विश्व के प्रमुख स्थान, दुनियाभर के मोस्ट पॉपुलर जगह कौन कौन से है?

विश्व के प्रमुख स्थान कौन कौन से है ? दुनियाभर के सबसे मशहूर जगह कौन कौन सा है ? विश्व के प्रमुख स्थानों की पूरी जानकारी ? विश्व मे प्रमुख स्थानों की सूची? दुनियाभर के मोस्ट पॉपुलर जगह कौन कौन से है? इन सभी सवालों के जवाब आईये इस पोस्ट में देखते हैं।

विश्व के प्रमुख स्थान की पूरी जानकारी

व्हाईट हाउस :

व्हाईट हाउस वाशिंगटन स्थिति अमेरिकी राष्ट्रपति का निवास स्थान है। अमेरिका में राष्ट्रपति भवन को ‘ व्हाइट हाउस ‘ कहा जाता है। लेकिन इसका नाम पहले व्हाइट हाउस नहीं था । जब इसका निर्माण हुआ था , तब इसका नाम ‘ प्रेसीडेंट्स पैलेस ‘ या ‘ प्रेसीडेंट मैंशन ‘ था । आयरलैंड में पैदा हुए जेम्स होबन ने व्हाइट हाउस का डिजाइन तैयार किया था । इसका निर्माण कार्य साल 1792 से 1800 के बीच यानी आठ साल में पूरा हो गया था ।

बर्किंघम पैलेस :

लगभग तीन सौ साल पहले ड्यूक ऑफ बर्किंघम ने लंदन में रहने के लिए इसे घर के तौर पर बनवाया था.इसके करीब सौ साल बाद इसे महल में बदला गया और 1837 में पहली बार क्वीन विक्टोरिया ने इस महल को अपना घर बनाया। इस पर मालिकाना हक ब्रिटिश सरकार का है। बर्किंघम पैलेस में पहली बार साल 1883 में बिजली आई थी . आज इस महल को रोशन करने के लिए 40 हजार बल्बों का इस्तेमाल होता है. महल में कुल 1514 दरवाजे और 760 खिड़कियां हैं . महल में 350 से ज्यादा घड़ियां भी लगी हुई हैं .

10 – डाउनिंग स्ट्रीट :

यह स्थान अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण आकर्षण के केन्द्र में है । खासकर इसका डिजायन और वास्तु ऐसा है कि यहां आने वाले का मन मोह लेता है । इसका प्रवेश द्वार दुनिया में सबसे खूबसरत प्रवेश द्वार में गिना जाता है । 10 डाउनिंग स्ट्रीट इंग्लैंड के प्रधानमंत्री का निवास स्थान है । यह इंग्लैंड की सरकार का मुख्यालय भी है । यह प्रसिद्ध निवास स्थान लंदन के वेस्टमिनिस्टर सिटी में स्थित है ।

एलीसी पैलेस :

एक समय में ये पैलेस राजवंशों की संपत्ति था और यहां नॉरमन राजवंश के राजा की मिस्ट्रेस रहती थीं । 1848 से ये ऑफिशियल तौर पर प्रेसिडेंट का घर है । इसमें प्रेसिडेंट ऑफिस से लेकर काउंसिल मिनिस्टर से मिलने – जुलने तक की जगह सबके इंतजाम हैं। एलिसी पैसेल 1 लाख 20 हजार स्क्वेयर फीट के एरिया में बना है, जिसमें ऑफिस और सलून से लेकर 365 कमरे मौजूद हैं । करीब 320 दीवार घड़ियां हैं। प्रेसिडेंट और मेहमानों को सर्विसेज देने के लिए 800 का स्टाफ है , जिसमें 350 सोल्जर्स हैं ।

बाकू :

बाकु अज़रबैजान की राजधानी है। यह कैस्पियन सागर के तट पर स्थित सबसे बड़ा शहर है। इसके पास में सुरखानी में अग्नि मंदिर है जो अग्निपूजक हिन्दुओं का मंदिर है । ये एक मध्यकालीन हिन्दू धार्मिक स्थल है। इसे एक राष्ट्रीय ऐतिहासिक वास्तुशिल्पीय आरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया।

जोहान्सबर्ग :

हीरे और सोने की खानों के लिए प्रसिद्ध जोहांसबर्ग दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा शहर है । क्षेत्रफल में बड़ा होने के साथ – साथ यह दक्षिण अफ्रीका का सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर भी है ।

बैकानूर :

बैकानूर अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र , रूस की राजधानी मास्को से 2100 किमी दूर कजाकिस्तान के रेगिस्तान में स्थित है । यह दुनिया का सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण प्रक्षेपण केंद्र है। सोवियत संघ के दौर में 1950 में इसे बनाने का मूल उद्देश्य अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों का संचालन करना था । अंतरिक्ष के बारे में हम जो भी जानते है , उसमें इस स्टेशन का भी अहम योगदान रहा है । पृथ्वी से पहला सैटेलाइट इसी स्टेशन से ( स्पुतनिक -1957 ) लांच किया गया था । अंतरिक्ष में पहुचने वाले पहले मानव ( यूरी गगारिन -1961 ) ने यहीं से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। इस जगह पर पृथ्वी के घूमने की गति अच्छी है ।

कौरू :

कौरु यूरोपियन स्पेस एजेंसी संघ का उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी 20 सदस्य देशों का एक मिला जुला समूह है , जो कि अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियाँ संचालित करता है । इसकी स्थापना सन 1975 ई ० में हुई थी । इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है । गुयाना अंतरिक्ष केंद्र मुख्य प्रक्षेपण स्थल है।

काबा :

काबा या ख़ाने काबा मक्का , सउदी अरब के मक्का में स्थित एक घनाकार इमारत है जिसे इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है । इस्लामी परंपरा के अनुसार इस भवन को सबसे पहले, इब्राहीम के समय में खुद इब्राहिम ने बनाया था । यह ईमारत , मक्का के मस्जिद- -अल – हरम के बीचो – बीच स्थित है । यहां हर रोज लाखों लोग काले पत्थर से निर्मित इमारत की परिक्रमा करते हैं । इस इमारत को बैतुल्ला यानी अल्लाह का घर माना जाता है । कुरान में काबा को एक जन्नत के रूप में माना जाता है। काबा के अंदर प्रवेश करने की इजाजत सबको नहीं मिलती । काबा के रखरखाव का जिम्मा सऊदी के एक मुस्लिम परिवार शैबा के पास है और इन्हीं के पास इसकी चाबी भी रहती है ।

येरूशलम :

यरूशलम इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्मों का पवित्र स्थल है। ये शहर इस्लाम , यहूदी और ईसाई धर्मों में बेहद अहम स्थान रखता है . पैगंबर इब्राहीम को अपने इतिहास से जोड़ने वाले ये तीनों ही धर्म यरूशलम को अपना पवित्र स्थान मानते हैं।

ननकाना साहिब :

ननकाना साहिब गुरुद्वारा, गुरु नानक के जीवन के दौरान कई चमत्कारी घटनाओं और कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों की जगह है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित ननकाना साहिब गुरुनानक देव जी का जन्म स्थान है । इस कारण यह स्थान सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यहां भव्य गुरुद्वारा है । गुरुनानक देव जी के नाम पर ही यहां का नाम ननकाना पड़ा । पहले यहां का नाम तलवंडी था । यहां पर लगभग 18,750 एकड़ जमीन पर गुरुद्वारे है । ये जमीन तलवंडी गांव के एक मुस्लिम मुखिया राय बुलार भट्टी ने गुरु नानक को दी थी ।महाराजा रणजीत सिंह ने गुरु नानकदेव के जन्म स्थान पर भव्य गुरुद्वारा का निर्माण कराया था ।

बेथलहम :

बेथलेहम शहर यीशु का जन्मस्थान होने के कारण ईसाई समुदाय के आस्था का केंद्र है। यह स्थान येरूशलम से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है . इसमें लैटिन , ग्रीक ऑथरेडॉक्स , फ्रांसिस्कन और आर्मीनियन कॉन्वेंट और गिरजाघरों के साथ – साथ घंटाघर और बगीचे भी शामिल हैं।

अंकोरवाट :

कंबोडिया में एक मंदिर परिसर और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है। यह एक हिंदू मंदिर है । यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम ‘ यशोधरपुर ‘ था । इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल में हुआ था । यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित कर बनाया गया है और इस मंदिर को लेकर कंबोडिया देश के नागरिकों में गहन आस्था है । इस मंदिर को कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में भी स्थान दिया गया है तथा इसे इस देश के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में माना जाता है ।

अंकोरवाट के इस मंदिर की दीवारों पर आप हिंदू धर्म ग्रंथ, रामायण और महाभारत के पात्रों को उकेरे हुए देख सकेंगे । अंकोरवाट मंदिर तथा अंकोर थोम सहित सम्पूर्ण क्षेत्र को यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है । वर्ष 2007 में , अन्तरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं के एक दल ने उपग्रह से प्राप्त फोटोग्राफ एवं अनेकों अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए यह निष्कर्ष निकाला था कि अंकोर , औद्योगीकरण के पूर्व के विश्व का सबसे बड़ा नगर था।

पीसा :

इटली में छोटा सा शहर है पीसा जहां मौजूद है दुनिया के सात अजूबों में से एक अजूबा ‘ लीनिंग टावर ऑफ़ पीसा ‘ को वास्तुशिल्प का अदभुत नमूना माना जाता है | अपने निर्माण के बाद से ही मीनार लगातार नीचे की ओर झुकती रही है और इसी झुकने की वजह से वह दुनिया भर में भी मशहूर रही है। पीसा की झुकी हुई मीनार वर्ष 1173 में बननी शुरु हुई थी लेकिन इस मीनार को पूरा करने में 200 साल लगे। सात साल बाद अब ये टावर 48 सेंटीमीटर सीधा हुआ है । इंजीनियरों का कहना है कि पहली बार ये मीनार अब बिल्कुल स्थिर है |

एफिल टावर :

एफिल टावर फ्रांस की पहचान है । 1889 में फ्रांसीसी क्रांति के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर , वैश्विक मेले का आयोजन किया गया था । इस मेले के प्रवेश द्वार के रूप में सरकार ने इस टावर को बनवायी थी । इसका उद्घाटन 31 मार्च 1889 में हुआ और 6 मई से यह टावर लोगों के लिए खुला गया । हर साल तक़रीबन 65 लाख से 70 लाख प्रवासी एफिल टावर की सैर करने आते हैं।

इसका पहली मंज़िल 57 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। एफिल टावर की प्रथम मंज़िल का क्षेत्रफल 4200 वर्ग मीटर है जोकि एक साथ 3000 लोगों को समाने की क्षमता रखता है । दूसरी मंज़िल 115 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एफिल टावर की दूसरी मंज़िल का क्षेत्रफल 1650 वर्ग मीटर है जो कि एक साथ 1600 लोगों को समाने की क्षमता रखता है । दूसरी मंज़िल से पैरिस का सबसे बेहतर नज़ारा देखने को मिलता है , तीसरी मंज़िल 275 मीटर की ऊँचाई पर एफिल टावर की तीसरी मंज़िल का क्षेत्रफल 350 वर्ग मीटर है जो कि एक साथ 400 लोगों को समाने की क्षमता रखता है ।

डिज़्नीलैंड :

कैलिफोर्निया में डिज़्नीलैंड की स्थापना 27 जुलाई , 1955 को हुई । डिज़्नीलैंड का निर्माण वॉल्ट डिज़्नी ने कराया था । जाहिर है वॉल्ट डिज़्नी के नाम पर डिज़्नीलैंड का नाम रखा अभी तक डिज़्नीलैंड पार्क में 51.5 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं , पर्यटकों में कई राष्ट्रपति , शाही लोग और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी हैं । डिज़्नीलैंड रेज़ोर्ट कॉम्प्लेक्स से भिन्नता प्रदान करने के लिए , 1998 में इसे ” डिज़्नीलैंड पार्क ” के नाम से पुनः नामित किया गया ।

गीजा :

मिस्र की सबसे रहस्यमयी कलाकृति ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा जो कि मिस्र की राजधानी काहिरा के बाहरी इलाके में गीज़ा पठार पर एक पुरातात्विक स्थल है । । इस पिरामिड को प्राचीन मिस्र के राजा कूफू के शव के संरक्षण के लिए बनाया गया था। गीजा के ग्रेट पिरामिड की ऊंचाई करीब 450 फीट है और नीचे का भाग 13 एकड़ में फैला हुआ है। पिरामिड के बाहर का तापमान चाहे कितना भी हो , लेकिन इसके अंदर का तापमान हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस ही रहता है।

हॉलीवुड :

हॉलीवुड अमरीका के फ़िल्म उद्योग का नाम है । इसका नाम कैलिफ़ोर्निया में लॉस एंजेलेस के एक जिले पर रखा गया है जहाँ पर बहुत सारे फ़िल्म स्टूडियो स्थापित हैं ।

पेंटागन :

पेंटागन दुनिया की सबसे मशहूर इमारतों में से एक है । वर्जीनिया की अर्लिंगटन काउंटी में मौजूद अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय में 25,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं । पेंटागन की डिजाइन अमेरिकी आर्किटेक्ट जॉर्ज बर्जस्टॉर्म ने तैयार की है ।

पर्ल हार्बर :

पर्ल हार्बर या ‘ पर्ल बंदरगाह ‘ हवाई द्वीप में हॉनलूलू से दस किमी उत्तर – पश्चिम , अमरीका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं नौसैनिक अड्डा है । इस बंदरगाह के 20 वर्ग किलोमीटर के नाव्य जल में सैकड़ों जहाजों के रुकने का स्थान है ।

अमेरिकी नौसैनिक केन्द्र जिस पर द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने हमला किया था , इसी के बाद अमेरिका युद्ध में शामिल हुआ। जापान के इस हमले में 2400 से ज्यादा अमरीकी जवान मारे गए थे और 19 जहाज जिसमें आठ जंगी जहाज़ थे, नष्ट हो गए थे। इसके अलावा 328 अमरीकी विमान भी या तो क्षतिग्रस्त हुए थे या फिर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे।

हिरोशिमा :

जापान की एक ऐसी शहर जन्हा अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पहला परमाणु बम गिराया था। साल 1945 में मानवीय युद्ध की सबसे बड़ी त्रासदी हुई थी। हिरोशिमा विस्फोट के दौरान बम विस्फोट की साइट के पास तापमान 300,000 डिग्री सेल्सियस ( 540,000 डिग्री फ़ारेनहाइट ) और लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस जमीन के नीचे होने का अनुमान लगाया गया था।

ऐसा माना जाता है कि इस हमले में हिरोशिमा की 3,50,000 की आबादी में से करीब 1,40,000 लोग मारे गए थे . दूसरी ओर , नागासाकी में करीब 74,000 लोग मारे गए थे . इस बमबारी ने एशिया में दूसरे विश्व युद्ध को अचानक खत्म कर दिया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा किए उस हमले के पीड़ितों को हिरोशिमा में स्थानीय लोग ” हिबाकुशा ” कहते हैं।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री वल्लभभाई पटेल को समर्पित एक स्मारक है , जो भारतीय राज्य गुजरात में स्थित है। 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया था । सरदार वल्लभभाई पटेल की यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची हैं। जो इस समय दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति हैं।

ताजमहल

यमुना नदी के किनारे बने भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में स्थित ताजमहल खूबसूरती का नायाब उदाहरण है । इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में कराया था । जो आज दुनिया की अजूबों में गिना जाता है। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनवाया गया है । 1630 में शुरू हुआ ताजमहल के बनने के काम करीब 22 साल तक चला । इसे बनाने में करीब 20 हजार मजदूरों ने योगदान दिया।

डियागो गार्सिया : हिन्द महासागर में अमेरिकी नौसेना केन्द्र

गोल्डन ट्रैगल : म्यांमार , थाईलैण्ड तथा लाओस अफीम की तस्करी के लिए कुख्यात

स्कॉटलैण्ड यार्ड : लंदन पुलिस का मुख्यालय

लियोन : इंटरपोल का मुख्यालय

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