टीम इंडिया न्यू जर्सी | Team india new jersey
आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार रंगीन जर्सी 1985 में पहनी थी। तब से लेकर 2019 तक 38 बार टीम इंडिया न्यू न्यू जर्सी की डिजाईन और रंग बदल चुका है। इन बदलावों के बाद भी जर्सी में नीला रंग कहीं न कहीं रहा है। यही हल्का नीला रंग आज भारतीय क्रिकेट टीम की पहचान बन चुका है।
पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया ने कई मौकों पर अपनी जर्सी बदली। खासकर वर्ल्ड कप और टी20 वर्ल्ड कप जैसे ग्लोबल इवेंट के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ी न्यू जर्सी में ही नजर आए।
टीम इंडिया न्यू जर्सी लिस्ट
1985 – नीला और पीला रंग का जर्सी
बेन्सन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट में टीम इंडिया ने साल 1985 में पहली बार न्यू रंगीन जर्सी पहनकर क्रिकेट के मैदान में उतरी थी। उस समय उसका रंग नीला और पीला था। हालांकि, उस समय जर्सी पर न तो देश और न ही किसी खिलाड़ी का नाम लिखा हुआ था।
1991-92 – पहली बार देश और खिलाड़ियों के नाम
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहली बार टीम इंडिया की जर्सी पर खिलाड़ियों के नाम और देश का नाम लिखा था। इस जर्सी में मेन इन ब्लू के सीने पर दौड़ते हुए अक्षरों में ‘इंडिया’ लिखा हुआ था। किट का आधार रंग हल्का नीला था जिसमें पीले और शरीर के साथ एक सफेद पट्टी थी।
1992 वर्ल्ड कप – इंडिगो कलर
साल 1992 में पहली बार विश्व कप कलरफुल ड्रेस में खेला गया। इसके बाद 1992 के वर्ल्ड कप में भारतीय प्लेयर्स की जर्सी इंडिगो कलर की थी, जिस पर शोल्डर्स पर कलरफुल स्ट्राइप्स बनी हुई है। इसके अलावा ड्रेस के आगे टीम का नाम और पीछे प्लेयर का नाम लिखा होता था।
1994 – पीले और हल्के नीले रंग
न्यूजीलैंड के दौरे पर टीम इंडिया पीली और नीली जर्सी में दिखाई दी थी। इसी साल श्रीलंका में खेली गई सिंगर वर्ल्ड सीरीज में हल्के नीले रंग का आगमन फिर से हुआ। इस सीरीज में भारतीय टीम पीले और हल्के नीले रंग की ड्रेस में दिखाई दी थी। इसमें नीले रंग में ‘इंडिया’ लिखा हुआ था और खिलाड़ियों के नाम पीले रंग में।
1995 – भारतीय तिरंगे की झलक
इस साल न्यूजीलैंड में खेली गई सेंचुरी सीरीज में पहली बार टीम की जर्सी पर भारतीय तिरंगे की झलक दिखाई दी थी। 1995 की बैंक ऑफ़ न्यूज़ीलैंड शताब्दी श्रृंखला में भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका और एक चतुष्कोणीय टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैंड की मेज़बानी की गई।
1996 वर्ल्ड कप – सतरंगी रंग के तीर
1996 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की न्यू जर्सी पीले और आसमानी रंग के कॉम्बिनेशन में नजर आई। इस जर्सी में पीले रंग के कॉलर थे और सफेद और पीले रंग की सीधी पट्टियां थीं। इसके अलावा ड्रेस पर सतरंगी रंग के तीर जैसा बैंड प्रिंट थे, जो छाती से होते हुए नीचे बांह तक आते थे।
1997 – गहरे रंगों की छाप
श्रीलंका के दौरे पर पहली बार टीम इंडिया की जर्सी में गहरे रंगों की छाप दिखी। इसी जर्सी में रॉबिन सिंह ने अपने करियर की एकमात्र शतक जड़ा था।
1998 – दोनों बाहों पर तिरंगे की छाप
इस साल फिर टीम इंडिया की न्यू जर्सी में थोड़ा बदलाव हुआ। भारतीय टीम हल्के नीले रंग की टी-शर्ट और डार्क ब्लू कलर के लोअर्स में दिखाई दी थी। टी-शर्ट की दोनों बाहों पर तिरंगे की छाप थी। 1998 कोका-कोला कप एक त्रिकोणीय राष्ट्र क्रिकेट टूर्नामेंट था जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल थे जो शारजाह में खेला गया था। इसे सचिन तेंदुलकर की डेजर्ट स्टॉर्म पारी के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है जिसने टीम इंडिया को फाइनल के लिए क्वालीफाई करना सुनिश्चित किया।
1999 वर्ल्ड कप – जर्सी पर बीसीसीआई के लोगो
इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी पर बीसीसीआई के लोगो की दिखी।
2000 – स्काई ब्लू कलर
साल 2000-2001 तक ये जर्सी भारतीय टीम की जर्सी बनी रही। इसी साल आसमानी/स्काई ब्लू कलर को आधिकारिक तौर पर भारतीय टीम की जर्सी का कलर चुन लिया गया था।
2002 चैंपियंस ट्रॉफी – बिना स्पॉन्सर के लोगो वाली जर्सी
इस टूर्नामेंट में पहली बार सभी टीमें बिना किसी स्पॉन्सर के लोगो की जर्सी पहनकर खेलने उतरीं थीं। टीम इंडिया की जर्सी भी तब सबसे सिंपल लुक में दिखाई दी थी।
2003 वर्ल्ड कप – स्टाइलिश और अच्छी
साल 2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी बिल्कुल बदल गई या ऐसा कहिए स्टाइलिश और अच्छी हो गई थी। जर्सी के दोनों साइड काले रंग की मोटी पट्टियां बनाई गई थीं। तिरंगे के ब्रश प्रिंट ने ड्रेस में जान डाल दी थी और बिल्कुल बीच में लिखे इंडिया से यह जर्सी बेहद खास लग रही थी। इसके अलावा ट्रैक पैंट्स के दोनों तरफ छोटा सा भारतीय तिरंगा लगाया गया था।
2004 – टीम के स्पॉन्सर ‘सहारा’ का नाम
इस साल टीम इंडिया की जर्सी पर तिरंगे को पेंट ब्रश स्ट्रोक के साथ अब टीम के स्पॉन्सर ‘सहारा‘ का भी नाम लिखा जाने लगा था।
2007 वर्ल्ड कप – भारतीय तिरंगा बीच से हटकर थोड़ा ऊपर
साल 2007 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी को पहले से भी ज्यादा स्टाइलिश बनाने की कोशिश की गई। अब भारतीय तिरंगा बीच से हटकर थोड़ा ऊपर चला गया। इसके साथ ही ड्रेस में से काली पट्टियां हटा दी गईं। INDIA को भी नए फॉन्ट में लिखा गया।
2009 – गहरे नीले रंग
इस साल न्यूजीलैंड के दौर पर जाने से पहले टीम की जर्सी को बदला गया और तब इसमें हल्के नीले रंग की जगह गहरे नीले रंग को चुना गया।
2011 वर्ल्ड कप – डार्क और लाइट ब्लू
2011 वर्ल्ड कप की जर्सी टीम इंडिया के लिए लकी साबित हुई। 28 साल बाद भारत ने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को अपने नाम किया था। इस बार जर्सी का कलर डार्क और लाइट ब्लू के बीच का था और तिरंगा स्ट्राइप्स दोनों साइड थीं। इसके अलावा इंडिया को ऑरेंज कलर से लिखा गया था।
2013 – टीम के स्पॉन्सर नाइके द्वारा निर्मित
इस बार टीम के स्पॉन्सर Nike ने टीम इंडिया के लिए जर्सी बनाई थी।
2014 – टीम का स्पॉन्सर स्टार इंडिया का लोगो
वर्ल्ड कप से पहले टीम का स्पॉन्सर स्टार इंडिया बन गया। टीम की जर्सी पर उसका लोगो दिखाई देने लगा।
2015 वर्ल्ड कप – रिसाइकल्ड प्लास्टिक की बोतलों से बनी
2015 के वर्ल्ड कप में फिर से जर्सी में बदलाव किए गए। अब जर्सी पर कही भी तिरंगा नहीं था। प्लेन ब्लू टीशर्ट पर फ्रंट में स्पॉन्सर और टीम का नाम लिखा था। इसके अलावा ट्रैक पैंट्स की पॉकेट में ओरेंज कलर की लाइनिंग थी। इस जर्सी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यह रिसाइकल्ड प्लास्टिक की बोतलों से बनी थी।
2017 – नए स्पॉन्सर ओपो का लोगो
इस साल भारतीय टीम को ओपो के रूप में नया स्पॉन्सर मिला। इस जर्सी के बीच में और बाजूओं पर स्पॉन्सर का नाम लिखा था।
2019 वर्ल्ड कप – नारंगी रंग की जर्सी और बायजुस का लोगो
इस साल वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की नई जर्सी लॉन्च की गई। टीम इंडिया मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ परंपरागत नीली जर्सी की जगह नारंगी रंग की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरी थी। इसी साल सितंबर में टीम इंडिया की जर्सी पर ओपो की जगह बायजूस दिखने लगा।
साल 2020 – नेवी ब्लू के साथ एमपीएल का लोगो
टीम इंडिया की किट स्पॉन्सर अब ऑनलाइन गेम कंपनी MPL है, जिसका जर्सी पर लोगो भी है। इससे पहले टीम इंडिया की किट स्पॉन्सर नाइकी थी। MPL हर मैच के लिए बीसीसीआई को 65 लाख रुपये देगी।भारतीय टीम की जर्सी का रंग नेवी ब्लू है। भारतीय टीम इसी रंग की जर्सी 80 के दशक में पहनती थी। 1992 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया ने इसी तरत की जर्सी में दिखाई दी थी।
टीम इंडिया न्यू जर्सी से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण बातें
भारतीय क्रिकेट टीम ने रंगीन जर्सी कब से पहनी
दरअसल, जब क्रिकेट की शुरुआत हुई थी, तब सभी टीमें सफेद रंग की जर्सी पहनकर ही मैदान में उतरती थीं। मगर साल 1985 में ऑस्ट्रेलिया की टीम इस चलन को बदला और पहली बार रंगीन जर्सी पहनकर मैदान पर खेलने उतरी। इसके बाद सभी टीमों ने अपनी-अपनी जर्सी का रंग बदलना शुरू किया।
सचिन ने पहनी है सबसे ज्यादा जर्सी
दरअसल 2019 के वनडे विश्व कप तक टीम इंडिया की जर्सी 38 बार बदल चुकी है। सचिन तेंदुलकर ही एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें 38 में 32 जर्सी पहनने का सौभाग्य मिला। सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 24 साल तक क्रिकेट खेला। इसलिए वह इतनी जर्सी पहनने में कामयाब रहे।