समय की कीमत क्या है? क्या जीवन की सफलता समय पर निभर्र हैं?

समय की कीमत

समय एक भौतिक राशि है। जब समय बीतता है, तब घटनाएँ घटित होती हैं तथा चलबिंदु स्थानांतरित होते हैं। इसलिए दो लगातार घटनाओं के होने अथवा किसी गतिशील बिंदु के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के अंतराल को ही समय कहते हैं। लेकिन क्या जीवन की सफलता समय पर निभर्र हैं? आकीर समय की कीमत है क्या ? तो आइये समझने की कोशिश करते है। की क्या वाकई समय के सदुपयोग से हम सफलता की उस मुकाम में पहुच सकते है जन्हा पहुचने की सभी ख्वाब देखते है। या जो उस मुकाम मेंं पहुच चुके है। वे सभी ने समय का सदुपयोग किया?

समय की कीमत क्या है? क्या जीवन की सफलता समय पर निभर्र हैं?

सचमुच, समय एक अनमोल वस्तु है। संसार में कोई भी वस्तु मिल सकती हैं , किन्तु खोया हुआ समय फिर हाथ नहीं आता । दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जो गुजरे हुए घण्टों को फिर से बजा दे । प्रायः समय के सदुपयोग पर ही हमारे जीवन की सफलता निर्भर रहती है । वास्तव में अपने बहुमूल्य जीवन की कीमत वह मनुष्य समझता है, जो एक पल की कीमत समझता है जीवन में समय का महत्वपूर्ण स्थान होता है । बीता समय कभी लौट कर नहीं आता । अतः मनुष्य को चाहिए कि जो समय उसे मिलता है उसका सदुपयोग करे।

समय का सदुपयोग करे

समय ही सबसे बड़ा बलवान है। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग नहीं करता उसका जीवन नष्ट हो जाता है । मानव की उन्नति में समय का सदुपयोग महत्वपूर्ण होता है। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनुष्य को समय के महत्व को जानकर उसका सदुपयोग करना चाहिए । समय अपनी गति से बढ़ता जाता है । वह किसी के लिए रुकता नहीं । उसे रोकने की शक्ती भी किसी में नही हैं । विद्यार्थी जीवन में ही मनुष्य अपने भावी जीवन की तैयारी करता है। मानसिक तथा शारीरिक पुष्टता से अपने को सक्षम बनाता है ।

जो व्यक्ति इस काल का सदुपयोग न करके अन्य कार्यों में व्यस्त होता है , वह अपने गृहस्थ जीवन में असफल हो जाता है। उसका भावी जीवन कठिनाइयों का शिकार हो जाता है । वह शारीरिक दृष्टि से कमजोर पड़ जाता है । जो व्यक्ति इस काल में समय का सदुपयोग करता है , उसका भावी जीवन संकट हीन बनाता है वह उन्नति के मार्ग पर निरंतर बढ़ते जाता है । विजय उसके चरण चूमने लगती है । सफलता का यह एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है ।

समय का कद्र करे

हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि समय बड़ा कीमती होता है और इसकी कद्र करनी चाहिए लेकिन वास्तव में हम ऐसा कर नहीं पाते । बहुत – सी चीजों को हम जानते हुए , उनका मूल्य समझते हुए भी उसकी कद्र नहीं कर पाते हैं । कई बार हम किसी आइडिया पर सोचते तो कई दिनों तक हैं , पर उसे अमल में नहीं लाते । महान कार्य हमेशा समय की कद्र करने से ही संभव होते हैं । हर काम समय पर करने से आप जरूर समय के गुलाम की कीमत समझ जाएंगे। एक साधारण कहावत है कि समय को खोना जिंदगी को खोने के समान है।

समय को व्यर्थ न गँवाय

समय को व्यर्थ गंवाना जिंदगी को व्यर्थ गंवाना है । समय का मालिक बनकर आप जिंदगी का मालिक बन जाएंगे । अगर एक बार आप प्रतिबद्ध हो गए तो समय की कीमत को आंकना आप सीख जाएंगे । इसमें प्रमुख चीज कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करना है । ऑफिस में देर तक बैठने वाले लोग दो तरह के होते हैं । एक तो वे जिन्हें यह नहीं पता होता कि उन्हें करना क्या है और दूसरे वे जिन्हें यह पता नहीं कि जिसके लिए वे यहां हैं, वह उन्हें कैसे करना है । वे ही लोग जीवन में सफल बनते है। जो समय का ठीक उपयोग करते हैं । इनके जीवन में समन्वय होता है । उन्हें जीवन में शान्ति मिलती है । समाज में उनका आदर होता है ।

समय का समय पर उपयोग करे

जो व्यक्ति विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई – लिखाई में मन नहीं लगाता , जवानी में धन न कमाता , वह बुढ़ापे में क्या कर सकता है । समय का सदुपयोग न करने से मन चंचल हो जाता है । ऐसा व्यक्ति कोई भी काम ठीक प्रकार से नहीं कर सकता । उससे सफलता दूर भागेगी । ऐसा व्यक्ति बर्बर और उदंड होगा । उसमें उचित कार्य क्षमता की भावना का अभाव होता है । वह न तो ज्ञानार्जन कर सकेगा और न ही धनार्जन। वह केवल अशांति का शिकारी बनकर रह जाएगा । उसका जीवन अभावों से भरा रहता है । जो क्षण बीत गया है , उसकी चिंता मत करो और जो समय हाथ में है , उसका सदुपयोग करो । समय का सदुपयोग करने वाला ही महापुरुषों की पंक्ति में बैठ सकता है ।

समय के महत्व को समझे

समय का महत्व दो कारणों से है, पहली बात तो यह कि समय कभी रुकता नहीं और दूसरा कारण यह कि समय कभी लौटता नहीं है । इसलिए जीवन में समय का बड़ा महत्व है । समय हीरे से ज्यादा महत्वूपर्ण है क्योंकि समय मल्य है , परंतु हीरे का तो कोई न कोई मूल्य लग ही जाता है । हीरे को धन देकर वापस पाया जा सकता है , लेकिन जो समय बीत जाता है वह लौट कर नहीं आता । उसका सदुपयोग किया जा सकता है ।

ज्ञानीजन परामर्श देते हैं कि अपने शेष जीवन को सत्कार्यों और परोपकर में पूरे मन से लगाना चाहिए , जिससे व्यतीत जीवन की तरह वह भी व्यर्थ नष्ट न हो जाए । दरअसल समय न किसी के लिए रुका है और न ही भविष्य में वह किसी के लिए रुकेगा । उसकी तो अपनी गति है और इस गति में चलने का उसका शाश्वत नियम है और इसमें वह कोई भी कोताही नहीं बरसता है ।

युवाओं को नियम – कायदे में बँधना नहीं अच्छा लगता । वे तो अपनी मर्जी के मालिक बनकर जीना चाहते हैं । फिर बात पढ़ाई की हो या फिर एन्जॉयमेंट की क्यों न हो , वे अपनी तरह से कुछ करना चाहते हैं । समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं क्योंकि हम इस अमूल्य समय को बिना सोचे समझे खर्च कर देते हैं।

समय की बहुमूल्यता को समझे

विकास की राह में समय की बर्बादी ही सबसे बड़ा शत्रु है। एक बार हाथ से निकला हुआ समय कभी वापस नहीं आता है समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने – चाँदी की तरह रखा नहीं जा सकता क्योंकि समय तो गतिमान है । इस पर हमारा अधिकार तभी तक है जब तक हम इसका सदुपयोग करें , अन्यथा यह नष्ट हो जाता है । समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है चाणक्य के अनुसार-

“ जो व्यक्ति जीवन में समय का ध्यान नहीं रखता , उसके हाथ असफलता और पछतावा ही लगता है । “

समय जितना कीमती और वापस न मिलने वाला तत्व है , उतना उसका महत्व हम लोग प्रायः नहीं समझते । जो लोग इसके महत्व को समझते हैं , वे विश्व पटल इतिहास पर सदैव विद्यमान रहते हैं। कहते हैं खोई दौलत फिर भी कमाई जा सकती है , भूली विद्या पुनः पाई जा सकती है , किन्तु खोया हुआ समय पुनः वापस नहीं लाया जा सकता। सिर्फ पश्चाताप ही शेष रह जाता है। समय के गर्भ में लक्ष्मी का अक्षय भंडार भरा हुआ है , किन्तु इसे वही पाते हैं जो इसका सही उपयोग करते हैं ।

समय पर अपना कार्य करे

मनुष्य कितना ही परिश्रमी क्यों न हो परन्तु समय पर कार्य न करने से उसका श्रम व्यर्थ चला जाता है । वक्त पर न काटी गई फसल नष्ट हो जाती है । फ्रैंकलिन ने कहा है-

“ समय बरबाद मत करो, क्योंकि समय से ही जीवन बना है । “

यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि , वक्त और सागर की लहरें किसी की प्रतिक्षा नहीं करती । हमारा कर्तव्य है कि हम समय का पूरा – पूरा उपयोग करें ।

समय से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

समय किसे कहते हैं

समय एक भौतिक राशि है । जब समय बीतता है , तब घटनाएँ घटित होती हैं तथा चलबिंदु स्थानांतरित होते हैं । इसलिए दो लगातार घटनाओं के होने अथवा किसी गतिशील बिंदु के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के अंतराल को समय कहते हैं । समय नापने के यंत्र को घड़ी अथवा घटीयंत्र कहते हैं ।

दूसरे शब्दों में कहे तो भौतिकता में परिवर्तन ” की माप को समय कहते हैं । विज्ञान में हम जिस भौतिकता में परिवर्तन की माप करते हैं । उस परिवर्तन के आधार पर सेकंड , मिनट , घंटा , महीना और वर्ष को समय की इकाई के रूप में परिभाषित करते हैं।

समय कहाँ से जाना जाता है ?

दुनिया की घड़ियों के समय का केंद्र वर्तमान में ब्रिटेन का ग्रीनविच शहर है । यहीं से संपूर्ण दुनिया की घड़ियों का समय तय होता है । इंडियन स्टैंडर्ड टाइम भी वहीं से तय होता है ।

समय का निर्धारण कैसे होता है?

एक देशांतर का अंतर होने पर समय में 4 मिनट का अंतर होता है । चूँकि पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है । फलतः पूरब की ओर बढ़ने पर प्रत्येक देशांतर पर समय 4 मिनट बढ़ता जाता है तथा पश्चिम जाने पर प्रत्येक देशांतर पर समय 4 मिनट घटता जाता है ।

दोस्तों उम्मीद है कि आप भी समझ गए होंगे कि वाकई में जीवन में सफलता समय पर ही निर्भर है। तो आप भी समय का सदुपयोग करे और अपने दोस्तों को भी कहे।

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