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भारत का राष्ट्रीय प्रतीक

पूरी दुनिया मे दो सौ से भी ज्यादा राष्ट्र है और हर राष्ट्र की पहचान उनके राष्ट्रीय प्रतीकों से होती है। इन सभी देशों के राष्ट्रीय प्रतीकों का अपना इतिहास, व्यक्तित्व और विशिष्टता है। किसी भी देश का राष्ट्र प्रतीक उस देश की विशेषता को प्रदर्शित करते हैं। तो आइये इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि भारत का राष्ट्रीय प्रतीक कौन कौन से है और वो कैसे दिखता हैं।

1. भारत का राष्ट्रीय ध्वज – तिरंगा

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक तिरंगा

भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे अंग्रेजों से आजादी के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था। गांधी जी ने सबसे पहले 1921 में कांग्रेस के अपने झंडे की बात की थी।

1951 में पहली बार भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई. एस.) ने पहली बार राष्ट्रध्वज के लिए कुछ नियम तय किए। 1968 में तिरंगा निर्माण के मानक तय किए गए। ये नियम अत्यंत कड़े हैं। केवल खादी या हाथ से काता गया कपड़ा ही झंडा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। कपड़ा बुनने से लेकर झंडा बनने तक की प्रक्रिया में कई बार इसकी टेस्टिंग की जाती है।

तिरंगा कैसे दिखता है? इसके रंगों का क्या मतलब है?

भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप में ही भारत की एकता, शांति, समृद्धि और विकास को दर्शाता हुआ दिखाई देता है। इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की ताकत और साहस को दर्शाती है, बीच में श्वेत पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है और नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें 24 आरे तीलियां होते हैं। यह इस बात प्रतीक है भारत निरंतर प्रगतिशील है।

2. भारत का राष्ट्रीय पशु – बाघ

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक पशु बाघ

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ या व्याघ्र या Tiger जंगल में रहने वाला एक मांसाहारी स्तनधारी पशु है। बाघ का वैज्ञानिक नाम “पेंथेरा टिग्रिस” (Panthera tigris) है। बाघ अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा और ताकतवर होता हैं। अपने बड़े वजन और ताकत के अलावा बाघ अपनी धारियों से पहचाना जा सकता है। बाघ की सुनने, सूँघने और देखने की क्षमता तीव्र होती है। बाघ अक्सर पीछे से हमला करता है।

हर बाघ का अपना एक निश्चित क्षेत्र होता है। केवल प्रजननकाल में नर मादा इकट्ठा होते हैं। लगभग साढ़े तीन महीने का गर्भाधान काल होता है और एक बार में 2 से 3 शावक जन्म लेते हैं। बाघिन अपने बच्चे के साथ रहती है। बाघ के बच्चे शिकार पकड़ने की कला अपनी माँ से सीखते हैं। ढाई वर्ष के बाद ये स्वतंत्र हो जाते हैं।

बाघ एक अत्यंत संकटग्रस्त प्राणी है। इसे वास स्थलों की क्षति और अवैध शिकार का संकट बना ही रहता है। पूरी दुनिया में बाघ की संख्या 6000 से भी कम है। उनमें से लगभग 4000 भारत में पाए जाते हैं। बाघ की नौ प्रजातियों में से तीन अब विलुप्त हो चुकी हैं । ज्ञात आठ किस्मों की प्रजाति में से रायल बंगाल टाइगर उत्तर पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर देश भर में पाया जाता है।

भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ कंहा पाया जाता हैं?

यह पशु तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप – समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। बाघ भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया और इंडोनेशिया में अधिक संख्या में पाया जाता है। इसे वन, दलदली क्षेत्र तथा घास के मैदानों के पास रहना पसंद है। इसका आहार मुख्य रूप से सांभर, चीतल, जंगली सूअर, भैंसे, जंगली हिरण, गौर और मनुष्य के पालतू पशु हैं।

भारतीय राष्ट्रीय पशु बाघ कैसे दिखता है?

भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ के शरीर का रंग लाल और पीला का मिश्रण है। इस पर काले रंग की धारियाँ पायी जाती हैं। वक्ष के भीतरी भाग और पाँव का रंग सफेद होता है। बाघ 13 फीट लम्बा और 300 किलो वजनी हो सकता है।

3. भारत का राष्ट्रीय पक्षी – मोर

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह | national emblem of india

मोर या मयूर या Peafowl पक्षियों के पैवोनिनाए उपकुल के अंतर्गत तीन जातियों का सामूहिक नाम हैं। इनमें से दो भारतीय उपमहाद्वीप में मिलने वाला भारतीय मोर और दक्षिणपूर्वी एशिया में मिलने वाला हरा मोर एशिया में मिलती हैं। तीसरी जाति कांगो मोर है, जो अफ्रीका की कांगो द्रोणी में मिलती है। भारतीय मोर (Indian peafowl) या नीला मोर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह में शामिल भारत के राष्ट्रीय पक्षी है।

मोर शर्मीला पक्षी है जो सहवास एकांत में ही करता है। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। बरसात के मौसम में काली घटा छाने पर जब यह पक्षी पंख फैला कर नाचता है तो ऐसा लगता मानो इसने हीरों से जड़ी शाही पोशाक पहनी हुई हो। इसीलिए मोर को पक्षियों का राजा कहा जाता है। मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी , 1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।

भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर कंहा रहता है?

मोर ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। मोर भारत तथा श्रीलंका में बहुतायत में पाया जाता है। मोर मूलतः वन्य पक्षी है। भारतीय मोर भारतीय उपमहाद्वीप का प्रजनक निवासी है और यह श्रीलंका के शुष्क तराई क्षेत्रों में पाया जाता है। दक्षिण एशिया में यह 1800 मीटर की ऊंचाई के नीचे और कुछ दुर्लभ परिस्थिति में 2000 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। यह नम और सूखी पर्णपाती जंगलों में पाया जाता है, लेकिन यह खेती क्षेत्रों में और मानव बस्तियों के आसपास रहने के अनुकूलित हैं और आमतौर पर वहां पाए जाते हैं जहां पानी उपलब्ध है।

भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर कैसे दिखता है?

नर की एक ख़ूबसूरत और रंग – बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है, विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। नर एक मोर के नाम से जाना जाता है। एक बड़ा पक्षी जिसकी लंबाई चोंच से लेकर पूंछ तक 100 से 115 सेमी. होती है और अन्त में एक बड़ा पंख 195 से 225 सेमी. और वजन 4 से 6 किलो होता है। मादा या मयूरी कुछ छोटे लंबाई में करीब 95 सेमी. के आसपास और 2.75 से 4 किलोग्राम वजन के होते हैं। उनका आकार, रंग और शिखा का आकार उन्हें अपने देशी वितरण सीमा के भीतर अचूक पहचान देती है।

नर का मुकुट धातु सदृश नीला और सिर के पंख घुंघराले एवं छोटे होते हैं। सिर पर पंखे के आकार का शिखर गहरे काले तीर की तरह और पंख पर लाल, हरे रंग का जाल बना होता है। आंख के ऊपर सफेद धारी और आँख के नीचे अर्धचन्द्राकार सफेद पैच पूरी तरह से सफेद चमड़ी से बना होता है। पूंछ गहरे भूरे रंग का और ऊपर लम्बी पूंछ का ” रेल ” ( 200 से अधिक पंख, वास्तविक पूंछ पंख केवल 20 ) होता है और लगभग सभी पंखों पर एक विस्तृत आंख होती है।

4. भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव – गंगा डॉलफिन

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह | national emblem of india

गंगा नदी डॉल्फिन व सिंधु नदी डॉल्फिन मीठे पानी की डॉल्फिन की दो प्रजातियां हैं। जो भारत, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान में पाई जाती हैं। ये मुख्यतः गंगा नदी में तथा सिंधु नदी, पाकिस्तान के सिंधु नदी के जल में पाई जाती हैं। भारत सरकार ने 18 मई 2010 को गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। यह प्राचीन जीव करीब 10 करोड़ साल से भारत में मौजूद है। यह मछली नहीं दरअसल एक स्तनधारी जीव है।

सन ऑफ़ रिवर कहने वाले डोल्फिन के संरक्षण के लिए सम्राट अशोक ने कई सदी पूर्व कदम उठाये थे। केंद्र सरकार ने 1972 के भारतीय वन्य जीव संरक्षण कानून के दायरे में भी गंगा डोल्फिन को शामिल किया था। 1996 में ही इंटर्नेशनल यूनियन ऑफ़ कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर भी इन डॉल्फिनों को विलुप्त प्राय जीव घोषित कर चुका था। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा प्रत्येक वर्ष 5 अक्तूबर को गंगा डॉल्फिन दिवस मनाया जाता है।

भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा डॉल्फिन कैसा दिखता हैं?

गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डॉल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है। मादा की औसत लम्बाई नर डोल्फिन से अधिक होती है। इसकी औसत आयु 28 वर्ष रिकार्ड की गयी है। जिसकी घ्राण शक्ति अत्यंत तीव्र होती है। यह इकोलोकेशन ( प्रतिध्वनि निर्धारण ) और सूंघने की अपार क्षमताओं से अपना शिकार और भोजन तलाशती है। विलुप्त प्राय इस जीव की वर्तमान में भारत में 2000 से भी कम संख्या रह गयी है।

5. भारत का राष्ट्रीय फल – आम

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह | national emblem of india

फलो का राजा आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। आम भारत का राष्ट्रीय फल हैं। दुनिया का 41 फीसदी आम का उत्पादन भारत करता है।

भारत के राष्ट्रीय फल आम कैसा दिखता है?

शुरुआत में आम हरे रंग होता है लेकिन पक जाने के बाद पिला रंग के रूप में दिखाई देता हैं। आम का पेड़ साधारणरूप से 35 ते 40 मीटर ऊंचा और उसका घेर साधारण रूप से 10 मीटर इतना होता है। आम के पत्ते सदाबहार होते हैं। पत्ते डंगाल पर एक के बाद एक आते हैं। आम के पत्ते 15 ते 35 सेंटिमीटर लंबे तो 6 से 16 सेंटिमीटर चौडे होते हैं।

6. भारत का राष्ट्रीय फूल – कमल

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह | national emblem of india

कमल या नीलंबियन न्यूसिफ़ेरा ( Nelumbian nucifera ) एक बड़े और सुन्दर फूल जो भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। कमल का पौधा पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में तथा ईरान से लेकर आस्ट्रेलिया तक प्रायः संसार के सभी भागों में पाया जाता है। कमल चैत बैसाख में फूलने लगता है और सावन भादों तक फूलता है।

भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल कैसे दिखता है?

कमल का फूल सफेद या गुलाबी रंग का होता है। इसकी पत्तियाँ गोल गोल बड़ी थाली के आकार की होती हैं और बीच के पतले डंठल में जड़ी रहती हैं। इन पत्तियों को पुरइन कहते हैं। कमल के तने लंबे, सीधे और खोखले होते हैं तथा पानी के निचे कीचड़ में चारों ओर फैलते हैं। तनों की गाँठों पर से जड़ें निकलती हैं। यह झीलों, तालाबों और गड़हों तक में होता है। यह पेड़ बीज से जमता है। रंग और आकार भेद से इसकी बहुत सी जातियाँ होती पर अधिकतर लाल, सफेद और नीले रंग के कमल देखे गए हैं। कहीं कहीं पीला कमल भी मिलता है।

7. भारत का राष्ट्रीय पेड़ – बरगद

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह | national emblem of india

वृक्षो की राजा बरगद भारत की राष्ट्रीय राष्ट्रीय वृक्ष हैं।भारतीय बरगद का पेड़ फाइकस बैंगालेंसिस, जिसकी शाखाएं और जड़ें एक बड़े हिस्से में एक नए पेड़ के समान लगने लगती हैं। जड़ों से और अधिक तने और शाखाएं बनती हैं। इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस पेड़ को अनश्वर माना जाता है। बरगद के पेड़ को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्दु माना जाता है और गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में बैठक करती है।

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद कैसे दिखता हैं?

बरगद बहुवर्षीय विशाल वृक्ष है। यह एक स्थलीय द्विबीजपत्री एंव सपुष्पक वृक्ष है। इसका तना सीधा एंव कठोर होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती हैं तथा बढ़ते हुए धरती के भीतर घुस जाती हैं एंव स्तंभ बन जाती हैं। इन जड़ों को बरोह या प्राप जड़ कहते हैं। इसका फल छोटा गोलाकार एंव लाल रंग का होता है। इसकी पत्ती चौड़ी , एंव लगभग अण्डाकार होती है। इसकी पत्ती, शाखाओं एंव कलिकाओं को तोड़ने से दूध जैसा रस निकलता है जिसे लेटेक्स अम्ल कहा जाता है।

8. भारत का राष्ट्रीय खेल – हॉकी

वैसे तो हॉकी का प्रारम्भ वर्ष 2010 से 4,000 वर्ष पूर्व मिस्र में हुआ था। इसके बाद बहुत से देशों में इसका आगमन हुआ पर उचित स्थान न मिल सका। भारत में इसका आरम्भ 150 वर्षों से पहले हुआ था। आज हॉकी भारत की राष्ट्रीय खेल हैं। हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें दो टीमें लकड़ी या कठोर धातु या फाईबर से बनी विशेष लाठी (स्टिक) की सहायता से रबर या कठोर प्लास्टिक की गेंद को अपनी विरोधी टीम के नेट या गोल में डालने की कोशिश करती हैं।

9. भारत का राष्ट्रगान – जनगणमन

जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय लगता है। संविधान सभा ने जन-गण-मन भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था। इसे सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। पूरे गान में 5 पद हैं।

10. भारत का राष्ट्रगीत – वंदेमातरम्

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में 24 जनवरी 1950 में वन्दे मातरम् को राष्ट्रगीत के रूप में स्वीकार किया गया। 2003 में, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सर्वेक्षण में, जिसमें उस समय तक के सबसे मशहूर दस गीतों का चयन करने के लिये दुनिया भर से लगभग 7000 गीतों को चुना गया था और बी. बी. सी. के अनुसार 155 देशों/द्वीप के लोगों ने इसमें मतदान किया था उसमें वन्दे मातरम् शीर्ष के 10 गीतों में दूसरे स्थान पर था।

11. हमारा राष्ट्रीय पंचांग – शक संवत्

78 ईसवी से प्रारम्भ हुआ राष्ट्रीय शाके अथवा शक संवत भारत का राष्ट्रीय कलैण्डर है। चैत्र 1, 1879 शक संवत को इसे अधिकारिक रूप से विधिवत अपनाया गया। 500 ई . के उपरान्त संस्कृत में लिखित सभी ज्योतिःशास्त्रीय ग्रन्थ शक संवत का प्रयोग करने लगे।

12. भारत का राष्ट्रीय प्रतीक – अशोक चिन्ह

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अशोक चिह्न भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। इसको सारनाथ स्थित राष्ट्रीय स्तंभ का शीर्ष भाग राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में लिया गया है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में इसे 26 जनवरी 1950 में भारत सरकार द्वारा अपनाया गया था। भारत के इस राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग भारत सरकार द्वारा हर जगह की जाती हैं।

मूल रूप इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर एक हाथी के एक दौड़ता घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं। ये गोलाकार आधार खिले हुए उल्टे लटके कमल के रूप में है। हर पशु के बीच में एक धर्म चक्र बना हुआ है। इसमें केवल तीन सिंह दिखाई देते हैं और चौथा दिखाई नहीं देता है। चक्र केंद्र में दिखाई देता है, सांड दाहिनी ओर और घोड़ा बायीं ओर और अन्य चक्र की बाहरी रेखा बिल्कुल दाहिने और बाई छोर पर।

भारत के इस राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है। शब्द सत्यमेव जयते शब्द मुंडकोपनिषद से लिए गए हैं, जिसका अर्थ है केवल सच्चाई की विजय होती है।

13. भारत का राष्ट्रीय मुद्रा – रुपया (₹)

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भारत की राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक ₹ है। भारतीय रुपए का प्रतीक चिह्न अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक संबलता को परिलक्षित करता है। रुपए का चिह्न भारत के लोकाचार का भी एक रूपक है। रुपए का यह नया प्रतीक देवनागरी लिपि के ‘र’ और रोमन लिपि के अक्षर ‘आर’ को मिला कर बना है, (₹) जिसमें एक क्षैतिज रेखा भी बनी हुई है । यह रेखा हमारे राष्ट्रध्वज तथा बराबर (=) के चिह्न को प्रतिबिंबित करती है।

भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को इस चिह्न को स्वीकार कर लिया है। यह चिह्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइन श्री डी. उदय कुमार ने बनाया है। इस चिह्न को वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक खुली प्रतियोगिता में प्राप्त हजारों डिजायनों में से चुना गया है। इस प्रतियोगिता में भारतीय नागरिकों से रुपए के नए चिह्न के लिए डिजाइन आमंत्रित किए गए थे।

14. भारत का राष्ट्रपिता – महात्मा गांधी

15. भारत का राष्ट्रीय भाषा – हिंदी

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