पहाड़ों में बसे शहर
जब भी बात किसी हिल स्टेशन घूमने जाने की होती है तो हमें ऊंचे और हरे – भरे पहाड़ , नदियां , झीले , झरने और बाकी खूबसूरत चीजें याद आ जाती हैं । लेकिन कई बार छुट्टियां न होने की वजह से हिल स्टेशन्स के लिए लंबा आराम प्लान नहीं हो पाता । लेकिन हम आपको बताने जा रहे है छोटे छोटे हिलस्टेशन (पहाड़ों में बसे शहर )के बारे में जिसे कम समय आप घूम सकते है।
अगर आप छुट्टियों के दिनों में भारत के मनमोहने वाले जगहों में जाना चाहते है तो ये जानकारी आपके बहुत काम आएगा। हम आपको ऐसे शहरों के बारे में बताने जा रहे जो भारत के पहाड़ो में बसा हुआ है जिससे देखते ही बनता है। तो फिर देखते है कि पहाड़ों में बसे शहर, भारत के पहाड़ो में बसे शहरों के नाम, पर्वतों में बसे नगर कौन कौन से है ?
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भारत पहाड़ो का देश है यंहा के जम्मु कश्मीर से लेकर केरल तक छोटे बड़े बहुत से सुंदर और मनमोहने वाला पहाड़ी क्षेत्र है जो लोगो का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इन्ही पहाड़ो पर भारत के बहुत से शहर बसे हुए है। जो देखने मे अति सुंदर लगता है। तो आइए जाने की भारत के पर्वत में बसे शहरों की लिस्ट, भारत के पहाड़ों में बसे शहरों के नाम कौन कौन से है। जन्हा आप छुट्टियों के दिनों में घूमने जा सकते है।
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भारत के पहाड़ों में बसे शहर
क्र. | पहाड़ों में बसे शहर | राज्य | ऊँचाई |
1 | गुलमर्ग | जम्मू कश्मीर | 2651 मी. |
2 | शिमला | हिमांचल प्रदेश | 2206 मी. |
3 | दार्जिलिंग | पश्चिम बंगाल | 2134 मी. |
4 | लैंसडाउन | उत्तराखंड | 2118 मी. |
5 | उंटी | तमिलनाडु | 2286 मी. |
6 | पहलगाम | जम्मू कश्मीर | 2195 मी. |
7 | कोडाइकनाल | तमिलनाडु | 2133 मी. |
8 | डलहौजी | हिमाचल प्रदेश | 2035 मी. |
9 | कोटागिरी | तमिलनाडु | 1981 मी. |
10 | नैनीताल | उतराखण्ड | 1938 मी. |
11 | कुन्नूर | तमिलनाडु | 1859 मी. |
12 | मनाली | हिमाचल प्रदेश | 1829 मी. |
13 | रांची | झारखंड | 1800 मी. |
14 | श्रीनगर | जम्मू कश्मीर | 1768 मी. |
15 | भुवाली | उतराखण्ड | 1650 मी. |
16 | शिलांग | मेघालय | 1496 मी. |
17 | नंदीहिल्स | कर्नाटक | 1474 मी. |
18 | महाबलेश्वर | महाराष्ट्र | 1372 मी. |
19 | धर्मशाला | हिमाचल प्रदेश | 1250 मी. |
20 | माउंटआबू | राजस्थान | 1219 मी. |
21 | मुन्नार | केरल | 1158 मी. |
22 | सापूतारा | गुजरात | 975 मी. |
23 | पेरियार | केरल | 914 मी. |
24 | लोनावाला | महाराष्ट्र | 620 मी. |
25 | मसूरी | उतराखण्ड | 2005 मी. |
26 | मुक्तेश्वर | उतराखण्ड | 1974 मी. |
27 | कसौली | हिमाचल प्रदेश | 1890 मी. |
28 | गंगटोक | सिक्किम | 1850 मी. |
29 | रानीखेत | उतराखण्ड | 1829 मी. |
30 | मिरिक | पश्चिम बंगाल | 1800 मी. |
31 | कोटलिम | तमिलनाडु | 1676 मी. |
32 | अल्मोड़ा | उतराखण्ड | 1646 मी. |
33 | सोलन | हिमाचल प्रदेश | 1496 मी. |
34 | येरकार्ड | तमिलनाडु | 1459 मी. |
35 | कालिम्पोंग | पश्चिम बंगाल | 1250 मी. |
36 | कुल्लुघाटी | हिमाचल प्रदेश | 1250 मी. |
37 | पचमढ़ी | मध्यप्रदेश | 1067 मी. |
38 | कमानगुंडी | कर्नाटक | 914 मी. |
39 | मंडी | हिमाचल प्रदेश | 709 मी. |
40 | खंडला | महाराष्ट्र | 620 मी. |
41 | पंचगनी | महाराष्ट्र | 1219 मी. |
पहाड़ों में बसे शहर, भारत के पहाड़ो में बसे शहरों के नाम, भारत के हिलस्टेशन की पूरी जानकारी
भारत के पहाड़ों में बसे शहर या हिलस्टेशनो की सूची बहुत लंबी है आइये इनमे से प्रमुख हिलस्टेशनो के बारे में जानते है।
गुलमर्ग
जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में स्थित धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है , जो फूलों के प्रदेश के नाम से भी प्रसिद्ध है । कहा जाता है कि पहले गुलमर्ग का असली नाम गौरीमर्ग था जो यहाँ के चरवाहों ने इसे दिया था । फिर 16 वीं शताब्दी में सुल्तान युसुफ शाह ने इसका नाम गुलमर्ग रखा । यंहा के वादियों को आप देखते रह जाएंगे।
शिमला
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और पूर्व भारत में ब्रिटिशों की राजधानी रही है , यह स्थान चारों ओर से हरे भरे पहाड़ों और हिमाच्छादित चोटियों से घिरा हुआ है औपनिवेशिक युग के दौरान की संरचनाओं एवं यहाँ की शांत पहाड़ियों की आभा इसे अन्य पहाडियों से बहुत अलग बनाती है । शिमला अपनी औपनिवेशिक विरासत एवं भव्य पुरानी इमारतों के लिए जाना जाता है, यहाँ से दूरदराज़ की बर्फ से ढकी चोटियों का दृश्य नज़र आता है। यहाँ हिमालय के ग्रामीण इलाकों की सुन्दरता का आनंद सड़क के द्वारा पहुंच कर लिया जा सकता है ।
दार्जलिंग
वर्तमान में दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का एक भाग है । यह शहर पहाड़ की चोटी पर स्थित है । यहां सड़कों का जाल बिछा हुआ है । ये सड़के एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । इन सड़कों हुए आपको औपनिवेशिक काल की बनी कई इमारतें दिख जाएंगी । ये इमारतें आज भी काफी आकर्षक प्रतीत होती है । इन इमारतों में लगी पुरानी खिड़कियां तथा धुएं निकालने के लिए बनी चिमनी पुराने समय की याद दिलाती हैं ।
लैंसडाउन
उत्तराखंड की वादियों में बसा लैंसडाउन एक ऐसा ही हिल स्टेशन है , जहां जाने के लिए आपको लंबी छुट्टियों की ज़रूरत नहीं है । लैंसडाउन खूबसूरत और शांत होने के साथ सुरक्षित भी है , क्योंकि यहां सैनिक छावनी है । ये जगह बेहद खूबसूरत है। सर्दियों के दौरान बर्फबारी देखने लायक होती है।
पहलगाम
श्रीनगर से 95 किमी की दूरी पर , पहलगाम , जिसे ‘ चरवाहों की घाटी ‘ के नाम से जाना जाता है , जम्मू और कश्मीर का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जहां कई फिल्मों की शूटिंग की गई है । लिडर नदी और शेशनाग झील के संगम पर खड़े होने से , पहलगाम घने जंगलों के जंगलों से घिरा हुआ है , घास के लुप्त भावों और हिमाचल पर्वत वाले हिमालय पर्वतों से घिरा हुआ है ।
ऊटी
तमिलनाडु राज्य का एक शहर है । कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर नीलगिरी की पहाड़ियों में बसा यह शहर मुख्य रूप से एक हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है । इसे उधगमंडलम भी कहा जाता है । ऊटी को हिल स्टेशन की रानी भी कहा जाता है । रोमेंटिक होने के साथ साथ प्राचीन समुद्र तटों , हिल स्टेशनों और शानदार वन्य जीवन का सजीव प्रतीक दक्षिण भारत यात्रा करने के लिए एक आदर्श जगह है । सभी रोमांच प्रेमियों तथा प्रकृति प्रेमियों के लिए ऊटी बेहतरीन स्थानों में से एक है ।
कोडाइकनाल
भारत के तमिलनाडु का ये शहर बेहद ही खूबसूरत है । कोडाइकनाल की खूबसूरती का बखान शब्दों में करना मुश्किल हो हो जाता है । इस जगह में एक खुशबू हैं । हरियाली और रंग बिरंगे फूलों से लबरेज ये जगह मानसून के मौसम में जन्नत बन जाती है । कोडाइकनाल में जैसे – जैसे आप साइट सीन के लिए आगे बढ़ते हो वैसे – वैसे आपकी आंखों के सामने के नजरें बदलते जाएंगे । मैदान की हरी- हरी घासें कब खूबसूरत पहाड़ों में बदल जाएंगी आपको पता भी नहीं चलेगा । कोडईकनाल अपनी सुन्दरता और शान्त वातावरण से सबको सम्मोहित कर देता है ।
डलहौज़ी
ये एक पहाड़ी स्टेशन है जो औपनिवेशिक आकर्षण से भरा हुआ है , जिसमें राज की धीमी गूंज हैं । पांच पहाड़ियों ( कैथलॉग पोट्रेस , तेहरा , बकरोटा और बोलुन ) से बाहर फैले शहर का नाम 19 वीं शताब्दी के ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी के नाम पर रखा गया है । पहाड़ों से बाहर निकलने के लिए एक चांदी के सांप की तरह , रावी नदी के घुमाव और मोड़ कई सुविधाजनक बिंदुओं से देखने के लिए है । चंबा घाटी और महान धौलाधर पर्वत पूरे क्षितिज में बर्फ से ढके हुए चोटियों के शानदार दृश्य भी है।
कोटागिरी
भारतीय राज्य तमिलनाडु के नीलगिरी के पहाड़ों में स्थित लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है । यह खूबसूरत हिल स्टेशन हरे – भरे चाय बागानों से घिरा है। यह पुराना हिल स्टेशन असंख्य छोटी – छोटी पहाड़ियों और घाटियों के चारो ओर विकसित है ।
नैनीताल
नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत , विस्मयकारी तथा सम्मोहित करने वाली है । प्राकृतिक सुंदरता एवं संसाधनों से भरपूर नैनीताल हिमालय पर्वत श्रृंखला में एक चमकदार गहने की तरह है । कई सारी खूबसूरत झीलों से सुसज्जित यह जिला भारत में ‘ झीलों के जिले ‘ के रूप में मशहूर है । चारों ओर से पहाडियों से घिरी हुई ‘ नैनी झील ‘ इन झीलों में सबसे प्रमुख झील है ।
कुन्नूर
भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक कुन्नूर में साल भर खुशनुमा मौसम रहता है। यहां कई प्रकार के वन्यजीव और पक्षी पाए जाते हैं। यहां के मुख्य आकर्षण यहां के अनेक चाय बगान हैं। कुन्नूर के आसपास दर्शनीय स्थलों के लिए एक टॉय ट्रेन चलती है। इस टॉय ट्रेन की यात्रा बहुत ही रोमांचकारी है। यहां हर वर्ष मई के महीने में शहर में फूट एंड वेजिटेबल शो तथा नवंबर और दिसंबर के बीच टी एंड टूरिज़्म फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। देश भर से पर्यटक इन फ़ेस्टिवल को देखने के लिए आते हैं ।
मनाली
भारत के हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय पहाड़ी स्थल है । मनाली व्यास नदी के किनारे बसा है । गर्मियों से निजात पाने के लिए इस हिल स्टेशन पर हजारों की तादाद में सैलानी आते हैं । सर्दियों में यहां का तापमान शून्य डिग्री से नीचे पहुंच जाता है । आप यहां के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठा सकते है । यहां के जंगली फूलों और सेब के बगीचों से छनकर आती सुंगंधित हवाएं दिलो दिमाग को ताजगी से भर देती हैं ।
रांची
झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है । राँची की एक पहाड़ी स्थलाकृति और इसके घने उष्णकटिबंधीय जंगलों का एक संयोजन है प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है । राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है । यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं ।
श्रीनगर
श्रीनगर विशेष रूप से झीलों और हाऊसबोट के लिए जाना जाता है । कश्मीर घाटी के मध्य में बसा यह नगर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं । श्रीनगर एक ओर जहां डल झील के लिए प्रसिद्ध है वहीं दूसरी ओर विभिन्न मंदिरों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है । इसके अलावा श्रीनगर परम्परागत कश्मीरी हस्तशिल्प और सूखे मेवों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। ये शहर और उसके आस – पार के क्षेत्र दुनिया के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल माने जाते है। कमल के फूलों से सजी रहने वाली डल झील पर कई खूबसूरत नावों पर तैरते घर भी हैं जिनको हाउसबोट कहा जाता है ।
भुवाली
भुवाली सेनिटोरियम के फाटक से जैसे ही आगे बढ़ना होता है , वैसे ही मार्ग ढलान की ओर अग्रसर होने लगता है । कुछ देर बाद एक सुन्दर नगरी के दर्शन होते हैं । यह भुवाली है । भुवाली चीड़ और वाँस के वृक्षों के मध्य और पहाड़ों की तलहटी में बसा हुआ एक छोटा सा सुंदर नगर है । भुवाली की जलवायु अत्यन्त स्वास्थ्यवर्द्धक है । शान्त वातावरण और खुली जगह होने के कारण भुवाली एक शानदार नगरी है ।
शिलांग
शिलांग मेघालय की राजधानी और एक फेमस हिल्स स्टेशन है । यह देश का ऐसा पहला ऐसा हिल स्टेशन हैं जहां चारो तरफ से जा सकते हैं । शिलांग हिल स्टेशन को बादलो का निवास और अपनी रमणीय पहाड़ियों के कारण इसे “ पूर्व का स्कॉटलंड ” भी कहा जाता है। यदि आप शिलांग के पर्यटन स्थल घूमने की ख्वाइश रखते हैं तो जरूर जाएं।
नंदीहिल्स
इस जगह से सूर्योदय का दृश्य बहुत खूबसूरत लगता है । नंदी हिल्स कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर जिले में स्थित है । यह हिल्स और नंदी बेट्टा पुराने जमाने में एक घना जंगल हुआ करता था और आर्वती नदी का उद्गम स्थल था । नंदी हिल्स का इतिहास बेहद दिलचस्प है । नंदी हिल्स अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के चलते बेहद लोकप्रिय स्थल है । हिल्स के अलावा यहां कई खूबसूरत किले भी पर्यटकों को काफी लुभाते हैं ।
महाबलेश्वर
पश्चिमी घाटों में बसा महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित महाबलेश्वर दुनिया के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल है । महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है । यहां वीणा , गायत्री , सावित्री , कोयना और कृष्णा सहित पांच नदियां बहती हैं। यहां आकर आपको ऐसा फिलिंग आएगा जो आपको फ्रेश एनर्जी देगा ।
धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी धर्मशाला विश्व के सबसे ज्यादा ऊंचाई वाले क्रिकेट स्टेडियम की वजह से पूरे विश्व में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। धर्मशाला दो भागों में बंटा हुआ एक बहुत ही सुंदर शहर है । यंहा का नजारा देख आप देखते ही रह जाएंगे। पहाड़ो से घिरा हुआ। खूबसूरत शहर बदलो से टकराते हुए प्रतीत होता है। छूट्टीयों में घूमने के लिए एक बेहत ही खूबसूरत हिलस्टेशन हैं।
माउंट आबू
माउंट आबू रेगिस्तान में अकेला हिल स्टेशन है जो भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी मशहूर है । यहां जाकर आपकी छुट्टियां और भी दिलचस्प बन जाएगी । माउंट आबू में कैंपिंग और ट्रेकिंग के अलावा घुड़सवारी व हॉट एयर बलून की ऐक्टिविटी भी फेमस है । इसके जरिए आप आसमान से माउंट आबू की खूबसूरती देख सकते हैं। नक्की लेक माउंट आबू की फेमस प्लेस है ।
मुन्नार
दुनिया भर में प्रसिद्ध चाय बागानों और पहाड़ी जलवायु के कारण मुन्नार को ‘ दार्जिलिंग ऑफ केरल ‘ भी कहा जा सकता है । हालांकि यहाँ कंचनजंगा की चोटी नहीं है , लेकिन कॉफी बागान इसकी कमी को पूरा कर देते हैं । मुन्नार में हर किसी के लिए कुछ ना कुछ है , चाहे वह बच्चे हों या प्रेमी जोड़े। इसकी एक खास पहचान ये भी है कि मुन्नार अजीब और खतरनाक जानवरों का घर भी है ।
सापूतारा
गुजरात के डांग जिले में स्थित आकर्षक हिल स्टेशन जो हरे-भरे वातावरण से भरपूर, पहाड़ों से भरे पहाड़ और पर्यटकों के साथ बीहड़ रास्ते, आश्चर्य, प्राकृतिक सुंदरता और अद्वितीयता से भरे सापुतारा में घूमने के लिए कई जगह हैं। सापुतारा प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए बेहतरीन जगह है। यहां आना वास्तविक शहर के जीवन से एक ताज़ा विचलन होगा। आप वास्तव में शांत जलवायु से प्यार करेंगे।
लोनावाला
मुंबई महानगर से लगभग 97 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस खूबसूरत हिल स्टेशन में वातावरण बेहद शुद्ध है और जलवायु आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है । लोनावाला , मुख्य रूप से 18 छोटी – छोटी गुफाओं से भरा हुआ है जो आपको बेहद आकर्षक लगेंगे । अगर लोनावाला घूमने का प्रोग्राम बनाएं तो आपको इन जगहों को ज़रूर देखना चाहिए । लोनावाला जाने वाले सभी यात्री यहां बने वैक्स म्यूजियम जरूर जाते हैं । इस वैक्स म्यूजियम में भारत के राजनेताओं सहित कई बड़ी सेलिब्रिटीज की मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई गई है ।
मसूरी
भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक हिलस्टेशन है , जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है । देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित , मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाँ लोग बार – बार आते जाते हैं । … मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है । देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं । अगर आप सर्दियों में पहाड़ पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो मसूरी आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है । यहां ऐसे कुछ जगह हैं , जहां आप निजी क्षण बिता सकते हैं । सर्दियां शुरू होते ही इन जगहों का आकर्षण बढ़ने लगता है ।
मुक्तेश्वर
ऐसा बेहद खूबसूरत स्थान जो नैनीताल से लगभग 51 किलोमीटर की दूरी स्थित है । फलों के बगीचों एवं देवद्वार के घने जंगलों से घिरा हुए इस स्थान को सन् 1893 में अंग्रेजों ने अनुसंधान एवं शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित किया था। यहॉ से हिमालय की लम्बी पर्वत श्रंखलायें दिखाई देती है । यहीं पहाड़ की चोटी पर भगवान शिव का एक मंदिर भी है , जहाँ से चारों ओर का नजारा देखते ही बनता है । मुक्तेश्वर के घने देवद्वार के जंगल किसी भी आने वाले व्यक्ति को आपने आप ही अपनी ओर आकर्षित करने लगते हैं ।
कसौली
भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक छोटा सा हिल स्टेशन है जो कि 1 9 वीं शताब्दी से है। कसौली की संकीर्ण सड़कें ढलान पर और नीचे झुकती हैं और कुछ भव्य भाग प्रदान करती हैं । अपनी सफाई और सुंदरता के कारण मशहूर कसौली में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं । इसे कभी कभार छोटा शिमला कहा जाता है। सीधे नीचे पंजाब और हरियाणा के विशाल मैदानों का फैलाव फैलता है , जैसे अंधेरा गिरता है , चमकदार रोशनी का भव्य कालीन खोलना । कसौली का नजारा बहुत भव्य है। यंहा का नजारा देखकर आप देखते ही रह जाएंगे।
गंगटोक
भारत के सिक्किम राज्य की राजधानी गंगटोक सिक्किम का सबसे बड़ा शहर होने के अलावा पूर्वी सिक्किम जिले का मुख्यालय भी है । यह स्थान खूबसूरती और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्यों से भरा हुआ है । जहां आप अपने परिवार के साथ काफी रोमांचित छुट्टियां बिता सकते हैं । पहाड़ों की गोद में बसा यह हिल स्टेशन देश के सबसे अच्छे और सबसे ज्यादा देखे जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक है । इतना ही नहीं , शहर के कुछ हिस्सों से कंचनजंघा के अद्भुत नजारे भी देखने को मिलते है । यहां आपको प्राकृतिक सुंदरता की एक तेज झलक देखने के साथ साथ बौद्ध तीर्थ स्थल भी देखने को मिलेंगे जो काफी लोकप्रिय है ।
रानीखेत
रानीखेत उत्तराखंड राज्य के प्राचीन शहरो में से एक हिल स्टेशन है , जिसे ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने ग्रीष्मकाल में रहने के लिए विकसित किया था। रानीखेत का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को और भी आकर्षित करती है । यहां घूमने के साथ साथ ट्रेकिंग का भी मज़ा उठा सकते हैं। हिमालय की पहाड़ियों और जंगलों के बीच बसा ये शहर मन क तरो-ताजा कर देगा । यहीं नहीं , वन्यजीवों की कई प्रजातियां भी आपको यहां देखने को मिलेगी ।
मिरिक
मिरिक सबसे अधिक आकर्षण वाला हिल स्टेशन है। जिसकी खूबसूरती पर्यटकों को बुलाती है यह एक हरे भरे पहाड़ से घिरा एक सुन्दर शहर है। यहाँ की हरी भरी झीले पर्यटकों को आकर्षित करती है। मिरिक हिमालय की घाटी के बीच खूबसूरत पहाड़ों और झीलों और प्रकृति के बच्चे पर्यटनो को आकर्षित करते है। पिकनिक स्पॉट , किलें , हिल स्टेशन झीलों की हरियाली ने मिरिक अपना दीवाना बनाया है।मिरिक में ऐतिहासिक महत्व के कई स्थान हैं | उद्यान और मंदिर पर्यटकों को बहुत भाते है | यहाँ पर पर्यटन स्थल के साथ साथ बड़ी बाजारों में बहुत अच्छा सामान मिलता है | यहाँ पर घुमने के लिए बड़े बड़े मौल है।
अल्मोड़ा
भारत में उत्तराखंड में स्थित अल्मोड़ा हिमालय के लुभावनी मनोरम दृश्यों के साथ दुनिया भर के पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता की आकर्षक भव्यता के लिए सम्मोहित करता है । अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत , अनूठी हस्तशिल्प , शानदार भोजन , शानदार वन्य जीवन के लिए प्रसिद्धी तथा आसान पहुंच के कारण अल्मोड़ा एक बेहतरीन और खूबसूरत हिलस्टेशन हैं। यंहा का वातावरण बहुत ही सुखद और आरामदायक है। यंहा आकर आपका मन खुनुमा हो जायेगा। यंहा बेहद ही शांत वातावरण है।
सोलन
सोलन , सोलन जिले का मुख्यालय है। ये भी बाकी पहाड़ों में बसे शहर की तरह खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है। जो 19 वीं सदी की अंतिम तिमाही के आसपास कैंटनमेंट के निर्माण के बाद अस्तित्व में आया था । एक बहुत ही खूबसूरत हिलस्टेशन है। जिसका हरिभरी पहाड़ी देखने मे अति सुंदर लगता हैं। छूट्टीयों में घूमने के लिए बहुत अच्छा जगह है।
येरकार्ड
एक ऐसा हिलस्टेशन जो कॉफी और मसालों के बागानों के लिए जाना जाता रहा है । सेलम शहर से मात्र 28 किमी की दूरी पर स्थित येरकार्ड , बेंगलूरु से भी चार घंटे की दूरी पर है इसलिए अक्सर इन शहरों से सैलानी सप्ताहांत बिताने यहाँ आते हैं । 1500 मीटर की इस ऊँचाई को छूने में तकरीबन बीस हेयरपिन घुमाव पार करने होते हैं । शुरुआती कुछ घुमावों को पार करते ही बाँस के जंगल नज़र आने लगते हैं जो अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने के बाद भी अपने आकार और रंग की वजह से अलग झुंड में दूर से ही चिन्हित हो जाते हैं ।
कलिम्पोंग
दार्जिलिंग हिमालय के पूर्वी भाग में शक्तिशाली हिमालय का आकर्षण , डुआर्स की प्राचीन सुंदरता , घने कुंवारी वनस्पतियों , करामाती घाटियों और घास के मैदानों और निश्चित रूप से बारहमासी चमकती हुई लेकिन ठंड के मौसम ने मिलकर पूर्वी हिमालय के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के नक्शे में कालिम्पिम जिले को रखा है । कलिम्पोंग ऑर्किड , कैक्टस और सजावटी पौधों की सबसे विविध किस्मों का घर है । ऐसा मनमोहक हिलस्टेशन में आकर आपको शांति मिलेगा।
कुल्लुघाटी
‘ देवताओं की घाटी ‘ के रूप में जाने वाले शहर कुल्लू , हिमाचल प्रदेश के हिलस्टेशनो में बेहद ही महत्वपूर्ण है । 547 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले अद्भुत परिदृश्य के साथ इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मेहमाननवाज निवासियों ने , वर्षों से यात्रियों को यहां आकर्षित किया है । स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार , कुल्लू शहर को अतीत में कुलंथपीठ के रूप में जाना जाता था , जिसका अर्थ है कि रहने योग्य दुनिया का आखिरी छोर। इसकी सुंदर परबती घाटी और इसके मंदिरों की अनोखी वास्तुकला अत्यंत ही आकर्षक हैं। द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की जैव विविधता, पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण है।
पंचमढ़ी
म.प्र . के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढी, मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है । यहां की विशेषता है कि आप यहां वर्ष भर किसी भी मौसम में जा सकते हैं । सतपुड़ा श्रेणियों के बीच स्थित होने के कारण और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है । यहां बसे घने जंगल , मदमाते जलप्रपात और पवित्र निर्मल तालाब हैं । यहां की गुफाएं पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि यहां गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं । यहां की प्राकृतिक संपदा को पचमढ़ी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में संजोया गया है ।
मंडी
जिसका पूर्वनाम मांडव नगर था और तिब्बती नाम ज़होर है, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के मंडी ज़िले में स्थित एक नगर है । यह ज़िले का मुख्यालय भी है और ब्यास नदी के किनारे बसा हुआ हिमाचल का एक महत्वपूर्ण धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्र भी है । पहाड़ में बसे ये शहर यंहा के शांत वातावरण के कारण बहुत सुहावने हैं। यंहा प्राकृतिक प्रेमियां हमेशा आते रहते हैं।
खंडाला
खंडाला सबसे उपयुक्त हिल स्टेशन ( पर्वतीय पर्यटन स्थल ) है । सह्याद्री श्रेणी के पश्चिमी भाग में स्थित यह स्थान भारत का एक प्रसिद्द दर्शनीय स्थल है । भोर घाट के अंत में स्थित है। यह स्थान लोनावला से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर है। अन्य सभी हिल स्टेशनों ( पर्वतीय स्थानों ) की तरह खंडाला भी उपनिवेशीय युग का एक प्रमाण है । यहाँ के ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है ।
पंचगनी
महाराष्ट्र राज्य में मुंबई के दक्षिण में स्थित एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। इस हिल स्टेशन का नाम राज्य के सबसे लोकप्रिय जगह में आता है जो अपने मनोरम दृश्यों के लिए जानी जाती है। यह ब्रिटिश और भारतीय पौराणिक अवशेषों के साथ एक ऐतिहासिक भूमि भी है। सिडनी प्वाइंट, कमलगढ़ किला और डेविल्स किचन पंचगनी के लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण हैं। सह्याद्री पर्वत को पांच पहाड़ियों की वजह से इस जगह का नाम पंचगनी पड़ा है।अगर आप उंचाई पर जाना पसंद करते हैं और आप एक प्रकृति प्रेमी है तो पंचगनी आपके लिए जन्नत के सामान है।
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