भारत रत्न पुरस्कार
1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित भारत रत्न पुरस्कार देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे असाधारण कार्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों के असाधारण लोगों को दिया जाता है। यह पुरस्कार शुरू में कला, साहित्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवाओं के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए दिया गया था। बाद में, दिसंबर 2011 में सरकार ने मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित करने का निर्णय लिया।
प्रारंभ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया। इसके चलते यह सम्मान लोगों को मरणोपरांत भी दिया जाने लगा है। प्रत्येक वर्ष अधिकतम तीन प्रत्याशियों को सम्मानित किया जा सकता है।
भारत रत्न पदक कैसे दिखता हैं?
पहले भारत रत्न पदक का डिजाइन 35 मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पद के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है “भारत रत्न” और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
भारत रत्न की पुरस्कार क्या मिलता है ?
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च का सम्मान दिया जाता है । भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को एक प्रमाणपत्र के साथ पदक दिया जाता है। इस सम्मान के साथ किसी भी तरह की कोई भी धनराशि नहीं दी जाती है। लेकिन पुरस्कार प्राप्तकर्ता को सरकारी विभागों से कई सुविधाएं मिलती हैं।
भारत रत्न पुरस्कार विजेता की पूरी सूची
1. डॉ. चन्द्रशेखर वेंकटरमण – 1954
सन 1924 मे सर चंद्रशेखर वेंकटरामन जी अनुसंधान के लिए रॉयल सोसायटी का अविष्कार किया इसी रमन प्रभाव के लिए और विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 1954 मे भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया था।
2. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी – 1954
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जी के द्वारा रचित चक्रवती तिरुगमन के लिए और साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए चक्रवर्ती जी को 1954 में भारत रत्न से सम्मनित किया यह उस् समय् के भारत के प्रथम व्यक्ति रहे जिन्हे भारत रत्न से सम्मानित किया।
3. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन – 1954
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उप – राष्ट्रपति थे इसके साथ ही भारत के द्वितीय राष्ट्रपति भी थे इसके साथ ही एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारतीय संस्कृति के सवांहक हिन्दू विचारक थे। इनके इस उपलब्धि के कारण राधाकृष्णन जी को 1954 मे सर्वोच्च अलंकार भारत रत्न प्रदान किया गया।
4. सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया – 1955
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी को देश की सेवा की लगन की तपस्या तथा भारत के महान अभियन्ता और राजनियक को देखते हुए सर जी को 1955 मे भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
5. डॉ. भगवान दास – 1955
डॉ. भगवान दास जी समाज सुधारक दर्शन और शिक्षा के क्षेत्र् मे उल्लेखनिय कार्य किये। भगवान दास जी काशी विद्यापीठ के संस्थापक रहे। 1955 में दास जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया।
6. जवाहर लाल नेहरू – 1955
भारत के पहले प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू, जोसिप बरोज़ टिटो और अब्दुल गमाल नासिर के साथ मिलकर एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशवाद के खात्मे के लिए एक गुट निरपेक्ष आंदोलन की रचना की। वह कोरियाई युद्ध का अंत करने, स्वेज नहर विवाद सुलझाने और कांगो समझौते को मूर्तरूप देने जैसे अन्य अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में मध्यस्थ की भूमिका में रहे। पश्चिम बर्लिन, ऑस्ट्रिया और लाओस के जैसे कई अन्य विस्फोटक मुद्दों के समाधान में पर्दे के पीछे रह कर भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्हें वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
7. गोविन्द वल्लभ पंत – 1957
गोविन्द वल्लभ पंत जी ने भारत के सविधान मे हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा मे दर्जा दिलाये। पंत जी जमीदारी प्रथा को भी खत्म करने मे सामने आए थे। जो महान देशभक्त भी थे। 1957 में पन्त जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
8. महर्षि डॉ॰ धोंडो केशव कर्वे – 1958
महर्षि डॉ. धोंडो केशव कर्वे जी महिलाओं के उत्थान के लिए अपना सारा जीवन लगा दिया जो सफल भी हुआ इन्होने ने एस. एन. डी. टी. महिला विश्वविधालय स्थापित किया। यह विश्वविधालय मुंबई मे स्थित है और प्रथम महिला विश्वविद्यालय है। उनके इन उपलब्धियों के कराण महर्षि डॉ॰ धोंडो केशव कर्वे जी को 1958 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
9. राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन – 1961
राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन जी भारतीय राजनैतिक सामाजिक जीवन, नई चेतना, नई क्रांति, कर्मयोगी देश की आजादी से पहले आजादी बनाने वाले राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन जी समाज सुधारक तथा स्वतन्त्र सेनानी एवं राजनेता और हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने मे मदद किये। इन सभी उपलब्धियों के करण 1961 मे देश की सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
10. डॉ॰ बिधान चंद्र राय – 1961
डॉ. बिधान चंद्र राय चिकित्सक तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री थे, बिधान रॉय को आधुनिक पश्चिम बंगाल का निर्माता माना जाता है। उनके जन्मदिन 1 जुलाई को भारत मे चिकित्सक दिवस के रूप मे मनाया जाता है। उन्हे 1961 में भारत रत्न से सम्मनित किया गया।
11. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद – 1962
डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने भारत के पहले मंत्रिमंडल में 1946 एवं 1947 में कृषि और खाद्यमंत्री का दायित्व भी निभाया था। भूमिपुत्र के प्रतिक कहे जाने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी को 1962 मे भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किया।
12. डॉ. जाकिर हुसैन – 1963
डाक्टर ज़ाकिर हुसैन स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति और एक भारतीय अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात वे अलीगढ़ विश्वविद्यालय के उपकुलपति बने तथा उनकी अध्यक्षता में ‘विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग’ भी गठित किया गया। इसके अलावा वे भारतीय प्रेस आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूनेस्को, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सेवा तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी जुड़े रहे। 1962 ई. में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने। उन्हें वर्ष भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
13. डॉ. पांडुरंग वामन काणे – 1963
डॉ. पांडुरंग वामन काणे जी संस्कृत के एक विद्वान् एवं प्राच्यविद्याविशारद थे। जिन्होंने भारत मे संस्कृति को आगे बढ़ाया इन्होने संस्कृत में नैपुण्य एवं विशेषता के लिए सात स्वर्णपदक प्राप्त किए इनकी संस्कृत में नैपुण्य एवं विशेषता के कारण भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
14. लाल बहादुर शास्त्री (मरणोपरांत) – 1966
लालबहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे।लाल बहदुर शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और इमानदारी के लिये श्रद्धापूर्वक याद करता है। भारत के प्रति समर्पित कार्यो के लिये मरणोपरान्त उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
15. इंदिरा गांधी – 1971
भारत की प्रथम और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्होने अपनी जीवन मे अनेको उपलब्धिया हासिल किये। उन्हें 1972 मे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
16. वराहगिरी वेंकट गिरी – 1975
वराहगिरी वेंकट गिरी जी भारत कर तीसरे उप – राष्ट्रपति तथा चोथे राष्ट्रपति रहे वराहगिरी वेंकट गिरी जी भारत को ईमानदार कार्य और धैर्य देशभक्ति के लिए जाना जाता हैं। उन्हें सन 1975 मे भारत के सर्वोच्च नागरपुरस्कार भारत रत्न से पुरुस्कृत किया गया।
17. कुमारस्वामी कामराज (मरणोपरांत) – 1976
कुमारस्वामी कामराज जी को देश के कांग्रेस संगठन में सुधार के लिए तथा भारत के दो प्रधानमंत्री चुनने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाने के कारण किंगमेकर कहे जाने वाले कामराज जी को 1976 में भारत रत्न से सम्मानित किया।
18. मदर टेरेसा – 1980
मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने 1948 में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। इन्होंने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की। 45 सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की इन्होंने मदद की और साथ ही मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया। 1980 में देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान भारत रत्न से मदर टेरेसा को सम्मानित किया गया गया।
19. आचार्य विनोबा भावे (मरणोपरांत) – 1983
आचार्य विनोबा भावे जी भारत के स्वतंत्र सेनानी संग्राम भूदान आंदोलन तथा सामाजिक एवं रचनात्मक कार्यकर्त्ता थे। देश के प्रति उनके विशेष योगदान के कारण 1983 मे भारत रत्न से पुरष्कृत किया।
20. खान अब्दुल गफ्फार खान – 1987
खान अब्दुल गफ्फार खान जी एक महान राजनेता थे जिन्होंने भारत के स्व्तन्त्रता सेनानी मे भाग लिया था उनकी धैर्य – निष्ठा देशभक्ति के कारण 1987 मे भारत रत्न कि उपाधियां प्राप्त किए।
21. मरुथुर गोपालन रामचंद्रन (मरणोपरांत) – 1988
मरुथुर गोपालन रामचंद्रन जी को फिल्म और राजनीति क्षेत्र मे महान योगदान के लिए 1988 मे भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से पुरष्कृत किया गया।
22. डॉ. भीमराव अम्बेडकर (मरणोपरांत) – 1990
डॉ॰बाबासाहब आम्बेडकर , भारतीय बहुज्ञ,विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाज सुधरक भी थे। बाबासाहब आम्बेडकर जी को देश के प्रति उनके विशिष्ट योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरुस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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23. नेल्सन मंडेला – 1990
नेल्सन मंडेला ने भारत रंग विरोधी करने वाले पहले व्यक्ति थे जिन्होंने रंगभेद खिलाप अपना अभियान चलाया और पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया यही कारण है की भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक भारत रत्न का सम्मान मिला।
24. सरदार वल्लभ भाई पटेल (मरणोपरांत) – 1991
सरदार वल्लभ भाई पटेल हमेशा मुस्कुराते रहने वालों मे से, राष्ट्र की एकता के लिए सोचने वाले विचारधारा सबसे अलग रखने वाले, राष्ट्र के लिए अपना सारा जीवन बलिदान और योगदान लगाने वाले भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को मरणोपरांत 1991 में देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
25. मोरार जी देसाई – 1991
मोरार जी भारत के पहले तथा एकमात्र व्यक्ति जिन्हें पाकिस्तान का भी सम्मान मिला यह भारत के स्वाधीनता सेनानी थे जो कांग्रेस दल् के ना होने के बजाये दूसरे अन्य दल् के थे जो भारत के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से 1991 में सम्मानित किया गया।
26. राजीव गांधी (मरणोपरांत) – 1991
भारत के सातवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत में सूचना क्रान्ति के जनक माने जाते हैं। देश के कम्प्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रान्ति का श्रेय उन्हें जाता है। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33 % रिजर्वेशन दिलवाने का काम उन्होंने किया। मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया। उनके इन उपलब्धियों के कारण उनको 1991 में मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया।
27. मौलाना अबुल कलाम आजाद (मरणोपरांत) – 1992
मौलाना अबुल कलाम आजाद जी स्वतंत्रता सेनानी मे भाग लिए थे और शिक्षाविद् के रूप महत्वपूर्ण योगदान हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतिक, कवि, लेखक, पत्रकार थे। भारत के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
28. जे. आर. डी. टाटा – 1992
जहांगीर रतनजी दादा भाई टाटा भारत के उधोगपति थे। वे 50 वर्ष से अधिक समय तक, सन् 1932 में स्थापित सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी थे। उनके मार्गदर्शन में इस ट्रस्ट ने राष्ट्रीय महत्व के कई संस्थनों की स्थापना की, जैसे टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस, 1936), टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर, 1945), एशिया का पहला कैंसर अस्पताल, टाटा मेमोरियल सेंटर और प्रदर्शन कला के लिए राष्ट्रीय केंद्र, 1945 में उन्होंने टाटा मोटर्स की स्थापना की।
जेआरडी टाटा ने सन्1948 में भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन के रूप में एयर इंडिया इंटरनेशनल का शुभारंभ किया। 1953 में भारत सरकार ने उन्हें एयर इंडिया का अध्यक्ष और इंडियन एयरलाइंस के बोर्ड का निर्देशक नियुक्त किया। वे इस पर 24 साल तक बने रहे। देश हित मे उनके द्वारा किये गए कार्यो के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया।
29. सत्यजीत राय – 1992
सत्यजित राय एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें 20 वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। राय को जीवन में अनेकों पुरस्कार और सम्मान मिले। इसी क्रम में उन्हें 1992 में भारत रत्न से सम्मानीत किया गया।
30. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम – 1997
मिसाइलमैन के नाम से मशहूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से 1997 मे देश के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
31. अरुणा आसफ अली (मरणोपरांत) – 1997
भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल, दिल्ली की पहली मेयर अरुणा आसफ अली एक राजनीतिज्ञ और शिक्षक थे। उनके देशहित विचारधारा और उपलब्धियों के कारण मरणोपरांत 1997 मे भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
32. गुलज़ारी लाल नंदा (मरणोपरांत) – 1997
गुलजारीलाल नन्दा एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे 1964 में प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्युपश्चात् भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। 1997 में उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
33. एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी – 1998
एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी जी भारतीय संगीतकार है। जिसमें शास्त्रीय और अर्ध्-शास्त्रीय गीतों का प्रतिपाद्क भारत के कर्नाटक परम्परा सटीक शुद्धतावादी एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी पहली भारतीय महिला जिसने सयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रदर्शन किये वह भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतकार थी।
34. चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम् – 1998
चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम् जी राष्ट्रीय के कल्याण हित एकता के लिए कार्य करने के कारण उन्हें सर्वोच्च भारतीय सम्मान भारत रत्न से 1988 मे सम्मानित किया गया।
35. जयप्रकाश नारायण (मरणोपरांत) – 1998
समाज सेवक जयप्रकाश नारायण जी सम्पूर्ण क्रांति नमक आंदोलन चलाया जिन्हें लोकनायक नाम से भी जाना जाता है जयप्रकाश नारायण जी मरणोपरांत 1998 में भारत रत्न से सम्मानित किया ।
36. पंडित रविशंकर – 1999
पंडित रविशंकर जी एक सितार वादक तथा महान संगीतज्ञ थे विश्व के अनेको संगीत उत्सव मे हिस्सा लिया जिस कारण भारत सरकार द्वारा 1999 में भारत रत्न की उपाधि प्राप्त कि।
37. प्रोफेसर अमर्त्य सेन – 1999
प्रोफेसर अमर्त्य सेन भारत के कल्याण के लिए तथा भारत के अर्थशास्त्र के बुनियादी समस्याओ के विषय मे शोध करने का योगदान रहा प्रोफेसर अमर्त्य सेन जी को भारत सरकार द्वारा 1999 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
38. गोपीनाथ बोरदोलोई (मरणोपरांत) – 1999
गोपीनाथ जी ने खुद को राजनितिक गतिविधियों से दूर रखते हुए समाज के कार्यों मे शामिल हो गए लोकप्रिय गोपीनाथ जी को आधुनिक वस्त्र्तुकर कहे जाने वाले समाज मे उनके योगदान के लिए सन् 1999 मे भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
39. उस्ताद बिस्मिल्लाह खां – 2001
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां भारत के तीसरे संगीतकार थे जो हिंदुस्तान के प्रख्यात शहनाई वादक थे जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।
40. लता मंगेशकर – 2001
स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आवाज से भारतीय के साथ पूरी दुनिया दीवानी थी। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था।
41. भीमसेन जोशी – 2008
पंडित भीमसेन जोशी शास्त्रीय संगीत और हिंदुस्तानी संगीत शैली के सबसे प्रमुख गायको मे से एक है जोशी जी को कला के क्षेत्र् मे पद्य भूषण से सम्मानित किया तथा 2008 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पुरुस्कार के लिए चूना गया।
42. चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव – 2014
चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव जी ने 1500 शोध पत्र तथा 45 वैज्ञानिक पुस्तके लिखी वह भारत के प्रधानमंत्री वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के मुख्य रूप सेवा कि इनको 2014 को भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक भारत रत्न पुरुस्कार से सम्मानित किया।
43. सचिन तेंडुलकर – 2014
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर विश्व् के सबसे अधिक रन बनाने वाले महान क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर को सबसे कम उम्र मे ही सर्वोच्च नागरिक भारत रत्न नवाज़ा गया सचिन तेंडुलकर विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है पद्य विभूषण से भी पुरस्कृत किया जा चुका है।
44. अटल बिहारी वाजपेयी – 2015
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक महान कवि थे। अटल बिहारी वाजपेयी जी पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने हिंदी मे भाषण देकर भारत का गौरवान्वित किया। 2015 में अटल जी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।
45. मदन मोहन मालवीय – 2015
मदन मोहन मालवीय जी बड़े ही दयालु पत्रकारिता, वकालत, मातृभाषा, सामाज सुधारक तथा भारत माता की सेवा मे अपना सारा जीवन अर्पण करने वाले महामानव मदन मोहन मालवीय जी को सन् 2015 मे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
46. नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) – 2019
भारत सरकार ने नाना जी को उसकी शिक्षा, ग्रामीण स्वाल्म्बन एवं स्वास्थ के क्षेत्र मे अपना महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्य भूषण तथा 2019 मे उन्हें भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया।
47. प्रणब मुखर्जी – 2019
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सार्वजनिक कार्यों के लिए भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 2019 में नवाज़ा गया। उन्होंने लंबे समय से देश के आर्थिक नीतियों को सुधारने मे महत्वपूर्ण योगदान दिया।
48. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) – 2019
भूपेन हजारिका हिंदी, बंगाली के साथ अनेक भारतीय भाषा मे गाने गाते रहे भूपेन हजारिका जी ने महात्मा गाँधी के पसन्दीता वैष्णव भजन गाया था उन्हें भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया।
भारत रत्न से पुरस्कार संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां
- प्रथम भारत रत्न पुरस्कार पाने वाला – सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- अबतक अंतिम बार भारत रत्न पुरस्कार पाने वाला – नानाजी देशमुख ( मरणोपरांत ) भूपेन हजारिका ( मरणोपरांत ) प्रणव मुखर्जी
- श्री सचिन तेंदुलकर जी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ है और वह भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं।
- भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को उनको भारत को समर्पित अत्यंत प्रभावशाली राजनीतिक जीवन के लिए दिया गया है।
- भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली गायिका श्रीमती एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी हैं जिसको सन् 1998 में दिया गया।
- आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है , लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर भारतीयों, पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को प्रदान किया गया है।
- 1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरान्त स्वरूप को लेकर प्रश्न उठाया गया था। इसीलिए भारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त सम्मान वापस लिये जाने का यह एकमात्र उदाहरण है।
- भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आयी तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिये। बाद में 1992 में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।