- भारत के महारत्न, नवरत्न, मिनिरत्न कंपनी
महारत्न का क्या अर्थ है? भारत के महारत्न कंपनी कौन कौन से है? भारत के नवरत्न कंपनी कौन कौन से है मिनिरत्न कंपनी की पूरी लिस्ट, भारत के महारत्न, नवरत्न, मिनिरत्न कंपनियों की दर्जा कैसे मिलती है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए आइये देखते हैं भारत के महारत्न, नवरत्न, मिनिरत्न कंपनी कौन कौन से है? देखे पूरी जानकारी क्या क्या है।
महारत्न कंपनी
भारत सरकार द्वारा इसकी स्थापना 2009 में की गयी। जिसका उद्देश्य बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों को अपने कारोबार का विस्तार करने तथा विश्व की बड़ी कंपनी के रूप में उभरने में समर्थ बनाना है। अभी वर्तमान में महारत्न कंपनियों की संख्या 10 है।
- सरकार की कमाई कैसे होती है ? सरकार के पास पैसा कंहा से आता है ?
- चिटफंड कम्पनी क्या है, ये निवेश कंहा करता है, इसमें पैसा क्यों फंसता हैं,
महारत्न कंपनी का दर्जा कैसे मिलता है ?
- नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
- भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना चाहिए।
- टैक्स देने के बाद पिछले तीन सालो के दौरान औसत सालाना शुद्ध लाभ 5,000 रु करोड़ से ज्यादा होना चाहिए।
- पिछले तीन सालों के दौरान औसत सालाना शुद्ध संपत्ति 15,000 रु करोड़ से ज्यादा होनी चाहिए।
- पिछले तीन सालो के दौरान औसत सालाना कारोबार 25,000 रु करोड़ से ज्यादा होना चाहिए।
- वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण उपस्थिति
- कारोबार विदेश में भी होना चाहिए।
भारत के महारत्न कंपनी कौन कौन से है ? देखे पूरी जानकारी
1. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
भारत सरकार ने भारत में भारी विद्युत उपस्करों के निर्माण के लिए भोपाल में एक कारखाने की स्थापना के लिए एसोसिएटेड इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज ( एईआई ) , ब्रिटेन के साथ 17 नवंबर , 1955 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। कंपनी को 29 अगस्त , 1956 को उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र में हेवी इलेक्ट्रिकल्स इंडिया लिमिटेड ( HIL ) के रूप में पंजीकृत किया गया था ।
पहला संयंत्र तिरुचिराप्पल्ली ( तमिलनाडु ) में उच्च दबाव बॉयलर के लिए , दूसरा संयंत्र स्टीम टर्बो जनरेटर और उच्च दबाव पंप और कंप्रेसर के लिए हैदराबाद (तेलंगाना) में दोनों चेकोस्लोवाकिया की सहभागिता से और तीसरा संयंत्र बड़े भाप टर्बो जनरेटिंग सेट और मोटर्स एवं टर्बाइन तथा जेनरेटर सहित हाइड्रो जनरेटिंग सेट के लिए यू.एस.एस.आर. सहभागिता के साथहरिद्वार (उत्तराखंड) में स्थापित किया गया।ये तीन नई परियोजनाएं हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (HIL) का हिस्सा थीं , जिनके लिए भोपाल में काम शुरू किया गया था।
सभी प्रारंभिक कार्य भोपाल से नवंबर 1964 तक किए गए । सरकार ने इन तीन इकाइयों की स्थापना और प्रबंधन के लिए एक अलग निगम बनाने का फैसला किया।इस प्रकार , भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड अस्तित्व में आया और औपचारिक रूप से 13 नवंबर , 1964 को BHEL के रूप में निगमित किया गया ।
2. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक ऐसी कंपनी है, जो भारत सरकार की तीसरी सबसे बड़ी एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है । भारत पेट्रोलियम को सरकार द्वारा नवरत्न का दर्जा प्राप्त हैं। इसका मुख्यालय मुम्बई हैं । जिसकी स्थापना 1952 में किया गया था। इसमें भारत सरकार का हिस्सा 52.98 % हैं। इस कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 12,171 हैं।
3. कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
कोल इंडिया लिमिटेड भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का महारत्न कम्पनीयों में से एक है । यह भारत और विश्व में भी सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है । यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है , जो कोयला मंत्रालय , भारत सरकार के अधीनस्थ है । यह कोयला खनन एवं उत्पादन में लगी कंपनी है ।
भारत में कोयले के खनन का इतिहास बहुत पुराना है । ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1774 में दामोदर नदी के पश्चिमी किनारे पर रानीगंज में कोयले का वाणिज्यिक खनन आरम्भ किया । भारत सरकार ने भारत की निजी कोयला खानों के राष्ट्रीयकरण का निर्णय लिया और दो चरणों में इसे पूरा किया । पहले कोककर कोयला खानों का 1971-72 में राष्ट्रीयकरण किया गया और 1973 में अकोककर कोयला खानों का
4. गेल (इंडिया) लिमिटेड (GIAL)
गेल ( इंडिया ) लिमिटेड को अगस्त , 1984 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ( एमओपी एण्ड एनजी ) के अधीन केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में किया गया था । प्रारंभ में कंपनी को हजीरा – विजयपुर – जगदीशपुर ( एचावीजे ) पाइपलाइन परियोजना के निर्माण , प्रचालन एवं अनुरक्षण का उत्तरदायित्व दिया गया था ।
गेल ( इंडिया ) लिमिटेड भारत की अग्रणी प्राकृतिक गैस कंपनी है यह देश के सभी भागों में फैले लगभग 13,340 किलोमीटर लंबा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क का स्वामित्व और प्रचालन करता है । यह पाइपलाइन के और अधिक विस्तार हेतु विविध पाइपलाइन परियोजनाओं के निष्पादन पर समवर्ती रूप से कार्य भी कर रहा है ।
5. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)
भारत सरकार की सबसे बड़ी एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है । इंडियन ऑयल को सरकार द्वारा महारत्न का दर्जा प्राप्त है । भारत मे इसका पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन मे कुल हिस्सा 47 % और तेल शोधन मे 40 % है ।
इंडियनऑयल भारत की अग्रणी राष्ट्रीय तेल कंपनी है और इसके व्यापारिक हित समस्त हाईड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में व्याप्त हैं- जिसमें तेलशोधन , पाइपलाइन परिवहन और पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन से लेकर कच्चे तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन , प्राकृतिक गैस और पेट्रो रसायनों का विपणन शामिल है ।
6. एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC)
एनटीपीसी का जब उत्तर प्रदेश में सिंगरौली में पहला पिटहैड सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हुआ उस दिन से आज तक एनटीपीसी ने एक लंबी दूरी तय की है । यह भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है जो एक महारत्न कंपनी बन गई ।
भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी , जिसकी संस्थापित क्षमता 65,810 मेगावाट है , की योजना वर्ष 2032 तक 130 गीगावाट क्षमता वाली कंपनी बनने की है । सन् 1975 में स्थापित एनटीपीसी का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी और सर्वोत्तम विद्युत उत्पादक कंपनी बनने की है ।
7. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC)
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड 23 जून 1993 से प्रारंभ हुई एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी है । इसे भारत के महारत्न कंपनियों में शामिल किया गया हैं। यह भारत मे कच्चे तेल के कुल उत्पादन मे 77 % और गैस के उत्पादन मे 81 % का योगदान करती है ।इसे 14 अगस्त 1956 को एक आयोग के रूप में स्थापित किया गया था । इस कंपनी में भारत सरकार की कुल इक्विटी हिस्सेदारी 74.14 % है ।
वैश्विक दृष्टि और उत्कृष्ट ध्येय वाली कंपनी , ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड, जो भारत में तेल और गैस के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ नौकरियाँ प्रदान करता है । मानव संसाधन विकास के प्रति अपने विविध और रोमांचक दृष्टिकोण के साथ , यह व्यावहारिक कार्य अनुभव के माध्यम से समकक्षों और वरिष्ठ सहयोगियों से शिक्षण प्राप्त करने का विशेष अवसर देता है
8. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
सेल का आरम्भ भारत की स्वतन्त्रता के साथ हुआ था । स्वतन्त्रता मिलने के पश्चात राष्ट्र निर्माताओं ने देश के तीव्र औद्योगिकीकरण के लिए आधारभूत सुविधाएँ जुटाने की परिकल्पना की । इस्पात क्षेत्र को आर्थिक विकास का साधन माना गया । और 19 जनवरी ,1954 को हिन्दुस्तान स्टील प्रा.लि. की स्थापना की गई। आज स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड को महारत्न कंपनी बनने का दर्जा प्राप्त हैं।
सेल भारत की सर्वाधिक इस्पात उत्पादन करने वाली कम्पनी है । यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है । कम्पनी में घरेलू निर्माण , इंजीनियरी , बिजली , रेलवे , मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष , दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं । यह भारत सरकार की पूर्ण – स्वामित्व प्राधिकरण है । यह भारत की सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों में से एक है ।
9. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL)
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का गठन 15 जुलाई , 1974 को किया गया था। एचपीसीएल एक महारत्न केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। जो भारत सरकार की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है । हिंदुस्तान पेट्रोलियम को सरकार द्वारा महारत्न श्रेणी में रखा | भारत में इसका पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन मे कुल योगदान 20.9 % और तेल शोधन मे 10.3 % है ।
10. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL)
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड भारतीय सरकारी स्वामित्व वाली इलेक्ट्रिक यूटिलिटी कंपनी है जिसका मुख्यालय गुरुग्राम में है। पावरग्रिड ट्रांसमिशन नेटवर्क पर भारत में उत्पन्न कुल बिजली का लगभग 50 % प्रसारित करता है। पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, एक शेड्यूल ‘ए’, गवर्नमेंट के महारत्न पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज है। जो 23 अक्टूबर 1989 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत शामिल किया गया था। पॉवरग्रिड, बिजली मंत्रालय के तहत काम करने वाली कंपनी देश की केंद्रीय ट्रांसमिशन उपयोगिता (सीटीयू) है, जो इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम की योजना, समन्वय और विकास के लिए जिम्मेदार है।
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नवरत्न कंपनी
सरकार द्वारा 1997 में भारत के सार्वजनिक क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों को नवरत्न की श्रेणी में लाया गया। इसमें उन सार्वजनिक कंपनियों को शामिल किया गया जिनमे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता है। नवरत्न कंपनी का दर्जा देंने का उद्देश्य बाजार में देश की कम्पनियों को वैश्विक दर्जा प्राप्त हो सके। वर्तमान में 14 कंपनियां को नवरत्न का दर्जा प्राप्त है।
नवरत्न कंपनी का दर्जा कैसे मिलता है ?
- मिनीरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
- इसके निदेशक मंडल के चार स्वतंत्र निदेशक होना आवश्यक है।
- ब्याज भुगतान से के बाद लाभ कंपनी का प्रॉफिट अधिक होना चाहिए।
- कंपनी की परफोर्मेंस अच्छी होनी चाहिए।
भारत के नवरत्न कंपनी कौन कौन से है? देखें पूरी जानकारी
1. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड , भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सैन्य एवं नागरिक उपकरण एवं संयंत्र निर्माणी कंपनी है । भारत सरकार द्वारा सन 1954 में सैन्य क्षेत्र की विशेष चुनौतीपूर्ण आवश्यकताएं पूरी करने हेतु रक्षा मन्त्रालय के अधीन इसकी स्थापना की गई थी इलेक्ट्रानिक उपकरण व प्रणालियों का विकास तथा उत्पादन देश में ही करने के उद्देश्य से इसका पहला कारखाना बंगलुरू में लगाया गया था , किन्तु आज यह अपनी नौ उत्पादन इकाईयों , कई क्षेत्रीय कार्यालय तथा अनुसन्धान व विकास प्रयोगशालाओं से युक्त सार्वजनिक क्षेत्र का एक विशाल उपक्रम है , जिसे अपने व्यावसायिक प्रदर्शन के फलस्वरूप भारत सरकार से नवरत्न उद्योग का दर्जा प्राप्त हुआ है ।
2. कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL)
यह भारत का एक सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है । इसका गठन कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत मार्च , 1988 में हुआ और इसने भारतीय रेल के उस समय विद्यमान 7 अन्तर्देशीय कंटेनर डिपो को लेकर नवम्बर , 1989 में कार्य करना आरम्भ किया । इस कम्पनी के गठन का उद्देश्य भारत के अन्तर्राष्ट्रीय एवं आन्तरिक कंटेनरीकृत कार्गो एवं व्यवसाय हेतु बहुविध यातायात संभारतंत्र को बढ़ावा देना था। और आज भारत के नवरत्नों में शामिल है।
3. इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL)
इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है जो पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन है । इसकी स्थापना 1965 में पेट्रोलियम शोधन संयंत्रों को इंजीनियरी एवं अन्य तकनीकी सेवाएँ देने के लिये की गयी थी । इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड अग्रणी डिजाइन और इंजीनियरी संगठनों में से एक है । अब नवरत्न कंपनियों में दर्जा प्राप्त है।
4. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड , भारत का एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान है , जो हवाई संयन्त्र निर्माण करता है । इसका मुख्यालय बंगलुरु में है । भूतपूर्व मैसूर राजसी राज्य एवं असाधारण दूरद्रष्टा उद्यमी श्री सेठ वालचन्द हीराचन्द के सहयोग से बेंगलूर में 23 दिसंबर 1940 को शुरू हुआ। देश की सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में सरकार की 89.97 फीसदी हिस्सेदारी है . 2007 में नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल करने वाली एचएएल उत्पादन के लिहाज से रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी है .
5. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)
MTNL को 1 अप्रैल, 1986 को भारत सरकार द्वारा दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता के उन्नयन, दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार करने, नई सेवाओं को पेश करने और दिल्ली और मुंबई के भारत के प्रमुख मेट्रो शहरों की दूरसंचार विकास आवश्यकताओं के लिए राजस्व जुटाने के लिए सेटअप किया गया था। MTNL दिल्ली और मुंबई के दो महानगरीय शहरों में फिक्स्ड लाइन दूरसंचार सेवा का प्रमुख प्रदाता है। MTNL को नवरत्न का दर्जा दिया गया है 1992 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज 2001 में सूचीबद्ध किया गया था।
6. नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)
नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड ( नालको ) खान मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न कंपनी है । इसकी स्थापना 7 जनवरी , 1981 को भुवनेश्वर में इसके पंजीकृत कार्यालय के साथ की गई थी । यह कंपनी खनन , धातु और विद्युत में एकीकृत और विविध प्रचालनों वाली एक श्रेणी ‘ ए ‘ का सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। वर्तमान में , भारत सरकार के पास नालको की 51.28 % इक्विटी है। नालको देश में एक वृहत्तम एकीकृत बॉक्साइट – एल्यूमिना एल्यूमिनियम – विद्युत संकुल है ।
7. एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड (NBCC)
एनबीसीसी ( इंडिया ) लिमिटेड जिसे इससे पूर्व नेशनल बिल्डिंग्स कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था शहरी विकास मंत्रालय , भारत सरकार के अधीन ब्लू चिप नवरत्न कंपनी है । एनबीसीसी पीएमसी के रूप में कई उल्लेखनीय परियोजनाओं का निष्पादन कर रही है जोकि वार्षिक राजस्व में 85 प्रतिशत का योगदान प्रदान करती है । कंपनी के सशक्त क्षमता वाले इस क्षेत्र में सड़के, अस्पताल तथा चिकित्सा महाविद्यालय , संस्थान , कार्यालय , विमानपत्तन पुल , औद्योगिक एवं पर्यावरणीय संरचनाएं आदि शामिल हैं ।
8. एनएमडीसी लिमिटेड (NMDCL)
भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में वर्ष 1958 में एनएमडीसी लिमिटेड की स्थापना हुई । यह भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है । लगातार लाभ कमाने तथा लाभांश का भुगतान करने वाली कंपनी है । कंपनी के विकासशील , सुदृढ़ और उत्कृष्ट निष्पादन की मान्यता के कारण सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा इसे 2008 में सार्वजनिक क्षेत्र के नवरत्न ” उद्यम की श्रेणी प्रदान की गई ।
9. एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL)
एनएलसी इंडिया लिमिटेड का पहले नैवेली लिग्नाइट कारपोरेशन लिमिटेड नाम था। भारत सरकार की नवरत्न कम्पनी है । यह लिग्नाइट का खनन करती है । यह लिग्नाइट कोयले की सबसे बड़ी खदान है तथा तमिलनाडु मे स्थित है। ये भारत सरकार की नवरत्नों की कंपनियों में मुनाफे वाली कंपनी हैं।
10. ऑयल इंडिया लिमिटेड( OIL)
पूर्वोत्तर भारत के नए खोजे गए तेल क्षेत्रों का विस्तार और विकास करने के लिए 18 फरवरी , 1959 को ऑयल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई । वर्ष 1961 में यह भारत सरकार और बर्मा ऑयल कंपनी लिमिटेड , यू.के. का संयुक्त उद्यम बना । वर्ष 1981 में यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला उद्यम हो गया । वर्तमान में ऑयल कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस के अन्वेषण विकास और उत्पादन कच्चा तेल के परिवहन एवं एलपीजी के उत्पादन के व्यवसाय में लगी भारत की प्रमुख राष्ट्रीय तेल कंपनी है ।
11. पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड( PFC)
16 जुलाई , 1986 को स्थापित , पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, देश का अग्रणी गैर – बैंकिंग वित्तीय निगम है । पीएफसी का पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है और क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई एवं चेन्नै में स्थित है । पीएफसी विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है । पीएफसी को जून , 2007 में नवरत्न सीपीएसई तथा 28 जुलाई , 2010 को आरबीआई द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तीय कंपनी का दर्जा दिया गया।
12. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL)
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड , विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र की कॉर्पोरेट इकाई इस्पात मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम है । विशाखापत्तनम स्टील प्लांट को विजाग स्टील कहा जाता है । यह देश का पहला तट आधारित इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट है और यह ग्राहकों को खुश करने वाले अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के लिए जाना जाता है ।
13. ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (RECL)
रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड , सार्वजनिक क्षेत्र का एक नवरत्न कंपनी है। विद्युत क्षेत्र के विकास , विशेषकर ग्रामीण विद्युतीकरण , में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है । आरईसी को जुलाई , 1969 में निगमित किया गया , जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विद्युतीकरण की योजनाओं को वित्तपोषित करना था। कारोबार के संचालन और विकास के लिए भारत में 18 परियोजना कार्यालय और 5 आंचलिक कार्यालय है।
14. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
शिपिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को अक्टूबर 1961 को शिपिंग कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड को भारत में शिपिंग की पहली सार्वजनिक कंपनी के रूप में पूर्वी शिपिंग कॉर्पोरेशन और वेस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन में शामिल किया गया था। 2000 भारत सरकार ने पूंजी निवेश के लिए कंपनी की बोर्ड शक्तियों को बढ़ाने के लिए ‘मिनी रत्न’ का दर्जा दिया।
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मिनिरत्न कंपनी
भारत सरकार ने मिनीरत्न कंपनी की शुरुआत 2002 में की थी। मिनीरत्न कंपनियों को के साथ संयुक्त उद्यमों में प्रवेश करने की अनुमति है, और वे कुछ सीमाओ के अंदर विदेशी कार्यलय भी खोल सकते है, मिनीरत्न कंपनियों को दो वर्गों में बाटा गया है, श्रेणी-1 और श्रेणी -2 तो आये देखते है कौन कौन से कंपनी कौन कौन से श्रेणी में है।
मिनिरत्न कंपनी श्रेणी – 1
मिनीरत्न कंपनी श्रेणी 1 बनने के लिए कंपनी के पास पिछले तीन वर्षों से निरंतरता लाभ कमाया होना चाहिये तथा तीन साल में एक बार 30 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया जाना चाहिए। इस तरह कोई भी कंपनी इन मापदंडों को पूरा करते हुए मिनिरत्न श्रेणी -1 में आ सकता हैं।
मिनिरत्न श्रेणी 1 में कौन कौन से कंपनी है ?
1 भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
- एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- बाल्मर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड
- भारत कोकिंग कोल लिमिटेड
- भारत डायनेमिक्स लिमिटेड
- BEML लिमिटेड
- भारत संचार निगम लिमिटेड
- ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड
- सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन
- सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड
- चेन्नई पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड
- कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड
- ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
- EDCIL (इंडिया) लिमिटेड
- कामराजार पोर्ट लिमिटेड
- गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड
- गोवा शिपयार्ड लिमिटेड
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड
- HLL लाइफकेयर लिमिटेड
- हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड
- हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड
- एचएससीसी (इंडिया) लिमिटेड
- भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड
- भारतीय दुर्लभ पृथ्वी लिमिटेड
- भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड
- भारतीय रेलवे वित्त निगम लिमिटेड
- भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड
- भारत व्यापार संवर्धन संगठन
- IRCON इंटरनेशनल लिमिटेड
- KIOCL लिमिटेड
- मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड
- महानदी कोलफील्ड्स
34: मैंगनीज अयस्क (इंडिया) लिमिटेड
- मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड
- मिश्रा धातू निगम लिमिटेड
- एमएमटीसी लिमिटेड
- एमएसटीसी लिमिटेड
- राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड
- नेशनल स्माल इंडस्ट्री कारपोरेशन लिमिटेड
- नेशनल सीड्स कारपोरेशन
- NHPC लिमिटेड
- नॉर्थन कोलफील्ड लिमिटेड
- नॉर्थ इस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड
- नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड
- ONGC Videsh Limited
- पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड
- रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
- प्रोजेक्ट एंड डेवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड
- रेल विकास निगम लिमिटेड
- राष्ट्रीय रसायन एवं उर्वरक लिमिटेड
- राइट्स लिमिटेड
- एसजेवीएन लिमिटेड
- सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
- साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
- स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड।
- दूरसंचार कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड
- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड
- वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
- WAPCOS लिमिटेड
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मिनीरत्न कंपनी श्रेणी-2
भारत सरकार के मिनिरत्न श्रेणी 2 कंपनी ऐसे कंपनी को शामिल किया जाता है जो कंपनी द्वारा पिछले तीन साल से लगातार लाभ कमाया हो और उसकी नेट वर्थ सकारात्मक हो। इस तरह कंपनी मिनिरत्न श्रेणी 2 में शामिल हो सकता हैं।
मिनिरत्न श्रेणी 1 में कौन कौन से कंपनी है ?
- आर्टिफिशियल लिम्बस मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया
- भारत पंप्स एंड कंप्रेशर्स लिमिटेड
- ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स लिमिटेड
- सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड
- सेंट्रल Railside Warehouse Company Limited
- इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड
- FCI आरावली जिप्सम एंड मिनरल्स इंडिया लिमिटेड
- Ferro Scrap Nigam Limited
- HMT (International) Limited
- Indian Medicines & Pharmaceuticals Corporation
- MECON Limited
- खनिज अन्वेषण कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड
- PEC Limited
- राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड
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