महाद्वीप क्या है देखे पूरी जानकारी
साधारण तौर पर मनुष्य की दृष्टि में ये महाद्वीप स्थिर हैं, लेकिन वास्तव में ये गतिमान हैं और एक दूसरे से अलग होते जा रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाद्वीप महासागरों की अपेक्षा हलकी चट्टानों से बने हैं, जो सागरों की भारी तली पर तैर रहे हैं। पृथ्वी के जो 7 सबसे बड़े ठोस सतह के टुकड़े हैं उन्हें महाद्वीप कहा गया है और उन्हें अलग – अलग नाम भी दिया गया है जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं। ये नाम कौन कौन से है इसके लिए आइये देखते हैं महाद्वीप क्या है और ये कैसे बनता है? विश्व में कितने महाद्वीप और कौन कौन से है?
महाद्वीप क्या है?
महाद्वीप क्या है- महाद्वीप एक विस्तृत जमीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देते हैं। एक महाद्वीप धरती का बहुत बड़ा विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके। पृथ्वी के जो 7 सबसे बड़े ठोस सतह के टुकड़े हैं उन्हें महाद्वीप कहा गया है।
महाद्वीप कैसे बनता है?
बीसवीं सदी के दौरान, भूविज्ञानिकों नें प्लेट टेक्टॉनिक सिद्धांत को स्वीकार किया है जिसके अनुसार महाद्वीप पृथ्वी के उपरी सतह पर सरकते हैं, जिसे कॉन्टिनेन्टल ड्रीफ़्ट कहते है। पृथ्वी की सतह पर सात बड़े और कई छोटे टेक्टॉनिक प्लेट होते है। और यही टेक्टॉनिक प्लेट्स एक दूसरे से दूर होते हैं टूट कर अलग होते हैं, जो समय बीतते महाद्वीप बन जाते हैं।
ये तो हो गया महाद्वीप क्या है और कैसे बनता है। अब आइये देखते हैं विश्व के सात महाद्वीपों की पूरी विस्तृत जानकारी…
विश्व के सात महाद्वीप
1. एशिया महाद्वीप (5,45,79,000 वर्ग किमी.)
उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित एशिया महाद्वीप क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों ही लिहाज से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। 5,45,79,000 वर्ग किमी. के विशाल क्षेत्रफल में फैले एशिया महाद्वीप में ही कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म हुआ। जिनमे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि प्रमुख है।
चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी इसी महाद्वीप पर हैं। इसके साथ ही यह खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को भी अपने साथ समेटे हुए है। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। एशिया की अर्थव्यवस्था यूरोप के बाद विश्व की, क्रय शक्ति के आधार पर, दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एशिया की अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत लगभग 4 अरब लोग आते हैं, जो विश्व जनसंख्या का 80 % है। एशिया वर्तमान में विश्व का सबसे तेज़ी उन्नति करता हुआ क्षेत्र है।
एशिया महाद्वीप की महत्वपूर्ण जानकारी
- एशिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं है कमशः चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और सिंगापुर और इंडोनेशिया हैं।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 29.50% है।
- एशिया का सबसे बड़ा देश चीन है। एशिया महाद्वीप का सबसे छोटा देश मालद्वीप है।
- इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी यांगटिसीक्यांग है।
- एशिया महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एवरेस्ट (8848 मी) है।
- इस महाद्वीप पर कुल 48 देश हैं।
- एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी झील कैस्पियसन सागर है।
- एशिया महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु मृतसागर (395 मी) है।
- यह विश्व के कुल स्थल क्षेत्र के 1/3 भाग पर स्थित है। यहां की 3/4 जनसख्या अपने भरण-पोषण के लिए कृषि पर निर्भर है।
- एशिया चावल, मक्का, जूट, कपास, सिल्क इत्यादि के उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है।
2. अफ्रीका महाद्वीप (3,02,21,532 वर्ग किमी.)
अफ़्रीका एशिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। अफ्रीका ऊँचे पठारों का महाद्वीप है, इसका निर्माण अत्यन्त प्राचीन एवं कठोर चट्टानों से हुआ है। अफ्रीका महादेश का धरातल प्राचीन गोंडवाना लैंड का ही एक भाग है। बड़े पठारों के बीच अनेक छोटे – छोटे पठार विभिन्न ढाल वाले हैं। अफ्रीका महाद्वीप के चारो ओर संकरे तटीय मैदान हैं जिनकी ऊँचाई 180 मीटर से भी कम है। भूमध्य सागर एवं अन्ध महासागर के तटों के समीप अपेक्षाकृत चौड़े मैदान हैं
अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप , पश्चिम में अंध महासागर , दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। 3,02,21,532 वर्ग किमी. के विशाल क्षेत्रफल में फैले अफ्रीका महाद्वीप पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है।
इस महाद्वीप में विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का विकास हुआ था। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। एक ओर सहारा मरुस्थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है।
अफ्रीकी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और सबसे अधिक विविधता वाली संस्कृति है। अफ्रीका के भोजन और पेय में अपनी स्थानीय पहचान के साथ साथ उपनिवेशीय खाद्य परंपराओं की झलक देखी जा सकती है। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण होते हुए भी अफ्रीका विश्व का सबसे दरिद्र और सबसे अविकसित भू – भाग है। महाद्वीप की अधिकांश जनसंख्या आज भी अशिक्षित है, अफ्रीका का इतिहास भयंकर महामारियों जैसे मलेरिया, एच. आई. वी., सैनिक विद्रोह, जातीय हिंसा आदि घटनाओं से भरा हुआ है।
अफ्रीका महाद्वीप के महत्वपूर्ण जानकारी
- अफ्रीका दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 20.20% है।
- अफ्रीका का सबसे बड़ा देश अल्जीरिया है।
- इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश मेओटी है।
- इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी नील है।
- अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट किलीमंजारो (5895 मी) है।
- अफ्रीका महाद्वीप की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया है।
- इस महाद्वीप पर कुल 54 देश हैं।
- इस महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु असाई झील (156 मी) है।
- अफ्रीका का 1/3 हिस्सा मरुस्थल है। यहां की मात्र 10% भूमि ही कृषि योग्य है।
- हीरे व सोने के उत्पादन में अफ्रीका सबसे ऊपर है। यहाँ खारे पानी की कई झीलें हैं जिन्हें शॉट कहते हैं।
- यह 37° 14 ‘ उत्तरी अक्षांश से 34° 50 ‘ दक्षिणी अक्षांश एवं 17° 33 ‘ पश्चिमी देशांतर से 51° 23 ‘ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है।
3. उत्तरी अमेरिका महाद्वीप (24,709,000 वर्ग किमी.)
उत्तरी अमेरिका क्षेत्रफल के हिसाब से एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है और एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बाद जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। उत्तरी अमेरिका उत्तरी गोलार्ध में एक महाद्वीप है और लगभग पूरी तरह से पश्चिमी गोलार्ध के भीतर है। 24,709,000 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैले उत्तरी अमेरिका महाद्वीप सीमा उत्तर में आर्कटिक महासागर से, पूर्व में अटलांटिक महासागर से दक्षिण – पूर्व में दक्षिण अमेरिका और कैरेबियन सागर से, और पश्चिम और दक्षिण में प्रशांत महासागर से लगती है। क्योंकि यह उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेट पर है।
यूरोप के अमेरिका के उपनिवेशीकरण के कारण, अधिकांश उत्तरी अमेरिकी अंग्रेजी, स्पेनिश या फ्रेंच जैसी यूरोपीय भाषाएं बोलते हैं, और उनकी संस्कृतियां आमतौर पर पश्चिमी परंपराओं को दर्शाती हैं। अक्टूबर 2016 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा उत्तरी अमेरिका की प्रति व्यक्ति जीडीपी का मूल्यांकन $ 41,830 किया गया, जिससे यह दुनिया का सबसे धनी महाद्वीप बन गया, इसके बाद ओशिनिया है। कनाडा, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका में महत्वपूर्ण और बहुआयामी आर्थिक प्रणालियाँ हैं।
उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के महत्वपूर्ण जानकारी
- यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 16.05% है।
- उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा देश कनाडा है।
- इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश सेण्ट पीरे है।
- लइस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी मिसीसिपी मिसौ है।
- उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट माउंट मैकिल्ले (6194 मी) है।
- इस महाद्वीप की सबसे बड़ी झील सुपीरियर है।
- उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु डैथ वैली (86 मी) है।
- यह दुनिया के 16% भाग पर स्थित है।
- इस महाद्वीप पर कुल 23 देश हैं।
- कृषीय संसाधनों की दृष्टिकोण से यह काफ़ी धनी क्षेत्र है।
- विश्व के कुल मक्का उत्पादन का आधा उत्पादन यहीं होता है।
- वन, खनिज व ऊर्जा संसाधनों के दृष्टिकोण से यह काफ़ी समृद्ध क्षेत्र है।
- ग्रीनलैंड को भौगोलिक रूप से उत्तरी अमेरिका के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है।
4. दक्षिण अमेरिका महाद्वीप (1,78,40,000 वर्ग किमी.)
विश्व का यह चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग 6 गुना बड़ा है। जो उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर – पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं। भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है।
1,78,40,000 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैले दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग 7200 किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई 5120 किलोमीटर है। 32000 किलोमीटर लम्बे समुद्रतट वाले इस महाद्वीप का समुद्री किनारा सीधा एवं सपाट है, तट पर द्वीप, प्रायद्वीप तथा खाड़ियाँ कम हैं जिससे अच्छे बन्दरगाहों का अभाव है। खनिज तथा प्राकृतिक सम्पदा में धनी यह महाद्वीप गर्म एवं नम जलवायु, पर्वतों, पठारों घने जंगलों तथा मरुस्थलों की उपस्थिति के कारण विकसित नहीं हो सका है।
दक्षिणी अमरीका के निवासियों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि और पशुपालन है। कृषि महाद्वीप के केवल पाँच प्रतिशत भाग में होती है। महाद्वीप के दो बड़े देश ब्राज़ील और अर्जेटीना कृषि में अग्रणी है। कृषि योग्य भूमि के लगभग आधे भाग में खाद्यान्नों की उपज होती है एवं शेष आधे भाग में अन्य व्यापारिक एवं औद्योगिक कच्चे मालों का उत्पादन होता है। गेहूँ प्रमुख खाद्यान्न है जिसकी उपज का 60 प्रतिशत भाग निर्यात कर दिया जाता है। कहवे की उपज इस महाद्वीप में सबसे अधिक होती है
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के महत्वपूर्ण जानकारी
- यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 11.80% है।
- दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा देश ब्राजील है।
- इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश फॉकलैंड द्वीप है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी अमेजन है।
- इस महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एन्काकागुआ (6906 मी) है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु बाल्डस प्रायद्वीप (40 मी) है।
- इस महाद्वीप का 2/3 हिस्सा विषुवत रेखा के दक्षिण में स्थित है।
- इसके बहुत बड़े हिस्से में वन हैं।
- दक्षिण अमेरिका खनिज पदार्थों की दृष्टि से विपन्न
- यहाँ विश्व की सबसे लम्बी पर्वत श्रेणी एण्डीज पर्वतमाला एवं सबसे ऊँची टीटीकाका झील हैं।
- भूमध्यरेखा के समीप पेरू देश में चिम्बोरेजो तथा कोटोपैक्सी नामक विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत हैं जो लगभग 6096 मीटर ऊँचे हैं।
- 7200 किलोमीटर लम्बी यह विश्व की सबसे लम्बी पर्वतमाला हिमालय के बाद सबसे ऊँची पर्वत शृंखला भी है।
- इसमें अनेक ऊँची-ऊँची पर्वत श्रेणियाँ, पठार, तथा ज्वालामुखी शिखर पाये जाते हैं।
- संसार का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत कोटोपैक्सी (5970 मीटर) इसी भाग में स्थित है।
- इस पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी अकाकागुआ ( 6969 मीटर ) सदैव बर्फ से ढकी रहती है।
5. अंटार्कटिका महाद्वीप (14,000,000 वर्ग किमी.)
अंटार्कटिका दुनिया के सात महाद्वीपों में से एक बर्फीला महाद्वीप है। 14,000,000 वर्ग किमी. में फैले अंटार्कटिका महाद्वीप सातो महाद्वीपों में से सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका महाद्वीप है। वह सबसे दुर्गम तथा मानव बस्तियों से सबसे दूर स्थित जगह भी है। वह साल के लगभग सभी महीनों में दुनिया के सबसे अधिक तूफानी समुद्रों और बर्फ के बड़े-बड़े तैरते पहाड़ों से घिरा रहता है। यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं
अन्टार्टिका या अंटार्कटिका पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर ( 54 लाख वर्ग मील ) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98 % भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है।
सन् 1774 में अंग्रेज अन्वेषक जेम्स कुक अंटार्कटिका वृत्त के दक्षिण में किसी भूभाग की खोज में निकल पड़ा उसे बर्फ की एक विशाल दीवार मिली। उसने अनुमान लगाया कि इस दीवार के आगे जमीन होगी। उसका अनुमान सही था, वह अंटार्कटिका की दहलीज तक पहुंच गया था। पर स्वयं अंटार्कटिका पर पैर रखने के लिए मनुष्य को 75 साल और लगे। पूरे अंटार्कटिका महाद्वीप में मात्र 70 प्रकार की जीवधारिया खोजी गई हैं इनमें से 44 कीड़े – मकोड़े हैं अंटार्कटिका में कोई स्थलीय स्तनधारी प्राणी नहीं हैं, पर बहुत से समुद्री स्तनधारी उसके तटों पर विश्राम करने आते हैं।
अंटार्कटिका महाद्वीप का अधिकांश भाग पर्वतों के उभरे हुए कंधों और चोटियों से बना हुआ है। इस महाद्वीप में लगभग मात्र 2,000 वर्ग किलोमीटर खुली जमीन है साल में केवल 20 ही दिन तापमान शून्य से ऊपर रहता है। पृथ्वी की सतह पर मापा गया सबसे कम तापमान भी अंटार्कटिका में ही मापा गया। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल हैं।
1959 में बारह देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, आज तक छियालीस देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। संधि महाद्वीप पर सैन्य और खनिज खनन गतिविधियों को प्रतिबन्धित करने के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और इस महाद्वीप के पारिस्थितिक क्षेत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न अनुसंधान उद्देश्यों के साथ वर्तमान में कई देशों के लगभग 4,000 से अधिक वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। अंटार्कटिक में पहला भारतीय अभियान दल जनवरी 1982 में उतरा और तब से भारत ध्रुवीय विज्ञान में अग्रिम मोर्चे पर रहा है।
दक्षिण गंगोत्री और मैत्री अनुसंधान केन्द्र स्थित भारतीय अनुसंधान केन्द्र में उपलब्ध मूलभूत आधार में वैज्ञानिकों को विभिन्न विषयों यथा वातावरणीय विज्ञान, जैविक विज्ञान और पर्यावरणीय विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान करने में सक्षम बनाया। इनमे से कई अनुसंधान कार्यक्रमों में अंटार्कटिक अनुसंधान संबंधी वैज्ञानिक समिति के तत्वावधान में सीधे वैश्विक परिक्षणों में योगदान किया है। अंटार्कटिका की गहराई में एक पुरानी झील है वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह इलाका धरती को बर्फ में जमने से बचा रहा है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का मानना है कि अंटार्कटिका की बर्फ और उसकी नीचे दबी झील धरती की गर्मी बचाए हुए है।
अंटार्कटिका महाद्वीप के महत्वपूर्ण जानकारी
- यह विश्व का पांचवा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 9.60% है।
- इस महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत विंसन मौसिफ़ है।
- अंटार्कटिका महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु बेन्द्रल बैंच (2853 मी) है।
- यह पूरी तरह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है और दक्षिण ध्रुव इसके मध्य में स्थित है।
- इस महाद्वीप का 99% हिस्सा वर्षपर्यन्त बर्फ़ से ढंका रहता है।
- यहां की भूमि पूरी तरह बंजर है।
- महाद्वीप के तटीय भागों में भारी हिमपात सामान्य बात है जहां 48 घंटे में 1.22 मीटर हिमपात दर्ज किया गया है।
- इसका कुल क्षेत्रफल 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है।
- अंटार्कटिका में बहुत कम बारिश होती है, इसलिए उसे ठंडा रेगिस्तान माना जाता है।
- सोवियत रूस द्वारा स्थापित वोस्टोक नामक शोधशाला में 24 अगस्त 1960 को तापमान 88.3 डिग्री सेल्सियस मापा गया।
6. यूरोप महाद्वीप (10,180,000 वर्ग किमी.)
यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के 10,180,000 वर्ग किमी. है जो पृथ्वी की सतह का 2 % और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग 6.8 % है। यूरोप के 50 देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप हैं।
उत्तर में आर्कटिक महासागर, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, भूमध्य सागर से घिरा है। दक्षिण में समुद्र और पूर्व में एशिया से। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है।
यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पूर्व में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। किसी भी अन्य महाद्वीप या उपमहाद्वीप की तुलना में इसका तट और भूभाग का अनुपात अधिक है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है।
यूरोप मुख्यतः शीतोष्ण जलवायु क्षेत्रों में से है। यूरोप की जलवायु गल्फ स्ट्रीम नामक इस समुद्री गर्म जलधारा के प्रभाव के कारण विश्व भर में एक ही अक्षांश पर स्थित अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम विषम है। लगभग 50 मिलियन वर्ष पहले से, समुद्र के बढ़ते और गिरते स्तर ने यूरोप के वास्तविक आकार और एशिया जैसे महाद्वीपों के साथ इसके संबंधों को निर्धारित किया है। यूरोप का वर्तमान स्वरूप लगभग पाँच मिलियन वर्ष पूर्व तृतीयक काल के अंत का है।
यूरोपीय संस्कृति पश्चिमी सभ्यता की जड़ है, जो प्राचीन ग्रीस और प्राचीन रोम में अपने वंश का पता लगाती है। यूरोप यूरेशियन भूभाग का पश्चिमी पाँचवाँ भाग बनाता है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं।
यूरोप महाद्वीप के महत्वपूर्ण जानकारी
- यूरोप एकमात्र ऐसा महाद्वीप है जहां जनसंख्या घनत्व अधिक होने के साथ-साथ समृद्धता भी है।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 6.50% है। इस महाद्वीप पर कुल 50 देश हैं।
- यूरोप का सबसे बड़ा देश रूस है।
- इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी है।
- इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी वोल्गा है।
- यूरोप महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एल्ब्रुस है।
- इस महाद्वीप की सबसे बड़ी झील लैडोगा है।
- यहां वन, खनिज, उपजाऊ मिट्टी व जल बहुतायत में है।
- यूरोप के महत्त्वपूर्ण खनिज संसाधन कोयला, लौह अयस्क, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस है।
7. ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप (8,600,000 वर्ग किमी.)
8,600,000 वर्ग किमी. के कुल भूमि क्षेत्र के साथ, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप पृथ्वी पर सबसे छोटा, सबसे निचला, सबसे सपाट और दूसरा सबसे शुष्क महाद्वीप (अंटार्कटिका के बाद) है। चूंकि ऑस्ट्रेलिया का देश ज्यादातर एक ही भूभाग पर है, जो महासागरों से घिरा होता है। पिछले 18,000 से 10,000 वर्षों के दौरान, बढ़ते समुद्र के स्तर ने तराई क्षेत्रों को बह निकला और महाद्वीप के को आज के निचले इलाकों में अर्ध – शुष्क मुख्य भूमि और न्यू गिनी और तस्मानिया के दो पहाड़ी द्वीपों में विभाजित कर दिया।
ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट का हिस्सा होने के कारण, पृथ्वी पर सबसे निचला, सबसे सपाट और सबसे पुराना भूभाग है और इसका अपेक्षाकृत स्थिर भूवैज्ञानिक इतिहास रहा है। महाद्वीप मुख्य रूप से इंडो – ऑस्ट्रेलियाई प्लेट पर बैठता है। अपनी टेक्टोनिक प्लेट पर अपने केंद्रीय स्थान के कारण, ऑस्ट्रेलिया में कोई सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र नहीं है, इस अंतर के साथ यह एकमात्र महाद्वीप है।
पापुआ न्यू गिनी, महाद्वीप के भीतर एक देश, दुनिया के सबसे सांस्कृतिक और भाषाई रूप से विविध देशों में से एक है। यह भी सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में से एक है। न्यूजीलैंड ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का हिस्सा नहीं है, बल्कि न्यूजीलैंड के अलग, जलमग्न महाद्वीप का हिस्सा है। न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों ओशियन उप – क्षेत्र का हिस्सा हैं, जिसे ऑस्ट्रेलिया के नाम से जाना जाता है, जिसमें न्यू गिनी मेलानेशिया में है।
1788 के बाद से ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति के पीछे प्राथमिक प्रभाव एंग्लो – सेल्टिक पश्चिमी संस्कृति रहा है, कुछ स्वदेशी प्रभावों के साथ। आने वाली शताब्दियों में जो विचलन और विकास हुआ है, उसके परिणामस्वरूप एक विशिष्ट ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति पैदा हुई है ।
ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के महत्वपूर्ण जानकारी
- ऑस्ट्रेलिया एकमात्र देश है जो सम्पूर्ण महाद्वीप पर स्थित है।
- इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 5.03% है।
- ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का सबसे बड़ा देश ऑस्ट्रेलिया है।
- इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश नौरु है।
- इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी मर्रे-डार्लिंग है।
- ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट कोस्यूूस्को है।
- इस महाद्वीप की सबसे बड़ी झील आयर है।
- ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु आयर झील (16 मी) है।
- यह देश पादपों, वन्यजीवों व खनिजों के मामल में समृद्ध है लेकिन जल की यहां काफ़ी कमी है।
महाद्वीप से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी
- ऑस्ट्रेलिया एक लघु महाद्वीप है।
- कभी – कभी ऐसा भी कहा जाता है कि महाद्वीप के बीच में बेसिन तथा बेसिन के दोनों ओर पर्वतमालाएँ भी होनी चाहिए, किंतु यूरेशिया इसका अपवाद है।
- अधिकतर महाद्वीप बड़े बड़े पर्वतों द्वारा सीमाबद्ध हैं।
- उपर्युक्त सात महाद्वीपों के अंतर्गत विश्व का 28 % भाग आता है।
- यूरोप को भौतिक दृष्टि से एशिया का ही भाग माना जा सकता है।
- अफ्रीका एवं यूरोप महाद्वीप एक दूसरे से जिब्राल्टर जलसंयोजक, बाब- अल मांदेब तथा स्वेज नहर द्वारा अलग होते हैं।
- अफ्रीका, यूरोप, एवं एशिया महाद्वीप चारों ओर से महासागरों द्वारा घिरे हैं। ये तीनों महाद्वीप उत्तर में केप चिल्यापिनस्क तथा दक्षिण में केप ऑफ गुड होप तक विस्तृत हैं । ये तीनों महाद्वीप भूखंड के 66 % भाग में विस्तृत हैं एवं इनमें विश्व की 7/8 जनसंख्या निवास करती है।
- विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट तथा सबसे गहरा स्थान मृतसागर एशिया में स्थित है।
- उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप अटलांटिक, प्रशांत तथा आर्कटिक महासागरों से घिरे हैं और पनामा नहर द्वारा विभक्त हैं।
- ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका दोनों महाद्वीप दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित हैं।
- ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप अटलांटिक, प्रशांत एवं हिंद महासागरों से घिरा तथा अंटार्कटिका, को छोड़कर यह सबसे विरल बस्ती वाला महाद्वीप है।
- अंटार्कटिका, यूरोप तथा आस्ट्रेलिया से बड़ा है, किंतु पूर्णरूपेण निर्जन है। इसके बारे में अभी तक यह निश्चित नहीं हो पाया है कि यह एक ही भूखंड है या बर्फ़।
उम्मीद है कि महाद्वीप क्या और ये कैसे बनता है? विश्व में कितने और कौन कौन से महाद्वीप है? विश्व के 7 महाद्वीपों की पूरी विस्तृत जानकारी, पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा। अगर आपको महाद्वीप क्या है से संबंधित आर्टिकल हेल्पफुल लगा हो तो अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे।
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