परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा, परमाणु युद्ध छिड़ा तो क्या होगा

परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा

आज से करीब 72 साल पहले 16 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाहि मे परमाणु बम गिराया गया था तब पूरी दुनिया मे सीमित संख्या में परमाणु था और आज पूरे विश्व मे लगभग 13890 से भी ज्यादा परमाणु हथियार मौजूद है। जिसमें सबसे ज्यादा रसिया के पास परमाणु बम है। अभी के वर्तमान स्थिति में रूस और युक्रेन के बीच हो रहे युद्ध में अगर परमाणु हथियारों का उपयोग किया गया तो क्या होगा। तो आइये देखते है कि अगर दुनिया मे परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा।

अगर परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा ?

क्या होगा अगर हिरोशिमा और नागासाकी की तरह परमाणु बम का युद्ध रुस और युक्रेन के बीच हुआ तो, अगर मान लिया जाय कि दोनो देशो के बीच परमाणु युद्ध छीड़ गया है और दोनों देशो ने एक दूसरे के ऊपर करीब 100 परमाणु बम छोड़ दिए हमला कर दिया है। सुनने मे तो ये कम संख्या लगता है।

लेकिन इससे बहुत ही ज्यादा मात्रा मे नुकसान होगा। विस्फोट के तुरंत ही पूरे पृथ्वी पर 5 मेगाटन ब्लैक कार्बन प्रभाव चारों तरफ फैल जाएँगे जिससे पूरी पृथ्वी अँधेरा हो जाएगा तथा पृथ्वी का तापमान तेजी से नीचे गिरने लगेगा। वार्षिक बरसात मे करीब 9 प्रतिशत की कमी आ जाएगी, फसल उत्पादन मे कमी आ जाएगी।

एक अनुमान के मुताबिक परमाणु विस्फोट के बाद अनाज की कमी से विश्व की करीब 2 अरब जनसंख्या भुकमरी का शिकार हो जाएगी इतना सब कुछ सिर्फ 100 परमाणु विस्फोट से होगा। अगर इसी की जगह 500 बम का इस्तेमाल हो तो आधे घंटे मे करीब 10 करोड़ से भी ज्यादा लोगो की जाने चली जाएँगी।

परमाणु बम कैसे विनाश करता है? परमाणु बम का दुष्प्रभाव

परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा, परमाणु युद्ध छिड़ा तो क्या होगा

किसी परमाणु बम द्वारा किया जाने वाला प्रभाव कई कारणों पर निर्भर करता है जैसे परमाणु बम की बनावट, मौसम का हाल, उस बम की टकराने की जगह तथा विस्फोट के समय बम का लगभग 35 प्रतिशत ऊर्जा थर्मल रेडियेशन के रूप मे बाहर निकलता है जो की थर्मल रेडियेशन लाइट की स्पीड से सफर करती है जिससे उस विस्फोट की चमक और गर्मी उस विस्फोट के पहले हम तक पहुंचेगी।

जिससे लोग फ्लैश ब्लाइंड का शिकार हो जाएँगे जो कुछ मिनट तक रहेगा 1 मेगाटन बम के हिसाब से जो लोग दिन के समय लग्भग् 21 किलो मीटर के अंतर्गत रहेंगे उन लोग को ऊपर फ्लैश ब्लाइंड शिकार हो जाएँगे और रात के समय यह इसका दायरा लगभग 85 किलोमीटर तक हो जाएगा। इस बम विस्फोट के नजदीकी मे मौजूद लोग इसके विस्फोट से थर्मो रेडियेशन बम से झूलज जाएँगे

करीब 11 किलोमीटर के दायरे पर फस्ट डिग्री उत्पन्न होगा 10 किलोमीटर दायरे पर सेकण्ड डिग्री उत्पन्न होगा और 8 किलोमीटर के दायरे ओर थर्ड डिग्री उत्पन्न होगा जो सबसे ज्यादा हमारे लिए खतरनाक है। अगर हमारे शरीर के 24 प्रतिशत मात्रा मे थर्ड डिग्री बर्न हो जाए तो मेडिकल ना मिलने से जान भी जा सकती है। बम विस्फोट जो अलग अलग कारणों पर निर्भर करती है जैसे की हम सफ़ेद शर्ट पहनें है जो कुछ ऊर्जा को बाहर फेक देती है जबकि गहरे रंग के कपड़े ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करती है।

जापान की तरह परमाणु बम कंही गिराया जाएगा तो क्या होगा?

हिरोशिमा मे जब विस्फोट हुआ था तो उसका केंद्र का तापमान लगभग 3,00,000 डिग्री सेल्सियस था यह तापमान बहुत हि ज्यादा होता है। इतनी गर्मी किसी भी पदार्थ को उसकी बेसिक एलिमेंट्स मे तोड़ सकती है लेकिन परमाणु विस्फोट के समय सबसे ज्यादा तरंग निकलती है जो आसपास के हवाएं को तीव्र गति से दूर ढकेलती है जिससे वातावरण मे संतुलन नहीं रहता है।

अचानक ही एक ऐसा परिवर्तन होता है जो आसपास के चीज को तहस नहस कर देती है। इस की प्रेशर लगभग 3 ईमारत बिल्डिंग को करीब 180 टन की ताकत से धक्का मारेगी और हवा की रफ्तार की बात करें तो करीब 255 किलो मीटर घंटा की रफ्तार होगी। 1 किलोमीटर के अंतर मे तो यह प्रेशर 4 गुना अधिक होगा, और हवा का वेग 756 प्रति घंटा होगा इतना सब कुछ सिर्फ 1 मेगाटन बम से होगा अगर इसकी तुलना 50 टन वाले बम से करें तो स्थति और भी ज्यादा खराब होगी।

यह विस्फोट हीरोशिमा विस्फोट से लगभग 3333 गुना अधिक था अगर फिर भी बच गए तो रेडियेशन आपके लिए खतरनाक हो सकता है जब रेडियेशन का लेवल बढ़ जाता है तो ये हमारे लिए हानिकारक बन जाता है अगर 600 रेडियेशन का सामना कारना पड़ा तो 90 प्रतिशत है की आपकी गंभीर बीमारी या जान भी जा सकती है जिस जगह पर परमाणु विस्फोट होता है उस जगह बहुत बड़ा गड्ढा हो जाता है।

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