भारत की प्रमुख नदियां
भारत नदियों का देश है। उत्पत्ति के आधार पर भारत की नदियों को चार वर्गों में बाँटा जा सकता है। जिसमे हिमालय से निकलने वाली नदियाँ, दक्षिण पठार की नदियाँ, तटीय नदियाँ और आन्तरिक नदी क्षेत्र की नदियाँ शामिल हैं। हिमालय से निकलने वाली भारत की प्रमुख नदियों में गंगा नदी का प्रवाह क्षेत्र सबसे बड़ा है। इसमें भारत के कुल क्षेत्रफल के लगभग एक-चौथाई भाग का पानी आता है जिसे गंगाजल कहते हैं।
गंगा, भागीरथी तथा अलकनंदा के रूप में हिमालय से निकलती है। यमुना, घाघरा, गंडक तथा कोसी नदियाँ हिमालय से निकल कर गंगा में मिल जाती हैं। गंगा नदी के पश्चिम में यमुना है, जिसका उद्गम स्थल ‘यमुनोत्री’ है। यमुना नदी प्रयाग में पवित्र संगम स्थान पर गंगा से जा मिलती है। मध्यवर्ती भारत में उत्तर की ओर यमुना अथवा गंगा में जाकर मिलने वाली नदियों में चम्बल, बेतवा तथा सोन महत्वपूर्ण नदियाँ हैं।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा नदी क्षेत्र गोदावरी का है। भारत के क्षेत्रफल के लगभग दसवें भाग का पानी इसके अन्तर्गत आता है। पूर्व में ब्रह्मपुत्र तथा पश्चिम में सिन्धु के नदी क्षेत्र भी लगभग इसी के बराबर हैं। भारत के प्रायद्वीप वाले भाग में कृष्णा नदी का सबसे बड़ा नदी क्षेत्र है। प्रायद्वीप वाले भाग के तीसरे सबसे बड़े नदी क्षेत्र से होकर महानदी बहती है। इसके उत्तर में नर्मदा तथा सुदूर दक्षिण में कावेरी नदी क्षेत्र भी लगभग इतने ही बड़े हैं। उत्तर का ताप्ती तथा दक्षिण का पेन्नार नदी क्षेत्र छोटा हैं।
वैसे तो भारत एक नदी प्रधान देश हैं। जंहा नदियों को मां स्वरूप पूजा जाता हैं। भारत मे हजारों नदियां है और सबकी अपनी एक अलग पहचान और महत्व हैं। भारत की इन सभी प्रमुख और पवित्र नदियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानने के लिए आइये देखते हैं। भारत की प्रमुख नदियां कौन कौन से है? भारत की प्रमुख नदियों पूरी सूची विस्तृत जानकारी के साथ..
1. सिन्धु नदी – लम्बाई (2,880 किमी.)
सिन्धु नदी एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु नदी उत्तरी भारत की तीन बड़ी और प्रमुख नदियों में से एक हैं। इसकी उद्गम स्थल मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) में है और इसकी सहायक नदी सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब,रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह हैं।
2. झेलम नदी – लम्बाई (720 किमी.)
झेलम उत्तरी भारत में बहने वाली एक नदी है। झेलम नदी का वास्तविक नाम वितस्ता है। कश्मीरी भाषा में इसे व्यथ कहते हैं। यह नदी हिमालय के शेषनाग झरने से प्रस्फुटित होकर कश्मीर में बहती हुई पाकिस्तान में पहुंचती है और झांग मघियाना नगर के पास चिनाब में समाहित हो जाती है। झेलम नदी का जो प्रवाह मार्ग प्राचीन काल में था, प्रायः अब भी वही है। केवल चिनाब-झेलम संगम का निकटवर्ती मार्ग काफ़ी बदल गया है। प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम कश्मीर घाटी का निर्माण झेलम नदी द्वारा ही हुआ है। इसका उद्गम स्थल शेषनाग झील (जम्मू-कश्मीर) है और इसका सहायक नदी किशन गंगा, पुँछ, लिदार,करेवाल,
3. चिनाब नदी – लम्बाई (1,180 किमी.)
चिनाब नदी भारत के हिमाचल प्रदेश के लाहुल और स्पीति जिले के ऊपरी हिमालय में तांदी चंद्रा और भागा नदियों के संगम से बनती है। चिनाब का पानी हिमाचल प्रदेश में बारा लाचा दर्रे से बर्फ पिघलने से शुरू होता है । दर्रे से दक्षिण की ओर बहने वाले जल को चंद्र नदी के रूप में जाना जाता है और जो उत्तर की ओर बहती हैं उन्हें भगा नदी कहा जाता है। अंततः भागा दक्षिण में चारों ओर बहती है और तांदी गाँव में चंद्र से मिलती है। चंद्रा और भागा, तांदी में चंद्रभागा नदी बनाने के लिए मिलते हैं। और इसे ही चिनाब नदी कहा जाता है। यह जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से होकर पंजाब के मैदानी इलाकों में बहती है। इसकी उद्गम स्थल बारालाचा दर्रे के निकट है और इसकी सहायक नदी चन्द्रभागा हैं।
4. रावी नदी – लम्बाई (725किमी.)
रावी उत्तरी भारत में बहनेवाली एक नदी है। इसका ऋग्वैदिक कालीन नाम परुष्णी है। इसे लहौर नदी के नाम से भी जाना जाता है। रावी नदी हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में रोहतांग दर्रे से निकल कर हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर तथा पंजाब होते हुए पाकिस्तान से बहती हुयी झांग जिले की सीमा पर चिनाव नदी में मिल जाती हैं। इसकी उद्गम स्थल रोहतांग दर्रा, कांगड़ा है और इसकी सहायक नदी साहो, सुइल हैं।
5 सतलुज नदी – लम्बाई (1440 किमी.)
सतलुज उत्तरी भारत में बहने वाली भारत की एक प्रमुख नदियां है। इसका पौराणिक नाम शतुर्दि है। उद्गम स्थल से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले यह पश्चिम की ओर मुड़कर कैलाश पर्वत के ढाल के पास बहती है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों से अपना रास्ता तय कराते हुये यह नदी पंजाब में प्रवेश करती है। पंजाब के मध्य में बहती हुई हरिके में ब्यास नदी सतलुज में मिलती है, जहां से यह दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़कर भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा निर्धारित करती है। इसके बाद यह भारत को छोड़कर कुछ दूरी के लिए पाकिस्तान में फाजिल्का के पश्चिम में बहती हुई चिनाब नदी से मिलती है। दोनों नदियां मिलकर पंचनद का निर्माण करती है। इसका उद्गमस्थल मानसरोवर के निकट राकसताल है और इसकी सहायक नदी व्यास, स्पिती हैं।
6 व्यास नदी – लम्बाई (470 किमी.)
पंजाब और हिमाचल में बहने वाली भारत की एक प्रमुख नदीयां है। इस नदी का उद्गम मध्य हिमाचल प्रदेश में, वृहद हिमालय की जासकर पर्वतमाला के रोहतांग दर्रे पर 4,361 मीटर की ऊंचाई से होता है। यहाँ से यह कुल्लू घाटी से होते हुये दक्षिण की ओर बहती है। जहां पर सहायक नदियों को अपने में मिलाती है। फिर यह पश्चिम की ओर बहती हुई मंडी नगर से होकर कांगड़ा घाटी में आ जाती है। घाटी पार करने के बाद ब्यास पंजाब में प्रवेश करती है व दक्षिण दिशा में घूम जाती है और फिर दक्षिण-पश्चिम में यह 470 किमी. बहाने के बाद आर्की में सतलुज नदी में जा मिलती है। इसकी उद्गम स्थल रोहतांग दर्रा है और इसकी सहायक नदी तीर्थन, पार्वती, हुरला हैं।
7. गंगा नदी – लम्बाई (2,510 किमी.)
गंगा भारत की सबसे प्रमुख, महत्त्वपूर्ण और पवित्र नदी है। गंगा उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती हुई भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती हुई समुद्र में समा जाती है। यह नदी भारत में पवित्र नदी भी मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती हैं। इसका उद्गम स्थल गंगोत्री के निकट गोमुख से होता हैं। तथा इसकी प्रमुख सहायक नदी यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी,सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार तथा मंदाकिनी, हैं।
8. यमुना नदी – लम्बाई (1375 किमी.)
यमुना भारत की एक प्रमुख नदी है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। ब्रज की संस्कृति में यमुना का महत्वपूर्ण स्थान है। यमुना नदी की उद्गम स्थल यमुनोत्री ग्लेशियर हैं। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्धु, बेतवा और केन हैं। यमुना नदी की औसत गहराई 10 फीट (3 मीटर) अधिकतम गहराई 35 फीट ( 11 मीटर ) तक है।
अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत से निकलकर यह नदी अनेक पहाड़ी दरों और घाटियों में प्रवाहित होती हुई तथा वदियर, कमलाद, वदरी अस्लौर जैसी छोटी और तोंस जैसी बड़ी पहाड़ी नदियों को अपने अंचल में समेटती हुई आगे बढ़ती है।
उसके बाद यह हिमालय को छोड़ कर दून की घाटी में प्रवेश करती है। फिर पश्चिमी हिमालय से निकल कर उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा की सीमा के सहारे 95 मील का सफर कर उत्तरी सहारनपुर के मैदानी इलाका में पहुँचती है। फिर यह दिल्ली, आगरा से होती हुई प्रयागराज में यमुना एक विशाल नदी के रूप में प्रस्तुत होती है और वहाँ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के नीचे गंगा में समा जाती है।
9. रामगंगा नदी – लम्बाई (690 किमी)
स्कंदपुराण के मानसखण्ड में रथवाहिनी के नाम से उल्लेखित रामगंगा नदी भारत की प्रमुख तथा पवित्र नदियों में से एक हैं। अपने उद्गम स्थल से निकल कर गहरी और संकरी घाटी द्वारा व्यापक रूप से घूमते हुए तड़ागताल होते हुए गनाई पहुंचती है। गनाई से निकलकर यह तल्ल गेवाड़ क्षेत्र की ओर बहते हुए जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश करती है। बरेली जिले में रामगंगा पश्चिम की ओर से प्रवेश करती है यहाँ इसका संगम देवरनियाँ और नकटिया नदियों से होता है और अंत में लगभग 373 मील का कुल सफर तय करने के बाद, कन्नौज के विपरीत गंगा नदी में मिल जाती है। इसका उद्गम स्थल नैनीताल के निकट एक हिमनदी से हैं। तथा इसकी प्रमुख सहायक नदी खोन हैं।
10. घाघरा नदी – लम्बाई (1,080 किमी.)
तिब्बत, नेपाल और भारत में बहने वाली घाघरा नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। गंगा नदी की इस प्रमुख उपनदी को कर्णाल नदी के नाम से भी जाना जाता हैं। जो दक्षिणी तिब्बत के ऊंचे पर्वत शिखरों से मानसरोवर झील के समीप से निकलती है। यहाँ से यह नेपाल में प्रवेश करती है, जहाँ इसका नाम कर्णाली है। इसके बाद यह भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है। लगभग 970 किमी की यात्रा के बाद बलिया और छपरा के बीच यह गंगा नदी में समा जाती है। इसका उद्गम स्थल मप्सातुंग (नेपाल) है और इसके सहायक नदी हिमनद शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती,
चौकिया हैं।
11. गंडक नदी – लम्बाई (425 किमी.)
गण्डकी या गंडक नदी, नेपाल और भारत के राज्य बिहार में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। गण्डकी हिमालय से निकलकर दक्षिण-पश्चिम बहती हुई भारत में प्रवेश करती है। त्रिवेणी पर्वत के पहले इसमें एक सहायक नदी त्रिशूलगंगा मिलती है। यह नदी काफी दूर तक उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्यों के बीच सीमा निर्धारित करती हुई पटना के संमुख गंगा में मिल जाती है। वर्ष भर सदवाही बनी रहने वाली इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 1310 किलोमीटर है। तथा इसकी उद्गम स्थल नेपाल-तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट है और इसकी सहायक नदी काली गंडक, त्रिशूल गंगा हैं।
12. कोसी नदी – लम्बाई (730 किमी.)
बिहार का शोक कहे जाने वाला कोसी नदी या कोशी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है। जो भारत की एक प्रमुख नदी हैं। इसमें आने वाली बाढ़ से बिहार में बहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को बिहार का शोक कहा जाता है। अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद नेपाल के हरकपुर में कोसी की दो सहायक नदियाँ दूधकोसी तथा सनकोसी मिलती हैं। सनकोसी, अरुण, प्रज्वल तमर नदियों के साथ त्रिवेणी में मिलती हैं।
इसके बाद नदी को सप्तकोशी कहा जाता है। बराहक्षेत्र में यह तराई क्षेत्र में प्रवेश करती है और इसके बाद से इसे कोसी कहा जाता है। भीमनगर के निकट यह भारतीय सीमा में दाख़िल होती है। इसके बाद दक्षिण की ओर 260 किमी चलकर कटरिया, कुर्सेला के पास गंगा के साथ मिल जाती है। जो त्रिमोहिनी संगम के नाम से जानी जाती है। इसका उद्गम स्थल नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) हैं और इसकी सहायक नदी: इन्द्रावती, तामुर, अरुण, हैं।
13. चम्बल नदी – लम्बाई (960 किमी.)
चम्बल नदी मध्य भारत की एक बारहमासी और प्रमुख नदी है। इसका प्राचीन नाम “चर्मण्वती” है। यमुना नदी की इस सहायक नदी में चार जल विधुत परियोजना चल रही है। यह नदी जानापाव पर्वत बाचू पाईट महू से निकलकर भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में राजस्थान के कोटा तथा धौलपुर, मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलों से होकर बहती हुई दक्षिण की ओर मुड़ कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इसका उद्गम स्थल मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी हैं। तथा सहायक नदी काली सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास हैं।
14. बेतवा नदी – लम्बाई (480 किमी.)
बेतवा नदी भारत की मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। बेतवा बुंदेलखण्ड पठार की सबसे लम्बी नदी है। जिसका प्राचीन नाम वेत्रवती हैं। यह मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के कुम्हारागाँव से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, ललितपुर आदि ज़िलों से होकर बहती है। इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं, किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती हुई हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है। इसका उद्गम स्थल भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्यप्रदेश में है।
15. सोन नदी – लम्बाई (770 किमी.)
सोन नदी भारत की मध्य भाग में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। यमुना के बाद यह गंगा नदी की दक्षिणी उपनदियों में सबसे बड़ी है। इसे सोनभद्र शिला के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में अमरकंटक के पास से निकलकर सोन नदी मानपुर तक उत्तर की ओर बहने के बाद पूर्वोतर दिशा में मुड़ती जाती है। यह नदी मिर्ज़ापुर जिले के दक्षिणी भाग से प्रवाहित होती हुई उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्यों से गुज़रकर बिहार के पटना से पहले दीनापुर से 16 किलोमीटर ऊपर गंगा नदी में समा जाती है। इसका उद्गम स्थल अमरकंटक की पहाड़ियों में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल के पास ही हैं। इसकी सहायक नदी रिहन्द, कुनहड़ हैं।
16. दामोदर नदी – लम्बाई (600 किमी.)
अपनी बाढ़ों के लिए कुख्यात दामोदर नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। जो झाड़खंड और पश्चिम बंगाल में बहती हैं। पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे कारण इसको बंगाल का शोक कहा जाता था। झाड़खंड में इसे देवनद के नाम से जाना जाता है। दामोदर नदी झारखण्ड के छोटानागपुर की पहाड़ियों से 610 मीटर की ऊँचाई से निकलकर लगभग 290 किलोमीटर झारखण्ड में प्रवाहित होने के बाद पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर 240 किलोमीटर प्रवाहित होकर हुगली नदी के समुद्र में गिरने के पहले हुगली नदी में समा जाती है। इसका उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व में झारखण्ड में है। इसकी सहायक नदी कोनार, जामुनिया हैं।
17. ब्रह्मपुत्र नदी – लम्बाई (2,880 किमी.)
उत्तरपूर्व भारत की जीवन रेखा ब्रह्मपुत्र भारत की एक प्रमुख नदी है। जो तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। तिब्बत में इसे यरलुङ त्सङ्पो कहा जाता है।ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के उत्तर में तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट से निकलकर तिब्बत में बहते हुए यह नदी भारत के अरुणांचल प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है। जहां इसे सियांग कहते हैं। उंचाई को तेजी से छोड़ यह मैदानों में दाखिल होती है, जहां इसे दिहांग नाम से जाना जाता है। असम में नदी काफी चौड़ी हो जाती है और कहीं – कहीं तो इसकी चौड़ाई 10 किलोमीटर तक है।
डिब्रूगढ तथा लखिमपुर जिले के बीच नदी दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है। असम में ही नदी की दोनो शाखाएं मिल कर मजुली द्वीप बनाती है जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी – द्वीप है। आसाम घाटी में बहते हुए इसे ब्रह्मपुत्र और फिर बांग्लादेश में प्रवेश करने पर इसे जमुना कहा जाता है। पद्मा (गंगा) से संगम के बाद इनकी संयुक्त धारा को मेघना कहा जाता है, जो कि सुंदरबन डेल्टा का निर्माण करते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। इसका उद्गम स्थल मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो) में हैं। इसकी सहायक नदी घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा हैं।
18 महानदी – लम्बाई (890 किमी.)
छत्तीसगढ़ की गंगा कहे जाने वाले महानदी, छत्तीसगढ़ तथा ओड़िशा राज्य की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। इसकी सहायक नदी सहायक नदी शिवनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी हैं।
सिहावा से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोढुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रूप धारण कर चुकी होती है। ऐतिहासिक नगरी आरंग और उसके बाद सिरपुर में वह विकसित होकर शिवरीनारायण में अपने नाम के अनुरुप महानदी बन जाती है। महानदी की धारा इस धार्मिक स्थल से मुड़ जाती है और दक्षिण से उत्तर के बजाय यह पूर्व दिशा में बहने लगती है। संबलपुर में जिले में प्रवेश लेकर महानदी छत्तीसगढ़ से बिदा ले लेती है। अपनी पूरी यात्रा का आधे से अधिक भाग वह छत्तीसगढ़ में बिताती है।
संबलपुर में इस नदी पर निर्मित हीराकुंड बाँध दुनिया के सबसे बड़े बांधों में से एक हैं। बाँध के बाद महानदी दक्षिण में घुमावदार रास्ते से होते हुए वनाच्छादित महाखड्ड के ज़रिये पूर्वी घाट को पार करती हुई पूर्व की ओर मुड़कर यह कटक के पास उड़ीसा के मैदान में प्रवेश करती है। महानदी का डेल्टा कटक नगर से लगभग सात मील पहले से शुरू होता है। यहाँ से यह कई धाराओं में विभक्त हो जाती है तथा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
19. वैतरणी नदी – लम्बाई (333 किमी.)
वैतरणी नदी भारत की ओड़िशा राज्य में बहने वाली छह प्रमुख नदियों में से सबसे प्रमुख और पवित्र है। इसलिए इसे ओडिशा की गंगा भी कहा जाता हैं। यह नदी केन्दुझर ज़िले की गुप्तगंगा पहाड़ियों में गोनासिका से उत्पन्न होती है। अपने उद्गम स्थल से निकलकर यह नदी ब्राह्मणी नदी के साथ मिलकर बहते हुए बालेश्वर ज़िले में धामरा के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
20 स्वर्ण रेखा – लम्बाई (480 किमी.)
स्वर्ण रेखा भारत की प्रमुख नदियों में से एक हैं। भारत का प्रसिद्ध एवं पहला लोहे तथा इस्पात का कारखाना इसके किनारे स्थापित हुआ था। उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार उड़ीसा में हैं। अपने उद्गम स्थल से निकलकर उत्तर पूर्व की ओर बढ़ती हुई मुख्य पठार को छोड़कर झरने के रूप में गिरती है। इस झरना को हुन्डरु जलप्रपात कहते हैं। झरने के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिंदुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुड़कर सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में प्रविष्टि होती है। इस जिले के पश्चिमी भूभाग के जंगलों में बहती हुई बालेश्वर जिले में पहुँचती है। यह पूर्व पश्चिम की ओर टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई बालेश्वर नामक स्थान पर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
21. गोदावरी नदी – लम्बाई (1,450 किमी.)
दक्षिणी की गंगा गोदावरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है। यह नदी दूसरी प्रायद्वीपीय नदियों में से सबसे बड़ी नदी है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट में त्रयंबक पहाड़ी से हुई है। इसकी सहायक नदियों में प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा हैं। यह महाराष्ट से निकल कर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राजहमुन्द्री शहर के समीप बंगाल की खाड़ी मे जाकर मिलती है। गोदावरी नदी दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट से लेकर पूर्वी घाट तक प्रवाहित होती है। जो नासिक त्रयंबक गाँव की पृष्ठवर्ती पहाड़ियों में स्थित एक बड़े जलागार से निकलती है।
मुख्य रूप से नदी का बहाव दक्षिण-पूर्व की ओर है। ऊपरी हिस्से में नदी की चौड़ाई एक से दो मील तक है, जिसके बीच-बीच में बालू की भित्तिकाएँ हैं। समुद्र में मिलने से 60 मील पहले ही नदी बहुत ही सँकरी उच्च दीवारों के बीच से बहती है। बंगाल की खाड़ी में दौलेश्वरम् के पास डेल्टा बनाती हुई यह नदी सात धाराओं के रूप में समुद्र में गिरती है। भारत की प्रायद्वीपीय नदियाँ गोदावरी और कृष्णा, ये दोनों मिलकर कृष्णा-गोदावरी डेल्टा का निर्माण करती हैं, जो सुन्दरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा डेल्टा है। इस डेल्टा को बहुधा केजी डेल्टा भी कहा जाता है।
22. कृष्णा नदी -लम्बाई (1,290 किमी.)
कृष्णा भारत में बहने वाली दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है। इसकी सहायक नदी में कुडाली, वेना, कोयना, पंचगंगा, दूधगंगा, तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मालप्रभा, मूसी और भीमा शामिल हैं। इसका उद्गम महाराष्ट्र राज्य में महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट श्रृंखला से होता है, यह पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है और फिर सामान्यतः दक्षिण-पूर्वी दिशा में सांगली से होते हुए कर्नाटक राज्य सीमा की ओर बहती है।
यहाँ पहुँचकर यह नदी पूर्व की ओर मुड़ जाती है और अनियमित गति से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य से होकर बहती है। फिर यह दक्षिण-पूर्व व फिर पूर्वोत्तर दिशा में घूम जाती है और इसके बाद पूर्व में विजयवाड़ा में अपने डेल्टा शीर्ष की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। कृष्णा के पास बड़ा और बहुत उपजाऊ डेल्टा है, जो पूर्वोत्तर में गोदावरी नदी क्षेत्र की ओर आगे बढ़ता जाता है।
23. कावेरी नदी – लम्बाई (760 किमी.)
दक्षिण भारत की प्रमुख नदी कावेरी, कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरी से निकली है। इसकी सहायक नदी में सिमसा, हेमावती, भवानी प्रमुख हैं। इसे बहुत पवित्र नदी माना जाता हैं। यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में कर्नाटक और तमिलनाडु से बहती हुई लगभग 760 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।कावेरी नदी के डेल्टा पर अच्छी खेती होती है। इसके पानी को लेकर दोनो राज्यों में विवाद है।
भारत की नदियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
- भारत की पवित्र नदी कौन-सी है— गंगा
- गंगा को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है— पद्मा
- गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त जलधारा किस नाम से जानी जाती है— मेघना
- भारत की कौन-सी नदी सुंदरवन डेल्टा बनाती है— गंगा व ब्रह्मपुत्र
- सांगपो नदी किस राज्य से होकर भारत में प्रवेश करती है— अरुणाचल प्रदेश
- तवा किसकी सहायक नदी है— नर्मदा
- किस नदी को बिहार का शोक कहा जाता है— कोसी
- कौन-सी नदी बगाल का शोक कही जाती है— दामोदर नदी
- कौन-सी नदी भ्रंश दोणी से होकर बहती है— नर्मदा
- हाल ही में केंद्र सरकार ने किस नदी को राष्ट्रीय दर्जा देने की घोषणा की है— गंगा
- प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है— गोदावरी
- भारत में बहने के अनुसार भारत की सबसे लंबी नदी कौन-सी है— गंगा
- कावेरी नदी कहाँ गिरती है— बंगाल की खाड़ी में
- पंजाब के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण नदी कौन-सी है— सिंधु
- कौन-सी नदी पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में गिरती है— नर्मदा
- कौन-सी दो नदियों की लंबाई लगभग समान है— सिंधु (2880 किमी) व ब्रह्मपुत्र (2900 किमी)
- कावेरी जल विवाद किन राज्यों के बीच है— कर्नाटक और तमिलनाडु
- किस नदी को वृहद् गंगा के नाम से जाना जाता है— गोदावरी
- कौन-सी नदी अपना मार्ग बदलने के लिए प्रसिद्ध है— कोसी
- कौनसी नदी ‘कपिल जलधारा प्रपात’ का निर्माण करती है— नर्मदा
- कौन-सी नदी ‘ओड़िशा का शोक’ कही जाती है— ब्राह्मणी
- वैन गंगा और पैन गंगा किस की सहायक नदी हैं— गोदावरी
- इंडोब्रह्मा है एक — पौराणिक नदी
- किस नदी पर सबसे लंबा सड़क पुल है— गंगा
- कौन-सी नदी विश्व का सबसे बड़ा द्वीप मजुली बनाती है— ब्रह्मपुत्र
- नर्मदा नदी का अधिकांश भाग भारत के किस राज्य में बहता है— मध्य प्रदेश
- नदियों को जोड़ने की योजना किसके शासन काल में प्रस्तातिव हुई— राजग सरकार
- कौन-सी नदी रिफ्ट घाटी से होकर बहती है— ताप्ती
- कौन-सी नदी पर भारत व पाकिस्तान का जल समझौता हुआ— सिंधु
- सिंधु समझौते के अनुसार भारत सिन्धु नदी के कितने % जल का प्रयोग कर सकता है— 20%
- प्रायद्वीपीय नदियों का उत्तर से दक्षिण की ओर क्रम क्या है— महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी एवं वैगाई
- कौन-सी नदी भारत के केवल जम्मू-कश्मीर राज्य से होकर बहती है— सिंधु नदी
- पंचगंगा तथा दूधगंगा किसकी सहायक नदियाँ है— कृष्णा नदी
- दामोदर नदी कहाँ से निकलती है— छोटा नागपुर के पठार से
- दक्षिणी भारत के पठारी प्रदेशों को कौन-सी नदी दो भागों में विभाजित करती है— नर्मदा नदी
- शिप्रा नदी किसकी सहायक नदी है— चंबल नदी
- भारत की कौन-सी नदी का मुहाना एवं उद्गम स्थल दोनों भारत में ही है— दक्षिण की ओर
- किस नदी के किनारे पर प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर है— नर्मदा नदी
- विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा किन नदियाँ द्वारा निर्मित होता हैं— गंगा एवं ब्रह्मपुत्र द्वारा
- किस स्थान पर भागीरथी और अलकनंदा मिलकर गंगा का निर्माण करती है— देवप्रयाग में
- अरावली पर्वत श्रृंखला किस नदी प्रणाली से विभाजित होती है— चंबल एवं साबरमती
- लूनी नदी कहाँ गिरती है— कच्छ का रन
- तिब्बत में मानसरोवर झील के पास से कौन-सी नदियां निकलती हैं— सतलज, सिंधु, ब्रह्मपुत्र
- कौन-सी मुख्य प्रायद्वीपीय नदियां डेल्टा का निर्माण नहीं करती हैं— नमर्दा एवं ताप्ती
- कौन-सी नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है— ब्रह्मपुत्र
- किस नदी को दूसरी गंगा के नाम से जाना जाता है— कावेरी नदी को
- पेन्नार की सहायक नदियाँ कौन-सी है— पापाधनी एवं चित्रावती
बड़ी चूक, इसमें नर्मदा का विवरण ही नहीं है।
कृपया ध्यान से पढ़े नर्मदा नदी का विवरण भी दिया गया है।