सहकारिता मंत्रालय क्या है? इसे क्यों बनाया गया है? इससे क्या होगा?
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  • Post last modified:January 10, 2022

भारत में इस वक्त लगभग आठ लाख से अधिक सहकारी समितियां सक्रिय हैं और इनमें लगभग चालीस करोड़ सदस्य जुड़े हुए हैं। इन समितियों के विकास लिए और इनको मजबूती देने के लिए सहकारिता मंत्रलाय का बनाया गया हैं। इसके विस्तृत जानकारी के लिए आइए देखते हैं, सहकारिता मंत्रालय क्या है? इसे क्यों बनाया गया हैं? इसके बनने से क्या होगा? इसके अंतर्गत कौन कौन आएगा?

सहकारिता मंत्रालय

भारत में बहुत लंबे वक्त से सहकारिता के तहत काम हो रहा है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में सहकारी समितियों को सार्वजनिक और प्राइवेट सेक्टर के बीच संतुलन बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। अब इसको बल देने के लिए नए सहकारिता मंत्रालय का गठन कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की तर्ज पर किया गया हैं। सहकारी क्षेत्र में प्राइमरी सोसायटी से लेकर मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए प्रस्तावित नवगठित मंत्रालय में तीन अहम सेक्शन बनेंगे, जिनकी जिम्मेदारी संयुक्त सचिव स्तर अधिकारियों की होगी।

 

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क्या है सहकारिता ? सहकारिता मंत्रालय किसे कहते हैं?

सहकारिता यानी ‘ सह कार्य ‘ अर्थात साथ मिलकर काम करना बहुत सारे नागरिक जब साथ मिलकर कोई संगठन बनाकर उसके तहत काम , व्यापार आदि करते हैं तो इस प्रक्रिया को सहकारिता अर्थात को-ऑपरेशन कहा जाता है। इसके लिए बनाए गए मंत्रालय को सहकारिता मंत्रालय कहते हैं। भारत में सहकारिता आंदोलन की शुरुवात 1904 में हुई। तब एक अंग्रेज अधिकारी फेड्रिक निकल्सन ने पहली सहकारी ऋण समिति की स्थापना की थी। भारत के संविधान के भाग 9 (ख) के अनुच्छेद 243 में इसका प्रावधान किया गया है। साल 1963 में केंद्रीय आपूर्ति और सहकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम का गठन किया था।

सहकारिता मंत्रालय का गठन क्यों किया गया हैं? सहकारिता मंत्रालय क्यों बनाया गया हैं?

‘सहकार से समृद्धि’ को साकार करने के लिए , ‘ सहकारिता मंत्रालय ‘ का गठन किया गया है। अर्थात सहकारी समितियों के विकास और मजबूती देने के लिए सहकारिता मंत्रलाय का बनाया गया हैं। ये नया मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक , कानूनी और नीतिगत ढांचा तैयार करेगा . सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाएगा। सहकारी समितियों को ‘कारोबार में सुगमता’ हो, इसके लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य कृषकों , ग्रामीण कारीगरों , भूमिहीन मजदूरों और समुदाय के कमजोर और पिछड़े वर्ग के कम आय वाले और बेरोजगार लोगों को रोजगार , और उपयुक्त तकनीकी प्रदान कर अच्छा उत्पादक बनाना है ।

सहकारिता मंत्रालय बनने से क्या होगा ?

  •  नया मंत्रालय बन जाने के बाद सहकारिता क्षेत्र को प्रशासनिक , कानूनी और नीतिगत ढांचा उपलब्ध हो जाएगा , जिससे समितियां भ्रष्टाचार से मुक्त और मजबूत हो जाएगा।
  • सहकारी आंदोलन को बल अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगा ।
  • समाज के निचले तबके और जरूरतमंद लोगों को लाभ होगा।
  • सहकारिता क्षेत्र में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार व अनियमितता दुरुस्त किया जा सकेगा।
  • सहकारी आंदोलन के सहारे गांव, गरीब, किसान, बुनकर, मछुआरों उपभोक्ताओं को सशक्त बनाया जा सकेगा।
  • नए रोजगार उपलब्ध होगा।
  • भ्रष्टाचार मुक्त काम होगा।
  • बुनकर , मछुआरे , से जुड़ी करोड़ों महिलाओं को डेयरी क्षेत्र , हाउसिंग , लेबर , हेल्थ बीमा क्षेत्र में सहकारी संस्थाएं आगे बढ़कर काम कर पाएंगी ।
  • युवाओं के शिक्षण व प्रशिक्षण की सख्त जरूरत है, जो अब पूरी होगी , जिससे युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सकेगा।
  • सहकारी समितियों के लिए “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” को और सरल करेगा व उनके विकास में सहायक होगा।

 

सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत कौन कौन आएगा ? इस मंत्रालय में क्या क्या शामिल होगा?

  • देश फिलहाल आठ लाख सहकारी संस्थाओं के लगभग 40 करोड़ सदस्य होने का दावा किया जाता है, जिसमें समाज के निचले तबके और जरूरतमंद लोगों की संख्या ज्यादा है। ये सभी इस मंत्रालय के दायरे में आ जायेगा।
  • नए मंत्रालय के दायरे में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम , सेंट्रल रजिस्ट्रार , सहकारी शिक्षण व प्रशिक्षण के साथ प्रमोशन आफ कोआपरेशन जैस संस्थान आएंगे।
  • ग्रामीण क्षेत्रों 14 हजार से अधिक सहकारी बैंकों की शाखाएं काम कर रही , लेकिन इन बैंकों में व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने उन्हें अपने दायरे में ले लिया है। अब ये इस मंत्रालय के निगरानी में भी रहेगा।
  • देश के लाखों महिला स्वयं सहायता समूहों ( एसएचजी ) सीधे तौर पे अब इस मंत्रालय का हिस्सा होगा।
  • बुनकर , मछुआरे , से जुड़ी करोड़ों महिलाओं को डेयरी क्षेत्र , हाउसिंग , लेबर , हेल्थ बीमा क्षेत्र में सहकारी संस्थाएं अब इसके अंतर्गत आ जायेगा।
  • सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत, वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालयों के साथ लगभग एक दर्जन से ज्यादा मंत्रालय आएंगे।

This Post Has 2 Comments

  1. नवलेश कुमार गुप्ता

    क्या सहकारिता मन्त्रालय के अधीन सहारा इंडिया परिवार भी आ सकासकता है क्या

    1. Amit Yadav

      जो भी कोऑपरेटिव सोसाइटी है वो सभी सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आएंगे।

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Amit Yadav

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