Patna High Court: बिहार का न्यायिक स्तंभ
Patna High Court : बिहार के प्रमुख न्यायिक संस्थान का इतिहास, अधिकार और महत्व के साथ साथ राज्य में न्याय व्यवस्था को सुनिश्चित करने और कानून के प्रति पालन करने में उसकी भूमिका के बारे में पूरी जानकारी।
पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court)
Patna High Court, भारत के बिहार राज्य की उच्चतम न्यायिक संस्थानों में से एक है। यह न्यायालय 3 फरवरी, 1916 को स्थापित किया गया था और उस समय से ही राज्य के मुख्य न्यायिक संस्थान के रूप में कार्यरत है।
पटना उच्च न्यायालय का न्यायिक संबंधी क्षेत्र पूर्वी भारत में बिहार राज्य के बड़े हिस्से को कवर करता है। इसके अलावा, यह बिहार राज्य के कई जिलों के न्यायिक अधिकार का प्रशासन करता है। न्यायालय का स्थायी न्यायिक भवन विशेष शैली में निर्मित है और पटना शहर के केसला इलाके में स्थित है।
यहां कई न्यायिक अदालतें शामिल हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट, न्यायिक संबंधी डिवीजनल न्यायाधीशों द्वारा संचालित होने वाले उच्च न्यायाधीश अदालत, और विभागीय और सिविल अदालतें शामिल हैं।
Patna High Court का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में न्याय और इंसाफ को सुनिश्चित करना है, और राज्य की अधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा अंग्रेजी में भी कार्यभाषा के रूप में उपयोग की जाती है। यहां न्यायिक निर्णय विधि के माध्यम से लिया जाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया जाता है कि न्यायाधीशों के द्वारा दिए गए फैसले न्यायपूर्ण, उचित और समय पर लिए जाएं।
पटना उच्च न्यायालय भारतीय न्याय पद्धति के संरक्षक और वह भूमिका निभाता है जो न्यायिक व्यवस्था को संचालित करने और न्याय के लिए संसाधनों का संरक्षण करती है। यह न्यायालय राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है और भारतीय संविधान के अंतर्गत भारतीय न्यायपीठों की एक सूची में शामिल है।
इतिहास
Patna High Court का इतिहास बहुत दिलचस्प है। यह न्यायिक संस्थान बिहार राज्य की राजधानी पटना में स्थापित हुआ था और इसकी स्थापना 3 फरवरी, 1916 को हुई थी। इसके स्थापना के पश्चात यह बिहार राज्य के अधिकारी न्यायिक संस्थान के रूप में कार्यरत हो गया और वर्तमान में भी अपने उच्चतम न्यायिक अदालत के रूप में चल रहा है।
पटना उच्च न्यायालय की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य के काल में हुई थी। इसकी शुरुआती वर्षों में यह बिहार और ओडिशा के न्यायिक विभाग के रूप में कार्यरत था। बाद में 1936 में बिहार राज्य की अलगवादी स्थापना होने के बाद, यह बिहार राज्य के न्यायिक संस्थान के रूप में स्थायी बन गया।
Patna High Court का भवन एक शानदार विशेष शैली में निर्मित है, जो अपने विशेष वास्तुशिल्प और स्थानीय विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह बिहार राज्य के न्याय प्रणाली के एक महत्वपूर्ण पिलर के रूप में स्थान पकड़ा हुआ है और इसके न्यायाधीशों ने विभिन्न मामलों में न्याय की उच्चतम परंपरा को जारी रखने का संकल्प लिया है।
पटना उच्च न्यायालय के इतिहास में कई महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय हुए हैं जो समाज के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं और न्यायिक प्रक्रिया को सुधारने में मदद करते हैं। इसका इतिहास न्याय संस्थानों के विकास और समाज में न्याय को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
न्याय प्रणाली
Patna High Court का न्यायप्रणाली में भारतीय न्याय संस्थानों में एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां पर न्यायिक निर्णयों के लिए विभिन्न न्यायिक संस्थानों के माध्यम से अदालती प्रक्रिया चलती है, जिससे लोगों को न्याय मिल सके।
पटना उच्च न्यायालय न्यायिक दलों के साथ-साथ कई जनसेवा कार्यों को भी संभालता है। इसमें सामान्य लोगों के लिए कई अदालतें शामिल होती हैं, जो न्याय और इंसाफ के मुद्दों को सुलझाती हैं, जैसे कि विवाह, धार्मिक विवाद, संपत्ति विवाद, और अन्य सिविल मामले।
इसके अलावा, Patna High Court में कई न्यायिक अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारी भी काम करते हैं जो न्यायाधीशों को सहायता करते हैं और न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करते हैं।
Patna High Court के बढ़ते हुए दबाव के साथ, इसके द्वारा सुनाये जा रहे निर्णयों का प्रभावपूर्ण रूप से अनुसंधान और विचार किया जा रहा है ताकि न्यायिक प्रक्रिया में सुधार करने के लिए नए और बेहतर उपाय ढूंढे जा सकें। इससे लोगों को अधिक समय पर न्याय मिले और न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा बढ़े।
Patna High Court भारतीय न्याय पद्धति के अनुसार न्याय को सुनिश्चित करने और समाज को न्यायपूर्ण रूप से संरक्षित करने का अभिन्न अंग बना हुआ है। यहां के न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी इस उद्देश्य को प्राप्त करने में अपना सर्वस्व लगाते हैं और न्यायालय के कार्यों को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संचालित करते हैं।
न्याय व्यवस्था
Patna High Court में कई महत्वपूर्ण विभाग और अदालतें हैं जो विभिन्न प्रकार के मामलों के निर्णय देते हैं। वे इस प्रकार हैं:
- न्यायपीठ: इसमें मुख्य न्यायाधीश के अधीन सरकारी मामलों के न्यायिक निर्णय लिए जाते हैं।
- विभागीय न्यायपीठ: इसमें विभाजन और विभाजन के संबंधित मामलों के न्यायिक निर्णय दिए जाते हैं।
- भू-विभाजन न्यायपीठ: इस विभाग में जमीन और भू-भाग के मामलों के निर्णय लिए जाते हैं।
- राजकीय न्यायपीठ: इसमें राज्य सरकार और सरकारी विभागों से संबंधित मामलों के न्यायिक निर्णय लिए जाते हैं।
- अपीलीय न्यायपीठ: इसमें अधिकस्थ न्यायाधीशों द्वारा उच्च न्यायाधीशों के निर्णयों का समीक्षण किया जाता है।
Patna High Court एक उच्च न्यायिक संस्थान के रूप में उच्चतम मानकों का पालन करता है और भारतीय न्याय प्रणाली में न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से इंसाफ का प्रदान करता है। इसका उद्देश्य न्यायिक संस्था के माध्यम से समाज में न्याय को प्रोत्साहित करना और अधिकारियों के द्वारा लिए गए निर्णयों की अनुसंधान करना और उन्हें सुधारना है।
महत्वपूर्ण जजमेंट
मुख्य न्यायाधीश द्वारा Patna High Court के महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय कई मामलों में दिए गए हैं। यहां कुछ प्रमुख न्यायिक निर्णयों का उल्लेख है:
1. भगवान बिरसा विद्या मंदिर केस (Bhagwan Birsa Vidyamandir Case): इस मामले में Patna High Court ने विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए आरक्षण विधेयक को बिहार सरकार द्वारा आरोपित अवैध करार दिया था। इस निर्णय से उच्च न्यायालय ने आरक्षण के पक्ष में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया।
2. बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड चयन (Bihar School Examination Board Selection): Patna High Court ने इस मामले में बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष चयन प्रक्रिया में हुए अनुचितताओं को सुधारने के लिए आदेश दिया था।
3. राज्य सरकार के लिए आरक्षण केस (Reservation Case for State Government): इस मामले में Patna High Court ने राज्य सरकार के लिए आरक्षण प्रक्रिया में हुए बदलावों को अनुमोदित किया था।
4. जनपद प्रशासन चयन (District Administration Selection): पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में जनपद प्रशासन के चयन प्रक्रिया में नियमितता को सुनिश्चित करने के लिए एक फैसला दिया था।
5. अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा और दलितों के खिलाफ केस: Patna High Court ने इस मामले में दलित समाज के खिलाफ दिए गए आरोपों के खिलाफ एक ऐतिहासिक फैसला दिया था। इस निर्णय ने समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा दिया।
6. मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए फैसला: Patna High Court ने विभिन्न मामलों में मानवाधिकारों की संरक्षण के लिए कई फैसले दिए हैं, जो समाज के मानवीय मूल्यों को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
7. विवाहिता संबंधों के मामले: Patna High Court ने विवाहिता संबंधों के मामलों में विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए न्यायिक निर्णय दिए हैं। इससे यह साबित होता है कि न्यायालय ने पारिवारिक संबंधों को संरक्षित करने के लिए अपनी भूमिका को अदा किया है।
8. विधिविवादों के मामले: Patna High Court ने विधिविवादों के मामलों में विभिन्न न्यायिक निर्णय दिए हैं, जो न्यायपूर्ण और विधि के अनुसार हैं।
ये कुछ मुख्य न्यायिक निर्णय हैं जिन्हें Patna High Court ने विभिन्न मामलों में दिए हैं। इससे यह साबित होता है कि उच्च न्यायालय ने न्यायिक प्रक्रिया में सुधार के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है और समाज के लिए न्यायपूर्ण और उच्चतम मानकों का पालन किया है।
पूर्व मुख्य न्यायाधीशों की सूची
माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय करोल | 11-नवंबर-2019 | 06-फरवरी-2023 पूर्वाह्न |
माननीय श्री न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही | 17-नवंबर-2018 | 10-नवंबर-2019 |
माननीय श्री न्यायमूर्ति मुकेश आर शाह | 12-अगस्त-2018 | 01-नवंबर-2018 |
माननीय श्री न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन | 15 मार्च 2017 | 08-अगस्त-2018 |
माननीय श्री न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी | 29-जुलाई-2016 | 28-अक्टूबर-2016 |
माननीय श्री न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी | 02-जनवरी-2015 | 31 जुलाई 2015 के |
माननीय सुश्री न्यायमूर्ति रेखा मनहरलाल दोषित | 21-जून-2010 | 12-दिसम्बर-2014 |
माननीय श्री न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा | 23-दिसम्बर-2009 | 23-मई-2010 |
माननीय श्री पीके मिश्रा | 12-अगस्त-2009 | 16 सितम्बर 2009 |
माननीय श्री जेबी कोशी | 16-मार्च-2009 | 12-मई-2009 |
माननीय श्री न्यायमूर्ति राजेंद्र मल लोढ़ा | 13-मई-2008 | 16-दिसम्बर-2008 |
माननीय श्री राजेश बलिया | 05-जनवरी-2008 | 03-मार्च-2008 |
माननीय डॉ. जेएन भट्ट | 18-जुलाई-2005 | 16-अक्टूबर-2007 |
माननीय श्री रवि एस. धवन | 25-जनवरी-2000 | 22-जुलाई-2004 |
माननीय श्री बीएम लाल | 09-जुलाई-1997 | 06-अक्टूबर-1999 |
माननीय श्री डीपी वाधवा जी | 29 सितम्बर 1995 | 21-मार्च-1997 |
माननीय श्री जीबी पटनायक | 19-मई-1995 | 11-सितंबर-1995 |
माननीय श्री के. वेंकटस्वामी | 19 सितम्बर 1994 | 06-मार्च-1995 |
माननीय श्री केएस परिपूर्णन | 24-जनवरी-1994 | 11-जून-1994 |
माननीय श्री बिमल चंद्र बसाक | 18-मार्च-1991 | 21-अक्टूबर-1994 |
माननीय श्री गंगाधर गणेश सोहनी | 24 अक्टूबर 1989 | 17-दिसम्बर-1990 दोपहर |
माननीय श्री शुशील कुमार झा | 19-अक्टूबर-1989 | 23-अक्टूबर-1989 |
माननीय श्री दीपक कुमार सेन | 01-मई-1988 | 01-मई-1989 |
माननीय श्री भगवती प्रसाद झा | 02-जनवरी-1988 | 02-जनवरी-1988 दोपहर |
माननीय श्री सुरजीत सिंह संधावालिया | 29-नवंबर-1983 | 27-जुलाई-1987 |
माननीय श्री कृष्ण बल्लभ नारायण सिंह जी | 19-जुलाई-1976 | 12-मार्च-1982 दोपहर |
माननीय श्री श्याम नंदन प्रसाद सिंह | 03-अक्टूबर-1974 | 01-मई-1976 |
माननीय श्री नंदलाल उंटवालिया जी | 29 सितम्बर 1972 | 03-अक्टूबर-1974 |
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वर्तमान में बिहार के मुख्य न्यायाधीश कौन है?
माननीय विनोद चंद्रन को Patna High Court के मुख्य न्यायाधीश के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है।
Patna High Court के प्रथम मुख्य न्यायाधीश कौन थे?
माननीय सर जस्टिस एडवर्ड मेनार्ड डेस चैंप्स चामियर Patna High Court के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
Patna High Court में कितने जज हैं?
वर्तमान में Patna High Court में मुख्य न्यायाधीश और 14 अतिरिक्त न्यायाधीश सहित 29 स्थायी न्यायाधीश हैं।
पटना हाई कोर्ट में कितने केस पेंडिंग है?
दैनिक भास्कर के अनुसार मौजूदा समय में Patna High Court में 1.05 लाख आपराधिक और 1.08 लाख सिविल के केस लंबित हैं। 17500 क्रिमिनल, जबकि 6 हजार फर्स्ट और लगभग इतने ही सेकेंड अपील पेंडिंग हैं।
पटना हाई कोर्ट का सबसे बड़ा वकील कौन है?
गिरि लॉ एसोसिएट्स को Patna High Court के अग्रणी और सबसे सम्मानित वरिष्ठ अधिवक्ता श्री वाई. वी. गिरि द्वारा सलाह दी जाती है, जो Patna High Court में केंद्र सरकार के मामलों के लिए बिहार के अतिरिक्त महाधिवक्ता और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं।