भारत में कच्चा तेल कंहा से आयात होता है? सबसे ज्यादा तेल भारत कंहा से खरीदता है?
भारत दुनियाभर में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश हैं। लेकिन भारत मे इतना उत्पादन ही नही होता हैं। यंहा जितना उत्पादन होता है उससे यंहा कि तेल आपूर्ति पूरा नही हो पाता हैं, इसलिए भारत 85% कच्चा तेल इंपोर्ट करता है। ताकि तेल आपूर्ति पूरा किये जा सके। लेकिन सवाल ये हैं कि भारत जैसे बड़े देश इतनी भारी मात्रा में तेल कंहा से खरीदता है? इसके लिए आइये देखते है भारत में कच्चा तेल कंहा से आयात होता है? भारत सबसे ज्यादा तेल कंहा से खरीदता है?
कौन कौन देशों से भारत तेल खरीदता है?
भारत अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल इंपोर्ट करता है। अर्थात किसी दूसरे देश से खरीदता है। इसमें से 60% खाड़ी देशों से लेता है। भारत सऊदी अरब और अमेरिका पर तेल आयत के लिए ज्यादा निर्भर है। अभी पिछले कुछ सालों में भारत अमेरिका से ज्यादा तेल आयत कर रहा है। भारत इसके अलावा इराक, ईरान, ओमान, कुवैत और रूस से भी तेल लेता है और कुछ स्पॉट मार्केट यानी खुले बाजार से भी खरीदता है।
रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक देश हैं इसके बाउजूद रूस से भारत सिर्फ 2% ही तेल खरीदता है। क्योंकि वंहा की भगौलिक स्थिति ही कुछ ऐसा है। रूस से तेल भारत आने में ज्यादा खर्चा और समय लगता है जिसके कारण भारत रूस से कम तेल आयात करता है। भारत का रूस में कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल का कुंवा है लेकिन उसमें से तेल निकाल कर वंही बेच देता है। क्योंकि भारत तक लाने में ज्यादा खर्चा आ जाता है।
सबसे ज्यादा कच्चा तेल उत्पादन कौन करता है?
ओपेक कच्चा तेल उत्पादक देशों का एक संगठन है। दुनिया भर में बेचे जाने वाले क्रूड ऑयल या कच्चा तेल का 60 % उत्पादन यहीं होता है। रूस ओपेक देशों में शामिल नहीं है, लेकिन 2017 के बाद से यह ओपेक के साथ तेल उत्पादन की सीमा तय करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि क्रूड ऑयल के दाम बेतहाशा नहीं बढ़ें। दुनिया के कच्चे तेल का 12% उत्पादन रूस में, 12% सऊदी अरब में और लगभग 16 से 18% उत्पादन अमेरिका में होता है।
सबसे ज्यादा कच्चे तेल उत्पादक देश
ब्लूमबर्ग के अनुसार दुनिया में कुछ सबसे ज्यादा तेल उत्पादन करने वाला देश इस प्रकार है-
- अमेरिका – 16.5 मिलियन बैरल
- सऊदी अरब – 11 मिलियन बैरल
- रूस – 10.7 मिलियन बैरल
- कनाडा – 5.1 मिलियन बैरल
- इराक – 4.1 मिलियन बैरल
- चीन – 3.9 मिलियन बैरल
- यूएई – 3.7 मिलियन बैरल
- ईरान – 3.1 मिलियन बैरल
- ब्राजील – 3 मिलियन बैरल
- कुवैत – 2.7 मिलियन बैरल
दुनिया मे सबसे ज्यादा तेल कंहा पाया जाता है?
दुनियाभर में कच्चे तेल या क्रूड ऑयल के भंडारण में वेनेजुएला सबसे आगे है या यूं कहें कि वेनेजुएला में दुनियाभर में सबसे ज्यादा कच्चा तेल है। लेकिन सबसे ज्यादा तेल भंडार होने के बाउजूद वेनेजुएला तेल की उत्पादन करने में सक्षम नही हैं। कच्चे तेल भंडारण मामले में भारत की बात करे तो भारत 4600 लाख बैरल के साथ दुनियाभर में चौबीसवें नम्बर पर है। कुछ प्रमुख कच्चे तेल भंडारण वाले देशों की सूची इस प्रकार है।
कच्चे तेल भंडारण देशों की सूची
- वेनेजुएला – 300,878 लाख बैरल
- सऊदी – 266,455 लाख बैरल
- कनाडा 169,709 लाख बैरल
- ईरान 158,400 लाख बैरल
- इराक 142,503 लाख बैरल
- कुवैत 101,500 लाख बैरल
- संयुक्त अरब अमीरात – 97,800 लाख बैरल
- रूस – 80,000 लाख बैरल
- लीबिया – 48,000 लाख बैरल
- नाईजीरिया – 37,062 लाख बैरल
- संयुक्त राज्य अमेरिका – 35,000 लाख बैरल
- कजाखस्तान – 30,000 लाख बैरल
- चीन – 25,620 लाख बैरल
- कतर – 25,244 लाख बैरल
- ब्राजील – 12,999 लाख बैरल
- अल्जीरिया – 12,200 लाख बैरल
- अंगोला – 8,273 लाख बैरल
- ईक्वाडोर – 8,273 लाख बैरल
- मेक्सिको – 7,300 लाख बैरल
- अजरबैजान – 7,000 लाख बैरल
- नार्वे – 6,611 लाख बैरल
- ओमान – 5,373 लाख बैरल
- सूडान/दक्षिण सूडान – 5,000 लाख बैरल
- भारत – 4,600 लाख बैरल
- पूरी सूची यंहा देखे
कच्चे तेल या क्रूड ऑयल क्या है? ये कैसा दिखता है?
शिलारस या पेट्रोलियम या कच्चा तेल या क्रूड ऑयल वास्तव में ये उदप्रांगारों का मिश्रण होता है। जो दैनिक कार्यो में बहुत उपयोगी होता है। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शिलारस को अपरिष्कृत तेल (Crude Oil) कहते हैं जो काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है। इसके फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन से केरोसिन, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस, वेसलीन, तारकोल ल्यूब्रिकेंट तेल इत्यादि प्राप्त होते हैं।
क्रूड ऑयल या कच्चा तेल कैसे बनता है?
इसका निर्माण भी कोयले की तरह वनस्पतियों के पृथ्वी के नीचे दबने तथा कालांतर में उनके ऊपर उच्च दाब तथा ताप के आपतन के कारण हुआ। इसको जमीन अंदर से खोदकर निकाला जाता है। फिर इसको रिफाइन करके पेट्रोल-डीजल के रूप में उपयोग किया जाता है।
कच्चा तेल कैसा होता है?
दरअसल जब तेल के भंडार पृथ्वी पर कहीं ढूंढे जाते हैं, तब यह गाढ़े काले रंग का होता है। जब पृथ्वी से तेल खोद कर निकाला जाता है उस वक्त क्रूड ऑयल ठोस रूप में होता है। इससे तेल के विभिन्न रूप पाने के लिए अपरिष्कृत तेल में मौजूद उदप्रांगार के विभिन्न चेन को अलग करना पड़ता है।