प्रातःकाल किसे कहते है ? प्रातःकाल कब होता है? जीवन मे प्रातःकाल का महत्व

प्रातःकाल (MORNING)

दोस्तों प्रातःकाल में उठने का मजा ही कुछ और है, क्या आप भी सुबह-सुबह उठ जाते है? अगर उठ जाते है तो इसके फायदे क्या है? क्यों उठते है? और क्यो उठना चाहिए? तो आइए देखते है, प्रातःकाल किसे कहते है ? प्रातःकाल कब होता है? जीवन मे प्रातःकाल का महत्व क्या है ?

प्रात:काल किसे कहते है ? प्रात:काल कब होता है ?

प्रातःकाल किसे कहते है ? – आप प्रात: शब्द का उच्चारण करो। फिर अब महसूस करो- कितनी ठण्डक है इस शब्द में। जब मात्र शब्द में इतनी ठण्डक है तब प्रात:काल का दर्शन कितना सुखद होगा। प्रात: काल में सूर्य देव अपनी किरणों को एक ओर समेट कर चुपचाप आराम कर रहे होते हैं । इसे इस तरह से समझिए कि सूर्योदय के पहले के समय को प्रात:काल कहते हैं। यह समय लगभग 4 बजे से 5 बजे तक का होता है। दिन – रात में परिवर्तन के कारण इस समय में आधा घण्टा का हेर फेर हो सकता है ।

जीवन में प्रात:काल का महत्त्व

जीवन में प्रात:काल का बहुत महत्त्व होता है । प्रात:काल के समय उठकर जो भी काम किया जाता है वह बहुत ही साफ-सुथरा होता है तथा शुद्ध मन से किया जाता है क्योंकि प्रात:काल में शरीर और मन में नयी ऊर्जा रहती है।

प्रात:काल में सारा वातावरण काफी शान्त रहता है । उस समय हवा जब शरीर को छूती है तब मन गुनगुनाने लगता है । गरमी के मौसम में ऐसी हवा हर किसी के लिए वरदान – सी होती है । वैसे भी प्रात:काल का सारा वातावरण खुशनुमा होता है । दिलो-दिमाग खुशियों से भरा रहता है ।

प्रातः की वेला में वाहनों का ज्यादा आना – जाना नहीं होता । इस प्रकार वातावरण धूल – धक्कड़ से काफी हद तक बचा होता है । इस वातावरण में नमी भी रहती है । प्रातः की वेला में टहलना , स्नान करना और पढ़ना- ये सारी क्रियाएँ काफी लाभदायक होती हैं ।

प्रात:काल अपना बिस्तर छोड़ दो। दाँत साफ कर लो , फिर स्नान कर लो, पूजा पाठ कर लो । इन सभी क्रियाओं से मन पवित्र हो जाता है। फिर जब मन पवित्र हो गया तब चिन्ता किस बात की ?

प्रातःकाल किसे कहते है ? प्रातःकाल कब होता है? जीवन मे प्रातःकाल का महत्व

प्रातः उठने से व्यक्ति को क्या लाभ होते हैं ? सुबह उठना क्यों जरूरी है ? सुबह उठने से क्या लाभ मिलते हैं ?

क्या आप भी प्रातः उठते हैं ? इस समय उठने से मनुष्य को सौंदर्य , लक्ष्मी , बुद्धि , स्वास्थ्य आदि की प्राप्ति होती है । उसका मन शांत और तन पवित्र होता है । ब्रह्म मुहूर्त में उठना हमारे जीवन के लिए बहुत लाभकारी है । इससे हमारा शरीर स्वस्थ होता है और दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है।

जल्दी उठने से मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है , इसका मुख्य कारण यह है कि ताजगी और अच्छे मौसम से हमारा तनाव कम होता है। हम अच्छा सोचते हैं और अच्छा करने की कोशिश करते हैं . जिससे हमारा मन भी शांत रहता है। बीमारियों से बचाए रखता हैं।

सुबह जल्दी उठना हमारे शरिर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जल्दी उठने से पेट का स्वास्थ्य सही रहता है सुबह जल्दी उठने से हमारा पाचन तंत्र अधिक कुशलता से काम करता है जो आंत से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से काफी हद तक छुटकारा दिलाता है।

 

सुबह उठते ही मनुष्य को क्या करना चाहिए ? हम प्रातः हाथों के दर्शन क्यों करते हैं ?

सुबह हथेलियों का दर्शन करने के पीछे यही संदेश है कि हम परमात्मा से अपने कर्मों में पवित्रता और शक्ति की कामना करते हैं । संसार का सारा वैभव, शिक्षा, पराक्रम हमें हाथों के जरिए ही मिलता है । इसलिए हाथों में लक्ष्मी, सरस्वती और विष्णु तीनों का वास माना गया है । कहते हैं दिन की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा बीतता है ।

जब हम सुबह सोकर उठते हैं तो हमेशा सोचते हैं कि कुछ ऐसा देखने को मिले , जो शुभ हो या जिसे देखने से दिमाग और मन को शांति मिले, जिससे पूरा दिन अच्छा जाए । आप चाहते है कि आपका दिन शुभ हो तो हर रोज जब भी घर से निकले तो उसके पहले अपने माता पिता और घर के बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।

सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए ?

  • गुड़ को बेहद लाभदायक माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार सुबह सुबह गुड़ खाना चाहिए।
  • सुबह खाली पेट किशमिश खाएं। भीगी हुए किशमिश खाएंगे तो ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
  • लहसुन की डली खाएं। पाचन के लिए रामबाण है।
  • भीगे बादाम खाएं, इसमें प्रोटीन , ओमेगा 3 फैटी एसिड , विटामिन ई , कैल्शियम आदि पोषक तत्व आते हैं।
  • सुबह नाश्ते में जूस का सेवन कर सकते हैं। खाना खाते टाइम भी जूस का सेवन करने से खाना जल्दी पच जाता है और शरीर को जरूरी मात्रा में फाइबर मिल जाते हैं। जूस का सेवन मौसम के अनुसार करना चाहिए।

 

सुबह खाली पेट क्या नहीं खाना चाहिए ?

मसालेदार भोजन सुबह खाली पेट नाश्ते में मिर्च और मसाले युक्त भोजन का सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है । इसके साथ ही एसिडिट रिएक्शन और पेट में ऐंठन हो सकती है। मिर्च और मसाले तीखे होते हैं, जो अपच की समस्या को बढ़ा देते हैं। इसलिए खाली पेट मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

दोस्तों उम्मीद है, प्रातःकाल किसे कहते है ? प्रातःकाल कब होता है? जीवन मे प्रातःकाल का महत्व से आपको अच्छा लगा हो, अगर आपको ये पोस्ट हेल्पफुल लगा होतो अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया में शेयर जरूर करे।

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