यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल भारतीय धरोहर की सूची

यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल भारतीय धरोहर

पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज स्थल है जिनमे से  कुछ को यूनेस्को द्वारा अपने विश्व विरासत स्थल में शामिल किया हैं। भारत मे भी यूनेस्को ने ऐसे बहुत से जगहों को अंकित किया है। तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे यूनेस्को की चिन्हित उन्ही विश्व धरोहर स्थलों के बारे में। तो चलिए देखते है यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल भारतीय धरोहर की सूची और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

यूनेस्को के विश्व धरोहर किसे कहा जाता है?

युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं, और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।

यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल होने के लिए क्या मानदंड है?

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

उन मानदंडों पर एक त्वरित नज़र डालते हैं जिनके आधार पर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किए जाने वाले स्थलों का चयन करता है। इन स्थलों को सूचीबद्ध होने के लिए कुल दस मापदंड हैं जिनमें से एक की आवश्यकता है। ये इस प्रकार हैं:

  • मानव रचनात्मक प्रतिभा।
  • मूल्यों का परिवर्तन।
  • सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप।
  • मानव इतिहास में महत्व।
  • असाधारण मानव निपटान।
  • सार्वभौमिक महत्व की घटनाओं के साथ जुड़े
  • घटनाएँ या सुंदरता।
  • पृथ्वी के इतिहास के मंच।
  • महत्वपूर्ण पारिस्थितिक और जैविक प्रक्रियाओं।
  • जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास।

यूनेस्को के विश्व धरोहर में शामिल होने से क्या होता है?

इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

वर्तमान में विश्व धरोहर स्थल कितने हैं

अब तक (जुलाई 2019 तक) पूरी दुनिया में लगभग 1121 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 869 सांस्कृतिक, 213 प्राकृतिक, 39 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं।

भारत में कुल कितने विश्व धरोहर स्थल है 2023?

भारत में कुल 40 यूनस्को विश्व विरासत स्थल हैं. जिनमें ताजमहल, लाल किला एवं अजंता की गुफाएं और एलोरा की गुफाएं शामिल हैं. इनमें 7 प्राकृतिक, 32 सांस्कृतिक और एक मिश्रित स्थल शामिल है. भारत में पहली बार एलोरा की गुफाओं (महाराष्ट्र) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

सबसे ज्यादा यूनेस्को किस देश में है?

दुनिया में सबसे अधिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ इटली सूची में सबसे ऊपर है।

प्रथम विश्व धरोहर स्थल कौन सा है?

यह विश्व धरोहर समिति के वार्षिक सत्र के दौरान चुने गए शिलालेख के वर्ष के अनुसार दुनिया भर में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची है। सूची में पहला विश्व धरोहर स्थल गैलापागोस द्वीप समूह है।

भारत में किस राज्य में सबसे ज्यादा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं?

वर्तमान में, महाराष्ट्र में कुल पाँच यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं और यह संख्या भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक है। स्थलों में अजंता की गुफाएँ, एलोरा की गुफाएँ, एलिफेंटा की गुफाएँ, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और दक्षिण मुंबई की विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको इमारतें शामिल हैं।

भारत का पहला यूनेस्को विश्व धरोहर शहर कौन सा है?

अहमदाबाद बना भारत का पहला विश्व विरासत शहर; जापान का ‘मेन ओनली’ द्वीप भी शामिल भारत के गुजरात में स्थित शहर अहमदाबाद को 8 जुलाई को विश्व विरासत समिति के 41वें सत्र के दौरान यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल कर लिया गया। अहमदाबाद विश्व विरासत सूची में शामिल होने वाला भारत का पहला और एशिया का तीसरा शहर है।

यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल भारतीय धरोहर की सूची

अभी तक भारत में 40(32+7+1) विश्व विरासत स्थल है भारत का जनवरी 2021 तक में यूनेस्को में शामिल अंतिम स्थल कच्छ के रन में स्थित धौलावीरा है, जिसे जनवरी 2020 में शामिल किया गया था। यह हड़प्पा कालीन एक नगर था। यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए भारत में स्थित सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की विश्व विरासत स्थल सूची

यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल भारतीय स्थल

1. ताजमहल –  उत्तर प्रदेश 1983

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा, और विश्व के 7 अजूबों में से एक है। इसका निर्माण 17वीं सदी में मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था।

2. आगरा का किला – उत्तर प्रदेश 1983

आगरा का किला एक यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। यह किला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। इसके लगभग 2.5 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ही विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताज महल मौजूद है। इस किले को कुछ इतिहासकार चारदीवारी से घिरी प्रासाद महल नगरी कहना बेहतर मानते हैं।यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण किला है।

3. अजंता की गुफाएं – महाराष्ट्र 1983

अजंता की गुफाएं भारत में महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर लगभग 480 सीई तक की चट्टानों को काटकर बनाई गई 29 बौद्ध गुफा स्मारक हैं। अजंता की गुफाएँ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं।

4. एलोरा की गुफाएं – महाराष्ट्र 1983

एलोरा या एल्लोरा एक पुरातात्विक स्थल है, जो भारत में औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि॰मि॰ की दूरी पर स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है।

5. कोणार्क का सूर्य मंदिर – ओडिशा 1984

कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के ओड़िशा के पुरी जिले में समुद्र तट पर पुरी शहर से लगभग 35 किलोमीटर (22 मील) उत्तर पूर्व में कोणार्क में एक 13 वीं शताब्दी सीई (वर्ष 1250) सूर्य मंदिर है। मंदिर का श्रेय पूर्वी गंगवंश के राजा प्रथम नरसिंह देव को दिया जाता है। सन् 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है।

6. महाबलिपुरम् का स्मारक समूह -तमिलनाडू 1984

महाबलीपुरम के स्मारक भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम जिले में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित हैं। यहां करीब 40 अभयारण्य हैं जिनमें दुनिया का सबसे बड़ा खुली– हवा वाला चट्टानी आश्रय स्थल भी है। इन स्मारकों में शामिल हैं– धर्मराज रथ, अर्जुन रथ, भीम रथ, द्रौपदी रथ, नकुल सहदेव रथ के पांच रथ और गणेश रथ भी है। वर्ष 1984 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

7. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान – असम 1985

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक विश्व धरोहर स्थल है जो महान भारतीय एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है, काजीरंगा का परिदृश्य सरासर जंगल, लंबी हाथी घास, ऊबड़-खाबड़ नरकट, दलदल और उथले ताल का है। इसे 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी भारत के अंतिम क्षेत्रों में से एक है जो मानवीय उपस्थिति से अप्रभावित है। यह एक सींग वाले गैंडों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के साथ-साथ कई स्तनधारियों, जिनमें बाघ, हाथी, पैंथर और भालू और हजारों पक्षी शामिल हैं, का निवास है।

8. मानस वन्य जीव अभयारण्य – असम 1985

मानस राष्ट्रीय उद्यान या मानस वन्यजीव अभयारण्य, असम, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह अभयारण्य यूनेस्को द्वारा घोषित एक प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल, बाघ के आरक्षित परियोजना, हाथियों के आरक्षित क्षेत्र एक आरक्षित जीवमंडल हैं। हिमालय की तलहटी में स्थित यह अभयारण्य भूटान के रॉयल मानस नेशनल पार्क के निकट है।

9. केवला देव राष्ट्रीय उद्यान – राजस्थान 1985

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भारत के राजस्थान में स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इसमें हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते हैं। यहाँ 230 प्रजाति के पक्षियों ने भारत के राष्ट्रीय उद्यान में अपना घर बनाया है। अब यह एक बहुत बड़ा पर्यटन स्थल और केन्द्र बन गया है, जहाँ पर बहुतायत में पक्षीविज्ञानी शीत ऋतु में आते हैं। इसको 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था और बाद में 1985 में इसे ‘विश्व धरोहर’ भी घोषित किया गया है।

10. पुराने गोवा के चर्च व मठ – गोवा 1986

गोवा के चर्च और कॉन्वेंट भारत के गोवा राज्य में गोवा वेल्हा (या पुराना गोवा ) में स्थित धार्मिक स्मारकों के एक समूह को यूनेस्को द्वारा दिया गया नाम है, जिसे 1986 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।

11. मुगल सिटी, फतेहपुर सिकरी – उत्तर प्रदेश 1986

फतेहपुर सीकरी, एक नगर है जो कि मुगल सम्राट अकबर ने सन् 1571 में बसाया था। वर्तमान में यह आगरा जिला का एक नगरपालिका बोर्ड है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह यहाँ के मुगल साम्राज्य में अकबर के राज्य में 1571 से 1585 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही फिर इसे खाली कर दिया गया, शायद पानी की कमी के कारण। यूनेस्को द्वारा इसे 1986 में विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया गया।

12. हम्पी स्मारक समूह – कर्नाटक 1986

हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी। भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है। हर साल यहाँ हज़ारों की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। हम्पी का विशाल फैलाव गोल चट्टानों के टीलों में विस्तृत है। घाटियों और टीलों के बीच पाँच सौ से भी अधिक स्मारक चिह्न हैं। इनमें मंदिर, महल, तहख़ाने, जल-खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष आदि असंख्य इमारतें हैं।

13. खजुराहो मंदिर – मध्यप्रदेश 1986

खजुराहो स्मारक समूह जो कि एक हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है जिसके स्मारक भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर क्षेत्र में देखने को मिलते है। ये स्मारक दक्षिण-पूर्व झांसी से लगभग 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्मारक समूह यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत का एक धरोहर क्षेत्र गिना जाता है। यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ कामुक कला की है अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है।

14. एलीफेंटा की गुफाएं – महाराष्ट्र 1987

एलीफेंटा की गुफाएं मुख्य रूप से हिंदू भगवान शिव को समर्पित गुफा मंदिरों का एक संग्रह हैं, जिन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया है। घारापुरी गुफाएँ भारत में मुम्बई के गेट वे ऑफ इण्डिया से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित एक स्थल है जो अपनी कलात्मक गुफाओं के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ कुल सात गुफाएँ हैं। मुख्य गुफा में 26 स्तंभ हैं, जिसमें शिव को कई रूपों में उकेरा गया हैं। पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित है।

15. पट्टदकल स्मारक समूह – कर्नाटक 1987

पट्टदकल्लु, जिसे रक्तपुर कहा जाता था, भारत के कर्नाटक राज्य के बागलकोट ज़िले में मलप्रभा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक गाँव है, जो अपने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के लिए प्रसिद्ध है।

16. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान – प. बंगाल 1987

सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षित क्षेत्र एवं बायोस्फ़ीयर रिज़र्व क्षेत्र है। यह क्षेत्र मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ है और रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है। यह विश्व का एकमात्र नदी डेल्टा है जहां बाघ पाए जाते हैं। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या 103 है।

यहां पक्षियों, सरीसृपों तथा रीढ़विहीन जीवों की कई प्रजातियाँ भी पायी जाती हैं। इनके साथ ही यहाँ खारे पानी के मगरमच्छ भी मिलते हैं। वर्तमान सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान 1973 में मूल सुंदरवन बाघ रिज़र्व क्षेत्र का कोर क्षेत्र तथा 1977 में वन्य जीव अभयारण्य घोषित हुआ था। 4 मई 1984 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। फिर 1987 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया।

17. महान जीवित चोल मन्दिर – तमिलनाडू 1987

महान जीवित चोल मन्दिर भारत के तमिल नाडु राज्य में चोल साम्राज्य काल के कुछ हिन्दू मन्दिरों की सूची है जिन्हें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करा गया है। यह 11वीं और 12वीं शताब्दी में निर्मित हुए थे और इस सूची में बृहदीश्वर मन्दिर, तंजावूर, बृहदीश्वर मन्दिर, गंगैकोण्ड चोलपुरम और ऐरावतेश्वर मन्दिर, कुंभकोणम सम्मिलित हैं।

18. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी – उत्तराखंड 1988, 2005

नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य लगभग 630.33 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ उत्तर-भारत का विशालतम अभयारण्य है। जिसे सन् 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था, तथा फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान सहित सन् 1988 में विश्व संगठन युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया गया। फिर 2005 में यूनेस्को द्वारा फूलों की घाटी को भी नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के साथ विश्व धरोहर के रूप में सम्मिलित किया गया।

19. सांची का बौद्ध स्मारक – मध्यप्रदेश 1989

सांची स्तूप एक प्रसिद्ध यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, साँची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में साँची नगर के पास एक पहाड़ी पर स्थित एक छोटा सा गांव है। यह बेतवा नदी के किनारे, भोपाल से 46 कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में, तथा बेसनगर और विदिशा से 10 कि॰मी॰ की दूरी पर मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यहाँ कई बौद्ध स्मारक हैं,

20. हुमायूँ का मकबरा – दिल्ली 1993

हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है और इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं। 1993 में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

21. क़ुतुब मीनार – दिल्ली 1993

भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। यह दिल्ली का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। इसकी ऊँचाई 73 मीटर (239.5 फीट) और व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है। इसमें 379 सीढियाँ हैं। मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं, जिनमें से अनेक इसके निर्माण काल सन 1192 के हैं। यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है।

22. भारतीय पर्वतीय रेल – 1999

भारत की पर्वतीय रेल नैरो-गेज रेलवे लाइनें हैं जो भारत के पहाड़ों में बनाई गई थीं। उनमें से तीन, दार्जिलिंग हिमालयी रेल, नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका-शिमला रेलवे को सामूहिक रूप से “भारत की पर्वतीय रेल” के नाम से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया है। चौथा रेलवे, माथेरान हिल रेल, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में है। चारों नैरो-गेज रेलवे हैं, और नीलगिरि माउंटेन रेलवे भी भारत में एकमात्र रैक रेलवे है।

23. महाबोधी मंदिर, गया – बिहार 2002

महाबोधि विहार या महाबोधि मन्दिर, बोध गया स्थित प्रसिद्ध बौद्ध विहार है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया है।यह विहार उसी स्थान पर खड़ा है जहाँ गौतम बुद्ध ने ईसा पूर्व 6वी शताब्धिं में ज्ञान प्राप्त किया था।

24. भीमबेटका की गुफाएँ – मध्य प्रदेश 2003

भीमबेटका भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। 2003 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया।

25. चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान – गुजरात 2004

चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो कि भारत में स्थित है। इसे इस सूची में सन 2004 में सम्मिलित किया गया था। यहां वृहत स्तर पर उत्खनित पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं जीवित सांस्कइतिक धरोहर सम्पत्ति की बहुतायत है, जो कि एक प्रभावशाली भूखण्ड में सिमटी हुई है।

26. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल – महाराष्ट्र 2004

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, पूर्व में जिसे विक्टोरिया टर्मिनस कहा जाता था, एवं अपने लघु नाम वी.टी. या सी.एस.एम.टी. से अधिक प्रचलित है। यह भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई का एक ऐतिहासिक रेलवे-स्टेशन है, जो मध्य रेलवे, भारत का मुख्यालय भी है। यह भारत के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक है, जहां मध्य रेलवे की मुंबई में, व मुंबई उपनगरीय रेलवे की मुंबई में समाप्त होने वाली रेलगाड़ियां रुकती व यात्रा पूर्ण करती हैं। आंकड़ों के अनुसार यह स्टेशन ताजमहल के बाद भारत का सर्वाधिक छायाचित्रित स्मारक है। 2 जुलाई, 2004 को इस स्टेशन को युनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

27. दिल्ली का लाल किला – दिल्ली 2007

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। मुगल काल में बना यह ऐतिहासक स्मारक विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है और भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। लाल किला के सौंदर्य, भव्यता और आर्कषण को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। लाल किला या दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। किले को “लाल किला”, इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष 2007 में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था।

28. जयपुर का जंतर-मन्तर – राजस्थान 2010

जयपुर का जन्तर मन्तर सवाई जयसिंह द्वारा 1724 से 1734 के बीच निर्मित एक खगोलीय वेधशाला है। यह यूनेस्को के ‘विश्व धरोहर सूची’ में सम्मिलित है। इस वेधशाला में १४ प्रमुख यन्त्र हैं जो समय मापने, ग्रहण की भविष्यवाणी करने, किसी तारे की गति एवं स्थिति जानने, सौर मण्डल के ग्रहों के दिक्पात जानने आदि में सहायक हैं।

29. पश्चिम घाट – 2012

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय श्रृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्‍थानों को विश्व धरोहर स्‍थल घोषित किया है।

30. राजस्थान का किला – राजस्थान 2013

राजस्थान के छह पहाड़ी दुर्ग यूनेस्को के विश्व धरोहर में शामिल है। वे दुर्ग है:

  1. चित्तौड़गढ़ का चित्तौड़गढ़ दुर्ग
  2. कुम्भलगढ़ का कुम्भलगढ़ दुर्ग
  3. सवाई माधोपुर का रणथंभोर दुर्ग
  4. झालावाड़ का गागरौन दुर्ग
  5. जयपुर का आमेर दुर्ग
  6. जैसलमेर का जैसलमेर दुर्ग

ये दुर्ग 8वीं से 18वीं सद तक चले राजपूत शासन का प्रतीक है। इन में से कई दुर्ग 20 किमी तक की तटबंदी रखते है।

31. रानी का वाव – गुजरात 2014

रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी (सीढ़ीदार कुआँ) है। इस चित्र को जुलाई 2018 में RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा ₹100 के नोट पर चित्रित किया गया है तथा 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया।

32. ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय उद्यान – हिमाचल प्रदेश 2014

महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है। विश्व विरासत समिति ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र को विश्व विरासत सूची में सम्मिलित किया है। यह उद्यान कुल्लू जिले के पश्चिमी भाग में स्थित है। 1984 में बनाए गए इस पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था।

33. कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान – सिक्किम 2016

सिक्किम भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिज़र्व है। जिसे 2016 में यूनेस्को विश्व धरोहर के रूप में अंकित किया गया।

34. नालंदा विश्वविद्यालय – बिहार 2016

नालंदा एक प्रशंसित महाविहार था, जो भारत में प्राचीन साम्राज्य मगध (आधुनिक बिहार) में एक बड़ा बौद्ध मठ था। यह साइट बिहार शरीफ शहर के पास पटना के लगभग 95 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित है, और पांचवीं शताब्दी सीई से 1200 सीई तक सीखने का केंद्र था। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

35. ली कोर्बुज़िए के वास्तुशिल्प – चंडीगढ़ 2016

चंडीगढ़ की राजधानी परिसर सहित कई देशों भर ली कोर्बुज़िए के वास्तुशिल्प काम आधुनिक आंदोलन के लिए उत्कृष्ट योगदान के हिस्से के रूप में एक विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी.

36. अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर – गुजरात 2017

अहमदाबाद का ऐतिहासिक नगर या पुराना अहमदाबाद, भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद नगर का ही एक भाग है। 11 वी शताब्दी के आस पास अहमदाबाद आशावल के नाम से जाना जाता था, उस समय राजा आशा भील का शासन था। वैसे आधुनिक शहर की स्थापना अहमद शाह प्रथम ने 1411 में गुजरात सल्तनत के रूप में की थी। तब से यह गुजरात सल्तनत की एवं कालान्तर के महत्त्वपूर्ण राजनैतिक एवं गुजरात के वाणिज्यिक केन्द्र की राजधानी बना रहा। वर्तमान में भी घना एवं संकुल होने के बाद भी आधुनिक अहमदाबाद नगर का हृदय केन्द्र बना हुआ है। इसे जुलाई 2017 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

37. मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल – महाराष्ट्र 2018

मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल १९वीं सदी के विक्टोरियन नियो गोथिक सार्वजनिक भवनों और 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों का एक संग्रह है जो भारत के महाराष्ट्र में मुंबई के फोर्ट इलाके में है। इमारतों का यह समूह 30 जून 2018 को मनामा, बहरीन में विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र के दौरान विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था।

38. गुलाबी शहर – जयपुर 2019

जयपुर शहर भारत देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी है। जयपुर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है। जयपुर को पिंक सिटी अथवा गुलाबी नगरी भी कहते है, इसको सबसे पहले स्टैनली रीड ने पिंक सिटी बोला था। जयपुर की स्थापना आमेर के महाराजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने की थी। यूनेस्को द्वारा जुलाई 2019 में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है।

39. रामप्पा मंदिर – तेलंगाना 2021

रामप्पा मंदिर, जिसे रुद्रेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत में तेलंगाना राज्य में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह वारंगल से 66 कि.मी, मुलुगुसे 15 कि.मी, हैदराबाद से 209 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह मुलुगु जिले के वेंकटपुर मंडल के पालमपेट गांव की घाटी में स्थित है।

40. धोलावीरा – गुजरात 2021

हाल ही में यूनेस्को ने गुजरात के धौलावीरा शहर को भारत के 40वें विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया है। यह प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाली भारत में सिंधु घाटी सभ्यता की पहली साइट है।

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