भारत के प्रमुख व्यक्तित्व | आधुनिक भारत के प्रसिद्ध व्यक्ति

आधुनिक भारत के प्रमुख व्यक्तित्व

भारत हमेशा से बुद्धिमान और महान व्यक्तित्व वाले विचारकों का देश रहा है। यंहा ऐसे ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों ने जन्म लिया है जिसकी दुनियाभर में एक अलग ही पहचान है। तो आइए देखते है वो कौन कौन से आधुनिक भारत के प्रमुख व्यक्तित्व है जिन्होंने अपनी छाप दुनियाभर में छोड़ी है।

भारत के प्रमुख व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों की पूरी सूची विस्तृत जानकारी के साथ

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

भारत के प्रमुख व्यक्तित्व

आजाद अबुलकलाम ( 1888 – 1958 )

भारत के पहले शिक्षा मंत्री आजाद अब्दुलकलाम का जन्म मक्का में हुआ था, इनके द्वारा अलहिलाल समाचार पत्र का प्रकाशन किया जाता था। सबसे कम आयु के कांग्रेस अध्यक्ष 1940-46 तक जो लगातार कांग्रेस की अध्यक्षता रहे। इनकी रचनाओं में इंडिया विन्स फ्रीडम की रचना प्रमुख थे, 1947-58 तक नेहरू मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री रहे।

बी. आर अम्बेडकर ( 1891 – 1956 )

संविधान के पिता कहे जाने वाले बाबा साहब अम्बेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू में हुआ था।महार जनजाति के दलित वर्ग के नेता, पेशे से विधिवेत्ता, 1926-34 तक बम्बई विधान परिषद के सदस्य, 1942-46 तक गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी के सदस्य रहे भारत संविधान का मसौदा प्रस्तुत करने वाली उप समिति के प्रधान थे। भारतीय मजदूर संघ एवं अखिल भारतीय दलित वर्ग संस्थान की स्थापना, अंतरिम सरकार में विधि मंत्री तथा संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष भी चुने गये। मृत्यु के पूर्व बौद्ध धर्म अपनाया।

अब्दुल गफ्फार खाँ ( 1890 – 1987 )

पेशावर में जन्म, प्रसिद्ध गांधीवादी पख्तून नेता, सीमांत गांधी के नाम से प्रसिद्ध ( 1929 में इन्होंने खुदाई खिदमतगार आंदोलन चलाया, पख्तून (पत्र) का प्रकाशन, भारत विभाजन के प्रबल विरोधी, भारत विभाजन के निर्णय से असंतुष्ट होकर पख्तून राज्य की मांग की, 1987 में भारत रत्न से सम्मानित

अरविंद घोष (1872 – 1950)

बंगाल के क्रांतिकारी नेता, 1890 में आई.सी.एस. में उत्तीर्ण हुए परन्तु घुड़सवारी में असफल होने से सेवा त्यागना पड़ा, बंगाल विभाजन के दौरान सक्रिय युगांतर (पत्रिका) निकाली, 1910 में पाण्डिचेरी चले गए एवं योग साधना में लग गए। लाइफ डिवाइन इनकी मुख्य कृति है।

चंद्रशेखर आजाद ( 1906 – 1931 )

सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी नेता, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना में सक्रिय योगदान, काकोरी षड़यंत्र, लाहौर आदि षड़यंत्रों में भूमिका अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद में पुलिस से संघर्ष करते हुए स्वयं अंतिम गोली से आत्मोत्सर्ग कर लिया।

मुहम्मद इकबाल ( 1873 – 1938 )

उर्दू के प्रख्यात शायर तथा व्यवसाय से वकील आरंभिक जीवन में राष्ट्रवादी थे, सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा व इंकलाब का नारा बाद में मुस्लिम लीग की ओर आकर्षित हुए। मुस्लिमों के लिए स्वायत्त क्षेत्र की मांग की, मुस्लिम पृथक स्वायत्त क्षेत्र के विचार के जनक, सर की उपाधि।

सर सैयद अहमद खान ( 1817-98 )

अलीगढ़ आंदोलन के प्रवर्तक, ईस्ट इंडिया कंपनी में क्लर्क के रूप में सेवा आरंभ की, मुहम्मद एंग्लो – ओरियंटल कालेज की स्थापना (अलीगढ़) जो आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना, 1888 में सर की उपाधि।

महात्मा गांधी ( 1869 – 1948 )

भारत के प्रमुख और प्रसिद्ध व्यक्तित्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पोरबंदर (गुजरात) में जन्म हुआ, पिता करमचन्द गांधी है, पोरबंदर, राजकोट व बीकानेर के दीवान और वकील थे, 1893-1914 तक दक्षिण अफ्रीका में रहे, 1915 में भारत लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सर्वप्रमुख भूमिका, 1942 में करो या मरो का नारा।

गोपाल कृष्ण गोखले ( 1866 – 1915 )

भारत के महान और प्रमुख व्यक्तित्व, महाराष्ट्र के चितपावन ब्राम्हण, शिक्षाविद, मानवतावादी, समाज सुधारक, उदारवादी नेता, 1900-02 बम्बई विधान परिषद के सदस्य, 1902-15 तक वायसराय की कार्यकारिणी के सदस्य, 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना, 1905 में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरू, 1915 में मृत्यु पर तिलक ने इन्हें भारत का हीरा कहा था।

बंकिम चंद चटर्जी ( 1838 – 1894 )

बंगाल के ब्राम्हण परिवार से, प्रकाण्ड विद्वान, कवि, राष्ट्रवादी, सामाजिक दर्शनशास्त्री, वंदेमातरम, आंनदमठ की रचना की। आधुनिक भारत के महान और प्रमुख व्यक्तित्व।

मोहम्मद अली जिन्ना ( 1876 – 1948 )

बम्बई के खोजा मुसलमान, मुस्लिम लीग के नेता तथा पाकिस्तान के संस्थापक राजनीतिक जीवन कांग्रेस से प्रारंभ लेकिन असहयोग आंदोलन का विरोध करते हुए। कांग्रेस से त्याग पत्र दे दिया, 1929 में चौदह सूत्रीय योजना प्रस्तुत, 1940 लाहौर अधिवेशन में द्वि राष्ट्र सिद्धांत का प्रतिपादन किया भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के गवर्नर जनरल बने, कायदे आजम के नाम से भी जाना जाता है।

रविन्द्रनाथ टैगोर ( 1861 – 1941 )

भारत के प्रमुख और महान व्यक्तित्व, चित्रकार, साहित्यकार, 1913 में गीतांजली हेतु नोबल साहित्य पुरस्कार प्राप्त, गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध कलकत्ता में शांति निकेतन विश्वविद्यालय की स्थापना, मानवता, अध्यात्मवाद तथा राष्ट्रीयता एवं अंतराष्ट्रीयतावादी।

हेनरी विवियन डेरोजियो ( 1809-183 )

स्काटिश घड़ीसाज, बंगाल में पुनर्जागरण के अग्रदूत, भारत के प्रथम राष्ट्रवादी कवि, डेरोजियो और उनके साथी- डेरोजियन एवं यंग बंगाल के रूप में विख्यात, एकेडमिक एसोसिएशन की स्थापना ईस्ट इंडिया का संपादन, हिंदू कालेज कलकत्ता में अध्यापन।

चितरंजन दास ( 1870 – 1929 )

असहयोग आंदोलन में भाग लिया, वकालत छोड़ी , 1921 में अहमदाबाद में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना की।

सरोजिनी नायडू ( 1879 – 1949 )

बंगाली ग्रम्हण, प्रमुख कवयित्री और राष्ट्रवादी नेता, 1925 में कानपुर में प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष बनी भारत कोकिला (नाइटेंगल ऑफ इंडिया ) के नाम से प्रसिद्ध, स्वतंत्र भारत में ( 1947-48 ) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, भारत की प्रथम महिला राज्यपाल।

जवाहरलाल नेहरू ( 1889-1964 )

इलाहाबाद में जन्म भारत के प्रमुख व्यक्तित्व जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने, कश्मीरी ब्राम्हण, शांति के अग्रदूत, 1927 में ब्रूसेल्स में आयोजित उत्पीड़ित सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि की हैसियत से हिस्सा लिया, 1929 में लाहौर कांग्रेस में नेहरू की अध्यक्षता में पूर्ण स्वराज की घोषणा, 1947-64 तक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंचशील नीति के प्रणेता, गुटनिरपेक्षता में विश्वास, भारत की खोज, विश्व इतिहास की झलक की रचना की।

मोतीलाल नेहरू ( 1861 – 1931 )

काश्मीरी ब्राम्हण, इलाहाबाद में वकील, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख ( 1919 व 1928 ), 1917 में तिलक के होमरूल लीग में भाग लिया, 1928 नेहरू रिपोर्ट, स्वराज पार्टी के संस्थापक नेता, भारतीय संविधान की रूपरेखा प्रस्तुत करने वाली सर्वदलीय कांफ्रेस के अध्यक्ष।

दादाभाई नौरोजी ( 1825 – 1917 )

भारत के प्रमुख व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों में शुमार, पारसी, ग्रेन्ड ओल्डमेन ऑफ इंडिया, ब्रिटिश संसद में प्रथम भारतीय सांसद, लंदन में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन ( 1866 ) की स्थापना, 1886, 1893, 1906 में कांग्रेस के अध्यक्ष, उदारवादी नेता, अर्थशास्त्री, धन के अपवहन सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन अपने ग्रंथ पावर्टी एंड वेरी अन – ब्रिटिश रूल इन इंडिया में वर्णन, रष्ट – गुफ्तार समाचार पत्र।

वल्लभ भाई पटेल ( 1875 – 1950 )

सरदार पटेल भारत के प्रमुख और प्रसिद्ध व्यक्तित्व और गुजरात के पाटीदार, महात्मा गांधी के नेतृत्व में राजनीति में आए महान संगठनकर्ता 1918 में खेड़ा सत्याग्रह से राजनीति में प्रवेश, 1928 में प्रसिद्ध बारदोली। सत्याग्रह का नेतृत्व किया, गांधी जी ने इन्हें सरदार की उपाधि से विभूषित किया 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता की रियासतों के विलीनीकरण में सर्वप्रमुख योगदान, लौह पुरुष कहलाए, 1947-50 अंतरिम सरकार में गृह मंत्री स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद नेहरू मंत्रिमण्डल में भारत उप-प्रधान मंत्री बने।

सुरेंद्रनाथ बैनर्जी ( 1948-1925 )

बंगाल के कुलीन ब्राम्हण, राष्ट्रवादी नेता, लोकप्रिय पत्रकार, 1896 में भारतीय सिविल सेवा में उत्तीर्ण, लेकिन तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना में योगदान, बंगाली समाचार पत्र का प्रकाशन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष ( 1895 ) व 1902 ), इंडियन लिवरल फेडरेशन की स्थापना ( 1918 ) ए नेशन इन द मेकिंग के लेखक।

एनीबिसेन्ट – ( 1847 – 1933 )

आयरिश महिला, थियोसोफिकल सोसायटी के लिए 1893 में भारत आय सेंट्रल हिन्दू कॉलेज बनारस की स्थापना में सहायता की 1916 में अखिल भारतीय होमरूल लीग की स्थापना की ( मद्रास ) 1917 में राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष, कामन विल व न्यू इंडिया समाचार पत्र का प्रकाशन, 1920 में असहयोग आंदोलन के प्रश्न पर कांग्रेस से अलग हो गई।

सुभाष चंद्र बोस ( 1894 – 1945 )

बंगाल के कायस्थ, भारतीय सिविल सेवा से त्याग पत्र देकर असहयोग आंदोलन में भाग लिया, 1938 में हरिपुरा एवं 1939 में त्रिपुरी कांग्रेस की अध्यक्षता की 1939 में ही कांग्रेस की सदस्यता से त्याग – पत्र देकर फारवर्ड ब्लाक की स्थापना की जनवरी 1941 में भारत से पलायन कर जर्मनी पहुंचे, वहाँ से 1943 में सिंगापुर पहुंचे वहाँ आजाद हिन्द फौज का पुनर्गठन किया दिल्ली चलो तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा, नेताजी के नाम से लोकप्रिय, 1945 को विमान दुर्घटना में लापता।

मदन मोहन मालवीय ( 1861 – 1946 )

महामना बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापन में योगदान, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष (1909), 1921 में इम्पीरियल कौंसिल के लिए चुने गए प्रसिद्ध चौरी – चौरा काण्ड में वकालत की, गोलमेज सम्मेलन (1931) में भाग लिया, सविनय अवज्ञा में भाग लेने हेतु केन्द्रीय सभा की सदस्यता से त्याग पत्र हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य।

ह्यूम एलेन आक्टोवियन ( 1829 – 1922 )

स्काटलैण्ड के निवासी, भारत में सिविल सेवा के सदस्य , 1870-79 तक भारत सरकार के कर तथा कृषि विभाग के सचिव, 1882 में अवकाश प्राप्त करने के उपरांत भारत के राजनीतिक अधिकारों के लिए कार्य किया, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक ( 1885 ) 1885-1906 ) तक कांग्रेस के सचिव रहे चिकित्सा , शल्य क्रिया विज्ञान का अध्ययन किया, सुप्रसिद्ध प्रकृति विज्ञानी तथा वनस्पति शास्त्री।

तात्या टोपे ( 1814 – 1859 )

देशस्थ मराठे, 1857 के स्वतंत्रता- संघर्ष में नाना साहब के मुख्य सहायक अपनी देशभक्ति, शौर्यमय युद्ध तथा कुशल छापामार युद्ध कार्यवाहियों के कारण प्रसिद्ध, लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर ग्वालियर पर कब्जा किया लेकिन पुनः अंग्रेजों ने ग्वालियर पर आक्रमण किया तात्या टोपे गिरफ्तार कर लिया गया, 18 अप्रैल, 1859 को शिवपुरी में फांसी पर लटका दिया गया।

रानी लक्ष्मीबाई ( 1828 – 1858 )

1857 के विद्रोह के महान नेताओं, 1853 में पति गंगाधर राव की मृत्यु पर अंग्रेजों ने झांसी का विलय कर लिया , तब इन्होंने विद्रोह कर दिया , ह्यूरोज से सामना रानी झांसी से कालपी फिर ग्वालियर पहुंची, जहाँ 17 जून 1858 को अंग्रेजों से युद्ध करते हुए रानी ने वीरगति प्राप्त की।

रामकृष्ण परमहंस ( 1836 – 1886 )

बंगाली ब्राम्हण दक्षिणेश्वर काली मंदिर के पुजारी, मानव की सेवा द्वारा ईश्वर प्राप्ति का संदेश, इनके शिष्य विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की ( 1897 )।

स्वामी विवेकानंद ( 1863 – 1902 )

आधुनिक भारत के महान और प्रमुख व्यक्तित्व, वेदांतिक विद्वान तथा हिन्दू धर्म प्रचारक , बचपन का नाम नरेन्द्र दत्त, 1893 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लिया, 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ( 1878 – 1972 )

कुशल राजनीतिज्ञ, साहित्यकार, मद्रास के मुख्यमंत्री ( 1937-39 ), 1947 अंतरिम सरकार में केन्द्रीय मंत्री, 1948-50 प्रथम भारतीय जो गवर्नर जनरल बने एवं अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल भी यही थे, विभाजन का फार्मूला दिया (1943) स्वतंत्र पार्टी का गठन (1952)।

लाला लाजपतराय ( 1865 – 1938 )

पंजाब के प्रसिद्ध आर्य समाजी तथा गरमपंथी नेता जो पंजाब केसरी के नाम से प्रसिद्ध, लाल बाल, पाल त्रिगुट के सदस्य, अमेरिका मे होमरूल लीग की स्थापना, यंग इंडिया मासिक पत्रिका का प्रकाशन, कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता (1920)। अखिल भारतीय ट्रेड युनियन कांग्रेस की अध्यक्षता, वंदेमातरम द पीपुल दैनिक निकाला, असहयोग आंदोलन के स्थगन के बाद स्वराज दल में शामिल हो गए। साइमन कमीशन के विरोध में लाठी चार्ज से घायल एवं मृत्यु (1928) शिक्षा के प्रसार में हंसराज के सहयोग से डी. ए. वी. कॉलेज, लाहौर की स्थापना की।

ईश्वरचंद विद्यासागर (1820 – 1891)

बंगाली ब्राम्हण, प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान तथा प्राध्यापक, विद्यासागर की उपाधि इन्हें संस्कृत कॉलेज , कलकत्ता के अधिकारी द्वारा प्रदान की इन्हीं के प्रयासों से विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित हुआ . बहुपत्नी प्रथा के कट्टर विरोधी बेथ्यून स्कूल की स्थापना में सहयोग, बंगला वर्णमाला लिखी।

भगत सिंह ( 1907 – 1931 )

इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले क्रांतिकारी, हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन में शामिल, 1925 में नौजवान भारत सभा की स्थापना की लाला लाजपत राय की हत्या का बदला 18 दिसम्बर 1928 को साण्डर्स पर गोली चलाकर लिया, 18 अप्रैल 1929 बी. के. दत्त के साथ मिलकर दिल्ली में केन्द्रीय विधानसभा में बम फेंका तथा उन्होंने गिरफ्तारी दी। लाहौर षडयंत्र में 23 मार्च 1931 को सुखदेव, राजगुरू के साथ फांसी दे दी गई, मैं समाजवादी हॅू की रचना।

दयानंद सरस्वती ( 1824 – 1899 )

19 वीं शताब्दी के सबसे महान सुधारक, 1875 मे आर्य समाज की स्थापना की हिन्दी के समर्थक, शुद्धि आंदोलन, वेदो की ओर लौटो का प्रसिद्ध नारा दिया, सत्यार्थ प्रकाश की रचना, अस्पृश्यता निवारण विधवा पुनर्विवाह तथा हिन्दू समाज की बुराइयों को दूर करने हेतु प्रयास।

विनायक दामोदर सावरकर (1883 – 1966)

लोकप्रिय नाम वीर सावरकर, महान क्रांतिकारी, हिन्दू नेता, मित्र मेला का गठन (1899) अभिनव भारत ( 1904 ) की स्थापना, इंग्लैण्ड जाकर महासभा प्रमुख श्यामजी कृष्ण वर्मा के नेतृत्व वाले क्रांतिकारी गुट में शामिल 1857 के विद्रोह को अपनी पुस्तक वार ऑफ इंडिपेंडेंस में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा, 1910 में लंदन से गिरफ्तार कर लाया गया और नासिक षड़यंत्र काण्ड में इन पर मुकदमा चलाया गया, महात्मा गांधी की नीतियों से असहमत, 1937 – 1942 तक हिन्दू महासभा के अध्यक्ष।

लाला हरदयाल ( 1884 – 1939 )

महान क्रांतिकारी नेता, गदर पार्टी के संस्थापक ( 1913 ), गदर समाचार पत्र निकाला, संयुक्त राज्य अमेरिका छोड़कर स्विट्जरलैण्ड जाना पड़ा जहाँ उन्होंने वंदेमातरम निकाला अमेरिका मे बर्कले विश्वविद्यालय में संस्कृत और दर्शन के प्रोफेसर।

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