विटामिन की खोज कब हुआ, कौनसे विटामिन कब और कैसे खोजा गया

विटामिन की खोज

विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है और ये बात हम सब जानते है और विटामिन के कमी से हमारे शरीर में अनेक रोग हो सकते है और विटामिन की खोज के स्वास्थ्य और रोग के बारे में हमारी समझ में एक प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धि थी। विटामिन को विभिन्न नाम जैसे विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E, आदि इन सभी के हमारे सरीर में अपने अपने काम होते हैं। आइये देखते है कि विटामिन की खोज कब हुआ? कौनसे विटामिन कब और कैसे खोजा गया इसकी पूरी जानकारी।

विटामिन कोई एक प्रकार के नही होते होते कई प्रकार के होते है और सभी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है विटामिन जीवन सत्व भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक होता हैं।

विटामिन की खोज वर्ष और उनके खोजकर्ता

विटामिन की खोज कब हुआ, कौनसे विटामिन कब और कैसे खोजा गया

विटामिन A (रेटिनॉल) – 1913

1912 में, फ्रेडरिक गोलैंड हॉपकिंस ने प्रदर्शित किया कि चूहों में वृद्धि के लिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के अलावा दूध में पाए जाने वाले अज्ञात सहायक कारक आवश्यक थे। हॉपकिंस को इस खोज के लिए 1929 में नोबेल पुरस्कार मिला। 1913 तक, इन पदार्थों में से एक को स्वतंत्र रूप से विस्कॉन्सिन- मैडिसन विश्वविद्यालय में एल्मर मैक्कलम और मार्गुराइट डेविस द्वारा खोजा गया था, एक्सेसरी फैक्टर्स को 1918 में “फैट सॉल्यूबल” और बाद में 1920 में “विटामिन ए” कहा गया। 1931 में, स्विस रसायनज्ञ पॉल करर ने विटामिन ए की रासायनिक संरचना का वर्णन किया। रेटिनोइक एसिड और रेटिनॉल को पहली बार 1946 और 1947 में संश्लेषित किया गया था।

विटामिन B – 1915

विटामिन बी बायोटिन के रूप में जाना जाता है, एक पानी में घुलनशील विटामिन जो शरीर को कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। इसकी खोज एल्मर वी और  मैककॉलम ने भी 1915 – 1916 के आसपास की थी।

विटामिन B1 (थायमिन) – 1910

विटामिन बी1 जिसे थायमिन भी कहा जाता है, एक पानी में घुलनशील बी विटामिन जो ऊर्जा चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कासिमिर फंक ने 1912 में विटामिन बी1 (थियामिन) की खोज की।

विटामिन B2 (रायबोफ्लेविन) – 1920

विटामिन बी2 जिसे राइबोफ्लेविन भी कहा जाता है, ऊर्जा उत्पादन, सेलुलर फ़ंक्शन और चयापचय में एक महत्वपूर्ण भूमिका वाले इस विटामिन की डीटी स्मिथ, ईजी हेंड्रिक ने 1926 में बी2 की खोज की फिर मैक्स टीशलर ने आवश्यक विटामिन बी2 को संश्लेषित करने के तरीकों का आविष्कार किया।

विटामिन B3 (नियासिन ) – 1936

विटामिन बी3 एक विटामिन परिवार है जिसमें तीन रूप या 3 विटामिन शामिल हैं निकोटिनमाइड (नियासिनमाइड), नियासिन (निकोटिनिक एसिड), और निकोटीनैमाइड राइबोसाइड। विटामिन B3 की खोज काॅनरैड एलवेजम ने की थी। निकोटिनमाइड राइबोसाइड की पहचान 2004 में हुआ था।

विटामिन B5 ( पेंटोथेनिक अम्ल) – 1931

विटामिन बी 5 वसा और कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में परिवर्तित करने का काम करता है। यह आपकी त्वचा, बाल, आंखों और जिगर के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। विटामिन बी 5 को पैंटोथैनिक एसिड और पैंटोथैनेट के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खोज 1931 में हुआ था।

विटामिन B6 ( पाइरीडोक्सिन) – 1934

विटामिन बी6 छह यौगिक जो अत्यंत बहुमुखी हैं और मुख्य रूप से प्रोटीन चयापचय पर काम करते है। पाल ग्योरगी ने 1934 में विटामिन बी6 की खोज

विटामिन B7 (बायोटिन) – 1931

बायोटिन एक कार्बनिक यौगिक है। इसे विटामिन बी 7 भी कहा जाता है। इसका नाम ग्रीक शब्द “बायोस” (जीना) से लिया गया है, इसके साथ कार्बनिक रसायन में आमतौर से उपयोग वाला प्रत्यय ” इन ” जोड़ा गया है। इसकी खोज 1931 में हुआ था। नवजात में बायोटिनिडेस की कमी की जांच का कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में 1984 में शुरू हुआ था और आज कई देशों में इस विकार के लिए परीक्षण किया जा रहा है।

विटामिन B9 (फॉलिक अम्ल) – 1941

फोलेट, जिसे विटामिन बी9 और फोलासीन भी कहा जाता है, बी विटामिन में से एक है। जो शरीर को डीएनए और आरएनए बनाने और कोशिका विभाजन के लिए आवश्यक अमीनो एसिड को मेटाबोलाइज करने के लिए फोलेट की आवश्यकता होती है। इसकी खोज लुसी विल्स ने 1933 में हुआ था।

विटामिन C (एस्काबिक अम्ल) – 1920

विटामिन सी की खोज 1912 हापकिंस (Hopkins) के द्वारा की गई थी लेकिन विटामिन का नामकरण फंक (Funk) द्वारा किया गया। इसलिए फंक को भी विटामिन का खोजकर्ता माना जाता है। हापकिंस ने 1912 में यह सिद्ध किया कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए निश्चित मात्रा में विटामिनों की आवश्यकता होती है। विटामिन की खोज के लिए हापकिंस को 1929 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

विटामिन D (कैल्सिफेरॉल) – 1920

हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन्हीं पोषक तत्वों में एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व विटामिन डी होता है। हमारे शरीर के लिए इतने उपयोगी और आवश्यक विटामिन डी की खोज 1922 में एल्मर मैक्कलम (Elmer McCollum) ने की थी। इस विटामिन को विटामिन D नाम दिए जाने का कारण ये रहा कि इस विटामिन की खोज से कुछ समय पहले ही विटामिन A, B और C की खोज हो चुकी थी इसलिए इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए, इस विटामिन को विटामिन D नाम दिया गया।

विटामिन E ( टोकोफेरॉलकी) – 1922

विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है। विटामिन ई 2 के 17 सॉल्युबल विटामिन है इसकी खोज हर्बल मैथिली निवास और कैथरीन स्कॉट बिशप ने 1922 में की थी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में जेटली एंडरसन इमर्शन ने इसे पहली बार आइसोलेट किया था 1935 में और यह विटामिन जो है वह एक फैट सॉल्युबल विटामिन है जो कि टोटल 87 सिलेबल कंपाउंड से बना हुआ रहता है।

विटामिन K1 (फिलोक्विनोन) – 1929

1929 में, हेनरिक डैम नामक एक डेनिश वैज्ञानिक, मुर्गियों में कोलेस्ट्रॉल के कार्यों का अध्ययन करते हुए पाया कि मुर्गियों के आहार से निकाले गये यौगिक की संरचना विटामिन जैसी पायी गयी। इस विटामिन को Koagulations vitamin के नाम से रिपोर्ट किया गया था जिसे आगे चलकर विटामिन K नाम से जाने जाना लगा। सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के एक अन्य वैज्ञानिक, एडवर्ड एडेलबर्ट डेज़ी ने बहुत सारे शोध किए, जिसमें “विटामिन के” की रासायनिक संरचना और प्रकृति के बारे में बताया गया था। 1943 में, डैम और डेज़ी दोनों को इस उपयुक्त कार्य के लिए मेडिसिन क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सन्मानित किया गया।

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