मानव मस्तिष्क | मस्तिष्क को कैसे तेज करे | मस्तिष्क से जुड़े जरूरी जानकारी

मानव मस्तिष्क | मस्तिष्क को कैसे तेज करे | मस्तिष्क से जुड़े जरूरी जानकारी

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

मानव मस्तिष्क शरीर के सबसे महत्वपूर्ण भागो में से एक है। क्योंकि पूरा शरीर यही से कंट्रोल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि ये छोटा सा दिमाग कैसे पूरे शरीर को संचालित करती है? मस्तिष्क कैसे सोचने समझने का काम करती है? अगर नही जानते तो आइए देखते है विस्तार से मस्तिष्क से जुड़े जरूरी जानकारी।

मस्तिष्क क्या होता है?

ब्रेन या मस्तिष्क जन्तुओं के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण केन्द्र है। यह उनके आचरणों का नियमन एंव नियंत्रण करता है। स्तनधारी प्राणियों में मस्तिष्क सिर में स्थित होता है तथा खोपड़ी द्वारा सुरक्षित रहता है। यह मुख्य ज्ञानेन्द्रियों, आँख, नाक, जीभ और कान से जुड़ा हुआ, उनके करीब ही स्थित होता है।

मस्तिष्क के कार्य

किसी भी जीवों में मस्तिष्क के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगो के कार्यों का नियंत्रण एवं नियमन होता है। अतः मस्तिष्क को शरीर का मालिक अंग कहते हैं। इसका मुख्य कार्य ज्ञान, बुद्धि, तर्कशक्ति, स्मरण, विचार निर्णय, व्यक्तित्व आदि का नियंत्रण एवं नियमन करना है। मस्तिष्क (Brain), खोपड़ी (Skull) में स्थित है। यह चेतना(consciousness) और स्मृति (memory) का स्थान है।

पेशियों के संकुचन से गति करवाने के लिये आवेगों को तंत्रिकासूत्रों द्वारा भेजने तथा उन क्रियाओं का नियमन करने के मुख्य केंद्र मस्तिष्क में हैं, यद्यपि ये क्रियाएँ मेरूरज्जु में स्थित भिन्न केन्द्रो से होती रहती हैं। अनुभव से प्राप्त हुए ज्ञान को सग्रह करने, विचारने तथा विचार करके निष्कर्ष निकालने का काम भी इसी अंग का है।

मस्तिष्क किससे बना होता है?

मानव मस्तिष्क एक विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिल कर बना होता है जिन्हें तंत्रिका कोशा (न्यूरान) कहते हैं। ये मस्तिष्क की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होतीं हैं। इनकी कुल संख्या 1 खरब से भी अधिक होती है।

मानव मस्तिष्क | मस्तिष्क को कैसे तेज करे | मस्तिष्क से जुड़े जरूरी जानकारी

मस्तिष्क के कितने भाग होते हैं?

संरचनात्मक रूप से मस्तिष्क के तीन मुख्य भाग होते हैं। अग्र मस्तिष्क (Fore Brain), मध्य मस्तिष्क (Mid Brain) एवं पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)। प्रमस्तिष्क (Cerebram) एवं डाइएनसीफेलॉन (Diencephalon) अग्र मस्तिष्क के भाग होते हैं। मेडुला, पोन्स एवं अनुमस्तिष्क (Cerebellum) पश्च मस्तिष्क के भाग होते हैं।

अग्र मस्तिष्क

यह मस्तिष्क का सबसे अगला भाग होता है और चार भागो -प्रमस्तिष्क (cerebrum), हाईपोथैलेमस(hypothalamus), घ्रणपींड़ (olfactory lobe), और डायनसेफेलान (diencephalon) का बना होता है।

  • अग्र मस्तिष्क का कार्य घ्राणपिण्ड गन्ध का ज्ञान कराता है।
  • प्रमस्तीषक(cerebrum)- यह विकसित भाग होता है।
  • यह चेतना, विचार, स्मृति व इच्छाशक्ती का केंद्र है। जो सोचने,समझने, विचारने, पहचानने, याद रखने, चिंतन करने आदि क्रियाओं को संचालित करता है।
  • व्यक्ति को रोने, हसने पर भी इसी का नियंत्रण होता है।
  • यह सर्दी, गर्मी स्पर्श, प्रकाश आदि के प्रती अनुक्रिया को प्रेरित करता है।
    विभिन्न् भाव जैसे- क्रोध, ममता, लोभ, प्रेम आदि का केंद्र होता है।
  • हाईपोथैलेमस (hypothalamus)-भूख, प्यास, नीन्द इन सबके साथ पीयूष ग्रंथि के कुछ हार्मोन का नियन्त्रण करना।
  • डायनसेफेलान (diencephalon) – भूख, प्यास, नीन्द, ताप, थकावट, संभोग, धृणा आदि क्रियाओ का नियंत्रक होता है।

मध्य मस्तिष्क

यह प्रमस्तिष्क तंतु (cerebral peduncle), दृष्टि पिण्ड(optic lobe) कपोंरा क्वड्रिजेमैना (corpora quadrigemina) से मिल कर बना होता है। मध्य मस्तिष्क कार्य सूनने व देखने को नियन्त्रित करता है।

पश्च मस्तिष्क

यह सबसे पिछला भाग होता है यह अनुमस्तिष्क (cerebellum),पौन्स(pons),मेडुला आउब्लंगेटा(medullaoblongata) से मिलकर बना होता है। पश्च मस्तिष्क कार्य श्वसन, ह्रदय, गति, रुधिर, तथा शिथिलन व भोजन इत्यादि क्रियाओ को सम्पादित करने का कार्य करता है।

ये सभी मस्तिष्क के भाग है। इन्ही सब के कार्य करने से मस्तिष्क को सूचना मिलती है। और वह कार्य को पुर्ण करने के लिये शरीर को संदेश देती है। इन सबसे मिलकर मस्तिष्क कार्य को करने मे सक्षम हो पाता है।

मनुष्य अपने मस्तिष्क की क्षमताओं का शत-प्रतिशत उफयोग नहीं करते, वे मस्तिष्क की भौतिक शक्तियों को बुद्धिमानी या I.Q. जैसी चीजों से संबद्ध करने लगते हैं जबकि इनका हमारे मस्तिष्क की संरचना से कोई लेना-देना नहीं है। यहां तक कि स्मृति और बुद्धिमानी भी एक-दूसरे से असंबद्ध हैं। कोई व्यक्ति अद्वितीय याददाश्त होने पर भी मूर्ख हो सकता है और कोई जीनियस वैज्ञानिक भुलक्कड़ और एब्सेंट माइंडेड हो सकता है।

इंसान का दिमाग कैसे काम करता है?

दिमाग के कई हिस्से होते हैं और हर हिस्से का काम अलग अलग होता है। जैसे यादाश्त, चलने, बोलने, सोचने का काम अलग अलग हिस्से से होते हैं। ये दिमाग पहले सिग्नल लेता है और फिर उस हिस्से को भेजता है और फिर दिमाग उस पर रिएक्शन करने का आदेश देता है, फिर बॉडी पार्ट इस पर रिएक्ट करता है

मस्तिष्क को कैसे तेज कर

हमारे मस्तिष्क के लिए यह ज़रूरी है कि वह एक समय में अपने केवल कुछ ही अवयवों को सक्रिय रखे तथा बाकी अवयवों को निष्क्रिय रखे। यदि मस्तिष्क अपने सभी अवयवों को 100% सक्रिय रखेगे।मस्तिष्क को वाद्ययंत्र बजाकर या कोई गीत गाकर सबसे सक्रिय रख सकते हैं क्योंकि इस समय मस्तिष्क अपनी अधिकांश क्षमताओं का उपयोग करता है।

मानव मस्तिष्क से जुड़े कुछ और जानकारी

मस्तिष्क की झिल्ली का क्या नाम है?

मस्तिष्क के चारों ओर दो झिल्लियाँ पाई जाती हैं। बाहरी झिल्ली को दृढ़तानिका और भीतरी झिल्ली को मृदुतानिका कहते हैं।

मनुष्य के मस्तिष्क की बाहरी झिल्ली कौन सी है?

मानव मस्तिष्क का सबसे बाहरवाली दृढ़ तानिका है।

मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली को क्या कहते हैं?

मानव मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली मेनिन्जेज कहलाती है।

मनुष्य के मस्तिष्क में कितनी नसें होती हैं?

मनुष्य के गर्दन से दो नसें पीछे की तरफ से और दो नसें आगे की तरफ से ब्रेन में जाती हैं। इन नसों के लिए जरिए ब्रेन में खून की सप्लाई होती है। अगर इन नसों को नुकसान पहुंचता है तो उससे स्ट्रोक का ख़तरा रहता है।

मस्तिष्क का मुख्य सोचने वाला भाग कौनसा है?

मानव मस्तिष्क का मुख्य सोचने वाला हिस्सा प्रमस्तिष्क है। प्रमस्तिष्क, मस्तिष्क का बड़ा और बाहरी भाग है। यह पढ़ने, सोचने, सीखने, बोलने, भावनाओं और चलने जैसे नियोजित मांसपेशी गतियों को नियंत्रित करता है। प्रमस्तिष्क (अग्रमस्तिष्क का एक प्रमुख हिस्सा) मस्तिष्क का मुख्य सोच वाला हिस्सा है।

दिमाग का कौन सा हिस्सा तार्किक रूप से सोचने में हमारी मदद करता है?

हमारी अधिकांश सोच एवं मान्यताएं अपने आप उत्पन्न होती है, लेकिन इसके बाद तार्किक दिमाग इसके कारण ढूंढ लेता है। हमारी क्या राय है, हम सोचें कि इसके लिए हमारे पास तर्क हैं, ऐसी ग़लती हम प्राय: करते हैं। हमारी सोच और इच्छा और हमारी उम्मीद हमेशा तर्क पर आधारित नहीं होते।

मनुष्य के मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग कौन सा है?

प्रमस्तिष्क मानव मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है। इसे दो भागों में बांटा गया है, जिसे गोलार्ध कहा जाता है।

मानव मस्तिष्क का दूसरा सबसे बड़ा भाग कौन सा है?

सेरिबैलम मानव मस्तिष्क का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा है जाे मस्तिष्क के पीछे और सेरेब्रम के नीचे स्थापित हाेता है। यह सेरेब्रम से बहुत छोटा है। लेकिन यह मानव मस्तिष्क का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संतुलन, गति और समन्वय को नियंत्रित करता है।

मनुष्य के दिमाग में कितनी ऊर्जा होती है?

जब हम जागते रहते हैं, तो मानव मस्तिष्क 10 से 23 वॉट के बराबर शक्ति उत्पन्न करता है, जो एक बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त होती है। मानव मस्तिष्क शरीर का सबसे मोटा या वसा युक्त अंग है। इसमें कुल वसा का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा होता है। दिमाग में कुल 100 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स कोशिकाएं होती हैं।

मनुष्य के दिमाग का वजन कितना होता है?

मानव के मस्तिष्क का वजन 1400 ग्राम होता है। सवा किलो वजन वाला दिमाग इतना पावरफुल होता है कि शरीर को मिलने वाले आधे से ज्यादा पोषक तत्व दिमाग के ही काम आते हैं। शरीर की 20 फीसदी ऑक्सीजन, 25 फीसदी ग्लूकोज का इस्तेमाल दिमाग ही करता है। यानी यह शरीर के वजन को 2 फीसदी होता है, मगर 20 फीसदी तक एनर्जी का इस्तेमाल करता है।

पुरुष के मस्तिष्क का भार कितना होता है?

वयस्क पुरुष का औसत मस्तिष्क भार 1336 ग्राम होता है और वयस्क महिला के का 1198 ग्राम होता है। 20 वर्ष की आयु में, पुरुष मस्तिष्क का औसत भार लगभग 1400 ग्राम होता है और 65 वर्ष की आयु में, मस्तिष्क का भार लगभग 1300 ग्राम होता है।

बच्चों का दिमाग कितने साल तक बढ़ता है?

बच्चा जब 3 साल का होता है तब तक उसके दिमाग का आकार बढ़कर वयस्क के दिमाग के आकार का 80% हो जाता है। और 5 वर्ष की उम्र तक मानव मस्तिष्क पूरी तरह विकसित हो जाता है।

मस्तिष्क का विकास कब शुरू होता है?

कुछ शोधों के मुताबिक भ्रूण का मस्तिष्क कंसीव करने के 3 हफ्ते बाद ही बनना शुरू हो जाता है और आप जो खाना खाते हैं, उससे भ्रूण के दिमाग के विकास पर बहुत असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते से लेकर 42वें हफ्ते तक बच्चे के दिमाग में तेजी से बदलाव होते हैं जबकि 34वें हफ्ते से दिमाग में महत्वपूर्ण विकास होने लगता है।

दिमाग कमजोर कैसे होता है?

रोजाना के खानपान में विटामिन बी 1 और बी 2 की कमी मानव मस्तिष्क की सेहत पर असर डालती है। वैसे तो उम्र भी इसकी एक वजह हो सकती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि बढ़ती उम्र के साथ भूलने की बीमारी हो ही या याद्दाश्त कमजोर हो जाए। दिमाग की कोशिकाएं ही मेमोरी के लिए जिम्मेदार होती हैं। इसके उम्र के साथ कमजोर होने से यह स्थिति पैदा होती है।

मस्तिष्क उद्वेलन या मस्तिष्क विप्लव से आपका क्या अभिप्राय है?

मस्तिष्क हलचल या उद्वेलन का शाब्दिक अर्थ है मस्तिष्क को उद्वेलित करना, उसमें उथल-पुथल मचाना, यानी विचारों की ऐसी आँधी लाना जिसमें किसी वस्तु, व्यक्ति, प्रक्रिया या संप्रत्यय के बारे में अनगिनत विचार तथा सोच एक साथ अनायास ही उनकी अच्छाई-बुराई, औचित्य-अनौचित्य की परवाह किये बिना मस्तिष्क पटल पर उभर जाएँ।

अपने मस्तिष्क के और हिस्सों को कैसे चालू करे और होशियार हो जाएं? मानव मस्तिष्क से जुड़े जरूरी बातें

दिमाग की नसें कमजोर हो तो क्या करना चाहिए?

मानव मस्तिष्क में नसों की कमजोरी से मानसिक क्षमता पर पड़ता है। इसके चलते कई बार ये याददाश्त को भी प्रभावित करता है। इससे व्यक्ति को चीजें याद कर बोलने में भी मुश्किल हो सकती है। इसके अलावा चीजों को बोलने में कंफ्यूजन हो जाना भी दिमाग के नसों की कमजोरी से जुड़ा होता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

कमजोर दिमाग को मजबूत कैसे करें?

पत्तेदार सब्जियां मस्तिष्क की सुरक्षा करती हैं. नट, बीज और फलियां, जैसे सेम और मसूर, भी बेहतरीन ब्रेन भोजन हैं। अखरोट, अलसी और कद्दू के बीज, सीड्स का सेवन, काजू, बादाम दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी याददाश्त अच्छी हो और दिमाग भी तेज चले तो इन चीजों का सेवन करें।

दिमाग को कैसे तेज करे?

डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार, तेज दिमाग के लिए पालक, केले, ब्रोकोली और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां सहायक होती हैं। अंडा में विटामिन बी 6, बी 12, फोलेट और कोलीन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। इसके साथ ही तेज दिमाग के लिए अखरोट, ओटमील और मछली का सेवन भी करे। इन सभी से मानव मस्तिष्क तेज होने लगता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मानव मस्तिष्क के बुद्धि व स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए आपको बुध को अनुकूल करना पड़ेगा। इसके लिए आप नियमित रूप से बुद्ध के मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः, ॐ बुं बुधाय नमः, ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः इनमें से किसी एक का जप करना शुरू कर दें, यह मंत्र हर रोज 108 बार जपें।

दिमाग को कंप्यूटर जैसा तेज कैसे बनाएं?

मानव मस्तिष्क की शक्ति (power) को बढ़ाने के लिए दिमाग के निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है। अवलोकन कर आप अपने चारों लोगों को observe करें, माइंड मेपिंग करे अर्थात किसी एक टॉपिक पर सोचना, ब्रेन वर्कआउट करे, हर दिन कुछ नया सीखे और मुश्किल टास्क करें। इन सब उपायों से आपका दिमाग कम्प्यूटर जैसे तेज चलने लगेगा।

दिमाग चलाना कैसे सीखे?

अपने दिमाग तेज करने का सबसे प्रभावकारी तरीका है, दिमागी कसरत, इसके लिए आप कोई दिमागी खेल जैसे – प्रश्नोत्तरी, शब्दकोश भरना या सही विकल्प चुनो खेल सकते हैं। दोस्तों की मदद से इस तरह के खेल खेले जा सकते हैं। यह मानव मस्तिष्क में याददाश्त को बढ़ाने के साथ ही याद रखने की इच्छा भी बनाए रखेगा।

दिमाग के लिए कौन सा तेल अच्छा है?

एक शोध में सेज ऑयल को दवा बताया गया है। यह शोध चूहों और जानवरों पर किया गया है। इस शोध से खुलासा हुआ है कि तेज दिमाग पाने और याद्दाश्त शक्ति बढ़ाने के लिए सेज तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्टर्स भी मानव मस्तिष्क के लिए सेज तेल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। लेकिन किसी भी तरह का तेल इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले।

दिमाग की कमजोरी से क्या होता है?

जब मानव मस्तिष्क में कमजोरी होती है तो कोशिकाओं को सही तरह से ऑक्‍सीजन नहीं मिल पाता है। जिससे दिमाग की नसों में खून जम जाने की वजह से भी सिरदर्द तेज होने लगता है। दिमाग आपकी पूरी बॉडी को संचालित करता है। लेकिन जब दिमाग की नसों में कमजोरी होती है तो इसका असर आपकी चलने में भी पड़ता है। इसके साथ ही ये पूरे शरीर मे प्रभाव डालता है।

दिमाग कब खराब होता है?

खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान मानव मस्तिष्क पर विपरीत असर डालता है। इसकी वजह से भूलने की समस्या, एकाग्रता में कमी, स्ट्रेस जैसी मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान आपके दिमाग पर विपरीत असर डालता है। इसकी वजह से भूलने की समस्या, एकाग्रता में कमी, स्ट्रेस जैसी मानसिक समस्याएं होने लगती हैं।

ज्यादा सोचने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

बहुत ज्यादा किसी बारे में सोचने से मन की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है। हर समय नकारात्मक विचार रखने से आप कुछ समय बाद डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक बीमारी का शिकार हो सकते हैं। बहुत ज्यादा किसी बारे में सोचने से मन की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है। उसकी जगह नेगेटिव एनर्जी ले लेती है।

दिमाग पर जोर डालने से क्या होता है?

बीमारी के समय में यदि आप अपने दिमाग पर ज्यादा जोर डालते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बीमारी के समय दिमाग अतिरिक्त काम करता है। और ऐसे नाजुक समय में दिमाग पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालना चाहिए। इसके अलावा मानव मस्तिष्क में सुबह का नाश्ता ना करने वालों का दिमाग भी धीरे-धीरे ही सही क्षतिग्रस्त होता है।

दिमागी कसरत कैसे की जाती है? कैसे ब्रेन एक्सरसाइज़ करें?

मानव मस्तिष्क को मजबूत बनाये रखने के लिए दिमागी एक्सरसाइज जरूरी है। दिमागी एक्सरसाइज करने के लिए आप सोच और शब्द-ज्ञान बढ़ाने में जुटे रहिये। बेहतर दिमाग पाने के लिए गेम खेलना, खुद को चैलेन्ज करना इत्यादि है। इसके अलावा ज़्यादा सामाजिक बनिए, जीवन पर्यंत ज्ञानार्जन करिए और स्वस्थ रहिए।

कौन सा योग करने से दिमाग तेज होता है?

पद्मासन या कमल मुद्रा, मांसपेशियों के तनाव को कम करने के साथ आपके मन को शांत करने का सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। यह योगासन आपके दिमाग को तेज बनाने के साथ मानव मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करती है। हलासन योग (Halasana) स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले योग में हलासन का भी नाम शामिल है। हलासन, बेसिक लेवल का आसन है।

मनुष्य की मेमोरी कितनी होती है?

वैज्ञानिको के हिसाब से मानव मस्तिष्क की मेमोरी 1TB से लेकर 2.5 petabyte होती हैं। लेकिन एक आम इंसान अपने दिमाग की केवल 512 MB का ही अपने पूरे जीवन में उपयोग करता है। 1 GB = 1024 MB, 1024 GB = 1 TB, 1024 TB = 1 Petabyte मेमोरी होती हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा दिमाग किसका है?

माना जाता हैं, कि मानव मस्तिष्क में दुनियाभर मे सबसे तेज़ दिमाग अल्बर्ट आइंस्टीन का हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिनका दिमाग अल्बर्ट आइंस्टीन से भी ज़्यादा तेज़ चलता हैं। जैसा कि अल्बर्ट आइंस्टीन का I.Q. लेवल 160-190 हैं। और किम योग उँग का I.Q. लेवल 210 हैं।

आखिर क्यों आइंस्टीन के दिमाग सबसे तेज था?

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन आइंस्टीन के दिमाग के 200 टुकड़े कर थॉमस ने उसे अलग-अलग वैज्ञानिकों को भेजा था। उन्हें इसके लिए हॉस्पिटल से निकाल भी दिया गया था, लेकिन इसी अध्ययन में पता चला कि साधारण लोगों के दिमाग की तुलना में आइंस्टीन के दिमाग में एक असाधारण सेल संरचना थी। इसी कारण आइंस्टीन का दिमाग बहुत असाधारण सोचता था।

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