भारत जोड़ो यात्रा कैसे और क्यों शुरू किया गया?

भारत जोड़ो यात्रा कैसे और क्यों शुरू किया गया?

कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और तमिल नाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन द्वारा 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से शुरू किया गया भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया एक जन आंदोलन है। भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत महंगाई, बेरोजगारी, राजनीतिक केंद्रीकरण और विशेष रूप से भय, कट्टरता की राजनीति और नफरत के खिलाफ लड़ने के लिए शुरू किया गया है। जिसका उद्देश्य नई दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कथित विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ देश को एकजुट करना है।

भारत जोड़ो यात्रा की जरूरत क्यों पड़ी?

देश मात्र भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं टूटता बल्कि आर्थिक, समाजिक और राजनैतिक रूप से भी खंडित होता हैभारत जोड़ना मुश्किल है और भारत माता की जय बोलना आसान है। भारत जमीन का टुकड़ा, नदी, नाले, समुद्र और पहाड़ से नहीं बना है। अगर लोग न हों तो किसकी जय? अगर लोग हैं भी लेकिन नफरत, असमानता, भेदभाव के शिकार हों तो क्या भारत माता की जय है? लोगों को नौकरी न मिलें और महंगाई की भयंकर मार झेल रहे हैं तो क्या दिल से जुड़ेंगे? संवैधानिक संस्थाएं तबाह हो रही हों और विपक्ष की आवाज दबाई जा रही हो तो भी भारत माता की जय है? भारत टूट रहा है लेकिन आम लोग नहीं महसूस कर सकते और वे तभी विश्वास करेंगे जब यह हो जायेगा। इन परिस्थितियों में भारत जोड़ो यात्रा जैसे आंदोलन जरूरी हो जाता है।

भारत जोड़ो यात्रा कैसे और क्यों शुरू किया गया?

भारत जोड़ो यात्रा की प्रमुख बातें क्या है?

  • 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई।
  • यह यात्रा 3,500 किमी लंबी होगी,
  • ये 150-दिवसीय ‘नॉन-स्टॉप’ पदयात्रा होगी जो देश भर के 12 राज्यों को कवर करेगी।
  • यह कन्याकुमारी से शुरू होकर श्रीनगर में खत्म होगा।
  • यात्रा पूरी तरह पैदल चलकर ही संपन्न होगी।
  • भारत जोड़ो यात्रा में शामिल यात्रियों को 2 पालियों में प्रतिदिन कुल 23 किमी की दूरी तय करनी है।
  • राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नेता दिन में लोगों से मिलेंगे और अस्थाई आवास में सोएंगे।
  • कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार 23 अगस्त को AICC मुख्यालय में ‘भारत जोड़ी यात्रा’ के लिए लोगो, टैगलाइन और वेबसाइट लॉन्च की।
  • 200 से अधिक नागरिक समाज के सदस्यों ने लोगों से कांग्रेस की भारत जोड़ी यात्रा का समर्थन करने की अपील की है।

कहाँ कहाँ से गुजरेगी भारत जोड़ो यात्रा ?

कांग्रेस पार्टी की योजना के अनुसार सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा अगले 150 दिनों में देश के 12 राज्यों और दो केंद्र-शासित प्रदेशों के अंतर्गत आने वाले 113 स्थानों और 65 जिलों से गुज़र कर 3,570 किलोमीटर का सफर तय कर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होगी। कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसुरु, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, जामोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अम्बाला, पठानकोट और जम्मू से गुज़रते हुए से श्रीनगर में ख़त्म होगी।

भारत जोड़ो यात्रा कौन कौन से राज्य से गुजरेगी?

तमिलनाडु

कांग्रेस द्वारा शुरू की गई भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुआ। यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी गए थे।

केरल

तमिलनाडु से शुरू हुई उनकी यह पदयात्रा अब केरल पहुंच चुकी है, जहां यह जनसंपर्क अभियान 19 दिनों तक चलेगा. यहां रास्ते में बच्चों, पुरुषों और महिलाओं के साथ बातचीत करने और सेल्फी लेने के अलावा कई विवादों में घिरते दिखे। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के बाद, तमिलनाडु के बॉर्डर के पास परासला से केरल में प्रवेश करने के बाद राहुल गांधी 19 दिनों की अवधि में 450 किमी की यात्रा करके मलप्पुरम के नीलांबुर तक जाएंगे यात्रा 14 सितंबर को कोल्लम जिले में प्रवेश करेगी। य़ात्रा 17 सितंबर को अलाप्पुझा पहुंचेगी और 21 और 22 सितंबर को एर्नाकुलम जिले से गुजरते हुए 23 सितंबर को त्रिशूर पहुंचेगी. इसके बाद पदयात्रा 26 और 27 सितंबर को पलक्कड़ से होकर 28 सितंबर को मलप्पुरम में प्रवेश करेगी।

कर्नाटक

यात्रा केरल के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए एक अक्टूबर को कर्नाटक में दाखिल होगी। यहीं से यात्रा का असल इम्तेहान शुरू होगा। क्योंकि, कर्नाटक में भाजपा सरकार है और प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा 21 दिन में करीब 511 किलोमीटर का सफर तय करेगी। विधानसभा चुनाव के लिए यात्रा को अहम माना जा रहा है। कर्नाटक में पार्टी के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 80 सीट मिली थी, पर अभी तक10 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।प्रदेश में यात्रा सफल रहेगी और इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा।

तेलंगाना और आंधप्रदेश

कर्नाटक के बाद यात्रा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से गुजरेगी। इन प्रदेशों में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। तेलंगाना विधानसभा में पार्टी को 19 सीट मिली थी। वहीं, 2019 में पार्टी 17 में से सिर्फ तीन सीट हासिल कर पाई थी। प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेगी। आंध्र प्रदेश विभाजन के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई थी। पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी सीट नहीं मिली थी। ऐसे में कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र में भारत जोड़ो यात्रा का असल इम्तिहान शुरू होगा।

इसके अलावा भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा पंजाब और जम्मू-कश्मीर तक चलेगा।

भारत जोड़ो यात्रा, जिन राज्यों में नहीं जाएगी, वहां ‘भारत जोड़ो सह यात्रा’ शुरू होगी।

भारत जोड़ो यात्रा में कौन कौन शामिल रहेंगे?

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के लिए 119 नेताओं के नामों की सूची तैयार की गई है, जो शुरू से लेकर अंत तक पदयात्रा करेंगे। इस अस्थायी सूची में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार, पवन खेड़ा और पंजाब के पूर्व मंत्री विजय इंदर सिंगला का भी नाम है। लिस्ट में युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष केशव चंद्र यादव और उत्तराखंड कांग्रेस के संचार विभाग के सचिव वैभव वालिया के अलावा कई महिला कार्यकर्ताओं के नाम भी शामिल हैं।

यात्रा के लिए 50 हजार एप्लिकेशन आई थीं, इनमें से सिर्फ 119 को चुना गया।

भारत जोड़ो यात्रा में शामिल प्रमुख नेता

  • राहुल गांधी – कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष
  • पवन खेरा – अध्यक्ष AICC मीडिया विभाग
  • कन्हैया कुमार – कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता
  • ओमान चांडी – केरल के पूर्व मुख्यमंत्री
  • योगेंद्र यादव – भारतीय राजनीतिज्ञ
  • मृणाल पांडे – भारतीय पत्रकार
  • धर्मवीर गांधी – आम आदमी पार्टी के पूर्व सांसद
  • अंजलि भारद्वाज – भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता
  • सुजाता राव – भारतीय नागरिक समाज सदस्य
  • अभिजीत सेनगुप्ता – भारतीय नागरिक समाज के सदस्य
  • श्रीधर राधाकृष्णन – पर्यावरण कार्यकर्ता

इसके अलावा कांग्रेस का दावा है कि उसके द्वारा आयोजित इस यात्रा में देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां हिस्सा लेंगी। इसमें अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, लेखक, कलाकार और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हो रहे हैं।

भारत जोड़ो यात्रा की प्लानिंग कैसे हुआ?

यात्रा के पीछे 4 महीने की मेहनत है। यात्रा का आइडिया मई में उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में आया था। दिग्विजय सिंह और दूसरे नेताओं से बातचीत के बाद 15 मई को सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि पार्टी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकालेगी।

यात्रा का कॉन्सेप्ट महात्मा गांधी के दांडी मार्च से लिया गया है। इसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी दी गई दिग्विजय सिंह को। वे 2017 में 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं। दिग्विजय की अध्यक्षता में भारत जोड़ो प्लानिंग कमेटी बनी। हर राज्य में कोऑर्डिनेटर बनाए गए। इसके बाद हर जिले में एक टीम तैयार हुई। दिल्ली में भी 20 से ज्यादा लोग प्लानिंग से जुड़े रहे। इनमें मुकुल वासनिक और केसी वेणुगोपाल के अलावा कांग्रेस से जुड़े संगठनों के लोग भी थे।

राहुल गांधी को सुझाव दिया गया कि वे थोड़ा बस में, थोड़ा ट्रेन और फिर पैदल चलते हुए 3570 किलोमीटर का सफर पूरा करें। पर राहुल पैदल देश के सबसे बड़े मार्च को पूरा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके लिए तपस्या है।

भारत जोड़ो यात्रा जुड़े कुछ और सवालों के जवाब

यात्रा में कौन-कौन लोग शामिल हो रहे हैं?

राजनीतिक दल, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, लेखक, कलाकारों के साथ-साथ देश के जाने-माने लोग और लाखों आम लोग।

भारत जोड़ो यात्रा क्या है?

कांग्रेस द्वारा शुरु की गई भारत जोड़ो यात्रा अन्याय के खिलाफ भारत के लोगों की आवाज़ को एकजुट करने का आंदोलन है। भारत जोड़ो यात्रा सरकार द्वारा प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाओं की उपेक्षा के खिलाफ खड़े होने का आह्वान है। भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को विभाजनकारी ताकतों से बचाने, अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोज़गारी के खिलाप एक मुहिम है।

भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य क्या है?

यात्रा की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा का मकसद सांप्रदायिकता के खिलाफ और धर्मनिरपेक्ष भावना के लिए देश के लोगों को जोड़ना, करोड़ों भारतीयों की आवाज को बुलंद करना, देश में मौजूदा समस्याओं के बारे में सीधे जनता से संवाद स्थापित करना है।

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