भारत के संविधान | constitution of india

भारत के संविधान | constitution of india

प्रत्येक देश का अपना एक संविधान होता है जो उस देश की शासन व्यवस्था के आधारभूत नियमों और सिद्धांतों का एक संग्रह होता है। हर देश अपनी आवश्यकताओं व परिस्थितियों के अनुसार अपने संविधान का निर्माण करता है। भारत का भी अपना संविधान है। जो दुनियाभर में सबसे बड़ा लिखित संविधान है। तो चलिए देखते है भारत के इस सबसे बड़े संविधान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां क्या क्या है?

संविधान क्या है?

संविधान आधारभूत नियमों का संग्रह मात्र नहीं है, वरन् उस राष्ट्र के मूल उद्देश्यों व प्राथमिकताओं एवं शासन तंत्र को गठित करने की व्यवस्था और उसकी सीमाओं व मर्यादाओं को निर्धारित करने वाला दस्तावेज होता है।

भारत के संविधान

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

भारत में संविधान निर्माण की प्रक्रिया का इतिहास बहुत लंबा है। संविधान की मूल भावना है कानून आधारित शासन जो किसी की मनमर्जी से नहीं वरन् नियम – कानूनों के आधार पर चले। भारत के लिए सबसे पहले इस तरह का कानून 1773 में ब्रिटेन के संसद ने पारित किया जिसे “रेग्युलेटिंग एक्ट” कहते हैं।

भारतीय संविधान सभा का गठन

कैबिनेट मिशन मार्च, 1946 में भारत आया था। इस मिशन ने अपनी रिपोर्ट में संविधान सभा के गठन का एक सूत्र प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर संविधान सभा निर्वाचित होनी थी। इसमें प्रांतों का प्रतिनिधित्व जनसंख्या के आधार पर होना था। इसके तहत मोटे तौर पर प्रति दस लाख व्यक्तियों के ऊपर एक प्रतिनिधि के निर्वाचन की व्यवस्था प्रस्तावित थी।

भारत के संविधान सभा की प्रथम बैठक

संविधान सभा की 9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक, समय सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया। 11 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा द्वारा डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। बी. एन. राव संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किए गए थे ल। प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीम राव अंबेडकर थे।

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भारत के संविधान का निर्माण

संविधान सभा में 13 दिसंबर, 1946 को जवाहरलाल नेहरू के द्वारा ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ प्रस्तुत किया गया था। 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था, और 26 नवंबर, 1949 को ही नागरिकता, निर्वाचन और अंतरिम संसद से जुड़े उपबंध लागू किए गए थे। भारत के संविधान 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को संविधान पर हस्ताक्षर किया गया। संविधान 26 जनवरी, 1950 को पूर्णतः लागू संविधान सभा की प्रांतीय संविधान समिति के अध्यक्ष सरदार बल्लभ भाई पटेल थे।

संविधान सभा द्वारा स्थापित मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यकों हेतु सलाहकार समिति के अध्यक्ष सरदार बल्लभ भाई पटेल थे। संविधान निर्मात्री परिषद की तदर्थ झंडा समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। भारतीय संविधान सभा में कुल 15 महिलाएं थीं। डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है।

22 जुलाई , 1947 को संविधान सभा ने अपने चौथे अधिवेशन में सर्वप्रथम भारत का राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया। 26 नवंबर , 1949 को भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को ‘जन गण मन’ को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया। राष्ट्रगान को गाने का समय लगभग 52 सेकंड है। भारत शासन द्वारा राजकीय चिह्न को 26 जनवरी, 1950 को अंगीकृत किया गया। भारत का राजकीय चिह्न सारनाथ (वाराणसी) स्थित अशोक के सिंह स्तम्भ राजकीय चिह्न अंगीकृत किया गया।

संविधान पारित और लागू

भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को आंशिक रूप से लागू किया गया और इस दिन कुल 284 सदस्यों ने इसमें हस्ताक्षर करके इसको पारित किया, परन्तु संविधान को इसके दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया क्योंकि 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। 26 जनवरी 1930 को भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था, इसलिए इस दिन को खास मानते हुए भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस प्रकर से हमारे भारत देश का संविधान लागू बनकर लगा किया गया!

भारतीय संविधान की विशेषता

भारतीय संविधान दुनिया में जितने भी संविधान है उनमें सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जब संविधान सभा द्वारा संविधान निर्मित हुआ और 26 नवम्बर 1949 को ये संविधान अंगीकृत व आंशिक रूप से लागू करा गया और इसके 2 महीने बाद इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया तब इसमें 395 अनुछेद , 8 अनुसूचियाँ और 22 भाग थे। परन्तु इसमें कई बार शंशोधन होने के कारण इसकी संख्या बढ़ती गयी और वर्तमान में इसमें 470 अनुछेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियाँ हो चुकी है इन कारणों की वजह से ये सबसे बड़ा और लिखित संविधान है।

 

संविधान के स्रोत

भारत के संविधान | constitution of india

भारतीय शासन अधिनियम, 1935 :

भारत के संविधान के स्रोत में सबसे मुख्य है भारतीय शासन अधिनियम, 1935। भारतीय संविधान के प्रावधानों का एक बहुत बड़ा हिस्सा भारतीय शासन अधिनियम, 1935 से या तो शब्दशः या फिर उसमें भारतवासियों के हिसाब से थोड़ा बहुत परिवर्तन करके लिया गया है।

भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत :

  • ब्रिटेन – संसदात्मक शासन प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि – निर्माण प्रक्रिया।
  • आयरलैंड – नीति निदेशक सिद्धान्त, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन।
  • ऑस्ट्रेलिया – प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केन्द्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, संसदीय विशेषाधिकार।
  • जर्मनी – आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां।
  • कनाडा – संघात्मक विशेषताएं, अवशिष्ट शक्तियां केन्द्र के पास, राज्यपाल की नियुक्ति विषयक प्रक्रिया, संघ एवं राज्य के बीच शक्ति विभाजन।
  • दक्षिण अफ्रीका – संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान।
  • रूस – मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान।
  • जापान – विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।

संविधान की उद्देशिका में हमारे संवैधानिक मूल्य अंकित हैं जिनके आधार पर न केवल हमारे शासन को संचालित करना है बल्कि देश के हर नागरिक को भी अपने जीवन में निभाना है।

भारत के संविधान से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियां

संविधान की परिभाषा क्या है?

संविधान प्रत्येक देश का अपना एक समाजिक, न्यायिक, राजनैतिक ढांचा है, जिसके अन्तर्गत ही न्याय व्यवस्था, समाजिक व्यव्स्था एवंम् समाज मे रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार को एक दिशा प्रदान करता है या कह सकते है रूप रेखा प्रदान करता है। जिसे ही हम संविधान कहते है।

भारतीय संविधान का सबसे बड़ा स्रोत क्या है?

अंग्रेजो के जाने के बाद इस अधिनियम से लगभग 250 अनुछेद भारतीय संविधान में जोड़े गए, और उस समय संविधान में कुल 395 अनुछेद थे, तो 395 में से 250 अनुछेद इस अधिनियम से जोड़े गए जो लगभग 60 प्रतिशत होता है, ये अधिनयम भारतीय संविधान का सबसे बड़ा स्त्रोत है।

भारत के संविधान में कितनी सूचियां हैं?

इनमें से महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद 245 और 246 के अन्तर्गत आते हैं। भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लिखित करती है। इसमें तीन सूचियाँ हैं:

  1. संघ सूची,
  2. राज्य सूची और
  3. समवर्ती सूची।

भारतीय संविधान कैसे बनाया गया था?

संविधान का मसौदा संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था, जिसे प्रांतीय विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुना गया था। 389 सदस्यीय विधानसभा (भारत के विभाजन के बाद घटकर 299 हो गई) को संविधान का मसौदा तैयार करने में लगभग तीन साल लग गए, जिसमें 165 दिनों की अवधि में ग्यारह सत्र हुए।

भारत का संविधान कैसे बना?

गणतंत्र भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। संविधान सरकार के एक संसदीय रूप का प्रावधान करता है जो कुछ एकात्मक के साथ संरचना में संघीय है।

भारतीय संविधान के दो सबसे महत्वपूर्ण पहलू कौन से हैं?

भारतीय संविधान के दो सबसे महत्वपूर्ण पहलू।

  1. समानता: स्थिति और अवसर की समानता और उन सभी के बीच प्रचार करने के लिए।
  2. स्वतंत्रता: विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, विश्वास और पूजा की स्वतंत्रता।

हमारे संविधान को तैयार करने के लिए प्रेरणा और विचारों के स्रोत क्या थे?

सूचना का मुख्य स्रोत उस समय के संविधान निर्माताओं का ज्ञान है। विदेशों में पहले से उपलब्ध संविधान भी प्रेरणा के प्रमुख स्रोत हैं।

भारत के संविधान के लेखक कौन है?

भीमराव अंबेडकर थे जिनके निर्देशन में भारत का संविधान लिखा गया।

भारत में कुल कितनी धाराएं हैं?

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) यानी IPC भारत में होने वाले कुछ अपराधों की परिभाषा और उनके लिए सजा का प्रावधान करती है। आईपीसी में कुल 511 धाराएं हैं। जिन्हें 23 चैप्टर के तहत परिभाषित किया गया है।

भारत के संविधान में कितने पेज है?

भारत का संविधान 251 पेज (251 pages) का है जो सभी संविधान को परख कर बनाया गया। यह संविधान 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था लेकिन इसकी घोषणा 15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्र होने के पश्चात हुई थी।

संविधान का क्या अर्थ है?

कांस्टीट्यूशन या संविधान, किसी भी देश का मौलिक कानून है जो सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण करता है। साथ ही यह सरकार और देश के नागरिकों के बीच संबंध भी स्थापित करता है। भारतीय संविधान का निर्माण एक विशेष संविधान सभा के द्वारा किया गया है, और इस संविधान की अधिकांश बातें लिखित रूप में है।

संविधान का मुख्य कार्य क्या है?

नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना। राज्य को वैचारिक समर्थन और वैधता प्रदान करना। भविष्य की दृष्टि के साथ एक आदर्श शासन संरचना का निर्माण करना।

संविधान का मुख्य कार्य क्या है?

नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना। राज्य को वैचारिक समर्थन और वैधता प्रदान करना। भविष्य की दृष्टि के साथ एक आदर्श शासन संरचना का निर्माण करना।

भारतीय संविधान की विशेषता क्या है?

भारत के संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। इस संविधान में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, प्रशासनिक सेवाएं, निर्वाचन आयोग आदि प्रशासन से संबंधित सभी विषयों पर विस्तार से लिखा गया है। प्रारम्भ में मूल संविधान में 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी। संविधान में निरंतर संशोधन होते रहते हैं जिससे संविधान का आकार और भी विस्तृत होता जाता है।

भारत के संविधान का पिता कौन है?

अम्बेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है।

संविधान को कहाँ रखा गया है?

67 साल पहले भारत का संविधान तैयार हुआ था। इस संविधान की एक मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी हुई है। इस प्रति में पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।

संविधान पर प्रथम हस्ताक्षर करता कौन थे?

प्रारूप समिति 29 अगस्त 1947 को गठित की गई और संविधान सभा की अंतिम बैठक संविधान निर्माण के लिए 24 नवम्बर 1949 को आयोजित की गई। इस दिन 284 लोगों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर करने वाले देश के पहले व्यक्ति जवाहरलाल नेहरू थे।

मूल संविधान में कितने शब्द हैं?

भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में 146,385 शब्दों के साथ, 25 भागों( 22+4A,9A,14A) में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 104(1951 to 2019) संशोधन हैं,

भारत का संविधान कितने लोगों ने लिखा था?

भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

संविधान कितने प्रकार के होते हैं?

संविधान मूल रूप से दो प्रकार का ही होता है, लिखित संविधान और अलिखित संविधान।

मूल संविधान का वजन कितना है?

भारतीय संविधान की मूलप्रति का वजन 3.75 किलोग्राम है।

सबसे पुराना संविधान कौन सा है?

ब्रिटिश संविधान की विशेषताएं ब्रिटिश संविधान को सभी संविधानों की जननी कहा जाता है क्योंकि सबसे पुराने इस संविधान ने बाद के सभी संविधानों के लिए मार्गदर्शक का काम किया।

भारत का संविधान कब लागू किया गया था?

यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।

संविधान के कितने अंग होते हैं?

संविधान राज्य के तीन अंगों – विधायी, कार्यपालिका और न्यायपालिका को विशिष्ट शक्तियों और इन अंगों में से प्रत्येक को सौंपी गई जिम्मेदारियों के साथ अलग करता है। विधायिका में संसद और राज्य विधानमंडल होते हैं।

विश्व का सबसे छोटा संविधान कौन सा है?

मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें 97 अनुच्छेदों के साथ 10 अध्याय, और कुल 3,814 शब्द हैं।

सबसे पहले संविधान कहाँ लागू हुआ?

संयुक्त राज्य अमरीकी के संविधान का निर्माण 1787 ई. में हुआ और यह विश्व का प्रथम लिखित संविधान है।

संविधान सभा में कुल कितनी बैठक हुई थी?

संविधान सभा द्वारा संविधान के कुल 3 वाचन सम्पन्न किए गए। अन्तिम वाचन 17 नवम्बर 1949 से 26 नवम्बर 1949 तक हुए कुल बैठकें 105 तथा 12 अधिवेशन सम्पन्न किए गए। भारत विभाजन से पहले 4 अधिवेशन सम्पन्न हुए।

भारत के संविधान की रक्षा कौन करता है?

भारत में सर्वोच्च न्यायालय सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। वह संविधान का रक्षक है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का रक्षक है। वह संसद द्वारा निर्मित ऐसी प्रत्येक विधि को अवैध घोषित कर सकता है जो संविधान के विरुद्ध हो। इस प्रकार वह संविधान की प्रभुता सर्वोच्च की रक्षा करता है।

संविधान की मूल भाषा क्या है?

अनुच्छेद 343 के सन्दर्भ में संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार संघ की राजभाषा, देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी घोषित की गई है।

प्रस्तावना कहाँ से लिया गया है?

संविधान में प्रस्तावना कहां से ली गई? भारतीय संविधान में प्रस्तावना का विचार अमेरिका के संविधान से लिया गया है। वहीं प्रस्तावना की भाषा को ऑस्ट्रेलिया की संविधान से लिया गया है. प्रस्तावना की शुरुआत “हम भारत के लोग” से शुरू होती है और “26 नवंबर 1949 अंगीकृत” पर समाप्त होती है।

संविधान सभा की पहली महिला सदस्य कौन थी?

सरोजिनी नायडू, इन्‍होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी। नायडू संविधान सभा के उन सदस्यों में शामिल थी। जिन्होंने संविधान का निर्माण किया था।

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