लोकतंत्र क्या है | लोकतंत्र की परिभाषा | लोकतंत्र शासन प्रणाली
किसी भी लोकतांत्रिक देश मे लोकतंत्र उंस देश की आत्मा होती है, लोकतंत्र कैसे किसी देश मे प्रभाव डालता है? तो चलिए देखते है आखिर क्या है लोकतंत्र? इसकी क्या क्या विशेषता है? चलिये देखते है विस्तार से।
लोकतन्त्र अर्थात लोगों का शासन या प्रजातन्त्र एक ऐसी शासन व्यवस्था और लोकतान्त्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतन्त्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किन्तु लोकतन्त्र का सिद्धान्त दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतन्त्र भिन्न – भिन्न सिद्धान्तों के मिश्रण बनाती है।
लोकतंत्र क्या है?
लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
लोकतंत्र की परिभाषा
लोकतंत्र की परिभाषा बहुत से महान व्यक्तियों ने अपने शब्दो में अलग – अलग शब्दो में दिए हैं। उनमें से महान राजनीतिज्ञ है- अब्राहम लिंकन, जो अमेरिका के 16 वे राष्ट्रपति थे। उनके अनुसार लोकतंत्र की परिभाषा इस प्रकार हैं,
अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है,
लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था रहती है की जनता अपनी मर्जी से विधायिका चुन सकती है। लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ – साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है।
लोकतन्त्र शासन प्रणाली
लोकतन्त्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अन्तर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी उम्मीदवार को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है, तथा उसे विधायिका का सदस्य बना सकती है। लोकतंत्र में सरकार के प्रायः इसके तीन अंग होते हैं व्यवस्थापिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका, सरकार के माध्यम से राज्य में राजशासन नीति लागू होती है। लोकतन्त्र दो शब्दों से मिलकर बना है। लोक + तन्त्र लोक का अर्थ है जनता तथा तन्त् का अर्थ है, शासन।
यद्यपि इस तरह के लोकतन्त्र में प्रतिनिधि जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं, लेकिन जनता के हित में कार्य करने की नीतियाँ प्रतिनिधि स्वयं तय करते हैं। यद्यपि दलगत नीतियाँ, मतदाताओं में छवि, पुनः चुनाव जैसे कुछ कारक प्रतिनिधियों पर असर डालते हैं, किन्तु सामान्यतः इनमें से कुछ ही बाध्यकारी अनुदेश होते हैं।
लोकतंत्र की विशेषता
- इस प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जनादेश का दबाव नीतिगत विचलनों पर रोक का काम करता है, क्योंकि नियमित अन्तरालों पर सत्ता की वैधता हेतु चुनाव अनिवार्य हैं।
- एक तरह का प्रतिनिधि लोकतन्त्र है, जिसमें स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव होते हैं। उदार लोकतन्त्र के चरित्रगत लक्षणों मे, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, कानून व्यवस्था, शक्तियों के वितरण आदि के अलावा अभिव्यक्ति, भाषा, सभा, पन्थ और संपत्ति की स्वतन्त्रता प्रमुख है।
- उदार लोकतान्त्रिक देशों में वंचित वर्ग का सशक्तिकरण किया जाता है , जिससे देश की उन्नति हो ! उदार लोकतन्त्र में लोगों का अर्थात नागरिकों को शिक्षा , स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का लाभ देना सरकार या राज्य का कर्तव्य है।
भारत मे लोकतंत्र क्या है?
हमारे भारत देश की शासन लोकतंत्रात्मक शासन
प्रणाली है। हमारे संविधान में भी इसका उल्लेख है। आईए उद्देशिका के मूल्य व आदर्श को विस्तार से समझे ” हम भारत के लोग इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित करते है। यह वाद समस्त भारत के स्वतंत्र नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है। हमें यह संविधान किसी राजा, सरकार या विदेशी शासक ने नहीं दिया है, वरन समस्त भारत की जनता ने मिलकर आप के लिए बनाया है। अतः जनता ही इस देश की सर्वोच्च शक्ति है। यह वाक्य तीन अर्थ स्पष्ट करता है।
- संविधान के द्वारा हम भारत के लोगों के लोकतंत्र की स्थापना करते हैं।
- संविधान के रचनाकार जनता और जनता के प्रतिनिधि हैं और यह संविधान जनता की इच्छा का परिणाम है।
- लोकतंत्र और संविधान की अंतिम सम्प्रभुत्व शक्ति भारत की जनता में निहित है।
लोकतंत्रात्मक वह शासन प्रणाली जिसमें समस्त शक्तियाँ जनता से उत्पन्न होती है। निश्चित अवधि में चुनाव के द्वारा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है और जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य करते हैं। बहुदलीय प्रणाली, विधि या कानून का शासन, स्वतंत्र निष्पक्ष न्यायपालिका और निष्पक्ष जनमत निर्माण के साधन जैसे स्वतंत्र समाचार पत्र और टीवी चैनल लोकतंत्र के घटक है। वह व्यवस्था जहाँ शासन – प्रशासन के हर क्षेत्र में जनभागीदारी हो, लोकतंत्र कहलाती है।
हमारे भारत देश की भी शासन लोकतंत्रात्मक शासन
प्रणाली है।
लोकतंत्र से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण सवालों के जवाब
लोकतंत्र का आविष्कार किसने किया था?
प्राचीन यूनानियों ने सबसे पहले लोकतंत्र का निर्माण किया था। शब्द “लोकतंत्र” दो ग्रीक शब्दों से आया है जिसका अर्थ है लोग (डेमो) और शासन (क्रेटोस)।
लोकतंत्र से आप कैसे समझते हैं? डैमोक्रैसी क्या होती है?
जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए” अब्राहम लिंकन। लोकतंत्र शब्द ग्रीक शब्द “डेमोस” से आया है, जिसका अर्थ है लोग, और “क्रेटोस” का अर्थ शक्ति है; इसलिए लोकतंत्र को “लोगों की शक्ति” के रूप में माना जा सकता है: शासन करने का एक तरीका जो लोगों की इच्छा पर निर्भर करता है ।
लोकतंत्र का आम तौर पर क्या अर्थ है यह देश से देश में कैसे भिन्न होता है?
लोकतंत्र का अर्थ है जनता का शासन। सरकार के विभिन्न रूपों के लिए नाम का उपयोग किया जाता है, जहां लोग उन निर्णयों में भाग ले सकते हैं जो उनके समुदाय को चलाने के तरीके को प्रभावित करते हैं। आधुनिक समय में, इसे विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है: लोग नए कानूनों और मौजूदा कानूनों में बदलाव के बारे में निर्णय लेने के लिए मिलते हैं।
लोकतंत्र क्या है और इसके प्रकार
- सर्वसम्मति लोकतंत्र – पारंपरिक बहुमत के शासन के बजाय आम सहमति पर आधारित शासन।
- संवैधानिक लोकतंत्र – एक संविधान द्वारा शासित।
- विचारशील लोकतंत्र – जिसमें प्रामाणिक विचार-विमर्श, न केवल मतदान, वैध निर्णय लेने के लिए केंद्रीय है।
लोकतंत्र के कितने अंग होते हैं?
इसके तीन मुख्य अंग हैं: कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, दलीय।
सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कौन सा है?
दुनिया में भारत को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश माना जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। इसे विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान मानते हैं। भारत को इसलिए दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है, क्योंकि यहां 29 भाषाएं और करीब 1650 बोलियां बोली जाती हैं।
लोकतंत्र का क्या महत्व है?
लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
गणतंत्र और लोकतंत्र में क्या अंतर है?
“लोकतंत्र” या “प्रजातंत्र” इससे अलग होता है। लोकतन्त्र वो शासनतन्त्र होता है जहाँ वास्तव में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन चलता है। आज विश्व के अधिकान्श देश गणराज्य हैं और इसके साथ-साथ लोकतान्त्रिक भी। भारत स्वयः एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है।
लोकतंत्र की सर्वमान्य परिभाषा क्या हो सकती है?
फिर भी, जहाँ तक लोकतंत्र की परिभाषा का प्रश्न है अब्राहम लिंकन की परिभाषा – लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन – प्रामाणिक मानी जाती है। लोकतंत्र में जनता ही सत्ताधारी होती है, उसकी अनुमति से शासन होता है, उसकी प्रगति ही शासन का एकमात्र लक्ष्य माना जाता है।
लोकतंत्र के लिए जातिवाद घातक है क्यों?
इसके दो कारण निम्नलिखित हैं, लोकतंत्र की बुनियाद समानता की अवधारणा पर केंद्रित होती है और जातिवाद असमानता का भाव पैदा करता है। बहुत सी जातियां दूसरी जातिओं से स्वयं से श्रेष्ठ समझते हैं, इससे समाज में असमानता एवं भेदभाव उत्पन्न होता है, जो कि लोकतंत्र के लिए सही बात नहीं है। जातिवाद हमेशा शोषण को जन्म देता है।
लोकतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के उद्देश्य से हर साल 15 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह दुनिया में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है।
दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र देश कौन सा है?
दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र संयुक्त राज्य अमेरिका है जो लगभग 1889 से लोकतंत्र है जबकि सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है क्योंकि भारत की जनसंख्या इतनी अधिक है इसलिए यह 135 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
लोकतांत्रिक संस्थाओं को जानना क्यों जरूरी है?
संस्थाएं इन सवालों का जवाब लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रदान करके और उनकी रक्षा करके देती हैं । लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं और उनकी प्रभावशीलता यह निर्धारित करती है कि लोकतंत्र की प्रकृति क्या होगी, उसके आदर्श क्या होंगे और परोक्ष रूप से यह कितना सफल होगा।
संसदीय लोकतंत्र की उत्पत्ति है
संसदीय प्रणाली ब्रिटेन में उत्पन्न हुई (संसद देखें) और इसके कई पूर्व उपनिवेशों में अपनाया गया था।
कौन एक लोकतांत्रिक देश नहीं है?
चीन एक लोकतांत्रिक देश नहीं है। चीन में केवल कम्युनिस्ट पार्टी को शासन करने की अनुमति है (वास्तविक अर्थों में लोकतंत्र का पालन नहीं किया जाता है।) चीन को आधिकारिक तौर पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कहा जाता है।
आधुनिक समाज में लोकतंत्र की क्या भूमिका है?
लोकतंत्र की आधारशिलाओं में सभा की स्वतंत्रता, संघ, संपत्ति के अधिकार, धर्म और भाषण की स्वतंत्रता, समावेश और समानता, नागरिकता, शासितों की सहमति, मतदान अधिकार, जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार के अनुचित सरकारी वंचन से स्वतंत्रता, और अल्पसंख्यक अधिकार शामिल हैं।
क्या विकास के लिए लोकतंत्र जरूरी है?
2008 के एक मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि लोकतंत्र का आर्थिक विकास पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, इसके मजबूत और महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष प्रभाव हैं जो विकास में योगदान करते हैं। लोकतंत्र उच्च मानव पूंजी संचय, कम मुद्रास्फीति, कम राजनीतिक अस्थिरता और उच्च आर्थिक स्वतंत्रता से जुड़ा है।
लोकतंत्र सरकार का सबसे अच्छा रूप क्यों है?
लोकतंत्र में लोगों को अपना शासक चुनने का अधिकार है। यदि शासक ठीक से काम नहीं करते हैं, तो लोग उन्हें अगले चुनाव में नहीं चुनेंगे। लोकतंत्र में सरकार के किसी भी अन्य रूप की तुलना में बोलने की अधिक स्वतंत्रता है। लोकतंत्र में हम खुलकर अपनी राय रख सकते हैं।
लोकतंत्र के गुण क्या है?
राष्ट्रप्रेम, देश – भक्ति, त्याग, बलिदान, सेवा और सहनशीलता आदि गुणों का विकास नागरिकों को राष्ट्र से जोड़े रखने का प्रयास करता है। लोकतंत्र उच्च गुणों का विकास करने का प्रयास करता है। नैतिकता लोकतंत्र को भ्रष्ट होने से रोकती है। नैतिकता से नागरिकों में आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है।
भारत में लोकतंत्र की स्थापना कब हुई थी?
1947 की आजादी के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इसके राष्ट्रवादी के आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के तहत बनाया गया था।
लोकतंत्र क्या है और इसकी विशेषताएं क्या है?
लोकतंत्र की मुख्य विशेषताओं में एक संविधान, एक राज्य की लोकप्रिय संप्रभुता, बहुमत का शासन, व्यक्तिगत अधिकारों का अस्तित्व, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, सार्वजनिक मामलों में नागरिकों की भागीदारी, भाषण और विधानसभा की स्वतंत्रता, समानता, कानून का शासन और स्वतंत्र स्वतंत्र शामिल हैं। मीडिया।
लोकतंत्र के चार प्रमुख तत्व क्या हैं?
लोकतंत्र को चार प्रमुख तत्वों वाली सरकार की प्रणाली के रूप में वर्णित करता है:
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से सरकार को चुनने और बदलने की एक प्रणाली
- नागरिकों के रूप में, राजनीति और नागरिक जीवन में लोगों की सक्रिय भागीदारी
- सभी नागरिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण, और
- कानून के शासन में
लोकतंत्र की विशेषता कौन सी नहीं है?
लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जिसमें सर्वोच्च शक्ति लोगों में निहित होती है और एक स्वतंत्र चुनावी प्रणाली के तहत उनके द्वारा या उनके निर्वाचित एजेंटों द्वारा सीधे प्रयोग की जाती है। लोगों पर एकाधिकार लोकतंत्र की विशेषता नहीं है।
क्या भारत हमेशा एक लोकतंत्र था?
संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को डॉ बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा तैयार किए गए भारत के संविधान को अपनाया। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
प्रत्यक्ष लोकतंत्र का क्या अर्थ है?
प्रत्यक्ष लोकतंत्र या सीधा लोकतंत्र में सभी नागरिक सारे महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों पर मतदान करते हैं। इसे प्रत्यक्ष कहा जाता है क्योंकि सैद्धांतिक रूप से इसमें कोई प्रतिनिधि या मध्यस्थ नहीं होता। सभी प्रत्यक्ष लोकतंत्र छोटे समुदाय या नगर-राष्ट्रों में हैं। इसे सीधा कहा जाता है क्योंकि ये लोकतंत्र का साधारण/सरल रूप है।
जाति व्यवस्था लोकतंत्र को कैसे प्रभावित करती है?
जाति व्यवस्था का परंपरागत रूप से लोगों की सत्ता तक पहुंच पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है । विशेषाधिकार प्राप्त उच्च जाति समूहों को अधिक आर्थिक और राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने से अधिक लाभ होता है, जबकि निम्न जाति समूहों की उन शक्तियों तक सीमित पहुंच होती है।
लोकतंत्र में समानता का क्या महत्व है?
लोकतंत्र में समानता का बहुत बड़ा महत्व होता है, किसी भी लोकतांत्रिक देश में वहां पर रहने वाले सभी लोगों को समान रूप से देखा जाता है। वहां पर कोई भी इंसान हो, चाहे वह गरीब हो या अमीर, वह किसी भी जाति एवं किसी भी धर्म का हो, वह उस देश के लिए सभी समान हैं। ना तो कोई बड़ा और ना ही कोई छोटा है।
दुनिया के कितने देशों में लोकतंत्र है?
भारत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया समेत केवल 56 देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
हाल ही में किस देश ने लोकतंत्र को अपनाया है?
लोकतंत्र को स्वीकार करने के लिए सबसे हाल ही में नेपाल है ।