संघर्ष का महत्व क्या है | संघर्ष का हमारे जीवन मे क्या प्रभाव पड़ता है?

संघर्ष का महत्व क्या है | संघर्ष का हमारे जीवन मे क्या प्रभाव पड़ता है?

इस सृष्टि में छोटे से छोटे प्राणी से लेकर बड़े से बड़े प्राणी तक, सभी किसी न किसी रूप में संघर्षरत हैं। हम सभी संघर्ष से परिचित हैं। ये हमारे दैनिक जीवन का अंग हैं। तो आइए देखते है संघर्ष क्या है, संघर्ष का महत्व क्या है, संघर्ष का हमारे जीवन मे क्या प्रभाव पड़ता है?

संघर्ष सामाजिक अस्तित्व की पूर्ण जटिलता से संबंधित है। मुश्किलें ही सफलता के स्तंभ हैं, एक मनुष्य के सफलता के रास्ते में जितने ज्यादा जोखिम और कष्ट आते हैं वह इंसान अपने जीवन में उतना ही ज्यादा सफल इंसान बनता है।

संघर्ष :

संघर्ष का महत्व क्या है? संघर्ष का हमारे जीवन मे क्या प्रभाव पड़ता है?

स्ट्रगल या संघर्ष का शब्द लेटिन भाषा के से मिलकर बना है। संघर्ष का अर्थ है – लड़ना, प्रभुत्व के लिए निरंतर प्रयास करना, विरोध के बाउजूद आगे बढ़ना, किसी पर काबू पाना आदि।

संघर्ष की परिभाषा :

संघर्ष वह सामाजिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अथवा समूह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विरोधी के प्रति प्रत्यक्ष हिंसा का प्रयोग करते है। अर्थात् किसी साध्य प्राप्ति हेतु किये जाने वाले संघर्ष की प्रकृति में ही विरोधी के प्रति घृणा और हिंसा की भावना विद्यमान होती है।

दूसरे शब्दों में संघर्ष जान बूझकर किया गया वह प्रयत्न है, जो किसी की इच्छा का विरोध करने, उसके आड़े आने अथवा उसको दबाने के लिए किया जाता है। अर्थात् ग्रीन ने हिंसा व आक्रमण के साथ उत्पीड़न को भी संघर्ष का एक प्रमुख तत्त्व स्वीकार किया है।

संघर्ष के प्रकार :

किसी भी परिस्थिति में हमारे जीवन मे संघर्ष आंतरिक व बाह्य दोनों प्रकार के हो सकते हैं। जब व्यक्ति का संघर्ष स्वयं से होता है। तो वह आंतरिक संघर्ष का रूप है, और जब व्यक्ति का संघर्ष किसी अन्य व्यक्ति या समूह से होता है तो वह बाह्य संघर्ष का रूप है। जैसे किसी कार्य को करने या न करने का मानसिक द्वन्द्व आंतरिक संघर्ष है, व जमीन, जायजाद आदि के लिए होने वाला संघर्ष बाह्य संघर्ष है।

संघर्ष के अन्य रूप :

  • प्रजातीय संघर्ष : जब आनुवांशिक शारीरिक भेदभाव के कारण व्यक्तियों का वर्गीकरण किया जाता है तो उसे प्रजाति कहते हैं।
  • वर्ग संघर्ष : यह समाज के निर्माण से ही प्रारम्भ हो गया था। प्राचीन काल में मालिक व दास, मध्ययुग में सामन्त व सेवक, आधुनिक युग में मजदूर व पूंजीपति आदि वर्ग रहे हैं। प्रत्येक वर्ग सामाजिक व आर्थिक उपयोगिता की दृष्टि से स्वयं को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानता है। इस प्रकार की स्थिति उनके बीच विवादों व संघर्ष को जन्म देती है।
  • राजनैतिक संघर्ष : राजनैतिक संघर्ष के दो रूप हैं- राष्ट्रीय संघर्ष एवं अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष। जातिवाद, साम्प्रदायिक तनाव, राजनैतिक तनाव, उग्रवाद, पृथक्करण, विभाजन आदि राष्ट्रीय संघर्षों के प्रमुख कारण बनते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष की अभिव्यक्ति के भी अनेक रूप हैं- जैसे घृणा तथा आक्रामकता की अभिवृत्ति, जिसके फलस्वरूप समाचार पत्रों, रेडियो व दूरदर्शन पर भड़कीले समाचार प्रसारित कर मनोवैज्ञानिक युद्ध किया जाता है। स्वजातिवाद की पृष्ठभूमि भी अन्तर्राष्ट्रीय तनाव का एक प्रमुख कारण है।

संघर्ष का महत्व :

हमारे जीवन मे संघर्ष का महत्व बहुत ज्यादा है। संघर्ष एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है। संघर्ष आंतरिक व बाह्य प्रक्रियाओं के कारण होता है। संघर्ष ही जीवन है। जीवन संघर्ष का ही दूसरा नाम है। हम सभी के जीवन में किसी ना किसी तरह का संघर्ष जरूर होता है। चाहे कोई किसी भी उम्र का हो, किसी भी जाति, धर्म या लिंग से हो, उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष तो करना ही पड़ता है।

जीवन में संघर्ष है प्रकृति के साथ, स्वयं के साथ, परिस्थितियों के साथ। तरह – तरह के संघर्षों का सामना आए दिन हम सबको करना पड़ता है और इनसे जूझना होता है। इस सृष्टि में छोटे – से – छोटे प्राणी से लेकर बड़े – से – बड़े प्राणी तक, सभी किसी – न किसी रूप में संघर्षरत हैं। जिसने संघर्ष करना छोड़ दिया, वह मृतप्राय हो गया। जो इन संघर्षों का सामना करने से कतराते हैं , वे जीवन से भी हार जाते हैं, जीवन भी उनका साथ नहीं देता।

संघर्ष का हमारे जीवन मे महत्वपूर्ण स्थान है। संघर्ष अन्तः समूह मे एकता पैदा करता है। एक समूह के सदस्य संघर्ष के समय आपसी मतभेद भूलाकर एकता बनाए रखते है ताकि बाहरी समूह के आक्रमण का मुंहमागा जवाब दिया जा सके। वो कहते है न संघर्ष ही जीवन है, जिसका अर्थ है, की अगर इस आप इस संसार रूपी जीवन मे रहना चाहते है तो संघर्ष जरूरी है।

संघर्ष के उद्देश्य :

आम लोगों की तरह संघर्ष अध्ययन के विद्वान सभी संघर्षों को खराब नहीं मानते हैं, क्योंकि ये संघर्ष सकारात्मक सामाजिक कार्य भी करते हैं। संघर्ष सामाजिक व्यवस्था की जड़ता को दूर करता है। संघर्ष किसी भी कहानी में महत्वपूर्ण तनाव प्रदान करता है, और इसका उपयोग कथा को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है। पात्रों की प्रेरणाओं, मूल्यों और कमजोरियों को उजागर करते हुए इसका उपयोग अक्सर कथा में गहरे अर्थ को प्रकट करने के लिए किया जाता है।

संघर्ष के कारण

  • व्यक्तिगत भिन्नताएं समाज मे व्यक्तियों के मध्य भिन्नता पाई जाती है । शारीरिक लक्षण , बुद्धि अभिरूचि, जीवन लक्ष्य आदि संबंधित भिन्नताएं संघर्ष का कारण बन जाती है ।
  • सांस्कृतिक भिन्नताएं संस्कृति सीखा हुआ व्यवहार है। संस्कृतियों के ज्ञान, प्रथा, धर्म, रूढ़ियों, लोक – रीतियां, भाषा इत्यादि मैं अंतर पाया जाता है, जो कि संघर्ष का एक कारण हैं।
  • परस्पर विरोधी संघर्ष समाज मे जब परस्पर विरोधी स्वार्थ वाले समूह एक साथ काम करते है तब उनमे संघर्ष की स्थितियां स्वयमेव निर्मित हो जाती है। ऐसी स्थिति मे हितों में टकराव होता है जो संघर्ष का कारण बनता है।

संघर्ष करने के फायदे :

सकारात्मक संघर्ष की प्रकृति रचनात्मक होती है। यह नए विचार पैदा करता है, निरंतर समस्याओं को हल करता है, लोगों और टीमों को अपने कौशल का विस्तार करने का अवसर प्रदान करता है, और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है । जब विरोधी विचारों का पता लगाया जाता है, तो सोच की सफलता हो सकती है।

  • संघर्ष करने से व्यक्ति के अंदर अच्छे चरित्र का निर्माण होता है।
  • संघर्ष करने से सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे सफलता मिलती है। संघर्ष ही सफलता की ओर जाने वाली सड़क है।
  • संघर्ष से आत्मविश्वास पैदा होता है।

संघर्षरत क्यों जरूरी है :

जीवन में संघर्ष करना बहुत जरूरी होता है । संघर्ष ही एक ऐसा हथियार हैं जो मनुष्य को किसी भी परिस्थिती से बाहर ला सकता है। संघर्षरत व्यक्ति हमेंशा सफलता की ओर अग्रसर रहता है।

दुनिया में ऐसी व्यक्तियो की संख्या बहुत अधिक है, जो अपने जीवन में किसी न किसी मोड़ पर असफल हुए हैं, लेकिन अपनी संघर्षों से अलग – अलग क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल की। इन सभी लोगों में एक बात समान थी, कि उन्होंने अपनी पिछली विफलताओं से सीखने की कोशिश की और आगे बढ़े। संघर्षों के बल पर बहुत से लोगो ने अपने देश को उन्नति और विकास के शिखर पर पहुँचा दिया है।

संघर्ष ही जीवन है कैसे?

जीवन मे संघर्ष करने से ही हमें आगे बढ़ने का हौसला, आत्मविश्वास मिलता है, और अंततः हम अपनी मंजिल को हासिल कर लेते हैं। संघर्ष हमें जीवन का अनुभव कराता हैं, सतत सक्रिय बनाता हैं और हमें जीना सिखाता हैं। संघर्ष का दामन थामकर न केवल हम आगे बढ़ते हैं, बल्कि जीवन जीने के सही अंदाज़ को – आनंद को अनुभव कर पाते हैं।

संघर्ष सफलता का मार्ग दिखाती है :

जिस तरह संघर्ष उन्नति के द्वार खोल देती है, और सफलता के नए अवसरों के लिए रास्ता दिखाती है। संघर्ष से ही सफलता का मार्ग दीखाई पडता है।

संघर्ष ही किसी इंसान को राजा व फकीर बनाता है :

संघर्ष व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व रखता है। संघर्ष वह सुनहरी कुंजी है, जो भाग्य के बंद दरवाजों को खोल देती है। संघर्ष ही किसी इंसान को राजा व फकीर बनाता है। याद है न स्वामी विवेकानंद की बात, उठो, जागो, और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य हासिल ना कर लो।

कोई लक्ष्य इंसान के संघर्ष से बड़ा नहीं हारा वही जो लड़ा नहीं

एक नदी एक पहाड़ को काट देती है, लेकिन अपनी ताक़त से नहीं बल्कि अपने द्वारा किए गए लगातार प्रयासों से, कोई भी लक्ष्य इंसान के संघर्ष से बड़ा नही, हारा वही जो लड़ा नहीं, बढ़ता वही है, जो बदलता है। शुरुआत सपने देखने से ही होती है। की पंक्तियों के द्वारा हम समझ सकते हैं।

इस जीवन में, चीजें हमारे आस-पास होती हैं, चीजें हमारे साथ होती हैं, लेकिन केवल एक चीज वास्तव में मायने रखती है कि उस पर प्रतिक्रिया कैसे करनी है और आप इससे क्या बनाते हैं। जीवन सब कुछ सीखने, अनुकूलित करने, उन सभी संघर्षों को परिवर्तित करने के बारे में है जिन्हें हम कुछ नया अनुभव करते हैं। जीवन मे संघर्ष का महत्व क्या है ये समझना बहुत जरूरी है।

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