स्वामी विवेकानंद के विचार | सफल होने के लिए जरूरी 50 अनमोल विचार
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स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

युगपुरुष स्वामी विवेकानंद की दी गयी गई सीख और प्रेरणा और उनके अनमोल विचार वाकई किसी भी इंसान को न सिर्फ सफल बल्कि सफलता की उस शिखर तक पहुंचा सकती है। जंहा सभी के सपने सजते हैं। युवावस्था में ही वो इतना कुछ कह गए और कर गए कि इतिहास वर्तमान और भविष्य उन्हें प्रणाम करता रहेगा। आइए देखें और अमल में लाएं ऐसे युगपुरुष के अनमोल विचारों को जिनका पालन वो भी करते थे।

सफल होने के लिए जरूरी 50 अनमोल विचार

स्वामी विवेकानंद के विचार | सफल होने के लिए जरूरी 50 अनमोल विचार

  • जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
  • जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
  • एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
  • जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है, पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है।
  • दिल और दिमाग में जब लड़ाई हो तो दिल की सुनो।
  • किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
  • पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार लिया जाता है।
  • उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।

  • खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
  • जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
  • भरोसा भगवान पर है तो जो लिखा है तक़दीर में वही पाओगे, भरोसा खुद पर है तो भगवान वही लिखेगा जो आप चाहोगे।
  • संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका हैं, असंभव के आगे निकल जाना।
  • विचार इंसान को महान बनाते हैं, और विचार ही इंसान को नीचे गिराते हैं।
  • नाम और पहचान भले ही छोटी हो, मगर अपनी होनी चाहिए।
  • कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बडा नही, हारा वही जो लड़ा नही।
  • जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वहीं वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।

  • एक रास्ता खोजो उस पर विचार करो। विचार को जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो। सपना देखो, जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो। सफलता का यही रास्ता है।
  • सोच भले ही नयी रखो मगर संस्कार हमेशा पुराने होने चहिये।
  • अगर आपके दिल और दिमाग के बिच संघर्ष चल रहा हो, तो हमेशा अपने दिल की सुने।
  • आप जोखिम लेने से भयभीत न हो  यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते हैं, यदि हारते हैं, तो आप दूसरों का मार्गदर्शन कर विचार मंथन करते हैं।
  • पीछे मत देखो न नाम के लिए, न यश के लिए।
  • जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमे बसता हैं।
  • हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं।
  • हौसलों के तरकश में कोशिशों का वो तीर जिंदा रखो, हार जाओ चाहे सब कुछ मगर फिर से तुम अपनी अंतःस्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ।

  • लोग जब पूछते है कि आप क्या काम करते हो? असल मे वो हिसाब लगाते है कि आपको कितनी ” इज्जत ” देनी है।
  • समय बहते पानी जैसा है। आप एक ही पानी को फिर से नहीं छू सकते, जो एक बार बीत गया सो बीत गया।
  • जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
  • ज्ञान धन से उत्तम है क्योंकि धन की तुम्हें रक्षा करनी पड़ती है मगर ज्ञान तुम्हारी रक्षा करता है।
  • एक समय आता हैं, जब मनुष्य अनुभव करता है कि थोड़ी-सी मनुष्य की सेवा करना लाखों जप-ध्यान से कहीं बढ़कर है।
  • जैसा तुम सोचोगे, वैसे ही बन जाओगे खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
  • उन विचारों और ज्ञान को स्वीकार करने की आवश्यकता है जो आपको मजबूत बनाते हैं, और उन विचारों को दूर करने की जरुरत हैं जो आपको कमजोर करते हैं।
  • जीवन में सफलता के लिये, हमेशा हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।
  • किसी भी इंसान की इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प उसे भिखारी से राजा बना सकती है।
  • ख्वाहिशें चाहे छोटी ही क्यों ना हो मगर उन्हें पूरा करने की जिद्द हमेशा बडी होनी चाहिए।
  • एक शुद्ध और शक्तिशाली संकल्प सर्वशक्तिमान है, डर और अधूरी इच्छाएँ आपके दुःखो का कारण है।
  • खुद में विश्वास रखो और इस विश्वास पर खड़े हो जाओ, जब मैंने भगवान से शक्ति मांगी, तो उन्होंने मुझे कठिन परिस्थितियों में डाल दिया।
  • जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
  • सारी शक्ति तुम्हारे अंदर ही है, तुम हर चीज़ कर सकते हो।
  • यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है तो जहर उगलने वाला भी आपका कुछ नही बिगाड़ सकता।
  • वह आदमी अमरत्व तक पहुंच गया है जो किसी भी चीज़ से विचलित नहीं होता है।
  • हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है। उपहास, विरोध और स्वीकृति।
  • इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो तुम तत्व नहीं हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
  • एक छोटी सी शुरुआत से डरो मत, महान चीजें बाद में आती हैं, साहसी बनें।
  • अपने भाइयों का नेतृत्व करने की कोशिश मत करो, लेकिन उनकी सेवा करो।

स्वामी विवेकानंद के अच्छे विचार आपको भी पसंद आया हो तो आप भी इन विचारों को अमल में लायें और अपने जीवन को एक नई पहचान दिलाएं और इस पोस्ट को अपने अपनो के साथ शेयर जरूर करे।

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Amit Yadav

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