लिपस्टिक का अविष्कार कैसे और कब हुआ | लिपस्टिक की शुरुआत कैसे हुई?
फैशन की दुनिया मे महिलाएं सबसे आगे है। सजने संवरने में महिलाएं सबसे ज्यादा आगे रहती है। महिलाओं के सजने संवरने के वैसे तो बहुत सी चीजें है। जिनमे से कुछ तो साधारणतः उपयोग होता ही है। इन्ही में से एक है, लिपस्टिक जिसका महिलाओं के फैशन में काफी चलन और जरूरी चीज है। लेकिन क्या आप जानते है कि लिपस्टिक का चलन कैसे शुरू हुआ? लिपस्टिक का अविष्कार किसने और कब किया? सबसे पहले किसने इसे लगाया? अगर आप भी इन्ही सवालों के जवाब ढूंढ रहे तो बने रहिये इस पोस्ट के अंत तक।
लिपस्टिक का अविष्कार कैसे और कब हुआ | लिपस्टिक की शुरुआत कैसे हुई?
लिपस्टिक क्या है?
लिपिस्टिक किसी सांद्रित और स्निग्ध आधार ( पदार्थ ) में थोड़े से घुले हुए और मुख्यतया आलंबित ( सस्पेंडेड ) रंजक द्रव्य की ओष्ठरंजक शलाका का नाम लिपिस्टिक है। लिबिस्टिक का एक बार प्रयोग में लाने से इसके रंग और स्निग्धता का प्रभाव 6 से 8 घंटे तक बना रहता है। रंग का असमान मिश्रण, शलाका का टूटना या पसीजना इत्यादि दोषों से इसका रहित होना अत्यंत आवश्यक है।
लिपस्टिक का महत्व
फैशन के इस दौर में लिपस्टिक लगना आम बात हो गई है। लिपस्टिक बीते कई दशकों से मेकअप का सबसे लोकप्रिय हिस्सा रही है। किसी भी लड़की या महिला की “मेकअप किट का सबसे अहम लिपस्टिक ही है” क्योंकि कोई भी मेकअप किट एक विभिन्न रंगों और ब्रेन्ड्स की लिपस्टिक के बिना पूरी नहीं होती। इसमें कोई शक नहीं कि लिपस्टिक आपके होंठ और चेहरे की खूबसूरती को कई गुणा बढ़ाने में मदद करती है।
महिलाएं लिपस्टिक लगाती है, लिपस्टिक लगाने से औरते पहले से और खूबसूरत लगती है। सभी श्रृंगारों में से लिबिस्टिक एक है। जिसके कारण चेहरे पर तेज दिखाई देता है। इसको लगाने से मन में आलस नहीं होतें हैं। इस तरह लिबिस्टिक महिलाओं के श्रृंगार का एक अहम हिस्सा हैं।
लिपस्टिक का आविष्कार :
लिपस्टिक की शुरुआत 19 वीं शताब्दी के अंत तक, एक फ्रांसीसी कॉस्मेटिक कंपनी, गुरलेन ने लिपस्टिक का निर्माण शुरू किया। पहली व्यावसायिक लिपस्टिक का आविष्कार 1884 में पेरिस, फ्रांस में परफ्यूमर्स द्वारा किया गया था। यह रेशम के कागज में ढका हुआ था और हिरण के लम्बे, अरंडी के तेल और मोम से बनाया गया था।
पहली व्यावसायिक लिपस्टिक का आविष्कार 1884 में हुआ था। यह अविष्कार फ्रांस के पेरिस में इत्र निर्माताओं द्वारा किया गया। मौरिस लेवी ने 1915 में स्लाइडिंग ट्यूब में पहली लिपस्टिक डिजाइन की थी। अरब वैज्ञानिक अबुलकोसिस ने सबसे पहले 9 वीं ईसवी में ठोस लिपस्टिक का अविष्कार किया था। इसके अलावा सबसे अधिक समय तक टिकने वाली पहली लिपस्टिक की खोज 1950 में की गई थी।
लिपस्टिक शब्द को वैसे तो हिन्दी ने भी अपना लिया है और उसे हिन्दी में भी लिपस्टिक ही कहते हैं। सुर्खी, ओंठरंगाई नलिका, होठप्रसाधन, रंगबत्ती, होठबत्ती लिपस्टिक के उपनाम है।
लिपस्टिक लगाने के फायदे
- लिपस्टिक होठों के लिए एक सुरक्षात्मक कवर या बचाव का काम करती है।
- विशेष रूप से सर्दी के मौसम में ठंडी हवा से हमारे होंठों की रक्षा करती है लिपस्टिक।
- होंठों की त्वचा शरीर के बाकी हिस्सों की त्वचा से अलग होती है क्योंकि इसमें मेलेनिन कम होता है। मेलेनिन एक ऐसा पिग्मेंट है जो सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान से स्किन को बचाता है, इसलिए होंठ सूरज की रोशनी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
- लिपस्टिक में मौजूद एसपीएफ सूरज की किरणों के खिलाफ होंठों पर सुरक्षात्मक लेयर बनाने का काम करती है।
- लिपस्टिक आपकी मुस्कान को खूबसूरत और चमकदार बनाने में मदद करती है।
- लिपस्टिक लगाने के मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं। लिपस्टिक लगाने वाली महिलाएं आमतौर पर अधिक आत्मविश्वास की कमी नहीं रहती है।
सबसे अच्छा लिपस्टिक कौन सा है?
- मेबेलिन न्यू यॉर्क कलर सेंसेशनल क्रीमी मैट लिपस्टिक
- लैक्मे 9 टू 5 मैट लिप कलर
- कलरबार वेलवेट मैट लिपस्टिक
- लैक्मे इनरिच मैट लिपस्टिक
- मेबेलिन न्यू यॉर्क लिप ग्रैडेशन लिपस्टिक
- लॉरियल पेरिस कलर रिचे मॉइस्ट मैट लिपस्टिक
- मेबेलिन न्यूयॉर्क कलर सेंसेशनल लोडेड बोल्ड लिपस्टिक
- एवन ट्रू कलर परफेक्ट मैट लिपस्टिक
लिपिस्टिक से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां
- फैशन का अर्थ | फैशन का प्रभाव | फैशन का दुष्प्रभाव
- भारत मे महिला | महिलाओं से संबंधित कानून और योजनाएं | प्रथम महिला
लिपस्टिक की खोज किसने की थी?
प्राचीन सुमेरियन और सिंधु घाटी के पुरुषों और महिलाओं ने संभवत: लगभग 5,000 साल पहले लिपस्टिक का आविष्कार और उपयोग किया था। सुमेरियों ने रत्नों को कुचल दिया और उनका उपयोग अपने चेहरे को सजाने के लिए किया, मुख्यतः होठों पर और आंखों के आसपास।
लिपस्टिक की शुरुआत कैसे हुई?
19वीं शताब्दी के अंत तक, एक फ्रांसीसी कॉस्मेटिक कंपनी, गुरलेन ने लिपस्टिक का निर्माण शुरू किया। पहली व्यावसायिक लिपस्टिक का आविष्कार 1884 में पेरिस, फ्रांस में परफ्यूमर्स द्वारा किया गया था। यह रेशम के कागज में ढका हुआ था और हिरण के लम्बे, अरंडी के तेल और मोम से बनाया गया था।
लिपस्टिक को लिपस्टिक क्यों कहते हैं?
नाटकीय मेकअप (“ग्रीस-पेंट”) से प्राप्त हुई लिपिस्टिक, जिसे अक्सर मोमी क्रेयॉन या पेंसिल के रूप में उत्पादित किया जाता था। शब्द “लिपस्टिक” उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध से ही है। मौरिस लेवी ने 1915 में स्लाइडिंग ट्यूब में पहली लिपस्टिक डिजाइन की थी।
लिपस्टिक की शुरुआत कैसे हुई? पहले इसे कैसे लगते थे?
500 साल पहले हीरे-जवाहरात की लिपस्टिक बनाई जाती थी। मैसापोटामिया की महिलाएं अपने सौंदर्य को प्रतिष्ठा के साथ जोड़कर चलती थी। उस समय महिलाएं कई बहुमूल्य रत्नों की डस्ट से लिपस्टिक बनाकर होठों पर सजातीं थी। कुछ देशों में महिलाएं फल और फूलों के रंग से अपने होठों का श्रंगार करती थीं।
क्या पुरुष कलाकार लिपस्टिक लगाते हैं?
पुरुष कलाकार, कलाकार, नर्तक वे सभी मेकअप और लिपस्टिक लगाते हैं। कोई नियम पुस्तिका नहीं है जो कहती है कि पुरुष लिंग के लोग मेकअप नहीं कर सकते।
दुनिया की सबसे महंगी लिपस्टिक कौन सी है?
सबसे महंगी लिपस्टिक एच. कॉउचर ब्यूटी डायमंड लिपस्टिक है। यह लिपस्टिक एच. कॉउचर ब्यूटी डायमंड कंपनी द्वारा बनाई गई थी, जिसे 110 ग्राम 18 कैरेट सोने से तराशा गया था।
मैक लिपस्टिक इतने महंगे क्यों हैं?
मैक अकेले सभी कॉस्मेटिक जरूरतों के लिए खड़ा है। यह लंबे समय से चल रहा है और फिल्म उद्योगों के बीच आम आदमी के बीच एक प्रतिष्ठा रखता है। इसकी बेजोड़ गुणवत्ता और उपयोग किए गए घटकों के कारण यह महंगा है। फिनिश, अदायगी, कवरेज और मात्रा प्लस गुणवत्ता दोनों बेहद नियंत्रित हैं।
भारत की सबसे महंगी लिपस्टिक कौन सी है?
सबसे अधिक कीमत वाला प्रोडक्ट Faces Ultime Pro Matte Lip Crayon 14 g(Multicolor) है और इसकी कीमत Rs. भारत में 3,995।
लिपस्टिक में क्या पाया जाता है?
कोई भी लिपस्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल करने से इसमें मौजूद लेड, एल्यूमिनियम, कैडमियम, क्रोमियम और मैग्नीशियम की मात्रा शरीर में चली जाती है। जिससे स्नायु तंत्र प्रभावित होता है। लिपस्टिक में पाया जाने वाला एल्यूमिनियम मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। एक शोध के अनुसार, एल्यूमिनियम पेट के लिए हानिकारक है।
लिपस्टिक में कौन सा रसायन पाया जाता है?
लिपस्टिक या स्किन क्रीम में कैडमियम नाम का केमिकल होता है, जो आपकी किडनी को कमजोर बना सकता है। इसका लंबे समय तक इस्तेमाल आपकी हड्डियों को भी कमजोर बनाता है। इसके अलावा कॉस्मेटिक्स या शैंपू को ज्यादा समय तक बचाए रखने के लिए में पैराबेन केमिकल नाम का एक केमिकल इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।