आलस्य जीवन | आलस्य के फायदे और नुकसान | आलस्य कैसे दूर करें
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आलस्य जीवन | आलस्य के फायदे और नुकसान | आलस्य कैसे दूर करें?

ये तो सब जानते है कि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। लेकिन क्यों आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है? मनुष्य जीवन मे आलस्य का क्या प्रभाव होता है? इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है? आलस्य को कैसे दूर करे? आइये देखते है इन सब बातों को विस्तार से।

आलस्य जीवन

यदि हम आलस की बात करे तो यह लगभग अधिकांश लोगो में पाया जाता है। यह किसी में कम होता है, तो किसी में बहुत ही अधिक होता है, जिन लोगों की आदत में आलस्य शामिल हो जाता है, वह अधिक कार्य नहीं कर पाते है और जीवन में असफल हो जाते है आलस्य के कारण ही हम सफलता के पास पहुंचते पहुंचते उसे प्राप्त करनें से वंचित रह जाते है। इन सब कमियों के कारण ही हमें आलस्य से दूर रहना चाहिए।

आलस्य जीवन से क्या होता है?

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

मनुष्य को आलस्य जीवन इतना निकम्मा बना देता है कि उसे परिश्रम से घृणा हो जाती है और वह सदैव आराम की अवस्था में ही रहना चाहता है। आलस्य आलसी मनुष्य को अत्यंत ही प्रिय लगता है। उसे किसी कोई भी काम मे मन नही लगता है।

आलस्य का मुख्य कारण

आलस के जीवनशैली से जुड़े कुछ मुख्य कारण जिनमे खराब आहार, बहुत ज़्यादा शराब और अच्छी नींद की कमी, तनाव, कम नींद का कारण बन सकता है जो आपको थका हुआ महसूस कराती है।

आलसी आदमी के लक्षण

कुछ काम नहीं करना है, बल्कि अकरणीय, अकर्तव्य यानी नहीं करने योग्य काम को करना, जो आलसी है वह कभी भी अपनी आत्म – चेतना से जुड़ाव महसूस नहीं करता है । कई बार व्यक्ति कुछ करने में समर्थ होता है, फिर भी उस कार्य को टालने लगता है और धीरे- धीरे कई अवसर भी हाथ से निकल जाते हैं ।एक आलसी व्यक्ति जीवन में सक्रिय नहीं होता और समय पर अपना काम नहीं करता। इस स्वभाव के लोग काम से बचने के बहाने ढूँडते हैं या फिर अपना काम दूसरों से करवाते हैं।

लोग आलसी क्यों होते हैं ?

आलस्य आत्म-सम्मान की कमी, दूसरों द्वारा सकारात्मक मान्यता की कमी, कम आत्मविश्वास से उपजे अनुशासन की कमी, या गतिविधि में रुचि की कमी, इसकी प्रभावकारिता में विश्वास की कमी को दर्शा सकता है। आलस्य शिथिलता या शिथिलता के रूप में प्रकट हो सकता है। इसलिये लोग आलसी हो जाते हैं। आलस्य एक ऐसा भाव है जो मनुष्य को कार्य करने की इज़ाज़त नहीं देता अर्थात मनुष्य कोई भी काम नहीं करना चाहता। उसे कोई भी कार्य करना अच्छा नहीं लगता शिवाय आराम फरमाने के, आलस मनुष्य को दुर्गम मार्ग पर ले जाता है। जिससे मनुष्य आलसी हो जाते हैं।

आलस्य जीवन से नुकसान

आलसी आने से आप अपना कार्य कल पर टाल देते है, जिससे आप कार्य समय पर समाप्त नहीं कर पाते है और आप असफल हो जाते है ! आलस्य के कारण मनुष्य सुबह नहीं उठ पाते है, जिससे कम समय बचता है और जल्दी- जल्दी अपना कार्य निपटाने की कोशिशो करते जिसमे की बहुत सी गलतियां हो जाती है। आलस के कारण ही व्यायाम नहीं करते है, जिससे मोटापा कम नहीं होता है और बिमारी हो जाती है। इस प्रकर से नुकसान होते हैं।

आलस से बचने के लिए उपाय

  • आलस से बचने के लिए आपको पूरी नींद सोना चाहिए
  • जल्दी सुबह के समय उठकर व्यायाम करना चाहिए।
  • भोजन में पौष्टिक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  • हरे – भरे वातावरण में प्रतिदिन का कुछ समय बिताना चाहिए।
  • शाम के समय हल्का भोजन करना चाहिए।
  • आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ना चाहिए।

इस प्रकर से आलस से बचा जा सकता है। जिस इन्सान ने भी आलस को दूर करना सिख लिया, वो हर मुकाम हासिल कर सकता है। क्योंकि आलस हीं इंसान का सबसे बड़ा शत्रु होता है, जो इंसान को आगे बढ़ने से रोकता है। आलस से बचने के लिए जो भी उपाय हो अपनाना चाहिए।

आलस्य से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब

आलस्य जीवन | आलस्य के फायदे और नुकसान | आलस्य कैसे दूर करें

आलस्य के कारण क्या हानि होती है?

क्यूंकि आलास भरा जीवन सिर्फ और सिर्फ आपको हानि ही पहुंचाता है। यह जीवन में कहीं न कहीं दिखाई देता है, हम अपने कार्यों, परेशानियों आदि को भूल जाते हैं, जब आलस्य होता है और जब समय बीत जाता है, तो हम आलस्य को रोते हैं, खुद को दोष देते हैं, पश्चाताप करते हैं कि कास समय से ये काम कर लिया होता।

शरीर में आलस आए तो क्या करना चाहिए?

आइए जानते हैं किन चीजों का सेवन करने से आलस्य और सुस्ती को दूर भगाया जा सकता है… दही में कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में सहायक होते हैं। दही के सेवन से शरीर में ऊर्जा का समागम होता है। खासकर मलाई रहित दही का सेवन करने से थकान और सुस्ती को दूर किया जा सकता है।

आलसी होना आपको कैसे प्रभावित कर सकता है?

यह भी दिखाया गया है कि आलस्य प्रतिक्रियात्मक मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे क्रोध, चिंता, उदासीनता, मादक द्रव्यों के सेवन और अवसाद के प्रति उदासीन बना सकता है।

आपके जीवन में आलस्य के बुरे प्रभाव क्या हैं?

यह हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, मोटापा, अवसाद, मनोभ्रंश और कैंसर जैसी पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं के विकास से जुड़ा हुआ है । यह हमें अपने बारे में बुरा महसूस करा सकता है, दोषी और निराश, केवल निष्क्रियता के हमेशा आकर्षक इनाम के साथ – आराम, आराम और तनाव मुक्त।

हमें आलस क्यों लगता है?

कई बार अधिक आसल और थकान के पीछे शारीरिक बीमारी हो सकती है। डायबिटीज, अर्थराइटिस, एनीमिया, अस्थमा, थायरॉयड या हार्ट संबंधी परेशानी होने पर भी थकान और आलस की समस्या हो सकती है। कई लोग पूरे दिन ऑफिस में लगातार काम करते रहते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नींद आती रहती है या शरीर में सुस्ती रहती है।

मैं हमेशा थका हुआ क्यों रहता हूँ और मुझमें कोई ऊर्जा नहीं है?

हर वक्त थकान रहना इस बात का भी संकेत देता है कि शरीर में किसी जरूरी चीज की कमी है। आमतौर पर ये लक्षण विटामिन्स की कमी की वजह से होते हैं. शरीर में विटामिन की कमी को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं. लगातार सुस्ती और थकावट की वजह से आपको भी अगर काम करने में दिक्कत हो रही है तो आपमें कुछ विटामिन्स की कमी हो सकती है।

आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा क्या है?

आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है क्योंकि आलस्य मनुष्य को कभी भी जीवन में उन्नति नहीं करने देता है। आलस्य मनुष्य को इतना निकम्मा बना देता है कि उसे परिश्रम से घृणा हो जाती है और वह सदैव आराम की अवस्था में ही रहना चाहता है।

शरीर में सुस्ती का कारण क्या है?

हमेशा थकावट लगने का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है। खून में लाल रक्त कणों यानी रेड ब्लड सेल्स की कमी आपके शरीर को थकाती है। इन ब्लड सेल्स का काम आपके फेफड़ों से आक्सीजन लेकर कोशिकाओं तक पहुंचाना है। इनकी कमी से आपको जल्द थकावट और सांस फूलने की प्रॉब्लम हो सकती है।

सुस्ती आने का कारण क्या है?

ठीक से ना खाना- कम और खराब खान-पान से भी हर वक्त थकान महसूस हो सकती है। पेट ना भरने की वजह से ब्लड शुगर कम हो जाता है और सुस्ती लगती है. संतुलित डाइट लेने से ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है। कभी भी बेक्रफास्ट करना ना छोड़ें और अपनी हर डाइट में प्रोटीन और कार्ब्स शामिल करें।

थकान का सबसे बड़ा संकेत क्या है?

थकान की अवस्था में व्यक्ति सही चिंतन नहीं कर पाता है। वह उदास हो जाता है। अधिक कार्य को वह शरीर के लिए हानिकारक मानता है। थका हुआ व्यक्ति ऐसे कार्य करने लगता है जो वह सामान्य स्थिति में नहीं करता है।

शरीर में ताकत क्यों नहीं आती?

कमजोरी होना आजकल के माहौल के आधार पर एक आम घटना है। यदि आप अक्सर थकना, शरीर में दर्द रहना और सीढ़ियां चढ़ने-उतरने पर सांस फूलना जैसी समस्याओं का सामना रोजाना की लाइफ में करते हैं, तो ये आपके शरीर की कमजोर होने का संकेत है। अगर आपको किसी भी प्रकार की कमजोरी का एहसास हो रहा है तो आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए।

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Amit Yadav

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