णतः स्वच्छ बर्तन में बहुत धीरे – धीरे ठंडे किए जाएं तो अपने सामान्य हिमांक से नीचे तक बिना संपिंड हुए पहुंच जाते हैं । यह क्रिया अतिशीतन कहलाती है । अतिशीतन एक अस्थायी क्रिया है । ।
  2. अतितापन ( Super Heating ) – अतितापन भी एक अस्थायी क्रिया है । विलीन वाय से स्वतंत्र पानी को । एक स्वच्छ बर्तन में सावधानी से गरम करन सताप 100° से . से कई डिग्री ऊपर तक पहुंच सकता और पानी खौलता नहीं लेकिन इस स्थिति में यदि उसे हिला दिया जाए तो वह एक दम से खौलने लगता है और गुप्त ऊष्मा व्यय होने स ताप भा 100° से . आ जाता है । ।

तापमापी यंत्र

  1.  थर्मामीटर – ये उष्मा के चालनव प्रसार पर आधारित होता है व पाठयांक दर्शाता है ।
  2. पायरोमीटर – उष्मा के विकिरण पर आधारित , गर्म भट्टियाँ व सूर्य के तापमान का मापन
  3. बोलोमीटर – विशेषकर सूर्य का तापमान मापते हैं . भात के दो तारों की सहायता से तापमान का मापन किया जाता है .
  4. थर्मोकपल ( तापयुग्म ) – धातु के दो तारों की सहायता से तापमान का मापन किया जाता है।

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