BSF की स्थापना
1 दिसंबर 1965 आज ही के दिन बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की स्थापना हुई थी। BSF एक अर्धसैनिक बल है, जो शांति काल के दौरान देश की सीमा की रक्षा करने और इंटरनेशनल क्राइम रोकने के लिए जिम्मेदार है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है।
Border Security force
BSF की स्थापना पाकिस्तान के साथ 1965 में हुए युद्ध के बाद बॉर्डर सिक्योरिटी को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी। BSF भारत के 5 केंद्रीय सशस्त्र बलों में से एक हैं। फिलहाल 192 बटालियन और 2 लाख 70 हजार कर्मियों के साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स है। स्थापना के समय इसके पास 25 बटालियन थी। BSF का आदर्श वाक्य ‘ड्यूटी अनटू डेथ’ है।
इस समय बीएसएफ की 192 बटालियन है और यह 6,385.39 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है।
बीएसएफ, जिसे लंबे समय तक नर बुर्ज माना जाता है, ने अब सीमा पर महिला कर्मियों के अपने पहले बैच को महिलाओं के नियमित रूप से तैनात के साथ-साथ सीमा के संरक्षण सहित अपने पुरुष समकक्षों द्वारा किए गए अन्य कर्तव्यों को पूरा करने के लिए तैनात किया है। भारत में अत्यधिक अस्थिर भारत-पाक सीमा पर 100 से ज्यादा महिलाएं तैनात की गई हैं, जबकि लगभग 60 भारतीयों को भारत-बांग्ला सीमा पर तैनात किया जाएगा। कुल मिलाकर, विभिन्न चरणों में सीमा पर 5 9 5 महिला कॉन्स्टेबल तैनात किए जाएंगे
BSF के पास ये 3 विंग्स/रेजिमेंट है
- एयर विंग
- मरीन विंग
- आर्टिलरी रेजिमेंट
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BSF के पास एक अलग ऊंट और कुत्तों की विंग है, जिससे उन्हें कच्छ के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे मुश्किल इलाकों में पहुंचने में मदद मिलती है।
बीएसएफ की मुख्य जिम्मेदारियाँ हैं
- सीमा की सुरक्षा करना
- सीमा पार से होने वाली अवैध गतिविधियों को रोकना
- सीमा के आसपास के क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखना
- सीमा के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और सहायता करना
- बीएसएफ के जवानों को सीमा की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और वे सीमा की सुरक्षा के लिए विशेष उपकरणों और हथियारों का उपयोग करते हैं।
BSF के कुछ और महत्वपूर्ण कार्य हैं
- सीमा पार से होने वाली तस्करी को रोकना
- सीमा पार से होने वाले आतंकवादी गतिविधियों को रोकना
- सीमा के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करना
- सीमा के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ संबंध बनाना और उनकी समस्याओं का समाधान करना
- बीएसएफ के जवानों को सीमा की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और वे सीमा की सुरक्षा के लिए विशेष उपकरणों और हथियारों का उपयोग करते हैं।
बीएसएफ के जवानों को उनकी सेवाओं के लिए कई पुरस्कार और सम्मान भी मिलते हैं।
BSF से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाएं
बीएसएफ का इतिहास 1965 में शुरू हुआ, जब भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की। उस समय, भारत की सीमाएं पाकिस्तान और चीन के साथ तनावपूर्ण थीं, और सरकार ने सीमा की सुरक्षा के लिए एक विशेष बल की आवश्यकता महसूस की।
BSF की स्थापना के बाद, इसके जवानों ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद, बीएसएफ ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बीएसएफ ने बांग्लादेश के लिबरेशन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर रहमान ने भी स्वीकार किया था।
बीएसएफ ने अपने इतिहास में कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध
- 1984 का ऑपरेशन ब्लू स्टार
- 1999 का कारगिल युद्ध
- 2001 का भारत-पाकिस्तान संघर्ष
आज, बीएसएफ भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बल है, और इसके जवानों ने अपनी बहादुरी और समर्पण के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं।
बीएसएफ के इतिहास में कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं भी हुई हैं:
- बीएसएफ की स्थापना के बाद, इसके जवानों ने 1967 में नाथू ला में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में भाग लिया।
- 1975 में, बीएसएफ के जवानों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लिया और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- 1980 के दशक में, बीएसएफ के जवानों ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कई आतंकवादियों को मार गिराया।
- 1990 के दशक में, बीएसएफ के जवानों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कई आतंकवादियों को मार गिराया।
- बीएसएफ ने 2002 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पाकिस्तानी सेना के साथ हुए संघर्ष में भाग लिया।
- बीएसएफ ने 2008 में मुंबई हमलों के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कई आतंकवादियों को मार गिराया।
- बीएसएफ ने 2013 में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तानी सेना के साथ हुए संघर्ष में भाग लिया।
- बीएसएफ ने 2019 में पुलवामा हमलों के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कई आतंकवादियों को मार गिराया।
आज, बीएसएफ भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बल है, और इसके जवानों ने अपनी बहादुरी और समर्पण के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं।