विश्व दुग्ध दिवस क्यों और कब से मनाया जाता है | World Milk Day
दूध एक अपारदर्शी श्वेत द्रव है जो स्तनधारी मादाओं के स्तन ग्रंथियों द्वारा बनाया जता है। नवजात शिशु तब तक दूध पर निर्भर रहता है जब तक वह अन्य पदार्थों का सेवन करने में अक्षम होता है। साधारणतया दूध में 85 प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्व अर्थात खनिज व वसा होता है। दूध छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी उम्र के लोगों का पसंदीदा पेय है क्योंकि यह स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसे पीने से कई सारे फायदे मिलते हैं। लोगों तक दूध के इन फायदों को पहुंचाने के मकसद से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है।
इंटरनेशनल डेयरी जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ मायने में किए गए एक शोध से यह बात साबित हो चुकी है कि जो लोग रोजाना कम से कम एक ग्लास दूध पीते हैं, वे उन लोगों की तुलना में हमेशा मानसिक और बौद्धिक तौर पर बेहतर स्थिति में होते हैं, जो दूध का सेवन नहीं करते।
क्यों मनाया जाता है विश्व दुग्ध दिवस?
2001 में, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा वैश्विक भोजन के रूप में दूध के महत्व को पहचानने और डेयरी क्षेत्र का जश्न मनाने के लिए विश्व दुग्ध दिवस की स्थापना की गई थी। हर साल, दूध और डेयरी उत्पादों के लाभों को दुनिया भर में सक्रिय रूप से प्रचारित किया गया है, जिसमें यह भी शामिल है कि कैसे डेयरी एक अरब लोगों की आजीविका का समर्थन करती है।
विश्व दुग्ध दिवस कब से मनाया जाता हैं?
मिल्क डे या विश्व दुग्ध दिवस पहली बार 2001 में एफएओ द्वारा नामित किया गया था। 1 जून को तारीख के रूप में चुना गया था क्योंकि कई देश पहले से ही वर्ष के उस समय के दौरान दुग्ध दिवस मना रहे थे। यह 2001 से प्रत्येक वर्ष 1 जून को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान देने का अवसर प्रदान करना है।
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विश्व दुग्ध दिवस मानने का क्या उद्देश्य है?
हर साल, विश्व दुग्ध दिवस 1 जून को मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य दुनिया भर में भोजन के रूप में दूध के मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना और पोषण को बढ़ावा देने और आजीविका को बनाए रखने के लिए डेयरी उद्योग के योगदान को उजागर करना है।
मिल्क डे मनाने का लक्ष्य लोगों को इसके लाभ और महत्व समझाने के साथ ही उन्हें यह बताना भी था कि दूध कैसे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों को लाभ पहुंचाता है। इसके बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ही हर साल इस दिन को मनाया जाता है। एफएओ के अनुसार, करीब छह अरब लोग डेयरी उत्पादों का उपभोग करते हैं। इतना ही नहीं डेयरी व्यवसाय एक अरब से अधिक लोगों को आजीविका चलाने में मदद करता है।
कब मनाया जाता है राष्ट्रीय दुग्ध दिवस?
दुनियाभर में जहां 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है, तो वहीं भारत में हर साल नेशनल मिल्क डे 26 नवंबर को मनाया जाता है। भारत में इस दिन को डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्हें भारत में श्वेत क्रांति का जनक भी कहा जाता है। उन्हें ‘मिल्क मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।
दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?
खाद्य और कृषि संगठन कॉरपोरेट स्टैटिस्टिकल डेटाबेस (FAOSTAT) के उत्पादन डेटा के अनुसार, भारत सबसे अधिक दुग्ध उत्पादक है यानी वर्ष 2021-22 में वैश्विक दुग्ध उत्पादन में चौबीस प्रतिशत योगदान देने वाला विश्व में प्रथम स्थान पर है।
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दुनिया में सबसे अच्छा दूध कहां है?
न्यूजीलैंड की घास खाने वाली गायें दुनिया के कुछ बेहतरीन गुणवत्ता वाले दूध का उत्पादन करती हैं। दूध देने वाली गायों की गुणवत्ता का सीधा संबंध उनके आहार और पर्यावरण से है। तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि न्यूजीलैंड की चरागाहों में पलने वाली गायें, हमारी हरी-भरी घास खाकर, दुनिया के कुछ बेहतरीन दूध का उत्पादन करती हैं।
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