क्या भगवान होते है | क्या भगवान हैं या नही | क्या भगवान सच में हैं?

क्या भगवान होते है | क्या भगवान हैं या नही | क्या भगवान सच में हैं?

परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में परमेश्वर को भगवान, परमात्मा या परमेश्वर भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना ब्रह्माण्ड की संरचना से जुड़ी हुई है। लेकिन क्या वास्तव में भगवान होते है? क्या ईश्वर हमारे आसपास रहते है? तो चलिए देखते है भगवान होते है या नही।

भगवान का क्या अर्थ होता है?

ईश्वर या परमेश्वर संसार की सर्वोच्च सत्ता है। भगवान शब्द संस्कृत के भगवत शब्द से बना है। जिसने पांचों इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली है तथा जिसकी पंचतत्वों पर पकड़ है उसे भगवान कहते हैं। भगवान शब्द का स्त्रीलिंग भगवती है।

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क्या भगवान होते है?

भगवान सच में होते हैं और इस बात को सभी धर्मों के पवित्र शास्त्र भी प्रमाणित करते है की भगवान होते है। जरा सोचिए भगवान नही है तो यह सब ग्रह, सृष्टि कैसे चलती है। अगर भगवान न होते तो आज इतने प्रमाण भी नही मिलते।

भगवान है तो दिखता क्यों नहीं है? क्या सच मे भगवान होते है?

ठीक इसी तरह ईश्वर भी कण-कण में हैं, लेकिन हम उन्हें देख नहीं सकते, सिर्फ महसूस कर सकते हैं। जिस तरह पानी को गर्म करने के बाद नमक के कण दिखाई दिए, ठीक उसी तरह जब हम ध्यान, भक्ति और तप करते हैं, तब हमें भगवान के दर्शन हो सकते हैं। इसके लिए हमें हमारी बुराइयों को छोड़ना पड़ता है, तभी हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।

भगवान कौन है कहाँ रहता है?

हिंदू धर्म के अनुसार भगवान बैकुंठ, और स्वर्ग आदि लोकों में रहते हैं। इस्लाम धर्म के अनुसार भगवान यानी अल्लाह जन्नत, मक्का-मदीना, और मस्जिद में रहते हैं। इसी तरह अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग स्थानों का जिक्र है। कुछ लोग उन्हें ढूंढने मंदिर जाते हैं, तो कुछ उन्हें ढूंढनेेेेे मस्जिद जाते हैं। लेकिन वास्तव में तो भगवान कण कण में रहते है। बस जरूरत है हमे इसे महसूस करने की।

दुनिया का असली भगवान कौन है?

भगवान का अस्तित्व ही एक है यानी की भगवान सिर्फ एक है जिसे बस हम उन्हें अलग अलग रूप में पूजा करते हैं। कोई मंदिर में करता है, तो कोई मस्जिद में या कोई उसे चर्च या गिरजाघर में लेकिन सब पूजा भगवान की ही करते है। बस मनुष्यों ने उन्हें अलग अलग रूप में बाट दिया है।

कुछ प्रमाण जो सिद्ध करते हैं कि धरती पर भगवान है

  • अमरनाथजी में शिवलिंग अपने आप बनता है।
  • माँ ज्वालामुखी में हमेशा ज्वाला निकलती है।
  • मैहर माता मंदिर में रात को आल्हा अब भी आते हैं।
  • सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर में 3000 बम में से एक का भी ना फूटना।
  • इतने बड़े हादसे के बाद भी केदारनाथ मंदिर का बाल ना बांका होना।
  • पूरी दुनियां में आज भी सिर्फ रामसेतु के पत्थर पानी में तैरते हैं।
  • रामेश्वरम धाम में सागर का कभी उफान न मारना।
  • पुरी के मंदिर के ऊपर से किसी पक्षी या विमान का न निकलना।
  • पुरी मंदिर की पताका हमेशा हवा के विपरीत दिशा में उड़ना।
  • उज्जैन में भैरोनाथ का मदिरा पीना।
  • गंगा और नर्मदा माँ (नदी) के पानी का कभी खराब न होना।
  • श्री राम नाम धन संग्रह बैंक में संग्रहीत इकतालीस अरब राम नाम मंत्र पूरित ग्रंथों को (कागज होने पर भी) चूहों द्वारा नहीं काटा जाना, जबकि अनेक चूहे अंदर घूमते रहते हैं।
  • चित्तोड़गढ मे बाणमाताजी के मंदिर मे आरती के समय त्रिशूल का हिलना।

विज्ञान ईश्वर के बारे में क्या कहता है?

विज्ञान ईश्वर को प्रमाणित नहीं करता, लेकिन परिकल्पना और सम्भावना के रूप में उसे स्वीकार कर उसके अस्तित्व को भी खारिज नहीं करता। विज्ञान ने द्रव्य,ऊर्जा, ब्रह्मांड से सम्बंधित कुछ सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं जो ईश्वर के गुणों को भी व्यक्त करते हैं।

हम भगवान को क्यों नहीं देख सकते?

पराबैंगनी या x-रे किरणों से प्रकाशित वस्तुओं को भी हम आंखों से नहीं देख सकते। भगवान को केवल ज्ञानचक्षुओं से ही देखा जा सकता है और वह भी साधना के साधन ही से।

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