भारत मे महिला
किसी समाज की प्रगति का मापदण्ड उस समाज द्वारा स्त्रियों को दी गई पद-मर्यादा है। जिस देश में स्त्रियाँ अधिक पढ़ी-लिखी है, जहाँ उन्हें पुरुषों से कन्धे से कन्धा मिलाकर चलने का सुअवसर प्राप्त है, जहाँ इस सुअवसर का वे अपनी योग्यता और व्यवहार कुशलता से लाभ उठाती है और जहाँ स्त्री की स्थिति एक गर्व की वस्तु है वही देश और समाज प्रगतिशील समझा जाता है। आइए देखते हैं। भारत मे महिला की स्थिति, महिलाओं से संबंधित कानून और योजनाएं, भारत मे प्रथम महिला व्यक्तित्व कैसा है?
भारत मे महिलाओं की वर्तमान स्थिति
भारत मे बहुत लम्बे समय तक महिलाएँ घर की चार दीवारी के भीतर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पुरुषों पर अवलम्बित रहने वाली रही है। आम लोगों की नजर में भारतीय स्त्रियों की पहचान एक व्यक्ति के रूप में नहीं होती है। सामान्यतः उस की पहचान स्वयं या अन्य परिवार रूपों के द्वारा पुरुषों के साथ एक पुत्री, एक पत्नी, एक बहन और माँ के रूप में की जाती है। महिला की पहचान एक अधीनस्थ प्रस्थिति के रूप में की जाती है।
भारतीय महिलाओं की समस्याएँ ?
- पारिवारिक समस्या
- वैवाहिक समस्याएँ ( बाल विवाह , विधवा पुनर्विवाह का अभाव, दहेज, तलाक, बेमेल विवाह, अंतर्जातीय विवाह का अभाव, बहुपत्नी विवाह)।
- परदा प्रथा
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ
- आर्थिक समस्याएँ
- राजनीतिक समस्याएँ
- वेश्यावृत्ति
- शैक्षणिक समस्याएँ
- सामाजिक समस्याएँ
महिलाओं की समस्याओं के निराकरण के प्रयास
महिलाओं की समस्या के निदान हेतु वैश्विक स्तर पर महिला सशक्तिकरण का प्रयास किया गया। महिला सशक्तिकरण की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा किया गया। संयुक्त राष्ट्र ने सन् 1974 को महिला सशक्तिकरण वर्ष एवं सन् 1975 से सन् 1985 के दशक को महिला दशक के रूप में मनाया। भारत के संविधान में महिलाओं को पुरुष के समान अधिकार दिया गया है। 31 जनवरी सन् 1992 को राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन हुआ। 2001 को भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया।
भारतीय महिलाओं में सशक्तिकरण और विकास और योजनाएं
ग्रामीण लड़कियों में शिक्षा की क्रांति नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यही वजह है कि आज शहरों में ही नहीं, बल्कि गाँवों में भी स्त्री जीवन का पूरा परिदृश्य बदला-बदला सा नजर आता है। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिए कई विकास और कल्याणकारी योजनाओं को चलाया जा रहा है। भारत सरकार में महिला शिक्षा के विकास के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम चलाएँ गए हैं…
- 1952-53 – माध्यमिक शिक्षा आयोग
- 1958- 59 – राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति
- 1964-65 – हंस मेहता समिति
- 1974 – फुलरेनु गुहा समिति
- 1974 – बराबरी की ओर
- 1975 – समेकित बाल विकास सेवा योजना (ICDS)
- 1977 – काम के बदले अनाज योजना
- 1978 – अंत्योदय कार्यक्रम
- 1980 – समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम
- 1982 – ग्रामीण क्षेत्रों में महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम डवाकरा
- 1986 – ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद्
- 1986 – राष्ट्रीय शिक्षा नीति
- 1987 – महिलाओं हेतु प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम
- 1988-89 – कुटीर ज्योति योजना
- 1988 – श्रमशक्ति रिपोर्ट
- 1988-2000 – महिलाओं हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना
- 1999 – स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
- 1992 – जनार्दन रेड्डी समिति
- 1997 – कस्तूरबा गाँधी शिक्षा योजना
- 2000 – अंत्योदय योजना
- 2000 – प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना
- 2001 – सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना
- 2001 – किशोरी शक्ति योजना
- 2001 – महिला स्वयंसिद्ध योजना
- 2003 – मौलाना आजाद राष्ट्रीय छात्रवृत्ति
- 2004 – कस्तूरबा गाँधी विद्यालय योजना
- 2005 – राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
- 2005-06 – भारत निर्माण योजना
- 2005-06 महिला समख्या कार्यक्रम विशेष आवासीय विद्यालय योजना
- 2005-06 – बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना
- 2006-08 – इकलौती कन्या छात्रवृत्ति योजना।
महिलाओं को कानूनी संरक्षण प्रदान करने हेतु कानून
- 2001 – भारतीय तलाक (संशोधन)
- 2001 – विवाह कानून (संशोधन) अधिनियम
- 2001 – अपराध दण्ड प्रक्रिया संहित (संशोधन) अधिनियम
- 2002 – भारतीय उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम,
- 2003 – हिन्दू विवाह अधिनियम एवं विशेष विवाह अधिनियम,
- 2005 – दण्ड प्रक्रिया संहिता ( संशोधन ) विधेयक,
- 2005 – हिन्दू उत्तराधिकार ( संशोधन ) अधिनियम
- 2005 – घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम
- 2005 – कारखाना अधिनियम, (संशोधन)
- 2005 – विवाह पंजीयन अनिवार्य विधेयक
- 2006 – अनैतिक व्यापार ( निरोधक ) संशोधन विधेयक
- 2007 – कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने हेतु का संरक्षण विधेयक।
भारत की पहली महिला व्यक्तित्व
- ओलंपिक पदक जीतने वाली – कर्णम मल्लेश्वरी
- एयरलाइन पायलट – दुर्बा बॅनर्जी
- अंतरिक्ष में जाने वाली – कल्पना चावला
- माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली – बचंदरी पाल
- अंग्रेजी चैनल में तैरने वाली – आरती साहा
- “भारत रत्न” पाने वाली संगीतकार – एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी
- एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने वाली – कमलजीत संधू
- बुकर पुरस्कार जीतने वाली – अरुंधति राय
- डब्ल्यूटीए शीर्षक जीतने वाली – सानिया मिर्जा
- नोबल पुरस्कार जीतने वाली – मदर टेरेसा
- ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाली – आशापुण देवी
- अशोक चक्र पाने वाली – निर्जा भानोत
- राष्ट्रपति – श्रीमती प्रतिभा पाटिल
- प्रधान मंत्री – श्रीमती इंद्रा गांधी
- राज्यपाल – सरोजिनी नायडू
- शासक (दिल्ली का सिंहासन) – रजिया सुल्तान
- आईपीएस अधिकारी – किरण बेदी
- मुख्यमंत्री – सुचेता कृपालानी (उत्तर प्रदेश)
- सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश – मीरा साहिब फातिमा बीबी
- संयुक्त राष्ट्र में राजदूत – विजयलक्ष्मी पंडित
- केंद्रीय मंत्री – राजकुमारी अमृता कौर
- मिस यूनीवर्स – सुष्मिता सेन
- विश्व सुंदरी – रीता फरिया